@@Lalji-h6sVery beautiful I am very happy with good feelings and ideas of Shri Premanandji Maharaj and after lady,I do not know of her name .Koti-Koti Pranam Tfor both and all also🎉
प्रसव के उपरांत और परिवार में मृत्यु के उपरांत और गृहण काल में जब पूजन वर्जित है तो इस अवस्था मे भगवत कथा कैसे की जा सकती है। परम् पूज्य प्रेमानन्द जी कथन बिल्कुल सत्य
प्रेमानंद गुरुजी सत्य कह रहे हैं हमारे पुराणों में कहीं नहीं लिखा कि स्त्रियां अशुद्ध अवस्था में पूजाकरें मैं भी एक स्त्री हूं मैं भी इस बात तो सहमत हूं मैं यह नियम कर रखती हूं और दूसरों को भी रखना चाहिए जय श्री राधे श्याम ❤❤
Ek tarf toh bolenge aatma kabhi asuddh nhi hoti ,dusri taraf aisi bakwas krte h,in sab babao ko jail mai hona chahiye public ko bewakoof banane ke liye
हे प्रभु जल्दी प्रलय कर दो और इस बार जब सृष्टि का सृजन हो तो नारी बनाना ही मत सारा राज पाट पुरूषों को दे दो हे प्रभु अब कितना और अपमान सहना होगा जगतजननी को
बिश्नोई धर्म में 29नियम गुरु जम्भेश्वर भगवान ने दिए जिसमें एक नियम है पांच दिन तक रजस्वला स्त्री को एकांत में रहना, गृह कार्यों से दूर रहना । संतों की बात शास्त्र सम्मत है। जया किशोरी जी बचपने जैसी बात कर रही है जो उचित नहीं है
''तुम्हारी साड़ी कौन उतार रहा है इस टाइम" ----ये शब्द महिलाओं के प्रति कहना सर्वथा अनुचित है।भले ही ये शब्द आवेश में निकल गये हों,इरादा सही है तथापि शब्दों पर नियंत्रण रखा जाये। विशेष रूप से समाज के मार्गदर्शक के मुख से ये शब्द आपत्तिजनक प्रतीत होते हैं।🙏
सभी शरीरधारी है इसलिए शरीर की बातें कर रहे हैं परमात्मा का केवल आत्मा से संबंध है किसी के शरीर के साथ संबंध नहीं है,जब जब आत्मा ने परमात्मा को पुकारे है,परमात्मा मददगार बनते हैं,,परमात्मा केवल अपने को याद करने के लिए कहते हैं कोई बाहरी आडंबर नहीं अवस्था चाहे जो परमात्मा की याद निरंतर बनी रहे तभी हमारा सद्गति हो सकता है🇲🇰💐🙏👍
jaya kesori ji will right. If someone say where the things written then I say the writtet is also male and who is he bto decide thing what a female do Or not and pay is
Shiii h kebal us samay aram ki avshykata hoti h isliye sb krne ki bjh rest ka btaya gya h bs bhagwan ko chhu to bese v nh skte bhajan mai h bo to bs stri ho y purus
भगवान सब जगह है इसका मतलब ये है क्या की गंदे नाले में बैठकर भजन करें, भैया भजन तो मंदिर और पवित्र जगह पे ही किया जाता है ना, इसी तरह अपवित्र अवस्था में कुछ चीज़ें वर्जित हैं और हमें पालन करना चाहिए
@@ranjana2485 इसमे भावना का क्या है, जो सही हे वो सही है. स्त्री मासिक धर्म मे ब्रह्म हत्यारी स्वरूप होती है और अपवित्र होती है। अगर कोई स्त्री शास्त्र मर्यादा का उल्लंघन करती है, तो सबसे पहले तो उसका खुद का घर ही अपवित्र होने वाला है। उसके खुदके पति और पुत्र को ब्रह्म हत्या लगने वाली है। और उसको खुद को भी अगला जन्म कुत्ते का मिलेगा। तो अपने और अपने परिवार पे तो कृपा करके नियम पालन करना चाहिए।
koi kam nhi hai, premanand ji ke pass, phle pandit ji mishra ko target Kiya , ab masik dharm ko yhi kam hai, unke pass, aesa lagta wo hi bhagwan , jo duniya chala rhe hai, ghamndi sant
ये सही बात है मेने खुद देखदेखा है तुलसी के पास मासिक धर्म में जाने से तुलसी मुरझा जाती है और हम गांव में लोकी और कद्दू की बेल को भी मासिक धर्म में पानी दे देते थे तो वो मर जाती थीं ये मेरा खुद का अनुभव है अतः इन चीजों को मानना चाहिए।
Aisa kuchh nahin hai kaha jata hai ki Achar chhune se bhi Achar kharab ho jata hai mere ghar mein to periods mein sabhi chhute Hain kharab nahin hota hai do teen bar Maine periods mein Tulsi Ko jal bhi de Diya hai nahin sukhi
प्रेमानंद जी महाराज के विचार बहुत ही अच्छे लगे वो किसी खंडन नहीं करते हैं वे तो साधारण है ही नहीं उनके अंदर से कोई शक्ति ही बोलती है ओर वो लाड़ली जी राधे रानी ही बसी है उनके रोम रोम में वो हर पल हर घड़ी उनके ह्रदय में ही रहती है ऐसे संत साधारण नहीं होते हैं
वे शास्त्रों को नही मानते तो वह एक अपवित्र पुरुष मात्र हैं, धार्मिक संत नही। शास्त्रों में स्त्री को देवी कहा जाता है। अगर वे शास्त्र मानते हैं तो देवी में दोष कैसे निकाल रहे हैं? वे पापी हैं।
स्त्री को गुरू जी भी देवी ही बताते हैं ,लेकिन जो गलत है वो गलत है एक स्त्री 7 दिनों तक पुजा नहीं कर सकती है और यह सभी ज्ञानी कहते आयें है और गुरू जी को पापी कहने वाले कभी दर्द में बिना दवाइयों के रहकर देखना अपनी ओकात का पत्ता चल जाएगा वे तो बिना किडनी के सिर्फ "नाम " के सहारे जिवित हैं
स्त्री रजस्वला स्थिति में हो अथवा जननी की अवस्था में हो, परमात्मा हमेशा उसके भीतर भी विराजमान रहता है..पुरुष का सृजन भी स्त्री से ही होता है..प्रत्येक स्थिति और धर्म में यह सब का अपना सर्वोपरि अधिकार है~कौन कहां, कब और कैसे अपने मालिक को याद या स्तुति करे, बशर्ते उसमें किसी अन्य को परेशानी, कष्ट या हानि ना हो..जय जयकार हो उस मालिक की जिसने सब कुछ बनाया..
