गढ़वाल में ५२गढ़ है इस लोकगीत में नेगी जी ने ५२ गढ़ो का बहुत ही अद्भुत तरीके से वर्णन किया है। हमे गर्व है कि हम उत्तराखंडी हैं धन्य है नेगी जी जिन्होंने हमारे इतिहास का वर्णन किया है 🙏🙏🙏🙏
यथार्थवाद तो यही कहता है कि उत्तराखंड के पहाड़ों में रहने वाले सभी लोग जितने सरल और सीधे होते हैं उतने ही वीर भी होते हैं.. परंतु वह अपनी वीरता का प्रदर्शन छल कपट के लिए नहीं करते.. शत शत नमन है देव भूमि उत्तराखंड को..
हमे बहुत गर्व है हम हिंदू और उससे भी बड़ा गर्व देवभूमि वीरभूमि में जन्म लेने का जो हमेशा देवो की भूमि और किसी के गुलाम में न आया बस दुआ आगे भी ऐसी रहे वीरभुमि ❣️❣️🚩🚩🚩👏
कितना दुर्भाग्य है हम उत्तराखंड वासियों का कि हम अपनी संस्कृति और विरासत को भूल रहे है, आज जरूरत है कि हमारी संस्कृति मात्र किताबों और संग्रहालय तक सीमित ना रहें बल्कि यह जीवंत रहे और सांस भरे, भौतिकवादी मानव के बजाय हमें सांस्कृतिक मानव बनने की भी जरूरत है, हमें अपने पूर्वजों के द्वारा दी गई इस अनमोल उपहार पर गर्व करना चाहिए उसके बीज अपनी आने वाली पीढीयों में भी आरोपित करना होगा। #संस्कृति की जड़ों के बिना खड़े पेड़ों को आने वाला तुफान आसानी से उखाड़ लेगा । जय बद्री विशाल जय उत्तराखंड 🙏
हमने अपने इस महान इतिहास को कहीं खो दिया । हमारी इतिहास की किताबों में इसे शामिल किया जाना चाहिए था। वीरों से भरी इस भूमि के अस्तित्व को जीवित रखने के लिए ये अत्यंत आवश्यक और महत्त्वपूर्ण है। मुंडो का चौरां चीणि अर लवै का घट रिगैन🙄😯 🙏देवभूमी
आपके हर शब्दों में गढ़वाल का नाम छलकता है आप महान हो sir जी आपके हर गानो के बोल में गढ़वाल की वो सच्चाई होती है जिसे कोई छुपा नही सकता ।।। आप महान हो sir जी ।। i proud be garhwali
नेगी जी आप महान हैं आपके तारीफ में जिन शब्द का भी प्रयोग करू वो सब छोटे पड़ जाते हैं आप अतुल्य हैं अनमोल हैं आपने उत्तराखंड को विश्व में संगीत के माध्यम से ऊँचाई तक पहुँचाया है आपको कोटि कोटि नमन।
इस गीत में उत्तराखंड की महानता चुपी हुई हैं। आजकल के नये कलाकारों को हमारी संस्कृति और सभ्यता को भी बयां करना होगा। जय केदार जय बद्री देवभूमि उत्तराखंड को प्यार करने वाले कितने लोग सहमत हैं?
आप हमेशा इस पावन धरती पर अमर रहेंगे, हमें आप पर गर्ब है, आपने उत्तराखंड बीरता का सुन्दर बर्णन किया है बार बार सुनने का मन करता है इतना ज्ञान आपको हि हो सकता है
Immortal love story of Raja Malushahi and Rajula :-
Once upon a time in Uttarakhand, there was a Prince of Bairat (बैराठ) named Raja Malushahi (son of king Dulashahi) who fell in love with a simple girl, named Rajula (daughter of Sunpati Shauka). This is a famous love story of Rajula and Raja Malushahi in pride of Kumaoni folk literature. The king Raja Malushahi and Rajula loved each other unconditionally. Raja Malushahi dreamt of Rajula even before meeting her. But one fortunate day, they converge and the story begins. But due to some circumstances, they couldn't be together. So, the king Raja Malushahi took pledge to sacrifice the world and become a hermit (साधु) until he finds her, and leave all their kingdom to adopt the hermit life ( साधु जीवन). @prashantshukla482 instagram.com/p/CCbKunmgQ8E/?igshid=eqz6y21hu387
Negi jii ke gaane kitni bhi baar sun lo Kam hi hai kyu inke saare gaane kisi na kisi ghatna pe aadharit hai inke gaane sunne ka maza hi alag hai mujhe proud hai ki me uttarakhand ka beta hu jai dev bhoomi uttarakhand 🙏🙏
बीरू भडू कु देश 🙏 नेगी जी को शत शत नमन ! हमें अपने उत्तराखंड के इतिहास पर गर्व है 🙏 और बावान गढ़ का इतिहास को एक गाने में समेटने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏 नेगी जी अमर रहेंगे 💜
नरेंद्र सिंह नेगी जी ने गढ़वाल का इतिहास अपने इस गाने के माध्यम से प्रदर्शित किया है नेगी जी ने गढ़वाल की संस्कृति और सभ्यता को बचाया जो कि आने वाले पीढी को उनके पूर्वजों की याद दिलाएगी 😅 गढ़ रत्न नेगी जी को सत सत नमन
हमारी संस्कृति मान्यवर सुरेंद्र सिंह नेगी पर आधारित है मैं अपने आप को प्राउड फूल करता हूं उत्तराखंडी भाई बहनों और सुरेंद्र सिंह नेगी जी को हार्दिक नमन करता हूं
Dhany hain negi ji aap aur aap ki awaaj ..sirf aur sirf kewal aap ke hi geetoun me dev bhumi Uttarakhand ki sinskriti aur sabhyta riti riwaaj ki yaad har ek Uttarakhandiyou ka man ma Jaga deti hai.
