जिस देव को हम देव नहीं मानते उसके सामने भी यदि साथियों को बुरा ना लगे यह सोचकर वंदना करते हैं तो मायाचारी का दोष लगता है, गंभीरता से विचार करेंगे तो यह बात सच्ची लगेगी, बाकि तो जैसा समझ रहे है वहीं ठीक है।
सिद्ध भगवान तो सभी जगह हैं, आपके कथन अनुसार फिर जैन मन्दिर हिन्दू मन्दिर से अलग क्यों ? चर्च, मस्जिद सभी जगह जा सकते हैं और उनके जैसे नमन आदि भी कर सकते हैं ? हैं न् ?
🚩 Mai hindu hu, Jain mandir me bhi jata hu., Bhagwan Mahavir ji ko manta hu. Bahut aadar karta hu. 😃 Lekin kuch beakkal Jain aur Hindu me fut dalne ki koshish karte hai.✅
गलत जवाब दिया है। प्रश्नकर्ता को खुश करने के लिए जवाब दिया है। जैन धर्म के विरुद्ध जवाब दिया है। जवाब ऐसा होना चाहिए था कि अन्य धर्म वालों के साथ धार्मिक यात्रा से बचना चाहिए। सिर्फ सच्चे देव शास्त्र गुरु ही नमस्कार योग्य हैं। रागी देषी देवी देवताओं को नमस्कार करने से गृहीत मिथ्यात्व का दोष लगता है। षट अनायतन की कभी भी प्रशंसा या संगति नहीं करना चाहिए। मुनि को अपने भक्तों की संख्या बढ़ाना है इसलिए भक्तों के मन की बात कह देते हैं। वास्तव में तो ऐसे प्रश्न सार्वजनिक मंच पर नहीं पूछे जाने चाहिए जिसमें अन्य समाज के देवी देवता के बारे में टिप्पणी करना हो। व्यक्तिगत रूप से अकेले में पूछना चाहिए
प्रश्नकर्ता के अजैन मंदिर मे जाकर नमस्कार करने का आप समर्थन कर रहे हैं। उसका निषेध नही कर रहे हैं। ऐसा करके आप प्रश्न कर्ता का अहित कर रहे है। उसका बुरा कर रहे हैं। और उसे मिथ्या मार्ग दिखा रहे है। दुर्गति का मार्ग दिखा रहे है
क्या आचार्य श्री के संघ में ऐसे ही गृहीत मिथ्यात्व का पोषण किया जाता है? देखो सभी कमेंट करने वाले महाराज के उत्तर को गलत ही कह रहे हैं। भूल स्वीकार कर इसका महाराज श्री खंडन कर जैनों को महा पाप से बचाएं।
महाराज जी महा विद्वान मुनिराज है ! जितनी कमेंट करने वालों की उम्र नहीं है उससे ज़्यादा मुनिअवस्था गुरुदेव की है ! आप भावार्थ की अपेक्षा से देखिए जैसे अन्य मत वाला सिर्फ़ आदर की भावना से जैन मंदिर आता है न कि पूजा आदि करने , ऐसे ही समयकदृष्टि भी अन्य मंदिर में जा सकता है ! सिद्धांत के साथ व्यवहार का ध्यान रखने वाला ही सच्चा सम्यक्दृष्टि है ! कथन का शब्दार्थ लगा कर टूट पड़े है , ज्ञान देने को 😅
In maharaj ke hisab se to jain har jagah sir chhukaye chahe mandir ho charcha gurudwara masjid baudh dham kahi per bhi ye jain dharam viprit vachan hai
Muni ji aapane bola kisi Dharm ko Aahat Na pahunchai FIR Amit Shah kaun sa Dharm ka hai Jo hinsa walon ke sath mein rahata hai kya aap sacche ho ya vah saccha hai
अभूतपूर्व अप्रत्याशित अद्वितीय अद्भुत असाधारण ऐतिहासिक मिथ्योपदेश !
जो लाज गौरव और भयवश पूजते दृग भ्रष्ठ को
वे भ्रष्ठ से भी भ्रष्ठ है , बोधि न उनको प्राप्त हो
आचार्य श्री कुन्दकुन्द
😢 खुद को जैन साधु कहलाने वाले दुसरो को हिन्दू बनने की प्रेरणा दे रहे हैं , काश 6 अनायतन समझा पाते
जैनधर्म के विरूद्ध कथन है।
जिस देव को हम देव नहीं मानते उसके सामने भी यदि साथियों को बुरा ना लगे यह सोचकर वंदना करते हैं तो मायाचारी का दोष लगता है, गंभीरता से विचार करेंगे तो यह बात सच्ची लगेगी, बाकि तो जैसा समझ रहे है वहीं ठीक है।
सद.भावना.के.साथ. जाणा ही. चाहिए ❤..सब. मोक्ष. गा मी.जीव. हैं.
