ANEKO PRASHAN AISE HAIN

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  • เผยแพร่เมื่อ 2 ก.พ. 2015
  • अनेकों प्रश्न ऐसे हैं......
    क्या ऐसे प्रश्न भी हैं जिन्हें दोहराया नहीं जा सकता ? क्या ऐसे उत्तर भी होते हैं जिन्हें दोहराना सम्भव नहीं है ? कैसे होते हैं ऐसे प्रश्न और उत्तर ? उन्हें कैसे समझा जाय ?
    रहीम ने भी कहा है -
    ‘जिन देखा सो कहा नहीं, कहा सो देख नाहिं।
    रहिमन अगम बात। कहन सुनन की नाहिं।।
    ऐसे कुछ उलझे हुए सामाजिक, धार्मिक एवम् आध्यात्मिक प्रश्नों के सरल समाधान सुनिये स्वामी महाराज से।

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