Humko garv hai ki humne uttrakhand me janam hua Or lokpriy gayak mile jinhone apne uttrakhand ke liye ek se anek apne uttrakhand ke bare me bahut ache geet gye unki jitni bhi taarif ki jaye kam hai sat sat koti naman Negi ji aapko ❤❤❤❤🙏🙏
ये हमारा सौभाग्य है कि हम गढ़रत्न श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी के संगीत का आनंद ले रहे हैं 🔊🎹🎵 उत्तराखंड मेरि मातृभूमि, मातृभूमि मेरि पितृभूमि ओ भूमि तेरि जय जयकारा म्यार हिमाला🌋🗻🏔🌄
बहुत सुंदर गीत इनमें से मेरा गढ़ सांकरी , सूर्यवंशी राणा जाति का गढ़, इस गीत से हमें 52 गढ़ो की जानकारी मिलती है। नेगी जी का तहदिल से शुक्र गुजार करता हूं ।
भग़़वान कहते हैं - तू क़रता वही हैं, जो तू चाहता हैं, पर होता वही हैं जो मै चाहता हूं। तू वों क़र जो मै चाहता हूं, फिर देख़, होगा वही जो तू चाहता हैं।।
हरेंद्र रावत जी ने सही कहा है इस गाने को सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं धन्य हो नरेंद्र सिंह नेगी जी के लिए जिन्होंने इस तरह के शब्दों को इसमें एक इतनी शब्दों को जोड़ा
नेगी जी का ये गीत सुनकर बहुत ही ऊर्जावान महसूस करता हूं और अपने गढ़वाल अपने उत्तराखंड पर बहुत गर्व होता है🙏🙏 आपका बहुत बहुत धन्यवाद नेगी जी ऐसे ऊर्जावान गीत बनाने के लिए और हमारे इतिहास को एक गीत में अच्छे से बताने के लिए🙏🙏
इस गीत को तब से सुनता आ रहा हूं जब ये गीत अस्तित्व में आया था। कोटि कोटि धन्यवाद गढ़ रत्न श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी को हम उत्तराखंड वासियों को हमारी वीर भूमि गढ़वाल के इतिहास से परिचय करवाने के लिए। सही बात है कि उत्तराखंड शिक्षा विभाग को गढ़वाल और कुमाऊं के इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए ताकि हर आने वाली पीढ़ी अपने गौरवशाली इतिहास को जान सके और उस पर गर्व कर सके। श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी को कोटिश नमन एवम धन्यवाद। जय बद्री विशाल। जय हिन्द।
श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी को कोटी कोटी प्रणाम जिन्होंने उत्तराखंड में व पूरे भारतवर्ष में गढ़वाली लोकगीतों को विश्व में राष्ट्रीय पहचान दिलाई है जय भारत माता कि जय हो।
सबसे पहले में श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी को सादर प्रणाम करता हूँ जब जब में आपके गाने सुनता हू तो अपने गढवाली होने पर गर्व महसूस करता हूँ आप अतुल्य उतराखंणड की अनमोल धरोहर है हमारी जन्म भूमी उतराखंणड की माटी को कोटी कोटि प्रणाम करता हूँ जय हो देव भूमि उतराखंणड
🙏🏔️नेगी जी आपके गीतों को सुनकर लगता है कि आपने पूरे उत्तराखंड का इतिहास पढ़ा और उसके बारे में जाना, मुझे लगता है कि आप खुद एक महा काब्य हैं जिसमें पूरे उत्तराखंड की सभ्यता और संस्कृति समाई हुई है।।।। आप को शत शत और बारम्बार नमन।।।।⛳🙏
Negi ji ko pranam jinhone in veero k baare me Sangeet ke madhyam se sabke saamne rkha, Badri Vishal Kedar se yehi prathna hai mera Garh desh sahi Sanskriti ki path pr chlta rahe 🙏🙏🙏
गढ़वाल को 52 गढ़ों का देश कहा जाता है। महान गायक श्री नरेंद्र सिंह नेगी ने इस पर एक गीत की रचना भी की है जिसमें इन गढ़ों का जिक्र है। यहां पर इन्हीं 52 गढ़ और उनके बारे में जानकारी दी गयी है
Me bhut bhagyaali hu Jo mene devbhumi me jhnm liya or ye song sunkr bhut khusi milti h or humari uk ki history ka v ptta lgta h me uk gvt se request krti hu ko Uttarakhand ki history v students ko pdaye taki sabko apni uk ki history ki mhanta ka ptta chle
Hmare uttarakhand ke stadium... airports netao ke nhi balki tilu rauteli...kaffu Chauhan.... maharaja Ajay pal...etc ke naam pr hone chahiye....ye hai hmare real heroes 🙏🙏
Ye koi b din nhi hota hoga jab me ap k gane na sunta hoga 42 sal ki umar ho gai ap jaise kalakaar ne uttrakhand ki pahchan dilai hame dhanya ho Negi ji ap Jio 1000 sall
आप ने हमारे देश में ही नहीं बल्कि सारे संसार में हमारी गढ़वाली संस्कृति को एक विशेष पहचान दिलाई है । आज आपके गीतों के माध्यम से हमारी संस्कृति को सारा विश्व जानता है । आपको कोटि कोटि नमन ।।
When ever i feel low i listen to this song we have struggle on many things Pahad life wasn’t easy and still we are growing Jai Badri Vishal we should support our community and keep thriving for new opportunity to make our UK better place
नेगी आप महान है आप ने उतराखण्ड का नाम पुरे विश्व मे कर दिया आप ने गढवाली गीतो से गढवाली को पहचान दिलाई आप को हमेशा याद किया जायेा आप गीतो से विश्व मे गढवालियो की पहचान बनी है आप इसी तरह हमेशा गढवाली गीत गाते रहे और देव भूमि के गढवालियो की पहचान इसी तरह बनी रबे जय हो गढवाली गीतो के सम्राट श्री नेगी जी
Government of Uttarakhand have to announce this song as a #Anthem_of_Uttrakhand & make it compulsory to sing it in morning assembly of Schools. जुग-जुग तक रालु याद सुमाडि को पन्थ्या दादा, जीतू बग्डवाल पुरिय नैथनी जी वीर गाथा।💪 That how our upcoming generation will know the culture & sacrifices of their ancestors for this Holy Devbhoomi.❤️
पश्चिम में अंतिम गढ़ रामी गढ़ ( वर्तमान जिला शिमला हिमाचल प्रदेश) पूर्व में बधान गढ़( चमोली गढ़वाल) रवाई गढ़,संकरी गढ़, बगड़ी उत्तरकाशी टोंस घाटी में स्थित है चौंदकोट, सबली, भैरव लंगूर गढ़ ,उम्मटी , बनगढ़ पौड़ी गढ़वाल क्विली गढ़ टिहरी गढ़वाल में, नाला गढ़ देहरादून में है।
@@Nitin_Chauhan_Here I'm also from chaundkot it situated in the ameli range block pokhra-ekeshwar pauri Garhwal and that have one more part is also located in chetra range - chetra garhi.
Jai ho devbhoomi dhanya hogya devbhoomi me janam leke aankhri saans tk dev bhoomi Tak juda rhunga jai ma jwala Jai ho kandoliya thakur Jai ho nagaraja devta Jai ho mamu niranjan ❤
Proud to be Garhwali! State govt should teach our language and history in schools and should promote it throughout Uttarakhand, otherwise soon our identity will become history.