सभी गुरु जनों को मेरा प्रणाम😢 हम औरतों का दुर्भाग्य है हम औरतों को सरे आम बेइज्जत किया जाता है इसमें मासिक धर्म की चर्चा क्यों हो रही है सभी विद्वान लोग मां की कोख से जन्म लेते हैं फिर तो सभी दुनिया अछूतहै अगर औरते अछूत है तो सबसे ज्यादा संख्या भागवत में औरतों की ही क्यों होतीहै
Shi baat kyunki ourte inki baate sunne ke liy free hoti hai ydi ourte na jay ktha sunne to in sbhi ke muh bund rhenge kyunki aadmi to free hote nhi hain inki ktha sunne ke liy
Mujhe toh bs itna pta hai k jab main rajasvla hoti hu toh mujhe sirf rest krne ka mann krta hai kyuki body mein takleef bhut hoti hai... Uss time mera koi bhi ghar ka kaam ya pooja path krne ki shakti mujhme nhi hoti hai,,, shayad isiliye hamare Shastro ne hmari problem ko samajh kr hme ye suvidha de rakhi hai...
Or isi s log khush nhi hein or vaise 5 days office leave demand hai mtlb doglapan or chalaki dekho logon ki Or orissa m to ye vakayda celebrate hota raja Parva k naam s tb Sar kaam purush krte hein
Achha! Ager me harr somber ko shivji ka brat krti hu is time me periods hua .... Fir bhi to daihik upvas rakhna hota hai bas puja ni kr sakte! Or to or periods hua hai is lia kisi bhi gihabadhu ko un dino me kam choro rest Karo ye ni bola jata ... So sif puja me hi badha?😢 Ager shivratri k din apka periods hua to apko bola jata hai ki puja na karo to ky app fir khana kha sakoge?
Ha ye rigved me bhi likha h ki women ko Pooja path or kaam se ishliye hi door rkha gya h bo rst kre ish tym ushka man ni hota kaam krne ka or Pooja path me bhi man ni lg skta ishliye bola gya h but logo ne ish cheez ko alg hi bna diya h
@@nehapathak1242 आचार्य प्रशांत उपनिषद की बात करते है । जो नेति नैति की बात करते है। जिसमे अहंकार को बहुत चोट लगती है। इसलिए आचार्य जी का विरोध करते है बहुत लोग।
Jaya Kishori ki bat bilkul sahi nahi he mataji koi bhi hamara sanatan shashtra me stri ki apavatra avashtha me koi bhi bhagwan ki ya Bhagwat ki seva nahi karni chahiye
मन तो मासिक धर्म से प्रभावित नहीं होता, इसलिए मानसिक पूजा करने में तो परेशानी नहीं होती है ,लेकिन अगर कार्मिक पूजा करनी हो तो शारीरिक परेशानी होती है ,मेरे ग्रन्थ कभी भी परेशानी युक्त पूजा की अनुमति नहीं देता है
mana esliya bhi kiya jata ha q ki us samaya hamari energy nicha ki taraf taji se flow karti ha and koi bhi dharmik jagha ki energy hamasa upar ki taraf flow karti ha jo ki apas me ek dusara ka virud hoti ha jo hamara sarir ka liya bhaut hi nukasan ha bus esliya maana kiya jata ha .
जो खुद धर्म।का पालन नहीं करते वही बढ़ छाड़ कर nast karte हैं। शास्त्रों में तो स्त्री को देवी स्वरूपा और पराई स्त्री को माता माना गया है। मानते हैं? मानते हैं तो देवी में और मां में दोष ढूंढ सकते हैं? अगर है तो शास्त्र तो आप भी नही मानते। और नही मानते तो दूसरे को ज्ञान देना बनता ही नही।।।
पुराने समय में जो भी मान्यताएं बनाई गई हैं, उनके पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक तथ्य था. लेकिन उस तथ्य को न तो समझने का प्रयास किया गया और न ही समझाया गया, इसलिए वो मान्यता अंधविश्वास और कुप्रथा में बदल गई, ईश्वर पूजन के समय मानसिक शुद्धता के साथ साथ शारीरिक शुद्धता भी जरूरी है ,इसलिए महाराज जी ने जो कहा वो एकदम सही है।
पुराने समय के तो धर्म शास्त्र हैं। शास्त्रों में तो स्त्री को देवी स्वरूपा और पराई स्त्री को माता माना गया है। मानते हैं? मानते हैं तो देवी में और मां में दोष ढूंढ सकते हैं? अगर है तो शास्त्र तो आप भी नही मानते। और नही मानते तो दूसरे को ज्ञान देना बनता ही नही।।
भाई जिसको जो करना है करो ।। अपने अपने कर्मो के हिसाब से आगे के फल निर्धारित होंगे।। जिसको सही लगे वो नियम माने जिसको न लगे वो न माने।। कलयुग है उसे बढ़ना भी तो है सब नियम मानने लगेंगे तो सतयुग वापस नही आजायेगा।। इसलिए कलयुग को बढाने में सहयोग देने वाले भी तो चाहिए।।। बहस करने से कोई मतलब नही है।।
@@ramumishra3065 अधर्मी तो ये संत है। शास्त्रों में स्त्री को देवी और पराई स्त्री को माता कहा गया है। ये देवी और माता में दोष निकल रहा है। पापी है ये। खुद अशुद्ध है। मां नही मानता तो भागवत में आई किसी स्त्री को देख कर ... गद्दी गीली कर देता होगा।।
जय श्री राधे कृष्णा जय जय हो प्रेमानंद जी महाराज की महाराज जी को बारंबार प्रणाम मुझे तो प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचन अच्छे लगे उन्होंने ही सही कहा है आगे अपनी अपनी समझ श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम❤❤❤❤
Ajkl ki bhagti dodti jindgi m kisi k pas taim ni hai chuachut ka. Ye faltu k dhakoslo ka un greeb orto streeyo se milo dinbhar mjduri krke rat m Ghr km bhi karti h pikar aye pati se maar bhi khati h Or subh uth kr fir km krke kam pr nikal jati. Sab bakbas h dharm k naam pr oarto k liye partibsndh h jinke mard chai tk ni banate Bo kya bacho k sath bhuk se maregi. 3,5din tk. 🤬🥵😡
सद्गुरुदेव प्रेमानंद महाराज जी की बातों से संतुष्टि मिलती है क्योंकि उनकी बातों में भय नहीं रहता, बहुत ही साधारण तरीके से बात करते हैं ❤ जय श्री राधे राधे🙏🙏
मासिक धर्म की यह बात शुद्ध अशुद्ध कि तो है ही लेकिन इसका मतलब यह नहीं जब स्त्री अशुद्ध हो तो उससे घृणा किया जाय उनकी प्रॉब्लम को समझा जाए और जितना हो सके उनकी हेल्प करनी चाहिए बात पूजा पाठ की है तो वह तन से नहीं मन से होती है प्रभु के नाम बोलने में कोई परेशानी नहीं होती है लेकिन इसका 3 दिन का पालन जरूर करना चाहिए क्योंकि मासिक धर्म में होने वाली पीड़ा से थोड़ी राहत मिल सके बाकी सब की अपनी अपनी सोच है जय श्री राधे राधे 🙏🙏
