Mukesh Singer : दिग्गज गायक मुकेश ने बताया कि उनके पिता उन्हें क्या बनाना चाहते थे... BBC ARCHIVE

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  • เผยแพร่เมื่อ 18 ต.ค. 2024
  • मुकेश को दुनिया से विदा हुए कई साल गुज़र चुके हैं. लेकिन उनके गीतों की दीवानगी आज भी देखते ही बनती है. मुश्किल से मुश्किल गीतों को वह इतनी सहजता और मधुरता से गा लेते थे कि उनके गीत सीधे दिलों में घर कर जाते थे. आवारा हूँ, मेरा जूता है जापानी, जीना यहाँ मरना यहाँ, इक दिन बिक जाएगा माटी के मोल, कहीं दूर जब दिन ढल जाये, सजन रे झूठ मत बोलो, किसी की मुस्कुराहटों पर हो निसार, दोस्त दोस्त न रहा, जब कोई तुम्हारा हृदय तोड़ दे, चाँद सी महबूबा हो मेरी, क्या ख़ूब दिखती हो, चन्दन सा बदन चंचल चितवन और होठों पर सच्चाई रहती है जैसे उनके सैकड़ों गीत हमेशा सिर चढ़ कर बोलते हैं. यही कारण है कि मुकेश के गाये बहुत से गीत जितने पहले लोकप्रिय थे, उतने आज भी हैं. बीबीसी के लिए हिमांशु भादुड़ी ने साल 1976 में उनका इंटरव्यू किया था, जो आज सुनने पर समझ आता है कि वो जितने शानदार गायक थे, उतने ही जानदार शख़्स भी थे.
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