@@Kukhyaati bhai hum hamesa pahadi the. Plains se kuch log aaye the. Khas ka jikr Vedas mai hain, jaha Himalayas mai rehne wale logo ko plains wale khas bolte the bahut pehle. Ha bhai jyadatar pahadiyo ke khas ansectory hain. Aaj es word ka galat meaning ban chuka hain lekin asliyat yahi hain ke hum sabh khas the tabhi hum plains walo se alag dekhte hain. Khas kashmiri type dikhte hain
गढ़वाल के 52 गढ़ों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है … पहला … नागपुर गढ़ : यह जौनपुर परगना में था। यहां नागदेवता का मंदिर है। यहां का अंतिम राजा भजन सिंह हुआ था। दूसरा … कोल्ली गढ़ : यह बछवाण बिष्ट जाति के लोगों का गढ़ था। तीसरा … रवाणगढ़ : यह बद्रीनाथ के मार्ग में पड़ता है और रवाणीजाति का होने के कारण इसका नाम रवाणगढ़ पड़ा। चौथा … फल्याण गढ़ : यह फल्दकोट में था और फल्याण जाति के ब्राहमणों का गढ़ था। कहा जाता है कि यह गढ़ पहले किसी राजपूत जाति का था। उस जाति के शमशेर सिंह नामक व्यक्ति ने इसे ब्राह्मणों का दान कर दिया था। पांचवां … वागर गढ़ : यह नागवंशी राणा जाति का गढ़ था। इतिहास के पन्नों पर झांकने पर पता चलता है कि एक बार घिरवाण खसिया जाति ने भी इस पर अधिकार जमाया था। छठा … कुईली गढ़ : यह सजवाण जाति का गढ़ था जिसे जौरासी गढ़ भी कहते हैं। सातवां … भरपूर गढ़ : यह भी सजवाण जाति का गढ़ था। यहां का अंतिम थोकदार यानि गढ़ का प्रमुख गोविंद सिंह सजवाण था। आठवां … कुजणी गढ़ : सजवाण जाति से जुड़ा एक और गढ़ जहां का आखिरी थोकदार सुल्तान सिंह था। नौवां … सिलगढ़ : यह भी सजवाण जाति का गढ़ था जिसका अंतिम राजा सवलसिंह था। दसवां … मुंगरा गढ़ : रवाई स्थित यह गढ़ रावत जाति का था और यहां रौतेले रहते थे। 11वां … रैका गढ़ : यह रमोला जाति का गढ़ था। 12वां … मोल्या गढ़ : रमोली स्थित यह गढ़ भी रमोला जाति का था। 13वां … उपुगढ़ : उद्येपुर स्थित यह गढ़ चौहान जाति का था। 14वां … नालागढ़ : देहरादून जिले में था जिसे बाद में नालागढ़ी के नाम से जाना जाने लगा। 15वां … सांकरीगढ़ : रवाईं स्थित यह गढ़ राणा जाति का था। 16वां … रामी गढ़ : इसका संबंध शिमला से था और यह भी रावत जाति का गढ़ था। 17वां … बिराल्टा गढ़ : रावत जाति के इस गढ़ का अंतिम थोकदार भूपसिंह था। यह जौनपुर में था। 18वां … चांदपुर गढ़ : सूर्यवंशी राजा भानुप्रताप का यह गढ़ तैली चांदपुर में था। इस गढ़ को सबसे पहले पवांर वंश के राजा कनकपाल ने अपने अधिकार क्षेत्र में लिया था। 19वां … चौंडा गढ़ : चौंडाल जाति का यह गढ़ शीली चांदपुर में था। 20वां … तोप गढ़ : यह तोपाल जाति का था। इस वंश के तुलसिंह ने तोप बनायी थी और इसलिए इसे तोप गढ़ कहा जाने लगा था। तोपाल जाति का नाम भी इसी कारण पड़ा था। 21वां … राणी गढ़ : खासी जाति का यह गढ़ राणीगढ़ पट्टी में पड़ता था। इसकी स्थापना एक रानी ने की थी और इसलिए इसे राणी गढ़ कहा जाने लगा था। 22वां … श्रीगुरूगढ़ : सलाण स्थित यह गढ़ पडियार जाति का था। इन्हें अब परिहार कहा जाता है जो राजस्थान की प्रमुख जाति है। यहां का अंतिम राजा विनोद सिंह था। 23वां … बधाणगढ़ : बधाणी जाति का यह गढ़ पिंडर नदी के ऊपर स्थित था। 24वां … लोहबागढ़ : पहाड़ में नेगी सुनने में एक जाति लगती है लेकिन इसके कई रूप हैं। ऐसे ही लोहबाल नेगी जाति का संबंध लोहबागढ़ से था। इस गढ़ के दिलेवर सिंह और प्रमोद सिंह के बारे में कहा जाता था कि वे वीर और साहसी थे। 25वां … दशोलीगढ़ : दशोली स्थित इस गढ़ को मानवर नामक राजा ने प्रसिद्धि दिलायी थी। 26वां … कंडारागढ़ : कंडारी जाति का यह गढ़ उस समय के नागपुर परगने में थे। इस गढ़ का अंतिम राजा नरवीर सिंह था। वह पंवार राजा से पराजित हो गया था और हार के गम में मंदाकिनी नदी में डूब गया था। 27वां … धौनागढ़ : इडवालस्यू पट्टी में धौन्याल जाति का गढ़ था। 28वां … रतनगढ़ : कुंजणी में धमादा जाति का था। कुंजणी ब्रहमपुरी के ऊपर है। 29वां … एरासूगढ़ : यह गढ़ श्रीनगर के ऊपर था। 30वां … इडिया गढ़ : इडिया जाति का यह गढ़ रवाई बड़कोट में था। रूपचंद नाम के एक सरदार ने इस गढ़ को तहस नहस कर दिया था। 31वां … लंगूरगढ़ : लंगूरपट्टी स्थिति इस गढ़ में भैरों का प्रसिद्ध मंदिर है। 32वां … बाग गढ़ : नेगी जाति के बारे में पहले लिखा था। यह बागूणी नेगी जाति का गढ़ था जो गंगा सलाण में स्थित था। इस नेगी जाति को बागणी भी कहा जाता था।
Bhado ki bhumi....dev bhumi Uttrakhand, Jis bar baba kedar, Bhagwan Badrivishal sakshat virajman hain, dhanya humare un poorwajo ke liye jinki Veerta ke Karan hi saikdo warsho Se videshi aakarnatao ke parhar se Hindu aj bhi astitwa mai hai 🍁🙏
Aap k dwaara gaaye gye jitne bhi song h sub song ak naye pal ko ujager krta h.... Ap k song sun k apne phad ki yaad taaja hoti h... Jo humne kbhi dekha nhi suna nhi but apke song se wo sbhi pal jiye jaty h jo kbhi humne dekhy bhi nhi ya kbhi mahsus nhi kiya thankyou negi ji 😘😘
Garhwali song ke suparshid lokgayak narendra negi ji ko mera koti koti parma. Apne Uttarakhand hi Nani balki pure vishwa main Aapni sanskriti pahchan dilai. Aapka geeto ke madhyam se Aaj pura vishwa hamari sanskriti loknritya ko janta hai. Namaskar
गढ़वाल में ५२गढ़ है इस लोकगीत में नेगी जी ने ५२ गढ़ो का बहुत ही अद्भुत तरीके से वर्णन किया है। हमे गर्व है कि हम उत्तराखंडी हैं धन्य है नेगी जी जिन्होंने हमारे इतिहास का वर्णन किया है 🙏🙏🙏🙏
Bhai sahab 52 hai
और 52 गढ़ को अजयपाल ने 1515 ई में जीता
@@judev2. Uppu gad ka shashak thaaa
😅😮😢😊😢😂😅
L
Google 😮😢😊😅😮😢😮😮😢😊😅
0@harendrarawat28😢🎉😂😂❤😅😊45 😊😅😮😢 0:58 0:59 1:00 😢😢
Hindi me 52 aise he likha jata hai
यथार्थवाद तो यही कहता है कि उत्तराखंड के पहाड़ों में रहने वाले सभी लोग जितने सरल और सीधे होते हैं उतने ही वीर भी होते हैं.. परंतु वह अपनी वीरता का प्रदर्शन छल कपट के लिए नहीं करते.. शत शत नमन है देव भूमि उत्तराखंड को..
