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प्रस्तुत अछि ई सुन्दर सन अनुपम हमर नव मौलिक मैथिली रचना मिथिला केर धरोहर पारम्परिक धुन आधारित ।। मैथिली सिता राम विवाह गीत।।हे सखि सिया रघुवरजी चलला कोबर घर , गाबु मंगल गान । गाबु मंगल गान हे सखिया , गाबु मंगल गान ।हे सखि जनकलली धिया पाहुन रघुवर,जोड़ी परम महान ।। हे सखि सिया रघुवर............।।०।। निरखत एकटक मातु सुनैना, सुन्दर छवि अभिराम । हे सखि शुभ तिथि पंचम मास अगहन , पावन मिथिलाधाम ।। हे सखि सिया रघुवर.............।।१।। रघुकुल दिपक कौशल्या कें नंदन , दशरथ सुत श्रीराम । हे सखि धरणी धिया सिया बहिना , जनकक छथि ई प्राण ।। हे सखि सिया रघुवर ...........।।२।। वधु सहित ई चारू दुल्हा ,चमकै सुरज समान । हे सखि बड़भागिन आजु मिथिला नगरिया ,लागे स्वर्ग समान। हे सखि सिया रघुवर जी...........।।३।। भनहि " माधव " सुनु मिथिलानी, जोड़ी अनुप सुजान।हे सखि आजु सुहावन जनकक आंगन, वरवधु सिताराम।। हे सखि सिया रघुवर जी.............।।४।। ----गीतकार दिनेश झा " माधव " सझुआर बेनीपुर दरभंगा मिथिला
❤❤❤ सुन्दर रचना आर मधु आहा के गायकी तो कमाल अई 🎉 जय हो
Bahut nik geet gelou 🎉❤adbhut gala
वाह बहुत सुंदरजय सियाराम
जय सीता राम जी की जय ❤❤
बहुत सुन्दर रचना आ प्रस्तुति, कर्णप्रिय
Sundar geet
लिय आबि गेल अखनहि ई सुन्दर सन अनुपम हमर नव मौलिक मैथिली रचना रीलीज भेल अछि।सुनल जाउ सँगहि बेसी सँ बेसी शेयर लाइक व कामेंट द्वारा अपन आशिष प्रदान कयल जाउ।
Bahut badhiya didi
Bahut snder geet aar awaz aar bhi bejor
❤❤❤
Jay shree ram 🙏❤️❤️❤️❤️❤️❤️🙏
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जी बहुत-बहुत धन्यवाद
प्रस्तुत अछि ई सुन्दर सन अनुपम हमर नव मौलिक मैथिली रचना
मिथिला केर धरोहर पारम्परिक धुन आधारित
।। मैथिली सिता राम विवाह गीत।।
हे सखि सिया रघुवरजी चलला कोबर घर , गाबु मंगल गान ।
गाबु मंगल गान हे सखिया , गाबु मंगल गान ।
हे सखि जनकलली धिया पाहुन रघुवर,जोड़ी परम महान ।।
हे सखि सिया रघुवर............।।०।।
निरखत एकटक मातु सुनैना, सुन्दर छवि अभिराम ।
हे सखि शुभ तिथि पंचम मास अगहन , पावन मिथिलाधाम ।।
हे सखि सिया रघुवर.............।।१।।
रघुकुल दिपक कौशल्या कें नंदन , दशरथ सुत श्रीराम ।
हे सखि धरणी धिया सिया बहिना , जनकक छथि ई प्राण ।।
हे सखि सिया रघुवर ...........।।२।।
वधु सहित ई चारू दुल्हा ,चमकै सुरज समान ।
हे सखि बड़भागिन आजु मिथिला नगरिया ,लागे स्वर्ग समान।
हे सखि सिया रघुवर जी...........।।३।।
भनहि " माधव " सुनु मिथिलानी, जोड़ी अनुप सुजान।
हे सखि आजु सुहावन जनकक आंगन, वरवधु सिताराम।।
हे सखि सिया रघुवर जी.............।।४।।
----गीतकार दिनेश झा " माधव "
सझुआर बेनीपुर दरभंगा मिथिला
❤❤❤ सुन्दर रचना आर मधु आहा के गायकी तो कमाल अई 🎉 जय हो
Bahut nik geet gelou 🎉❤adbhut gala
वाह बहुत सुंदर
जय सियाराम
जय सीता राम जी की जय ❤❤
बहुत सुन्दर रचना आ प्रस्तुति, कर्णप्रिय
Sundar geet
लिय आबि गेल अखनहि ई सुन्दर सन अनुपम हमर नव मौलिक मैथिली रचना रीलीज भेल अछि।सुनल जाउ सँगहि बेसी सँ बेसी शेयर लाइक व कामेंट द्वारा अपन आशिष प्रदान कयल जाउ।
Bahut badhiya didi
Bahut snder geet aar awaz aar bhi bejor
❤❤❤
Jay shree ram 🙏❤️❤️❤️❤️❤️❤️🙏
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जी बहुत-बहुत धन्यवाद