स्त्री ही क्या पुरुष भी यदि कहीं कट लग जाए या खून निकल आये तो भले ही पुजारी हो पूजा पाठ नहीं करता..... क्योंकि धर्म के चार स्तंभ हैं सत्य दया तप और शुचि(स्वछता) और विग्रह सेवा में विग्रह में साक्षात भगवान का भाव करके सेवा करने से ही लाभ प्राप्त हो सकता है..... अब साक्षात भगवान को हैं अपना तन मन अर्पित करते हैं सेवा करते समय..... और गंदा मन तो है ही कम से कम तन, जिसको शुद्ध किया जा सकता है उसको तो स्वच्छ करके लगाया जाए । केवल इतना सा आशय है इस विधि का परंतु भगवान की कथा सुनने कीर्तन करने और नाम लेने का तो वो भी नियम नहीं चाहे तो संडास में बैठे बैठे नाम लीजिये या करते रहिये प्रभु को ❤❤ अब हट का तो कोई जवाब नहीं है न ही कुतर्क अतितर्क का..... ❤❤ राधे राधे जी ❤❤
Bhagwat Katha karne ke liya Gaddis par baithne ka liye hai.agar pure kapde blood ya toilet se bhare ho to baithoge? Snan aachman sab vyarth honge. Human being is bound by niyamas in ordinary course. Sabhi niyam khana Pina chahe sharab pio ya means Khao ya murde par baithne galat ho jayenge
प्रेमानंद जी का विचार उत्तम लगा हम भले ही नई तकनीक का प्रयोग करके अच्छे अच्छे वेस्टन का प्रयोग करने परंतु वह हमेशा निकलता रहता है और जो चीज शरीर से निकलती है वह अशुद्ध होती है जैसे पेशाब हमारे अंदर होती है लेकिन जब वह निकलती निकाल के कपड़ों पर आ जाती है माल हमारे अंदर होता है लेकिन जब वह निकाल कर के कपड़ों पर आ जाए तो उसे स्थिति में अशुद्ध माना जाता है इसलिए मासिक धर्म में जब खून बाहर आता रहता है तो उसे स्थिति में हम किसी भी पोजीशन पर रहे हम अशुद्ध होंगे हरि ओम नारायण
I do not agree with this particular reasoning, by your reasoning anything coming out of body is not good, then child that is born through vagina should also be impure? That means all of us here have come from within our mother's body, that means we all are impure? That means none of us are pure to do puja path may it be male or female? Blood donations that happen in world which saves lives of people then is that also impure? So I do not agree with this logic of saying everything that comes out of body is impure.
स्त्री के उसी ब्लड से ही पुरूष का जन्म होता है तो वह पुरुष जन्म से अशुद्ध व अपवित्र होता है और वह अपवित्र पुरुष जन्म लेकर अपनी जननी मां को ही अपवित्र बोलता है
तो उस अशुद्ध रक्त से बच्चा भी पेदा होना गलत है कयोकी डिलिवरी के समय में भी स्त्री को बहोत ज्यादा दर्द होता है ओर वो बच्चा उस अशुद्ध रक्त की देणं है वेसे तो तुम भी हो क्योकि उस अशुद्ध रक्त से ही तुम जने हो
Last me Jin dewi shree ne wachan kahe uspe dhyan diya jay Ye atal saty h Isliye apne dharm ko bachana aapke hath me h Saubhagy maniye ki jayaji se galti huyi to sambhalne itne mahapurush aaye nhi to aajkal sahi margdarshak kaha milte h
शास्त्रों में तो अग्नि को पवित्र माना है फिर पवित्र अग्नि के अपवित्र इस्त्री पवित्र सात फेरे लेकर पवित्र बंधन में कैसे बध सकती हैं 🙏 गुरु जी आप बताइए 😮
Kb tk log is andh wishwas m batke rahenge inke chakro m jine khud nhi pata k dharm kya h... Agr istri periods m apavitr h to aap sb bhi ynha tk bhi iswar avtar m janme avtari sakti bhi apavitr h qnki rajswala maa apne bache ko dhud pilati h..bhagwan chune se gande ho gaye periods m to maa ne jo periods m dhud pilaya us se kaise shud hue..
ओ भाई एक दिन हग के बिना सोचे बारी बारी से मम्मी पापा भाई बहन सब को छू के आना और बात कर भी आना की hage ho सौचे नहीं हो उसके बाद इसका जवाब आपको खुद मिल जाएगा
@pravindhanariya2857 स्त्रियां श्रृष्टि सृजन और पूरी मानव जाति को पैदा करने की प्रक्रिया में जब अछूत होकर एक कोने में बैठना स्वीकार कर लेंगी तो पुरुष सद्चरित्र हो जायेंगे? बलात्कार नही करेंगे, एक पत्नीव्रता हो जायेंगे, हत्याएं नही करेंगे? कपट नहीं करेंगे? देह के बाजार की रौनक बनना बंद कर देंगे, लूट खसोट चोरी बंद कर देंगे। स्त्री के अछूत होकर बैठ जाने से पुरुष स्वताः हर पराई स्त्री में माता को देखने लगेंगे? या स्त्री का होना ही सबसे गंभीर समस्या है? और ब्रह्मचर्य वानप्रस्थ सन्यास का पूर्णपालन शुरू कर देंगे। इसीलिए पुरुषों को शास्त्र संस्कार सिखाने से सब रुके हुए थे? काश आप स्त्रियों से अपना पूरा तन्मय ध्यान हटा कर पुरुषों को कुछ धर्म सिखा पाते।
जया किशोरी जी बच्चो वाली हरकत कर रहीं हैं, जो शास्त्र में विधान है, वही सही है, हम सब फालो करते हैं, हमारे घर तो सब लोग इस नियम का पालन करते हैं, और अच्छा भी लगता है। 🙏🚩
Jaya Kishori is right Issiliye youth ne puja ko chhod Diya hai Kyuki hum apne man se kaii bekaar ki baato me lag jaate hai Bhagwan ki puja har samaya kisi bhi paristhiti me ki ja shakti hai bas Maan shudh hona chahiye sarir ka koi mahatev nahi hai
जिसको पूजा करना है वह नहीं करें श्रीमान महोदय महोदयाजी लेकिन मासिक धर्म के कारण कौन पूजा नहींकरेगा जो अशुद्ध है तोअशुद्ध है शुद्धता के समय किसने रोका है पूजा पाठ करने के लिए हमारी शादी के बाद हमारे घर पर कथा रखाजाता है बहू केआने पर उसे दिन हमारी पत्नी राजा सुला थी उसे दिन पूजा नहीं रखा गया श्री सत्यनारायण भगवान की कथा होनी थी बाद में कथा किया गया रजस्वला के समय द्रौपदी भी बहुत क्रोधित हुई थी उन्होंने दुशासन को कहा था इस समय मैं रजस्वला हूं तुमने हमको हाथ कैसे लगाया
@@rajkumarmishra3265 mansik dharam yadi ashuddh hai toh ap aur apki puri existence hi ashudh hai. Latrine krke aya hua ssudh hai mansik dharam nahi jo nahake ayi ho, apke vicharo me ashuddhi hai iskie apka focus nari ko niyamtran me karne ki hai pr apne bhagwat pe nahi.