हमे बहुत गर्व है हम हिंदू और उससे भी बड़ा गर्व देवभूमि वीरभूमि में जन्म लेने का जो हमेशा देवो की भूमि और किसी के गुलाम में न आया बस दुआ आगे भी ऐसी रहे वीरभुमि ❣️❣️🚩🚩🚩👏
कितना दुर्भाग्य है हम उत्तराखंड वासियों का कि हम अपनी संस्कृति और विरासत को भूल रहे है, आज जरूरत है कि हमारी संस्कृति मात्र किताबों और संग्रहालय तक सीमित ना रहें बल्कि यह जीवंत रहे और सांस भरे, भौतिकवादी मानव के बजाय हमें सांस्कृतिक मानव बनने की भी जरूरत है, हमें अपने पूर्वजों के द्वारा दी गई इस अनमोल उपहार पर गर्व करना चाहिए उसके बीज अपनी आने वाली पीढीयों में भी आरोपित करना होगा।
#संस्कृति की जड़ों के बिना खड़े पेड़ों को आने वाला तुफान आसानी से उखाड़ लेगा ।
जय बद्री विशाल जय उत्तराखंड 🙏
I'm in Garhwal rifles and I know every word meaning of this song 😘 love you Negi ji ...
Jai badri Vishal
हमने अपने इस महान इतिहास को कहीं खो दिया ।
हमारी इतिहास की किताबों में इसे शामिल किया जाना चाहिए था।
वीरों से भरी इस भूमि के अस्तित्व को जीवित रखने के लिए ये अत्यंत आवश्यक और महत्त्वपूर्ण है।
मुंडो का चौरां चीणि अर लवै का घट रिगैन🙄😯
🙏देवभूमी
सही बात कही भाई जी
Ji jarur humare uttarakhand ke beeron ka itihas hum sbko pta ho chahiye 🙏
Aap uksssc ki tyari krlo sb yaad ho jayega aapko
Bhai jin veero ki bat hui he unka nam Or janm date ke sath koi information de sakta he mujhe?
Sahi baat hai
Negi is not just a singer, it's an era. Which loves by every 90s kids..a man who loves his history should listen his song..
⛳Absolutely Right Brother🙏
Not only 90s kids every kid and adult from Uttarakhand loves him
Not only 90es I am now 15 yers old and I leason every gadwali song I bron in devbhoomi I prode it
@@chandangusain3588 ct
Shat pratishat bhal baat buwal tumun bheji
आपके हर शब्दों में गढ़वाल का नाम छलकता है आप महान हो sir जी आपके हर गानो के बोल में गढ़वाल की वो सच्चाई होती है जिसे कोई छुपा नही सकता ।।।
आप महान हो sir जी ।। i proud be garhwali
गढ़वाल का इतिहास छुपा है इस गीत में
आजकल कोरोना काल मे मैं भी सुन रहा हूँ घर पर बन्द हैं 17 दिन तक
जीतू बग्द्वाल पुरीया नैथानी वीर गाथा।
मेरे गढ देश की आवाज ने गी जी को। शत शत। नमन। आपके गीत। क,ई सदियाँ तक हमारी आने वाली पीढियों वह हमारे। दिलों। मे रहेगें
Shi kaha BHAi aapne
Nicr
Yes..👍👍
आपके गानों को सुन कर दिल गद गद हो जाता है नेगी जी आप के स्वर हम कभी नही भूला पाएंगे
नेगी जी को नमन जब तक पहाड़ जिन्दा छन तब तक यी गीत जु शुद्ध ऐतिहासिक छन दगड़ी राला यी गीत हमारा इतिहास का गवाह छन धन्य हो महानता कु क्वी ज़बाब नी
जब जब मैं आपके गाने सुनता हूँ तो अपने गढ़वाली होने पर गर्व महसूस करता हूँ । आप अतुल्य उतराखण्ड की अनमोल धरोहर हैं।
Sahi kaha bheji
Wow
Plot kha le rakha bhai apn
Ganesh bhai plot ki zaroorat nh h apna gaon bhaut h . Aage se aise chutiye sawaal mt puchna
I love you u k
नेगी जी आप महान हैं आपके तारीफ में जिन शब्द का भी प्रयोग करू वो सब छोटे पड़ जाते हैं आप अतुल्य हैं अनमोल हैं आपने उत्तराखंड को विश्व में संगीत के माध्यम से ऊँचाई तक पहुँचाया है आपको कोटि कोटि नमन।
इस गीत में उत्तराखंड की महानता चुपी हुई हैं।
आजकल के नये कलाकारों को हमारी संस्कृति और सभ्यता को भी बयां करना होगा।
जय केदार जय बद्री
देवभूमि उत्तराखंड को प्यार करने वाले कितने लोग सहमत हैं?
