Ye janjati hamare bharat desh ki mool pehchan hai. Inke bina ham apni sanskriti aur prakritik sampada kho denge. Inhe bachana behad zaroori hai, khas kar aaj ke tezi se badalte duniya me.
real history of India caste system part👉1 आर्यों ब्रहमनों का सही स्थान वोल्गा नदी(रूस) वहां विस्थापित होकर 👉काला सागर (यूरेशिया) के पास बस गए हैं इसके बाद घोड़े पर सवार होकर 👉 इराक👉 ईरान के रास्ते भारत आए और फिर देवताओं और असुरों मतलब कि देवताओं और अछूतों के बीच लड़ाई शुरू हुई👉 यूरेशिया(युरोपीए क्षेत्र) ठंडा प्रदेश है और ठंडा प्रदेश में लोगों को जब ठंड लगती है तो लोग जलात थे हवन कुंड सात फेरे आग जलाने की प्रथा आदी काल से उसी ठंडे प्रदेश से आई है आर्य ब्राह्मणों द्वारा लाई गई 👉ब्रहमन जब भारत आए तब ऊनकी लड़ाई आसुरो मतलब आछुतो से हुई 👉 युरेसीया एक ठंड प्रदेश है और ठंडे प्रदेश मे प्याज लहसुन नही ऊगाया जा सकता आत: भारत मे यहं के आसुर(आछुत प्याज लहसुन खाते थे ईसलिए प्याज लहसुन राछस(आसुर) का खाना है आर्यों का प्रवेश भारत के जंबूद्वीप में हुआ था ऐसा वेदों में लिखा है जहां तक मेरा अनुमान है कि जंबूद्वीप कोई और जगह नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर ही जंबूद्वीप है क्योंकि मनु महाराज वहीं के रहने वाले थे आर्यो के इतिहास. पर मैने भी research किया और हमें यह समझ आया कि उस जमाने में 👉ईन्द्र 👉 ब्रह्मा 👉विष्णु 👉और नारद 👉कोई देवता नहीं होता 👉बल्कि राजदरबार हुआ करता था जिसमें राजा👉को इंद्र कहा जाता था विष्णु 👉 को मंत्री कहां जाता था ब्रमहा👉 पढा लिखा ब्रहमन जो विधि विधान एवं पूजा पाठ करवाता होगा शंकराचार्य👉शंकर भगवान असल में शंकराचार्य शब्द से बना है ऊस जमाने में शंकराचार्य को ही इन लोगों ने शंकर भगवान कहा हो होगा नारद 👉गुप्तचर विभाग था जिसका काम था information को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना संदेश को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना नारद का काम था यमराज 👉को खतरनाक बताया गया है जहां तक मेरा मानना है यमराज 🤔मूलनिवासी था जो आर्यों को पकड़ कर ले जाता था और उसे मारता और दंडित करता था सायद सिंधु घाटी सभ्यता में कोई राजा हुआ करता होगा जिसका नाम यम होगा🤔 अग्नि देव👉पुराने जमाने में लाइटर माचिस नहीं हुआ करता था इसलिए खास व्यक्ति को आग जलाने का अनुभव था अग्नि देवता इसी से आया है जिस व्यक्ति को आग जलाने का अनुभव होता था उसे ही अग्नि देवता कहा गया था पुराने जमाने में लोग लकड़ियों को घीसकर आग जलाया करते थे राक्षस, 👉 उस जमाने में रक्षा करने वाले सैनिक को राक्षस कहा जाता था स्वर्ग लोक मतलब ऊंची जाति का कबीला और असुर लोक मतलब नीची जाती backward caste का कबीला 👉अछूत शब्द की उत्पत्ति असुर शब्द से हुई है अब इसकी स्थिति ऐसी हुई है कि 👉पहले असुर फिर 👉अछूर फिर 👉अछूत फिर👉 छुतहर फिर शुद्र फिर 👉छुआछूत 👉 देवताओं ने असुरों का वध किया असल में देवताओं ने अछूतों को मारा जैसे तारकासुर भस्मासुर ये शुर शब्द से हीं शुद्र बना