सही कहा, बताती नहीं होगी। क्योंकि बता दिया तो लोगों की प्रतिक्रिया क्या होगी इसका अंदाजा होगा और न बताना तो घोर पाप है। अब लोगों को सोचना है क्या करना चाहिए।
To .. isme kya hua.. jb ishver ko problem nahi apko kya hi problem h.. Baki aapko to aaisi avastha m b katha sunati h itne ghante baith kr apko kuch aacha insaan bnati h aacha gyan de kar.. jb hamari mummy log khana bna sakti pet bhar sakti to koi b kaam galat nahi h..sab ishver ka diya hua h.. sab aacha h ishver ko b isse koi problem nahi h..then why r you people having any problem/issue with this..
@@NEETUSINGH-xb1jc Baat problem ki ha hi nahi. Baat hai ki apavitra awastha me Bhagwan ko ya Bhagwat jaise Pure Granth ko sparsh karne ki. Kya aap potty ja k aa k bina hath dhoye ya snan kiye Bhagwan ki puja kar lete ho? Rahi baat period me katha suna kar achcha insaan banane ki to aisa kar k wo paap kar rahi hai or bata de ki wo katha karte samay period me ha to koi katha sunne nahi aayega.ye adha adhura Gyan le kar gaddi par baith jati hai jisko paisa or prasidhi pane ka business bana liya hai.
Me bhi ek nari hu. Bur jo niyam sahi he uska palan krti hu.. Masik dharm me kitchen me khana nhi bnati hu 4 din k bad khana bnati hu pooja ghr me 7din nhi jati.. Jya kishori ji ko bhi ye bat man leni chahiye ..baki apni apni soch he.. 🙏🙏
@@hometailoringbykusumsharma सही बात। पत्नियों और माताओं ने अपने पतियों और बेटों को अच्छे से खाना बनाना सिखा देना चाहिए, झाड़ू पोंछा, बरतन, घर संभालना इत्यादि करना सिखा देना चाहिए। ताकि स्त्री एक हफ्ते की छुट्टी लेकर आराम कर सके और पति बेटे, उसे और पूरे परिवार को ढंग का भोजन करवा सकें, घर सुव्यवस्थित रख सकें। अचानक से कभी वे बनाएं तो गंदे स्वाद वाला भोजन बनता है, जो किसी को अच्छा नहीं लगता, बस लिहाज में, मन रखने को, परिवार जैसे तैसे खा लेता है। अतः उन्हें कम से कम पांच छह महीने की ट्रेनिंग समय रहते दे देनी चाहिए।
राधे राधे महराजि हमारा मन चलिसाऐ पढने बडा़ हि लगता है हम हनुमान चलिसा शिवचालिसा राम चरित्रमानस के पाच चौपाईया रोज पढति हू तो कोई गलति नही होरही है और आगे और भि चलिसा पढने के लिऐ मन करता है राधे राधे हमारा नाम रिंकु यादव है हुसेनाबाद से हू जिला गाजिपूर
कमाल है भगवान ने इंसान के और प्रकृति के लिए जो नियम बनाए हैं उन्हें तो कोई मानता नहीं बिना बात के किसी भी बात पे विवाद करने लग जाते हैं, धर्म और वेदों की बात करने वाले आजकल के सन्यासी जो स्वयं को महात्मा मानते हैं,, उन्हें ये ही नहीं पता कि सन्यासी साधु या महात्मा होते कौन हैं,, महात्मा बुद्ध,, स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महापुरुष ही सच्चे अर्थों में महात्मा हैं जिन्होंने सारी मोह माया का त्याग करके एक सादा जीवन जीया,, आजकल के साधु तो ट्रस्ट के नाम पे ,लोगों की सेवा के नाम पे बड़ा ही आरामदायक जीवन यापन करते हैं,, एक साधु को तो पैसे,, गाड़ी,, बंगले,, अच्छे कपड़ों,, अच्छे खाने की जरूरत ही नहीं होती है और रही बात लोगों की सेवा की तो जब मोह माया का त्याग ही कर दिया तो संसार के सुख दुख से उन्हें कोई फर्क ही नहीं पड़ना चाहिए,, महात्मा बुद्ध की तरह अगर कोई उनकी शरण में आना चाहे तो उन्हीं की तरह जीवन यापन करे बिल्कुल सादा जीवन,, भिक्षा मांग के जीवन जिए,,लेकिन क्या जीतने भी यू ट्यूब पे दिखाए जाने वाले महात्मा हैं उनमें से है कोई ऐसा जो सादा जीवन जीता हो,, जया किशोरी जी की बात एकदम सच है,, अगर धर्म की बात करें तो हमारे वैदिक धर्म के अनुसार तो महात्मा वही होता है जो सब मोह माया त्याग कर सादा जीवन जीता है,, अगर धर्म और भगवान की इतनी की चिंता है तो खुद को साधु कहने वाले सभी छोड़ दें गाड़ी बंगलो में रहना,, करें कुदरत की रक्षा,,ए. सी में रहना छोड़ दे,, ए. सी गाड़ियों में चलना छोड़ दें,, लोगों को गांव और शहरों में जाकर जागरूक करें,, पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए निकले सड़कों पे,, सरकारों से अपील करें ,, प्रदूषण की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाने के लिए,, कुदरत के बनाए किसी भी नियम से ना तो कोई पुरुष और ना कोई स्त्री अपवित्र होती है,, वो हर औरत पवित्र है जो अपने कर्तव्यों का अच्छे से पालन करती है,, ये सब तो शरीर की क्रियाएं हैं इन सबसे पवित्रता या अपवित्रता का कोई संबंध नहीं,, इंसान का सर्वोपरी धर्म है मानवता,, जीव जंतुओं और पर्यावरण की रक्षा करना,, अगर मासिक धर्म में कोई काम नहीं करना चाहिए तो वो पवित्रता के लिए नहीं बल्कि उस समय हो रही पीड़ा के कारण,, ना कि पवित्रता या अपिवत्रता के कारण
You are absolutely wrong. Jis samay Mahatma Budhh, swami dayanand aadi sant the uss samay aapke jaise hi un par bhi vishwas nahi karte the, unme dher saari kamiya dhundhte the.