आप हमेशा इस पावन धरती पर अमर रहेंगे, हमें आप पर गर्ब है, आपने उत्तराखंड बीरता का सुन्दर बर्णन किया है बार बार सुनने का मन करता है इतना ज्ञान आपको हि हो सकता है
नेगी जी ने 52 गढ़ो का जिक्र और यहाँ की वीरता का वर्णन इस गीत मे साफ झलक आ रही है🙏 धन्यवाद आपका।
हमारी उमर भी आपको समर्पित 🇮🇳
नेगी जी ने जब इस गीत की रचना की होगी तो कितनी मेहनत से की होगी कहां कहां से एक एक शब्द चुने होंगे धन्य हैं नेगी जी इसीलिए आपको गढ़ रत्न कहा जाता है
कहां-कहां की कहानी जोड़कर एक ऐतिहासिक गाना बनाया गया नेगी जी को तहे दिल से मेरा प्रणाम एवं हमारी उम्र भी नेगी जी को लग जाए एवं दीर्घायु हो
जब भी मैं इस गीत को सुनता हूँ मेरे शरीर मे अनेकों प्रकार की ऊर्जा उत्तपन हो जाती है गढ़रतन नेगी को सत सत नमन❤️❤️🙏🙏🙏
Jay Badri Vishal
Jab Main is Geet ko sunta hun mere sharir mein urja a jaati Hai Jay Ho garh Bhoomi Jay Ho Garhwal good Ratan Negi sat sat Naman
सही कहा 👍
वाह क्या लिखा है नेगीजी आपने, जैसे कि गीत की उत्पति खुद माँ सरस्वती द्वारा की गयी हो। आप सबसे अलग और सर्बश्रेष्ठ हो। कोटि कोटि नमन आपको।
Immortal love story of Raja Malushahi and Rajula :-
Once upon a time in Uttarakhand, there was a Prince of Bairat (बैराठ) named Raja Malushahi (son of king Dulashahi) who fell in love with a simple girl, named Rajula (daughter of Sunpati Shauka). This is a famous love story of Rajula and Raja Malushahi in pride of Kumaoni folk literature. The king Raja Malushahi and Rajula loved each other unconditionally.
Raja Malushahi dreamt of Rajula even before meeting her. But one fortunate day, they converge and the story begins. But due to some circumstances, they couldn't be together. So, the king Raja Malushahi took pledge to sacrifice the world and become a hermit (साधु) until he finds her, and leave all their kingdom to adopt the hermit life ( साधु जीवन).
@prashantshukla482
instagram.com/p/CCbKunmgQ8E/?igshid=eqz6y21hu387
Negi jii ke gaane kitni bhi baar sun lo Kam hi hai kyu inke saare gaane kisi na kisi ghatna pe aadharit hai inke gaane sunne ka maza hi alag hai mujhe proud hai ki me uttarakhand ka beta hu jai dev bhoomi uttarakhand 🙏🙏
बीरू भडू कु देश 🙏 नेगी जी को शत शत नमन ! हमें अपने उत्तराखंड के इतिहास पर गर्व है 🙏 और बावान गढ़ का इतिहास को एक गाने में समेटने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏 नेगी जी अमर रहेंगे 💜
Chauhan 💪💪
नरेंद्र सिंह नेगी जी ने गढ़वाल का इतिहास अपने इस गाने के माध्यम से प्रदर्शित किया है नेगी जी ने गढ़वाल की संस्कृति और सभ्यता को बचाया जो कि आने वाले पीढी को उनके पूर्वजों की याद दिलाएगी 😅 गढ़ रत्न नेगी जी को सत सत नमन
गढ़वाल के इतिहास का वर्णन गीत के माध्यम से
अविस्मरणीय , अकल्पनीय,
उत्तराखंड की इस भावनात्मक संस्कृति को दिल से नमन❤️
हमारी संस्कृति मान्यवर सुरेंद्र सिंह नेगी पर आधारित है मैं अपने आप को प्राउड फूल करता हूं उत्तराखंडी भाई बहनों और सुरेंद्र सिंह नेगी जी को हार्दिक नमन करता हूं
नरेंद्र सिंह नेगी जी हैं ये😊
Jab Kabhi Apne Ko kamjor samajhta Hoon To Narender Singh Negi ji ka Yah geet Sun Leta Hoon thank you so much💪🙏
Dhany hain negi ji aap aur aap ki awaaj ..sirf aur sirf kewal aap ke hi geetoun me dev bhumi Uttarakhand ki sinskriti aur sabhyta riti riwaaj ki yaad har ek Uttarakhandiyou ka man ma Jaga deti hai.
Humko garv hai ki humne uttrakhand me janam hua
Or lokpriy gayak mile jinhone apne uttrakhand ke liye ek se anek apne uttrakhand ke bare me bahut ache geet gye unki jitni bhi taarif ki jaye kam hai sat sat koti naman Negi ji aapko ❤❤❤❤🙏🙏
ये हमारा सौभाग्य है कि हम गढ़रत्न श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी के संगीत का आनंद ले रहे हैं 🔊🎹🎵
उत्तराखंड मेरि मातृभूमि, मातृभूमि मेरि पितृभूमि ओ भूमि तेरि जय जयकारा म्यार हिमाला🌋🗻🏔🌄
नेगी जी जो आपने अपने संस्कृति के प्रति लोगों को रूबरू कराया है आपको धन्यवाद देना चाहते हैं 🙏
बहुत सुंदर गीत इनमें से मेरा गढ़ सांकरी , सूर्यवंशी राणा जाति का गढ़, इस गीत से हमें 52 गढ़ो की जानकारी मिलती है। नेगी जी का तहदिल से शुक्र गुजार करता हूं ।
अगर गढ़वाल के पहाड़िओं के जीवन के बरे मे जानना हो तो इन्हें नरेन्दर सिंह नेगी जी को सुनान ओर पढ़ना चाहिए
भग़़वान कहते हैं -
तू क़रता वही हैं, जो तू चाहता हैं,
पर होता वही हैं जो मै चाहता हूं।
तू वों क़र जो मै चाहता हूं,
फिर देख़, होगा वही जो तू चाहता हैं।।
हरेंद्र रावत जी ने सही कहा है इस गाने को सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं धन्य हो नरेंद्र सिंह नेगी जी के लिए जिन्होंने इस तरह के शब्दों को इसमें एक इतनी शब्दों को जोड़ा
नेगी जी का ये गीत सुनकर बहुत ही ऊर्जावान महसूस करता हूं और अपने गढ़वाल अपने उत्तराखंड पर बहुत गर्व होता है🙏🙏
आपका बहुत बहुत धन्यवाद नेगी जी ऐसे ऊर्जावान गीत बनाने के लिए और हमारे इतिहास को एक गीत में अच्छे से बताने के लिए🙏🙏
Sare Gadhon Ko apni awaj dekar apne sab Amar kar diya Negi ji mahan Garhwali gayak Samrat. Koi bhi apke aas paas nahi thahrta.