है forward cast और backward cast की लड़ाई ही देवताओं और राक्षसों की लड़ाई है जिस तरह बिहार में भोजपुरी बोली जाती है बंगाल में बंगाली बोली जाती है गुजरात में गुजराती बोली जाती है तो सोचिए संस्कृत किस राज्य की भाषा है भाषाएं अचानक से पैदा नहीं होती इसका कोई एग्जैक्ट लोकेशन होता हैअसल में संस्कृत भाषा एक बनावटी भाषा है और इसे इसलिए बनाया गया है ताकि आर्य ब्राह्मण अछूतों को मारने के बाद संस्कृत भाषा बनाई गई है ताकि काली करतूत को छुपा सके अछूतों मतलब (असुरों) की हत्या करने के बाद संस्कृत भाषा बनाई गई थी ताकि अछूत (असुर )इस भाषा को समझ ना सके इसे सिर्फ आर्य ब्राह्मण ही समझ सके आज तक लोग समझ नहीं सके कि अछूत ही अशुर है
part👉2 सिंधु घाटी सभ्यता मूल रूप से एक बौद्ध सभ्यता थी क्योंकि सम्राट अशोक के अशोक स्तंभ में जो लिपि है उसके कुछ अक्षर सिंधु घाटी सभ्यता के सिले से मिलते हैं और नालंदा विश्वविद्यालय और तक्षशिला का भवन निर्माण सिंधु घाटी सभ्यता के इमारतों से मिलता जुलता है अर्थात सिंधु घाटी सभ्यता एक बौद्ध थी शिलालेखों को पढ़कर यह प्रमाणित हो चुका है कि गौतम बुध से भी पहले बुध थे और यह परंपरा सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर तिब्बत तक गई 👉 अफगानिस्तान में बामियान बुद्ध है 👉पाकिस्तान में बुध की मूर्ति मिली है लद्दाख में बुध की मूर्ति है गौतम बुध से पहले 28 बुध हो चुके थे भारत में हिंदू धर्म से पहले बौद्ध धर्म था सम्यता समय के साथ जमीन के नीचे दफन हो जाती है रखीगड़ी जो हवन कुंड मिला है वह सबसे ऊंचे टीले पर मिला है क्योंकि ब्राह्मण बाद में आया था ब्राह्मण पहले आता तो जमीन के नीचे भी हवन कुंड मिलता मगर नहीं मिला और उनके हड्डियों और कंकालों के अवशेषों में ब्राह्मणों का डीएनए नहीं मिलता प्रमाणित याद रहे मानव की उत्पत्ति अफ्रीका के जंगल से हुई है अगर कोई कहता है कि माया सभ्यता सबसे प्राचीन है वह झूठ बोल रहा है क्योंकि मानव की उत्पत्ति बंदर /चिंपांजी से हुई इसलिए अफ्रीका के लोग काले हैं यही वजह है कि दुनिया के सबसे प्राचीन सभ्यता अफ्रीका की सभ्यता (मिस्र की सभ्यता है )इसके बाद लोग विस्थापित होकर ठंडे प्रदेश में गए और वहां से गोरे लोगों का आवागमन हुआ यही वजह है कि अमेरिका में गोरे और काले की ल++ड़ा++ई है यही भारत में ऊंची जाति और नीची जाति की ल++ड़ा++ई है यही देवताओं और राक्षसों की लdड़ाई है
part 👉 3 आदिकाल में आर्यों का कबीला अलग था और मूल निवासियों का कबीला लगता 👉आदिकाल में एक कविले के लोगअपना त्यौहार अपनी संस्कृति मनाते थे अगर दूसरे कबीले के लोग उसे देखने आ गए तो उसकी ह/tत्या कर देते थे क्योंकि वह मानते थे कि हमारे कबीले में हमला करने या गुप्तचरी एवं जासूसी करने के लिए आया होगा जिस तरह मीना बाजार है एक खास कबीले type में मनाया जाता था प्राचीन काल में उसी तरह एक कबीला में उत्सव मनाया जाता था और लोग मिलकर नृत्य करते थे और खुशियां बांटते थे उन त्योहारों में वस्तुएं भी बेची जाती थी आर्य एवं ब्राह्मणों के कबीले में अगर कोई