राधे राधे जी देखिए जी बात पवित्र अपवित्र की है ही नही ये तो लोगो की अपनी अपनी सोच हैं लेकिन मेरा मानना यह है कि लोग लेडीज को अगर उस समय अपवित्र मान रहे हैं तो माफ करना फिर तो हम सबका जन्म तो अपवित्रता से ही हुआ है देखिए पहले के लोग बहुत बुद्धिमान थे उनके धार्मिक बातो का भी वैज्ञानिक कारण होता था लेडीज को अपने मासिक धर्म के दौरान ज्यादा से ज्यादा आराम मिले और उसे कोई दिक्कत न हो इसलिए भोजन तैयार करने के लिए और मंदिर की सीढ़िया चढ़ने के लिए मना किया होगा और कुछ नही ये मेरे निजी विचार है इन विचारों के कारण किसी को भी ठेस पहुंचे तो में हाथ जोड़कर माफी चाहता हू
@@truth640 शास्त्रों में तो यह भी लिखा है कि पुरुष को ब्रह्मचर्य अन्य आश्रमों का पालन करना चाहिए। यह भी कि प्याज लहसुन मांस मदिरा, नही खाना चाहिए। और ऐसे व्यक्तियों को क्षु द्र माना जाना चाहिए और ऐसे निकृष्ट को मंदिर नही जाना चाहिए। और यह भी कि स्त्री को देवी समझना चाहिए। पराई स्त्री को मां समान समझना चाहिए।।तो पहले ये ज्ञान आपस में बांट लो, सिखा लो। बाद में स्त्री के वस्त्रों के अंदर घुसना।।
मैं तो चाहती हूं इन दिनों में आराम मिले, लेकिन करना पड़ता है पूजा को छोड़कर सारे काम,, इतने दर्द में खुद को भी संभालो और घर का काम भी करो 😢 और सिलाई भी क्योंकि वो मेरा काम है,,
भागवत कथा का धंधा होना नहीं चाहिए क्योंकि भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि मैं स्वयं भागवत का स्वरूप हु इसलिए भगवान का चिंतन करना चाहिए क्योंकि भगवान पैसे से दूर है राधे राधे जय श्री कृष्ण
@@truth640 hum real situation me ye sb dekha h sadhna krte hue hi hume hi gye the bich me hi dhyan krte waqt me or ishwar ne uthne nhi Diya tha hum pramand k sath bat krte h kitabo me likhi bato pr hi nhi wo book likhne Wale logo k us waqt k thought the ab wo change ho gye h unhone b birth lekr apne thought me changes lekr aye h, pr kuch logo sirf kitabo. Me likhi bato pr hi bhrosa karke rah jate h truth tk nhi jate. Apne to I'd bhi truth k nam pr bnai h fir b andhaviswasi ho gye , ishwar body se nhi soul se connect hote h or soul ko kbhi masik dharm nhi hota sirf body ko hota h isliye ishwar k wo Kam jo us awashta me krne se glt nhi hote kr skte h depend krta h jo Kam kr rha h usko kesa mahsus ho rha h....age use lgta h ki nhi krna chahiye to na kro ..kyuki sb jagah situation Kam pr depend krta h , Mandir jesi jagah me to khud hi ldkiya nhi jati h lekin bat kitchen ki ho ya bhagwat padhna or bolna usme glt nhi mansik jap prachar Kiya ja skta h bus chizo ko jo sudh h unko satvik rkhne k liye usne us waqt k liye door Raha ja skta h kyuki vibration us waqt pr negative ho jati h man me chlta h ki hum saf sudh nhi or un chizo k sath wese hi bhaw connect ho jate h , isliye mna kiya jata h.
*व्यास पीठ पर ऐसे किसी पुरुष को नही बैठना चाहिए जो शास्त्र अनुसार स्त्री को देवी और पराई स्त्री को माता न मानता हो।* *नही तो श्रोताओं में स्त्री को देखकर वह स्ख .लित हो सकता है और इस तरह वह अशुद्ध हो जायेगा और व्यास पीठ को गंदा कर देगा क्योंकि उसने Pad भी नही पहना होगा।* *हमारे शास्त्रों में कई उदाहरण हैं जब ऋषि मुनि स्त्री को देखते ही स्खलित हो गए।* *इसीलिए व्यास पीठ पर वही व्यक्ति बैठे हो स्त्री को देवी और माता मानता हो।* "और देवी और माता को कोई कभी अशुद्ध नही समझता।।।*
शरीर के 10 अंगों से किसी भी प्रकार का मल अगर बाहर हुआ तो अनुष्ठानात्मक स्थिति में वह व्यक्ति पूर्ण अशुद्ध माना जाता है वह स्त्री ही नहीं पुरुष ही क्यों ना हो इसलिए इसमें बहुत बहस की आवश्यकता नहीं है अशुद्ध काल में हर कार्य के लिए निषेध किया गया है।
यह बिल्कुलसही बात है स्त्री को मासिक धर्म में स्त्री को 3 दिन तक पूजा घर में नहीं जाना चाहिए तथा रसोई में नहीं जाना चाहिए और वह और प्रसादी 7 दिन तक नहीं बननी चाहिए यह साइंस से भीरिलेटेड है क्योंकि उसे समय स्त्री को बहुत ज्यादा परेशानी होती है बहुत तकलीफ होती है तो उसे समय वह आराम करें
Premanand Maharaj Ji ne bhi kaha 7 din anusthan nhi bhagwat jaap kar sakte hain roj Wale aasan pe baith ke nhi 5 din kaaasan alag bna ke rakhna hai baad mein fir alag dhoke rakh Dena hai fir apne dealy Wale asan par baith ke karna suru kar de aor mandir nhi jana chahiye chhuna chahiye Guru hai agar jiske unko naha dho ke fool pati Chadha ke dhyan sadhna karni chahiye bhagwan to dur ki baat rhi insaan ko chhune me dosh lgta hai aesa humne suna hai pahle ki bahue sasural mein Bina nahane dhone ke kuch nhi chhuti kichen me nhi ja sakti thi hamare sath hua hai
Swami Premananda Ji Maharaj is one of the leading spitritual giants of the world ...... What he speaks is always right..... But time changes, and everything changes with time. --- Same is applicable in religious practices too.....Narmade Har🙏
स्त्रियों को माता और बहनों को साधना अनुष्ठान कि वह सभी अधिकार हैं जो एक पुरुष को है साधना अनुष्ठान के बारे में वही धर्मगुरु अच्छे से बता सकता है जिसकी पूर्ण आत्म चेतना जागृत हो, धर्माचार्य का आपस में मत ना मिलना ?? इसलिए आवश्यकता है कि समाज में सत्य धर्म का आयोजन हो सभी धर्मगुरु का सत्य परीक्षण हो कि उन्होंने देवी देवताओं के दर्शन प्राप्त किए हैं या नहीं?? उनकी चेतना जागृत है या नहीं?? क्योंकि अचेतन व्यक्ति कभी भी समाज का सही मार्गदर्शन नहीं कर सकते.