इस गीत को तब से सुनता आ रहा हूं जब ये गीत अस्तित्व में आया था। कोटि कोटि धन्यवाद गढ़ रत्न श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी को हम उत्तराखंड वासियों को हमारी वीर भूमि गढ़वाल के इतिहास से परिचय करवाने के लिए। सही बात है कि उत्तराखंड शिक्षा विभाग को गढ़वाल और कुमाऊं के इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए ताकि हर आने वाली पीढ़ी अपने गौरवशाली इतिहास को जान सके और उस पर गर्व कर सके। श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी को कोटिश नमन एवम धन्यवाद। जय बद्री विशाल। जय हिन्द।
गढ़ रत्न श्री नरेंद्र सिंह नेगी🙏
उत्तराखंड के गौरवशाली इतिहास को हम तक पहुचाने के लिए 🙏🙏
श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी को कोटी कोटी प्रणाम जिन्होंने उत्तराखंड में व पूरे भारतवर्ष में गढ़वाली लोकगीतों को विश्व में राष्ट्रीय पहचान दिलाई है जय भारत माता कि जय हो।
गर्व है अपने गढ़वाल की शौर्यगाथा पर।
सबसे पहले में श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी को सादर प्रणाम करता हूँ जब जब में आपके गाने सुनता हू तो अपने गढवाली होने पर गर्व महसूस करता हूँ आप अतुल्य उतराखंणड की अनमोल धरोहर है हमारी जन्म भूमी उतराखंणड की माटी को कोटी कोटि प्रणाम करता हूँ जय हो देव भूमि उतराखंणड
इस गीत सुनकर रौंगटे खड़े हो जाते हैं सारा पहाड़ इसमें समाया है
Really bro
1qà
@¹@
You are right 👍
🙏🏔️नेगी जी आपके गीतों को सुनकर लगता है कि आपने पूरे उत्तराखंड का इतिहास पढ़ा और उसके बारे में जाना, मुझे लगता है कि आप खुद एक महा काब्य हैं जिसमें पूरे उत्तराखंड की सभ्यता और संस्कृति समाई हुई है।।।। आप को शत शत और बारम्बार नमन।।।।⛳🙏
Kisi ne sahe kaha hai, agar uttrakhand ke bare me janna ho toh negi ji ke gaane suno..very well said..proud of u negi ji🙏🙏
Bahut badi baat kahi h bhai❤️
Negi ji ko pranam jinhone in veero k baare me Sangeet ke madhyam se sabke saamne rkha, Badri Vishal Kedar se yehi prathna hai mera Garh desh sahi Sanskriti ki path pr chlta rahe 🙏🙏🙏
गढ़वाल को 52 गढ़ों का देश कहा जाता है। महान गायक श्री नरेंद्र सिंह नेगी ने इस पर एक गीत की रचना भी की है जिसमें इन गढ़ों का जिक्र है। यहां पर इन्हीं 52 गढ़ और उनके बारे में जानकारी दी गयी है
Me bhut bhagyaali hu Jo mene devbhumi me jhnm liya or ye song sunkr bhut khusi milti h or humari uk ki history ka v ptta lgta h me uk gvt se request krti hu ko Uttarakhand ki history v students ko pdaye taki sabko apni uk ki history ki mhanta ka ptta chle
Hmare uttarakhand ke stadium... airports netao ke nhi balki tilu rauteli...kaffu Chauhan.... maharaja Ajay pal...etc ke naam pr hone chahiye....ye hai hmare real heroes 🙏🙏
जब तक सूरज चाँद रहेगा उत्तराखंड में नेगी जी का नाम रहेगा
Hmm
Thankyou negi ji for describing uttarakhnd history in such a way😍🥰
goosebumps..
गढरत्न पुज्य श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी को शत शत नमन नेगी जी की गानों की कुछ बात ही अलग है ❤️🙏🙏🙏
Waah negi ji
Thanks to uksssc jiski wajah se hme apni history pdne ka mauka mila🙏🙏
Ye koi b din nhi hota hoga jab me ap k gane na sunta hoga 42 sal ki umar ho gai ap jaise kalakaar ne uttrakhand ki pahchan dilai hame dhanya ho Negi ji ap Jio 1000 sall
आप ने हमारे देश में ही नहीं बल्कि सारे संसार में हमारी गढ़वाली संस्कृति को एक विशेष पहचान दिलाई है । आज आपके गीतों के माध्यम से हमारी संस्कृति को सारा विश्व जानता है ।
आपको कोटि कोटि नमन ।।
mai english
suresh kanswal ū/
Mari aap logo yhi umid h hmari siskrti agi bdai
Jay
Gdwal Jay nagi ji gdwal ki saan
Q dew
We
इसमे 52 गडो का इतिहास छुपा है❤❤
जय जय बद्री केदार ।
गड़ भूमि गढ़ नरेश । 🕉️🙏
52 forts of Garhwal
1
Nagpur Garh
14
Nalagarh
27
Dhonagarh
40
Kanda Garh
2 Kolli Garh
15
Sankrigarh
28 Ratangarh
41
Savligarh
3 Ravangarh
16 Rami Garh
29 Erasugarh
4 Falyan Garh
17
Biralta Garh
30 India Garh
42
Badalpur Garh
43 Sangelagarh
5 Wagar Garh
18
Chandpur Garh
31 Langurgarh
44 Gujargarh
6
Kuili Garh
19 Chaunda Garh
32 Bagh Garh
45 Jotgarh
7
Bountiful Stronghold
20 cannon bastion
33
Garhkot Fort
46
Devalgarh
8
Kujani Garh
21
Rani Garh
34
Gadtang Garh
47 Lodgarh
9 Silgarh
22
srigurugarh
35 vangarh
48
Jolpur Garh
10 Mungra Garh
23
Badhangarh
36
Bhardar Garh
49
Champa Garh
11
Reka Garh
24
Lohbagarh
37 Chandkot Garh
50
Dodrakanra g
12
Molya Garh
25
Dasholigarh
38
Nayal Garh
51 Bhuvan
13 Upugadh
26
Kandaragarh 39
Ajmir Garh
52 Lodan Citadel
दिल को छूने वाला गीत। जितनी बार सुनो दिल खुश हो जाता है। बहुत बहुत धन्यवाद नेगी जी इस तनाव भरे जीवन को खुशनुमा बनाने के लिए 😊 ❤️🙏🙏🥰🙏
I'm your subscriber
Garhwal ke 52 garho Ka ullekh negi ji ke ess geet se badiya aur koi Nahi Kar Sakta . Negi ji KO pranaam hai 🙏🙏🙏🙏
When ever i feel low i listen to this song we have struggle on many things Pahad life wasn’t easy and still we are growing Jai Badri Vishal we should support our community and keep thriving for new opportunity to make our UK better place
नेगी जी सिर्फ एक गायक नही बल्कि ये वो आवाज है जो पूरे उत्तराखंड का वर्णन अपने सुरु से करते है
नेगी आप महान है आप ने उतराखण्ड का नाम पुरे विश्व मे कर दिया आप ने गढवाली गीतो से गढवाली को पहचान दिलाई आप को हमेशा याद किया जायेा आप गीतो से विश्व मे गढवालियो की पहचान बनी है आप इसी तरह हमेशा गढवाली गीत गाते रहे और देव भूमि के गढवालियो की पहचान इसी तरह बनी रबे जय हो गढवाली गीतो के सम्राट श्री नेगी जी
Ankit Bhandari
Nice song Negi ji 🙏
बहुत ही अच्छा लगा धन्य हैं नेगी जी आप महान है
🎺
उत्तराखण्ड का नाम रोशन किया
Government of Uttarakhand have to announce this song as a #Anthem_of_Uttrakhand & make it compulsory to sing it in morning assembly of Schools.