असुर (अछूत या शुद्र) घुस जाए तो उसे मा/rर दिया करते थे 👉क्योंकि उस जमाने में जनजाति आदिम थी सायद आर्यों ने असुरों के काबिले पर हमला किया होगा और वहां के मुखिया(राजा महिषा आसुर👉उस जमाने में रानी को महिषी और राजा को महिषा कहा जाता था) महिषा असुर की ह/t1त्या करने के बाद जश्न चल रहा होगा जिसे आज दुर्गा पूजा के रूप में आर्य समाज के लोग मनाते हैंऔर असुरों के कबीले में महिषा आसुर की मृ/5त्यु का मातम चल रहा होगा जिसे आज महिषा असुर शहादत दिवस मनाते के रूप में असुर जनजाति के लोग मनाते हैं असुर जनजाति में गीत गाने की प्रथा है इस गीत में असुर जनजाति के लोग अपने पूर्वज महिषा आसुर का नाम लेते हैंजैसे आज तक दलितों की बस्ती अलग और उच्च जाति वालों की बस्ती अलग होती है ठीक उस समय ऐसे ही कबीले की स्थिति होगी शायद इसीलिए महिषासुर की मृत्यु के बाद आज भी आसुर जनजाति में गीत गाने की प्रथा है जिसमें वह अपने पूर्वज महिषा असुर का नाम लेते हैजब यु2द्ध में आर्य लोग पराजित होते नजर आ रहे थे तब उन लोगों ने अपनी एक झूठी और नकली कहानी बनाई और कुछ असुरों को अपने झांसे में लिया होगा मगर जाति प्रथा बनाकर उसे आज भी छोटे जाति और अछूत के रूप में छोड़ दिया आज भी आर्य ब्राह्मण लोग अछूतों को छोटी जाति का मानते हैं और ऊससे विवाह संबंध नहीं रखते
Yog da Asur. Jai ho aapki
Bahut Sundar🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽👌👌👌👌
Jai jharkhand
Ye janjati hamare bharat desh ki mool pehchan hai. Inke bina ham apni sanskriti aur prakritik sampada kho denge. Inhe bachana behad zaroori hai, khas kar aaj ke tezi se badalte duniya me.
Jai Asur janjati
Main bhi asur janjat hon Tripura Mein bejuya janjati likhta hun
real history of India caste system
part👉1
आर्यों ब्रहमनों का सही स्थान वोल्गा नदी(रूस) वहां विस्थापित होकर 👉काला सागर (यूरेशिया) के पास बस गए हैं इसके बाद घोड़े पर सवार होकर 👉 इराक👉 ईरान के रास्ते भारत आए और फिर देवताओं और असुरों मतलब कि देवताओं और अछूतों के बीच लड़ाई शुरू हुई👉
यूरेशिया(युरोपीए क्षेत्र) ठंडा प्रदेश है और ठंडा प्रदेश में लोगों को जब ठंड लगती है तो लोग जलात थे हवन कुंड सात फेरे आग जलाने की प्रथा आदी काल से उसी ठंडे प्रदेश से आई है आर्य ब्राह्मणों द्वारा लाई गई
👉ब्रहमन जब भारत आए तब ऊनकी लड़ाई आसुरो मतलब आछुतो से हुई 👉 युरेसीया एक ठंड प्रदेश है और ठंडे प्रदेश मे प्याज लहसुन नही ऊगाया जा सकता आत: भारत मे यहं के आसुर(आछुत प्याज लहसुन खाते थे ईसलिए प्याज लहसुन राछस(आसुर) का खाना है
आर्यों का प्रवेश भारत के जंबूद्वीप में हुआ था ऐसा वेदों में लिखा है जहां तक मेरा अनुमान है कि जंबूद्वीप कोई और जगह नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर ही जंबूद्वीप है क्योंकि मनु महाराज वहीं के रहने वाले थे
आर्यो के इतिहास. पर मैने भी research किया और हमें यह समझ आया कि उस जमाने में 👉ईन्द्र 👉 ब्रह्मा 👉विष्णु 👉और नारद 👉कोई देवता नहीं होता 👉बल्कि राजदरबार हुआ करता था