Actually mere according jaise mantra jap me bhakti me bhramcharya ka follow karna anivarya hai waise hi masik dhrm me puja bhi nhi karni chahiye ,sparsh nhi karna chahiye.
Jaya Kishori Ji ekdam sachu bole chhe,,, koi stree mandir ma hoy Ane Puja karti vakhte j Jo piriyads aavi jay to su karvu ??? To su e achhut Thai jay ?? Dil saf hovu joie ,,, piriyads to Matra keva mate nu chhe ,,
Kyoki us samay auraten apavitra hoti he gharka Kam kro khana paka o kintu bhaghavan ko mat chuvo ye galat he yese to Ane Vali pedhi bhi kya sochegi koe niyam hi nhi rhega ..koe bhi Mandir jayega .., agar bat Puja karne ki to ap dilse Puja kro to bhaghavan swikar karenge .apne dilse Puja nhi karenge to bhaghavan hi Adchana dalenge .....Jo niyme kiye he uska soch vichar karke hi kiye honge muje bhi pata he kyoki me bhi aurat hi hu
प्रेमानंद बाबा की बातों से सहमत हैं
पाखंड मत फैलाओ
ईश्वर जब सब प्राणियों के हृदय में निवास करता है तो स्त्री राजुला के समय क्या ईश्वर भाग जाता है
@@Lalji-h6s2 9:44 😃
Ni ni hu hu hu
@@Lalji-h6sVery beautiful
I am very happy with good feelings and ideas of Shri Premanandji Maharaj and after lady,I do not know of her name
.Koti-Koti Pranam Tfor both and all also🎉
देवकी नंदन जी प्रेमानंद जी दोनो ने कड़े शब्दों में आलोचना की है और हम भी इसी बात से सहमत हैं
Jaya Kishori ji aap to sahi kah rahe hain lekin ine nikamma ko Kaun samjhaen gadhon ko
गुरुदेव भगवान श्री प्रेमानंद जी के विचारों से मैं सहमत हूं
प्रसव के उपरांत और परिवार में मृत्यु के उपरांत और गृहण काल में जब पूजन वर्जित है तो इस अवस्था मे भगवत कथा कैसे की जा सकती है। परम् पूज्य प्रेमानन्द जी कथन बिल्कुल सत्य
इस अवस्था में पवित्रता का पूरा ध्यान रखना चाहिए प्रभु से कौन दूर है मन ही मन उनका गुणगान करते रहिये ❤❤❤❤🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽
प्रेमानंद गुरुजी सत्य कह रहे हैं हमारे पुराणों में कहीं नहीं लिखा कि स्त्रियां अशुद्ध अवस्था में पूजाकरें मैं भी एक स्त्री हूं मैं भी इस बात तो सहमत हूं मैं यह नियम कर रखती हूं और दूसरों को भी रखना चाहिए जय श्री राधे श्याम ❤❤
Nhi Didi, real darm verdant se aata hai, pakhand se nhi.
Ye toh glt bat hai jab ye prakriti ne ye Diya hai to espar tippani nahi karni chahiye
@@neetuchaurasiya-pn5jsyyyyy
0😊😊
Ek tarf toh bolenge aatma kabhi asuddh nhi hoti ,dusri taraf aisi bakwas krte h,in sab babao ko jail mai hona chahiye public ko bewakoof banane ke liye
प्रेमानंद बाबा जी की बातों से सहमत हैं ❤
❤ गुरुदेव के चरणों में कोटि कोटिप्रणाम प्रेमानंद महाराज की सच्ची बातें है और सुझाव बहुत पसंद आया श्री राधा श्याम ओम साईं राम❤❤❤
Premanand ji maharaj ne ekdam Satya baat kahi hai
Jaya ji ki baat se bhi mai sahmat hu
हे प्रभु जल्दी प्रलय कर दो और इस बार जब सृष्टि का सृजन हो तो नारी बनाना ही मत सारा राज पाट पुरूषों को दे दो
हे प्रभु अब कितना और अपमान सहना होगा जगतजननी को
Apki soch apke sankaro k parichayak h
Jb nari hi nhi hogi to koi bhi nhi hoga is srsti pr
Parly Jarur hoga Jb Mahila hi Adharm krage 100%
Baccha tum paida karoge kya
Baccha tum paida karoge kya
बिश्नोई धर्म में 29नियम गुरु जम्भेश्वर भगवान ने दिए जिसमें एक नियम है पांच दिन तक रजस्वला स्त्री को एकांत में रहना, गृह कार्यों से दूर रहना । संतों की बात शास्त्र सम्मत है। जया किशोरी जी बचपने जैसी बात कर रही है जो उचित नहीं है
''तुम्हारी साड़ी कौन उतार रहा है इस टाइम" ----ये शब्द महिलाओं के प्रति कहना सर्वथा अनुचित है।भले ही ये शब्द आवेश में निकल गये हों,इरादा सही है तथापि शब्दों पर नियंत्रण रखा जाये। विशेष रूप से समाज के मार्गदर्शक के मुख से ये शब्द आपत्तिजनक प्रतीत होते हैं।🙏
True
Toh kis lie maan rahe hai iski baat dr sahiba
Let know truth emotions talent talks tomatch it so dangerous any moments you going becom 0 don't cross over limitations bring your on problem it self
मुझे भी यही लगा आपसे सहमत है
Ek dam sahi kaha aapne 💯
सभी शरीरधारी है इसलिए शरीर की बातें कर रहे हैं परमात्मा का केवल आत्मा से संबंध है किसी के शरीर के साथ संबंध नहीं है,जब जब आत्मा ने परमात्मा को पुकारे है,परमात्मा मददगार बनते हैं,,परमात्मा केवल अपने को याद करने के लिए कहते हैं कोई बाहरी आडंबर नहीं अवस्था चाहे जो परमात्मा की याद निरंतर बनी रहे तभी हमारा सद्गति हो सकता है🇲🇰💐🙏👍
Inse shmat h
jaya kesori ji will right. If someone say where the things written then I say the writtet is also male and who is he bto decide thing what a female do Or not and pay is
Tm y btao bevkuf tm ktni mind s bhkti krte ho yha Gyan n pelo murkha
Shiii h kebal us samay aram ki avshykata hoti h isliye sb krne ki bjh rest ka btaya gya h bs bhagwan ko chhu to bese v nh skte bhajan mai h bo to bs stri ho y purus
भगवान सब जगह है इसका मतलब ये है क्या की गंदे नाले में बैठकर भजन करें, भैया भजन तो मंदिर और पवित्र जगह पे ही किया जाता है ना, इसी तरह अपवित्र अवस्था में कुछ चीज़ें वर्जित हैं और हमें पालन करना चाहिए
सबसे सही कथन सिर्फ और सिर्फ प्रेमा नंद महाराज का था
Good
🙏🙏🚩🚩❤❤
kyo bhai, baki log kya galat bol rahe the kya? Tum itne mahan ho gaye ki ab Vyaspeeth pe baithe vyasdev ko judge karoge?