जुग-जुग तक रालु याद सुमाडि को पन्थ्या दादा, जीतू बग्डवाल पुरिय नैथनी जी वीर गाथा।💪
That how our upcoming generation will know the culture & sacrifices of their ancestors for this Holy Devbhoomi.❤️
Bhai fir kumaon ka kya hoga
It should be anthem of Garhwal not of whole Uttarakhand
Koi zarurat nahi hai .
Kumaon ka bhi ek regional aisa hi geet hona chaahiye
Bedo pako baro masa hai toh
अपनी उत्तराखंड संस्कृत में यह पहला ऐसा गाना है जो मेरे दिल को छू गया❤️❤️❤️🙏🙏
Unbelievable composition & extremely melodious. Blessed to hear such voice. Artificer of Indian Navy- Uttam salutes you Negi ji.
Negi ji ko aise hi kumoun ki veer gathao pr banana chaiye❤
Jai rajputana bhai
Dhanya hu m jo mujhe bharat jaisee desh m janm mila lekin ussse v dhanya hu jo k mujhe gadwal m janm mila jai ho
Kaffu chauhan is my favourite in our uttrakhand history 🙏🙏 inke naam pr ek b monument nhi h yaha...or netao ke naam pr sb hai 🙏
Negi ji garhwali song ke kishor Kumar hain dhany hai aapko bahut Sundar baar baar dene ke liye. Bahut acchae negi daa
Uttarakhand Legend Narendra Singh Negi ji ❤
Listening to this song, different energy comes in the blood. 🙇🏻♂️🙇🏻♂️
विश्व में सबसे अलग मेरा उत्तराखंडी संस्कृति विरु भडु कु देश जय बद्री केदार जी
अपनी संस्कृति से जुडे रहने और आगे बढ़ाने के लिए गढ़ रत्न श्रीं नेगी जी कोटि कोटि प्रणाम और धन्यवाद।
पश्चिम में अंतिम गढ़ रामी गढ़ ( वर्तमान जिला शिमला हिमाचल प्रदेश) पूर्व में बधान गढ़( चमोली गढ़वाल) रवाई गढ़,संकरी गढ़, बगड़ी उत्तरकाशी टोंस घाटी में स्थित है चौंदकोट, सबली, भैरव लंगूर गढ़ ,उम्मटी , बनगढ़ पौड़ी गढ़वाल क्विली गढ़ टिहरी गढ़वाल में, नाला गढ़ देहरादून में है।
I m from Chaundkot
@@Nitin_Chauhan_Here I'm also from chaundkot it situated in the ameli range block pokhra-ekeshwar pauri Garhwal and that have one more part is also located in chetra range - chetra garhi.
I think dodra kwar is the last garh of garhwal...
Bagdi rawai gad❤
Rani gad❤ pauri garhwal
Jai ho devbhoomi dhanya hogya devbhoomi me janam leke aankhri saans tk dev bhoomi Tak juda rhunga jai ma jwala Jai ho kandoliya thakur Jai ho nagaraja devta Jai ho mamu niranjan ❤
The best song for UK PCS aspirants
Me bhi tabhi aaaya 😅
Sir Aapke jensa or koi ni hai aap ko sunne ko hamesa dil mai ek hi name ata hai kuch sunna hai to sirf aapki awaz
Narendra Singh Negi sir hmare uttarakhand Ki shaan hai...huge love and respect ❤️❤️.. Jai uttarakhand 🙏🔱
वाह ,जितनी बार सुनो इस गाने को उतने ही बार एक ऊर्जा आती है।
हम तोप के तोपाल ❤ जय देव भूमि उत्तराखंड 🙏
Proud to be Garhwali , Proud to be Negi da Fan.. Jai Jai Badri Kedar 🙏
The legend of garhwal uttrakhand..love you negi ji..
Nice song
उत्तराखण्ड के महान कलाकर श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी को मेरा प्रणाम मा सरस्वती की आप पे असीम कृपा है
Kon kon uttarakhand pad ke yahan aaya hai like or comment kare😅😅😅😅😂😂😂😂
Only pcs 😂
सकून तो नेगी जी के गाने सुन के ही मिलता है ना कि आज कल के उल्टे सीधे गाने जिनका कोई मतलब ही नहीं
Proud to be Garhwali! State govt should teach our language and history in schools and should promote it throughout Uttarakhand, otherwise soon our identity will become history.
@@Kukhyaati bhai hum hamesa pahadi the. Plains se kuch log aaye the. Khas ka jikr Vedas mai hain, jaha Himalayas mai rehne wale logo ko plains wale khas bolte the bahut pehle. Ha bhai jyadatar pahadiyo ke khas ansectory hain. Aaj es word ka galat meaning ban chuka hain lekin asliyat yahi hain ke hum sabh khas the tabhi hum plains walo se alag dekhte hain. Khas kashmiri type dikhte hain
@@parveshbisht4955 sai baat bwanu ch bhula tu.