जिसमें
राजा👉को इंद्र कहा जाता था
विष्णु 👉 को मंत्री कहां जाता था
ब्रमहा👉 पढा लिखा ब्रहमन जो विधि विधान एवं पूजा पाठ करवाता होगा
शंकराचार्य👉शंकर भगवान असल में शंकराचार्य शब्द से बना है ऊस जमाने में शंकराचार्य को ही इन लोगों ने शंकर भगवान कहा हो होगा
नारद 👉गुप्तचर विभाग था जिसका काम था information को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना
संदेश को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना नारद का काम था
यमराज 👉को खतरनाक बताया गया है जहां तक मेरा मानना है यमराज 🤔मूलनिवासी था जो आर्यों को पकड़ कर ले जाता था और उसे मारता और दंडित करता था सायद सिंधु घाटी सभ्यता में कोई राजा हुआ करता होगा जिसका नाम यम होगा🤔
अग्नि देव👉पुराने जमाने में लाइटर माचिस नहीं हुआ करता था इसलिए खास व्यक्ति को आग जलाने का अनुभव था अग्नि देवता इसी से आया है जिस व्यक्ति को आग जलाने का अनुभव होता था उसे ही अग्नि देवता कहा गया था पुराने जमाने में लोग लकड़ियों को घीसकर आग जलाया करते थे
राक्षस, 👉 उस जमाने में रक्षा करने वाले सैनिक को राक्षस कहा जाता था
स्वर्ग लोक मतलब ऊंची जाति का कबीला और असुर लोक मतलब नीची जाती backward caste का कबीला
👉अछूत शब्द की उत्पत्ति असुर शब्द से हुई है अब इसकी स्थिति ऐसी हुई है कि 👉पहले असुर फिर 👉अछूर फिर 👉अछूत फिर👉 छुतहर फिर शुद्र फिर 👉छुआछूत 👉 देवताओं ने असुरों का वध किया असल में देवताओं ने अछूतों को मारा
जैसे तारकासुर भस्मासुर ये शुर शब्द से हीं शुद्र बना है
forward cast और backward cast की लड़ाई ही देवताओं और राक्षसों की लड़ाई है
जिस तरह बिहार में भोजपुरी बोली जाती है बंगाल में बंगाली बोली जाती है गुजरात में गुजराती बोली जाती है तो सोचिए संस्कृत किस राज्य की भाषा है भाषाएं अचानक से पैदा नहीं होती इसका कोई एग्जैक्ट लोकेशन होता हैअसल में संस्कृत भाषा एक बनावटी भाषा है और इसे इसलिए बनाया गया है ताकि आर्य ब्राह्मण अछूतों को मारने के बाद संस्कृत भाषा बनाई गई है ताकि काली करतूत को छुपा सके
अछूतों मतलब (असुरों) की हत्या करने के बाद संस्कृत भाषा बनाई गई थी ताकि अछूत (असुर )इस भाषा को समझ ना सके इसे सिर्फ आर्य ब्राह्मण ही समझ सके आज तक लोग समझ नहीं सके कि अछूत ही अशुर है
part👉2
सिंधु घाटी सभ्यता मूल रूप से एक बौद्ध सभ्यता थी क्योंकि सम्राट अशोक के अशोक स्तंभ में जो लिपि है उसके कुछ अक्षर सिंधु घाटी सभ्यता के सिले से मिलते हैं और नालंदा विश्वविद्यालय और तक्षशिला का भवन निर्माण सिंधु घाटी सभ्यता के इमारतों से मिलता जुलता है अर्थात सिंधु घाटी सभ्यता एक बौद्ध थी शिलालेखों को पढ़कर यह प्रमाणित हो चुका है कि गौतम बुध से भी पहले बुध थे और यह परंपरा सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर तिब्बत तक गई 👉 अफगानिस्तान में बामियान बुद्ध है 👉पाकिस्तान में बुध की मूर्ति मिली है लद्दाख में बुध की मूर्ति है गौतम बुध से पहले 28 बुध हो चुके थे
भारत में हिंदू धर्म से पहले बौद्ध धर्म था