आप जैनधर्म के विरूद्ध बोल रहे है।
जिनवाणी के विरूद्ध बोल रहे हैं।
जैन व्यक्ति अजैन मंदिर मे जाकर
नमस्कार नही कर सकता है।
इसमे मिथ्यात्व का दोष आता है।
तापसी पन्नू और आशुतोष राणा की मूवी का डायलॉग है, ‘हमारा और उनका भेद मत करिये ।’
सिद्ध भगवान तो सभी जगह हैं, आपके कथन अनुसार फिर जैन मन्दिर हिन्दू मन्दिर से अलग क्यों ? चर्च, मस्जिद सभी जगह जा सकते हैं और उनके जैसे नमन आदि भी कर सकते हैं ? हैं न् ?
🚩 Mai hindu hu, Jain mandir me bhi jata hu., Bhagwan Mahavir ji ko manta hu. Bahut aadar karta hu.
😃 Lekin kuch beakkal Jain aur Hindu me fut dalne ki koshish karte hai.✅
गलत जवाब दिया है। प्रश्नकर्ता को खुश करने के लिए जवाब दिया है। जैन धर्म के विरुद्ध जवाब दिया है। जवाब ऐसा होना चाहिए था कि अन्य धर्म वालों के साथ धार्मिक यात्रा से बचना चाहिए। सिर्फ सच्चे देव शास्त्र गुरु ही नमस्कार योग्य हैं। रागी देषी देवी देवताओं को नमस्कार करने से गृहीत मिथ्यात्व का दोष लगता है। षट अनायतन की कभी भी प्रशंसा या संगति नहीं करना चाहिए। मुनि को अपने भक्तों की संख्या बढ़ाना है इसलिए भक्तों के मन की बात कह देते हैं। वास्तव में तो ऐसे प्रश्न सार्वजनिक मंच पर नहीं पूछे जाने चाहिए जिसमें अन्य समाज के देवी देवता के बारे में टिप्पणी करना हो। व्यक्तिगत रूप से अकेले में पूछना चाहिए
प्रश्नकर्ता के अजैन मंदिर मे जाकर नमस्कार करने का आप समर्थन कर रहे हैं। उसका निषेध नही कर रहे हैं।
ऐसा करके आप प्रश्न कर्ता का अहित कर रहे है। उसका बुरा कर रहे हैं।
और उसे मिथ्या मार्ग दिखा रहे है।
दुर्गति का मार्ग दिखा रहे है
😂 Diplomatic Muni
Anumodna ka paap lagega
जैन व्यक्ति कुदेव कुगुरू कुधर्म और इनके मानने वाले सेवक।
इन षट अनायतन का त्यागी होता है।
इनसे दूर रहता है।
इनकी अनुमोदना नही करता है।
Maharaj sansari jivo se dur raho Varna arth ki anarth baat kaheni hi padhegi
क्या आचार्य श्री के संघ में ऐसे ही गृहीत मिथ्यात्व का पोषण किया जाता है? देखो सभी कमेंट करने वाले महाराज के उत्तर को गलत ही कह रहे हैं। भूल स्वीकार कर इसका महाराज श्री खंडन कर जैनों को महा पाप से बचाएं।
जैन व्यक्ति कुदेव कुशास्त्र कुगुरू कुधर्म
इनका त्यागी होता है।
तीन सौ तिरेसठ मिथ्या मतों को
नही मानता है। उनसे दूर रहता है।
महाराज जी महा विद्वान मुनिराज है ! जितनी कमेंट करने वालों की उम्र नहीं है उससे ज़्यादा मुनिअवस्था गुरुदेव की है ! आप भावार्थ की अपेक्षा से देखिए जैसे अन्य मत वाला सिर्फ़ आदर की भावना से जैन मंदिर आता है न कि पूजा आदि करने , ऐसे ही समयकदृष्टि भी अन्य मंदिर में जा सकता है ! सिद्धांत के साथ व्यवहार का ध्यान रखने वाला ही सच्चा सम्यक्दृष्टि है ! कथन का शब्दार्थ लगा कर टूट पड़े है , ज्ञान देने को 😅
व्यवहार पालन के लिये मिथ्यात्व का पोषण करना गलत है।
इसीप्रकार साथ में रहकर तो मांसाहार का भक्षण भी करने लगेगा
Bahut hee अच्छा जबाब दिया
In maharaj ke hisab se to jain har jagah sir chhukaye chahe mandir ho charcha gurudwara masjid baudh dham kahi per bhi ye jain dharam viprit vachan hai
Ghor mitytva ka dosh lagega 😢😢durgati hogi
Mere pyare jain mitro bato ge tu katuge Jain और सनातन संस्कृति धर्म एक है गुमराह ना करे
Muni ji aapane bola kisi Dharm ko Aahat Na pahunchai FIR Amit Shah kaun sa Dharm ka hai Jo hinsa walon ke sath mein rahata hai kya aap sacche ho ya vah saccha hai