जब भी इस गाने को सुनता हूं तो मेरे शरीर करुणा भाव से भर जाता है
गढ़वाल के 52 गढ़ों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है …
पहला … नागपुर गढ़ : यह जौनपुर परगना में था। यहां नागदेवता का मंदिर है। यहां का अंतिम राजा भजन सिंह हुआ था।
दूसरा … कोल्ली गढ़ : यह बछवाण बिष्ट जाति के लोगों का गढ़ था।
तीसरा … रवाणगढ़ : यह बद्रीनाथ के मार्ग में पड़ता है और रवाणीजाति का होने के कारण इसका नाम रवाणगढ़ पड़ा।
चौथा … फल्याण गढ़ : यह फल्दकोट में था और फल्याण जाति के ब्राहमणों का गढ़ था। कहा जाता है कि यह गढ़ पहले किसी राजपूत जाति का था। उस जाति के शमशेर सिंह नामक व्यक्ति ने इसे ब्राह्मणों का दान कर दिया था।
पांचवां … वागर गढ़ : यह नागवंशी राणा जाति का गढ़ था। इतिहास के पन्नों पर झांकने पर पता चलता है कि एक बार घिरवाण खसिया जाति ने भी इस पर अधिकार जमाया था।
छठा … कुईली गढ़ : यह सजवाण जाति का गढ़ था जिसे जौरासी गढ़ भी कहते हैं।
सातवां … भरपूर गढ़ : यह भी सजवाण जाति का गढ़ था। यहां का अंतिम थोकदार यानि गढ़ का प्रमुख गोविंद सिंह सजवाण था।
आठवां … कुजणी गढ़ : सजवाण जाति से जुड़ा एक और गढ़ जहां का आखिरी थोकदार सुल्तान सिंह था।
नौवां … सिलगढ़ : यह भी सजवाण जाति का गढ़ था जिसका अंतिम राजा सवलसिंह था।
दसवां … मुंगरा गढ़ : रवाई स्थित यह गढ़ रावत जाति का था और यहां रौतेले रहते थे।
11वां … रैका गढ़ : यह रमोला जाति का गढ़ था।
12वां … मोल्या गढ़ : रमोली स्थित यह गढ़ भी रमोला जाति का था।
13वां … उपुगढ़ : उद्येपुर स्थित यह गढ़ चौहान जाति का था।
14वां … नालागढ़ : देहरादून जिले में था जिसे बाद में नालागढ़ी के नाम से जाना जाने लगा।
15वां … सांकरीगढ़ : रवाईं स्थित यह गढ़ राणा जाति का था।
16वां … रामी गढ़ : इसका संबंध शिमला से था और यह भी रावत जाति का गढ़ था।
17वां … बिराल्टा गढ़ : रावत जाति के इस गढ़ का अंतिम थोकदार भूपसिंह था। यह जौनपुर में था।
18वां … चांदपुर गढ़ : सूर्यवंशी राजा भानुप्रताप का यह गढ़ तैली चांदपुर में था। इस गढ़ को सबसे पहले पवांर वंश के राजा कनकपाल ने अपने अधिकार क्षेत्र में लिया था।
19वां … चौंडा गढ़ : चौंडाल जाति का यह गढ़ शीली चांदपुर में था।
20वां … तोप गढ़ : यह तोपाल जाति का था। इस वंश के तुलसिंह ने तोप बनायी थी और इसलिए इसे तोप गढ़ कहा जाने लगा था। तोपाल जाति का नाम भी इसी कारण पड़ा था।
21वां … राणी गढ़ : खासी जाति का यह गढ़ राणीगढ़ पट्टी में पड़ता था। इसकी स्थापना एक रानी ने की थी और इसलिए इसे राणी गढ़ कहा जाने लगा था।
22वां … श्रीगुरूगढ़ : सलाण स्थित यह गढ़ पडियार जाति का था। इन्हें अब परिहार कहा जाता है जो राजस्थान की प्रमुख जाति है। यहां का अंतिम राजा विनोद सिंह था।
23वां … बधाणगढ़ : बधाणी जाति का यह गढ़ पिंडर नदी के ऊपर स्थित था।
24वां … लोहबागढ़ : पहाड़ में नेगी सुनने में एक जाति लगती है लेकिन इसके कई रूप हैं। ऐसे ही लोहबाल नेगी जाति का संबंध लोहबागढ़ से था। इस गढ़ के दिलेवर सिंह और प्रमोद सिंह के बारे में कहा जाता था कि वे वीर और साहसी थे।
25वां … दशोलीगढ़ : दशोली स्थित इस गढ़ को मानवर नामक राजा ने प्रसिद्धि दिलायी थी।
26वां … कंडारागढ़ : कंडारी जाति का यह गढ़ उस समय के नागपुर परगने में थे। इस गढ़ का अंतिम राजा नरवीर सिंह था। वह पंवार राजा से पराजित हो गया था और हार के गम में मंदाकिनी नदी में डूब गया था।
27वां … धौनागढ़ : इडवालस्यू पट्टी में धौन्याल जाति का गढ़ था।
28वां … रतनगढ़ : कुंजणी में धमादा जाति का था। कुंजणी ब्रहमपुरी के ऊपर है।
29वां … एरासूगढ़ : यह गढ़ श्रीनगर के ऊपर था।
30वां … इडिया गढ़ : इडिया जाति का यह गढ़ रवाई बड़कोट में था। रूपचंद नाम के एक सरदार ने इस गढ़ को तहस नहस कर दिया था।
31वां … लंगूरगढ़ : लंगूरपट्टी स्थिति इस गढ़ में भैरों का प्रसिद्ध मंदिर है।
32वां … बाग गढ़ : नेगी जाति के बारे में पहले लिखा था। यह बागूणी नेगी जाति का गढ़ था जो गंगा सलाण में स्थित था। इस नेगी जाति को बागणी भी कहा जाता था।
बहुत अच्छे
Dhanyavaad apka itne ache se btane ke liye
अगर जनम "उत्तराखंड" मे मिले , फिर जिंदगी से कोई शिकायत नही है! ❤ जय देवभूमि तेरी सदा ही जय हो।❤
जब जब इस गाने को सुनता हूँ तो रोंगटे उठ जाते हैं...
Grand salute... नेगी दा...
🙏🙏🙏🙏
Bhado ki bhumi....dev bhumi Uttrakhand, Jis bar baba kedar,
Bhagwan Badrivishal sakshat virajman hain, dhanya humare un poorwajo ke liye jinki Veerta ke Karan hi saikdo warsho Se videshi aakarnatao ke parhar se Hindu aj bhi astitwa mai hai 🍁🙏
Ye geet aise hai jo expired nahi hote
Jai uttarakhand ❤️
नेगी जी आप के सभी लोकगीत सर्वश्रेत् होते है पर ये उन लोकगीत में सबसे उत्तम गीत है आप को नमन👍👌
बहुत सुंदर प्रस्तुति है श्रीमान नेगी जी हमारे गड़रत्न और गौरव ,,,,
Dhanyabaad negi Ji. Apke geeto ke Karna hamari saskrti thodi bachi hui hai
नेगी जी को कोटि-कोटि नमन। हमें आप पर गर्व है।
Negi ji ने इस गाने में पूरा uttrakhand को पिरोया बहुत ही सुंदर हमें बहुत ही गर्व होता की हम uttrakhandi hai
आपके द्वारा गाये गए गढवाली गीत सर्वश्रेष्ठ है।
आपके गीत यादगार रहेगे नेगी दा
Try
My favourite song
उत्तराखंड की संस्कृति को बनाए और संजोए रखने मैं आपका बहुत बड़ा योगदान।
Aap k dwaara gaaye gye jitne bhi song h sub song ak naye pal ko ujager krta h.... Ap k song sun k apne phad ki yaad taaja hoti h... Jo humne kbhi dekha nhi suna nhi but apke song se wo sbhi pal jiye jaty h jo kbhi humne dekhy bhi nhi ya kbhi mahsus nhi kiya thankyou negi ji 😘😘
Garhwali song ke suparshid lokgayak narendra negi ji ko mera koti koti parma.
Apne Uttarakhand hi Nani balki pure vishwa main Aapni sanskriti pahchan dilai.
Aapka geeto ke madhyam se Aaj pura vishwa hamari sanskriti loknritya ko janta hai.
Namaskar