@@rupesharya4051 बात judgement की नहीं है, लेकिन तर्क मुझे परमानंदजी का लगा, जो किसी की भी भावना को ठेस नहीं पहुंचाता है l
@@ranjana2485 इसमे भावना का क्या है, जो सही हे वो सही है. स्त्री मासिक धर्म मे ब्रह्म हत्यारी स्वरूप होती है और अपवित्र होती है। अगर कोई स्त्री शास्त्र मर्यादा का उल्लंघन करती है, तो सबसे पहले तो उसका खुद का घर ही अपवित्र होने वाला है। उसके खुदके पति और पुत्र को ब्रह्म हत्या लगने वाली है। और उसको खुद को भी अगला जन्म कुत्ते का मिलेगा। तो अपने और अपने परिवार पे तो कृपा करके नियम पालन करना चाहिए।
मेरे विचार से जैसे शास्त्रों में लिखा है प्रेमानन्द महाराज जी सही कह रहे हैं जय श्री राधा राधा🙏
Hum snatani hai to apne shashtron ko manna hi hoga
प्रेमानंद महाराज जी को कोटि कोटि प्रणाम मैं उनके बातों से सहमत हूं
मुझे पेरमानद जी के विचार बहुत अच्छे लगे उन्होंने जो बात कही है वह सब सच है गुरु जी को कोटि कोटि प्रणाम जय श्री राधे राधे
मुंहब बहूे त अछा लागा हेआगर मासिक धर्म वाली ईसरी मीरची के खेत में चली जाती है तो पोधा का माथा बनंध जाता है तो इन्सान का कंय होगा यह तो भगवान ही जाने
यह औरत ग़लत है ज्यादा ज्ञान होगया इसको
परम श्रद्धा गुरु महाराज प्रेमानंदजी के विचारों से हम सहमतहैं
नियम का पालन होना चाहिए मैं प्रेमानंद गुरु देव के विचार से सहमत हूँ
Maine bhi
koi kam nhi hai, premanand ji ke pass, phle pandit ji mishra ko target Kiya , ab masik dharm ko yhi kam hai, unke pass, aesa lagta wo hi bhagwan , jo duniya chala rhe hai, ghamndi sant
Chup Rahe Jyada Na Bol
Premanand Ji Pujy Maharaj ji ke Bare Sahi Nahi Hoga Gyan Na Ho To Na Comment Kiya Karo Samjh Aaya
Mai nhi hu राधे राधे
To fir tu or Tera ye guru bhi apavitra hai kyuki usi period se janma Hai ye sansaar k log or tu or Tera ye dhongi guru bhi
प्रेमानंद बाबा जी की बातों से हम सहमत हैं राधे कृष्णा 🙏🙏
ये सही बात है मेने खुद देखदेखा है तुलसी के पास मासिक धर्म में जाने से तुलसी मुरझा जाती है और हम गांव में लोकी और कद्दू की बेल को भी मासिक धर्म में पानी दे देते थे तो वो मर जाती थीं ये मेरा खुद का अनुभव है अतः इन चीजों को मानना चाहिए।
Bilkul satya h ye
Aisa kuchh nahin hai kaha jata hai ki Achar chhune se bhi Achar kharab ho jata hai mere ghar mein to periods mein sabhi chhute Hain kharab nahin hota hai do teen bar Maine periods mein Tulsi Ko jal bhi de Diya hai nahin sukhi
😂😂😂😂😂😂
Are is baat ko smjho ...masik धर्म lady ka shashir me bahut jyda energy hoto h ...jisko सहन krne ki क्षमता hr kisi me nhi hoti wo islie मुर्झा jati h
😂😂😂😂
प्रेमानंद जी महाराज के विचार बहुत ही अच्छे लगे वो किसी खंडन नहीं करते हैं वे तो साधारण है ही नहीं उनके अंदर से कोई शक्ति ही बोलती है ओर वो लाड़ली जी राधे रानी ही बसी है उनके रोम रोम में वो हर पल हर घड़ी उनके ह्रदय में ही रहती है ऐसे संत साधारण नहीं होते हैं
वे शास्त्रों को नही मानते तो वह एक अपवित्र पुरुष मात्र हैं, धार्मिक संत नही।
शास्त्रों में स्त्री को देवी कहा जाता है। अगर वे शास्त्र मानते हैं तो देवी में दोष कैसे निकाल रहे हैं?
वे पापी हैं।
Bo stri me dosh nahi bata rahe bo bata rahe h kis time Puja nahi kar sakti.
@@Ninanani-4085
स्त्री को गुरू जी भी देवी ही बताते हैं ,लेकिन जो गलत है वो गलत है एक स्त्री 7 दिनों तक पुजा नहीं कर सकती है और यह सभी ज्ञानी कहते आयें है और गुरू जी को पापी कहने वाले कभी दर्द में बिना दवाइयों के रहकर देखना अपनी ओकात का पत्ता चल जाएगा वे तो बिना किडनी के सिर्फ "नाम " के सहारे जिवित हैं
@@sumanaman2958 वो काहे के भक्त हैं जो देवी में दोष ढूंढते हैं ? धिक्कार हा ऐसे भक्त पर फिर तो।
सिर्फ मुंह से देवी देवी बोल दें और व्यवहार निकृष्ट।
स्त्री रजस्वला स्थिति में हो अथवा जननी की अवस्था में हो, परमात्मा हमेशा उसके भीतर भी विराजमान रहता है..पुरुष का सृजन भी स्त्री से ही होता है..प्रत्येक स्थिति और धर्म में यह सब का अपना सर्वोपरि अधिकार है~कौन कहां, कब और कैसे अपने मालिक को याद या स्तुति करे, बशर्ते उसमें किसी अन्य को परेशानी, कष्ट या हानि ना हो..जय जयकार हो उस मालिक की जिसने सब कुछ बनाया..