सम्यता समय के साथ जमीन के नीचे दफन हो जाती है रखीगड़ी जो हवन कुंड मिला है वह सबसे ऊंचे टीले पर मिला है क्योंकि ब्राह्मण बाद में आया था ब्राह्मण पहले आता तो जमीन के नीचे भी हवन कुंड मिलता मगर नहीं मिला और उनके हड्डियों और कंकालों के अवशेषों में ब्राह्मणों का डीएनए नहीं मिलता प्रमाणित
याद रहे मानव की उत्पत्ति अफ्रीका के जंगल से हुई है अगर कोई कहता है कि माया सभ्यता सबसे प्राचीन है वह झूठ बोल रहा है क्योंकि मानव की उत्पत्ति बंदर /चिंपांजी से हुई इसलिए अफ्रीका के लोग काले हैं यही वजह है कि दुनिया के सबसे प्राचीन सभ्यता अफ्रीका की सभ्यता (मिस्र की सभ्यता है )इसके बाद लोग विस्थापित होकर ठंडे प्रदेश में गए और वहां से गोरे लोगों का आवागमन हुआ यही वजह है कि अमेरिका में गोरे और काले की ल++ड़ा++ई है यही भारत में ऊंची जाति और नीची जाति की ल++ड़ा++ई है यही देवताओं और राक्षसों की लdड़ाई है
part 👉 3
आदिकाल में आर्यों का कबीला अलग था और मूल निवासियों का कबीला लगता 👉आदिकाल में एक कविले के लोगअपना त्यौहार अपनी संस्कृति मनाते थे अगर दूसरे कबीले के लोग उसे देखने आ गए तो उसकी ह/tत्या कर देते थे क्योंकि वह मानते थे कि हमारे कबीले में हमला करने या गुप्तचरी एवं जासूसी करने के लिए आया होगा
जिस तरह मीना बाजार है एक खास कबीले type में मनाया जाता था प्राचीन काल में उसी तरह एक कबीला में उत्सव मनाया जाता था और लोग मिलकर नृत्य करते थे और खुशियां बांटते थे उन त्योहारों में वस्तुएं भी बेची जाती थी
आर्य एवं ब्राह्मणों के कबीले में अगर कोई असुर (अछूत या शुद्र) घुस जाए तो उसे मा/rर दिया करते थे 👉क्योंकि उस जमाने में जनजाति आदिम थी
सायद आर्यों ने असुरों के काबिले पर हमला किया होगा और वहां के मुखिया(राजा महिषा आसुर👉उस जमाने में रानी को महिषी और राजा को महिषा कहा जाता था) महिषा असुर की ह/t1त्या करने के बाद जश्न चल रहा होगा जिसे आज दुर्गा पूजा के रूप में आर्य समाज के लोग मनाते हैंऔर असुरों के कबीले में महिषा आसुर की मृ/5त्यु का मातम चल रहा होगा जिसे आज महिषा असुर शहादत दिवस मनाते के रूप में असुर जनजाति के लोग मनाते हैं असुर जनजाति में गीत गाने की प्रथा है इस गीत में असुर जनजाति के लोग अपने पूर्वज महिषा आसुर का नाम लेते हैंजैसे आज तक दलितों की बस्ती अलग और उच्च जाति वालों की बस्ती अलग होती है ठीक उस समय ऐसे ही कबीले की स्थिति होगी शायद इसीलिए महिषासुर की मृत्यु के बाद आज भी आसुर जनजाति में गीत गाने की प्रथा है जिसमें वह अपने पूर्वज महिषा असुर का नाम लेते हैजब यु2द्ध में आर्य लोग पराजित होते नजर आ रहे थे तब उन लोगों ने अपनी एक झूठी और नकली कहानी बनाई और कुछ असुरों को अपने झांसे में लिया होगा मगर जाति प्रथा बनाकर उसे आज भी छोटे जाति और अछूत के रूप में छोड़ दिया आज भी आर्य ब्राह्मण लोग अछूतों को छोटी जाति का मानते हैं और ऊससे विवाह संबंध नहीं रखते
बात करो मुझसे
सर योगेश्वर असुर का संपर्क मिल सकता है क्या? क्योंकि मैं इनसे मिलने जाऊंगा
AsurBigan
Yog da Asur. Jai ho aapki
Jai asur janjati