साहब बंदगी ❤❤❤🙏🙏🙏⚘⚘⚘ इस मानव तन की यही विशेषता है की स्वाध्याय आत्म चिंतन करता हुआ गुरु के ज्ञान के द्वारा भवसागर से मुक्त होने का प्रयास करें यही हमारे जीवन की सार्थकता है l मानव तन में आए हुए समस्त प्राणियों से मेरी विनती है, आप सभी स्व चिंतन मनन करें गुरु से युक्ति (तरीका) जान ले l तभी आपके जीवन की विशेषता है l अन्यथा आया कबीरा फिर गया, झूठा है हंकार l जीवन को यूं ही व्यर्थ में बर्बाद ना करें यह मानव शरीर बहुत ही कीमती है इसका कोई कीमत चुकाना किसी के संभव या बस की बात नहीं है यह प्रकृति हम सभी मानव तन में आए प्राणियों को यह सौभाग्य प्रदान की है l🙏🙏🙏❤❤❤
पंचान्वे साल वाले साधु संत मछली खाए कि नहीं उसका जिक्र नहीं किये बाबा । यों तो जो अपनी इच्छा को मन को दबाकर रखता है वह मरन काल में भोग कर मरता है। जिसका मन लालसा किसी खाश वस्तु पर नहीं रहता मरन काल में वह नहीं भोगता है । अस्तु मन को दबाकर नहीं रखना चाहिए!!! सत्य मेव जयते ऊँ गुरु वे नमः वन्दे मातरम् सत्यम शिवम सुंदरम् ।
सतगुरु की वाणी है की मांस मछरिया खात हैं सुरापान समेंत वह नर नरक ही जाएंगे माता-पिता समेत l किसी भी प्राणियों का मांस खाना माहापाप है l वैसे लोग कभी भी मुक्त नहीं हो सकते मांसाहार का त्याग करके गुरु से युक्ति ग्रहण करें तो यथासंभव समस्त मानव प्राणी मुक्त हो सकते हैं l यहां मन को मारना अनिवार्य है क्योंकि मन बुरे कर्मों की ओर आसक्त होता है l हमेशा मन की बात को मानने से मन बुराई की ओर लेकर जाता है और मनुष्य बहुत सारे पाप कर्म की गठरी अपने ऊपर लाद लेता है l अतः नशीले पदार्थ और मांसाहार पदार्थ का सेवन बंद करें, तभी मानव जीवन की सार्थकता है l 14:08
Great
Sahib bandgy sahib
Saheb bandgi
Jagannath
गुरु जी सादर प्रणाम आपको बहुत बहुत धन्यवाद मैं आपके सभी सत्संग सुनते हैं लेकिन ऐ बताये आप कहां से सत्संग प्रवचन भेजते हैं
જયહો
साहेब बंदगी साहेब बंदगी साहेब बंदगी
महाराज सब बराबर है लेकिन सुंदर ता कि आसक्ती बनाने वाले कि कमाल है संत कबिर सभी नहि हो सकता :
Saty hai ji
Aapke charanon mein Sahib bandagi
Kya yeh pravachan sun lene se aatmtal men aa jayenge?
हां बेसरते हृदय से सुन लेते हैं....
केवल दिमाग से सुनेंगे तो बहुत कम संभावना है!
साहिब बादिग्गी
રમા..શંકર...મહારાજ..જયહો..
Manoj Kumar kakrauli pagare Basti
Sahab Bandagi
साहब बंदगी ❤❤❤🙏🙏🙏⚘⚘⚘
इस मानव तन की यही विशेषता है की स्वाध्याय आत्म चिंतन करता हुआ गुरु के ज्ञान के द्वारा भवसागर से मुक्त होने का प्रयास करें यही हमारे जीवन की सार्थकता है l मानव तन में आए हुए समस्त प्राणियों से मेरी विनती है, आप सभी स्व चिंतन मनन करें गुरु से युक्ति (तरीका) जान ले l
तभी आपके जीवन की विशेषता है l अन्यथा
आया कबीरा फिर गया, झूठा है हंकार l
जीवन को यूं ही व्यर्थ में बर्बाद ना करें यह मानव शरीर बहुत ही कीमती है इसका कोई कीमत चुकाना किसी के संभव या बस की बात नहीं है यह प्रकृति हम सभी मानव तन में आए प्राणियों को यह सौभाग्य प्रदान की है l🙏🙏🙏❤❤❤
.
u
t
Achha. hai,parantu
Kabir Saheb ka updesh bahut
Achha hai,parantu
Charbak aur Gautam
Budha ke updesh
bhi samjhaiye.
Sukriya saheb bndgi
Ab rosany ho rahi hai
पंचान्वे साल वाले साधु संत मछली खाए कि नहीं उसका जिक्र नहीं किये बाबा ।
यों तो जो अपनी इच्छा को मन को दबाकर रखता है वह मरन काल में भोग कर मरता है।
जिसका मन लालसा किसी खाश वस्तु पर नहीं रहता मरन काल में वह नहीं भोगता है ।
अस्तु मन को दबाकर नहीं रखना चाहिए!!!
सत्य मेव जयते ऊँ गुरु वे नमः वन्दे मातरम् सत्यम शिवम सुंदरम् ।
सतगुरु की वाणी है की
मांस मछरिया खात हैं सुरापान समेंत वह नर नरक ही जाएंगे माता-पिता समेत l
किसी भी प्राणियों का मांस खाना माहापाप है l वैसे लोग कभी भी मुक्त नहीं हो सकते मांसाहार का त्याग करके गुरु से युक्ति ग्रहण करें तो यथासंभव समस्त मानव प्राणी मुक्त हो सकते हैं l
यहां मन को मारना अनिवार्य है क्योंकि मन बुरे कर्मों की ओर आसक्त होता है l हमेशा मन की बात को मानने से मन बुराई की ओर लेकर जाता है और मनुष्य बहुत सारे पाप कर्म की गठरी अपने ऊपर लाद लेता है l
अतः नशीले पदार्थ और मांसाहार पदार्थ का सेवन बंद करें, तभी मानव जीवन की सार्थकता है l 14:08
नमस्ते,अगर हम ही परमात्मा है मां के पेट में हमें कौन बनाया है?
Saheb bandagi Saheb
SAcha,gyan
साहेब बादगी साहेब गुरुदेव के पवन चरणो मे
साहेब बंदगी ।कबीर साहेब को बारम्बार प्रणाम ।
आप ज्ञान की बात करते हो परंतु राम और हनुमान के प्रति आप का मत गलत है आप ज्ञानी होकर मूर्ख की तरह भेड़ भाव की दृष्टि है
💐 Saheb Bandagi 💐
साहेब बन्दंगी साहेब बन्दंगी साहेब बन्दंगी देवराज गुर्जर टोंक राजस्थान
सकल संत को साहेब बंदगी साहेब 🙏🙏🙏
Sahebji.try.bar.bandgi