मेरी राय तो यही है की पवित्रता ही सबसे बड़ा धर्म है मां की पवित्रता शरीर की पवित्रता और अपने दिमाग की पवित्रता
बहुत खूब 🙏
Ambvachi mela yoni peeth ka naam suna hai
परम पूज्य श्री सतगुरु देव भगवान प्रेमानंद जी महाराज जी ने सत्य कहा है
सभी गुरु जनों को मेरा प्रणाम😢 हम औरतों का दुर्भाग्य है हम औरतों को सरे आम बेइज्जत किया जाता है इसमें मासिक धर्म की चर्चा क्यों हो रही है सभी विद्वान लोग मां की कोख से जन्म लेते हैं फिर तो सभी दुनिया अछूतहै अगर औरते अछूत है तो सबसे ज्यादा संख्या भागवत में औरतों की ही क्यों होतीहै
Bilkul sahi kaha
Ppppppp00
❤❤❤❤❤
Shi baat kyunki ourte inki baate sunne ke liy free hoti hai ydi ourte na jay ktha sunne to in sbhi ke muh bund rhenge kyunki aadmi to free hote nhi hain inki ktha sunne ke liy
😊😊😊😊
Mujhe toh bs itna pta hai k jab main rajasvla hoti hu toh mujhe sirf rest krne ka mann krta hai kyuki body mein takleef bhut hoti hai... Uss time mera koi bhi ghar ka kaam ya pooja path krne ki shakti mujhme nhi hoti hai,,, shayad isiliye hamare Shastro ne hmari problem ko samajh kr hme ye suvidha de rakhi hai...
Right
Or isi s log khush nhi hein or vaise 5 days office leave demand hai mtlb doglapan or chalaki dekho logon ki
Or orissa m to ye vakayda celebrate hota raja Parva k naam s tb Sar kaam purush krte hein
Achha! Ager me harr somber ko shivji ka brat krti hu is time me periods hua .... Fir bhi to daihik upvas rakhna hota hai bas puja ni kr sakte! Or to or periods hua hai is lia kisi bhi gihabadhu ko un dino me kam choro rest Karo ye ni bola jata ... So sif puja me hi badha?😢 Ager shivratri k din apka periods hua to apko bola jata hai ki puja na karo to ky app fir khana kha sakoge?
Same here...
Ha ye rigved me bhi likha h ki women ko Pooja path or kaam se ishliye hi door rkha gya h bo rst kre ish tym ushka man ni hota kaam krne ka or Pooja path me bhi man ni lg skta ishliye bola gya h but logo ne ish cheez ko alg hi bna diya h
सभी लोगो से अनुरोध है कृपया आचार्य प्रशांत को सुने - पढ़े जो कि धर्म का वास्तविक ज्ञान दे रहे है लोगो को।❤❤
Bakvaas h achary prasant
@@nehapathak1242 आचार्य प्रशांत उपनिषद की बात करते है । जो नेति नैति की बात करते है। जिसमे अहंकार को बहुत चोट लगती है। इसलिए आचार्य जी का विरोध करते है बहुत लोग।
बहुत सुंदर बात की अपने आचार्य प्रशांत भी मासिक धर्म को नहीं मानते हैं छुआछूत की चीज
कभी आचार्य प्रशांत का नीदरलैंड में शराब पीकर बार में डांस करने का विडियो भी देखें।
@nehapathak1242tumhare ahankaar ko jo thes pahuchti hogi tab vi wo tumhe bure lagte hai
Shree Premanand Maharaj ji ne sahi Kaha h 🙏❤️🌼 📿 Jai Shree Radhe Krishna 🙏📿🌼🔱🌺
🔱🕉️ 🕉️📿🙏🔱🌼Jai Shree Premanand Maharaj ji ki Jai 🙏❤️📿🌼🌺🔱🕉️
मैं जया किशोरी जी की बात से सहमत हूं जय हो प्रेमानंद जी महाराज जी आपकी बात भी बिल्कुल सही है
Jaya Kishori ki bat bilkul sahi nahi he mataji koi bhi hamara sanatan shashtra me stri ki apavatra avashtha me koi bhi bhagwan ki ya Bhagwat ki seva nahi karni chahiye
Me 2
Jaya kishori bilkul bhi galat he
Are bhai samay ke sath badalna chahie par Aisa kya badalna Apne shastron aur Dharm ko hi bhul jao
मन तो मासिक धर्म से प्रभावित नहीं होता, इसलिए मानसिक पूजा करने में तो परेशानी नहीं होती है ,लेकिन अगर कार्मिक पूजा करनी हो तो शारीरिक परेशानी होती है ,मेरे ग्रन्थ कभी भी परेशानी युक्त पूजा की अनुमति नहीं देता है
Well said..hats of to u..
mana esliya bhi kiya jata ha q ki us samaya hamari energy nicha ki taraf taji se flow karti ha and koi bhi dharmik jagha ki energy hamasa upar ki taraf flow karti ha jo ki apas me ek dusara ka virud hoti ha jo hamara sarir ka liya bhaut hi nukasan ha bus esliya maana kiya jata ha .
जो खुद धर्म।का पालन नहीं करते वही बढ़ छाड़ कर nast karte हैं।
शास्त्रों में तो स्त्री को देवी स्वरूपा और पराई स्त्री को माता माना गया है। मानते हैं?
मानते हैं तो देवी में और मां में दोष ढूंढ सकते हैं?
अगर है तो शास्त्र तो आप भी नही मानते।
और नही मानते तो दूसरे को ज्ञान देना बनता ही नही।।।
Sufi santon ki baton se sahmat ho Magar Jaya Kishori ji ke babat mein sahmat nahin hai
पुराने समय में जो भी मान्यताएं बनाई गई हैं, उनके पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक तथ्य था. लेकिन उस तथ्य को न तो समझने का प्रयास किया गया और न ही समझाया गया, इसलिए वो मान्यता अंधविश्वास और कुप्रथा में बदल गई, ईश्वर पूजन के समय मानसिक शुद्धता के साथ साथ शारीरिक शुद्धता भी जरूरी है ,इसलिए महाराज जी ने जो कहा वो एकदम सही है।
पुराने समय के तो धर्म शास्त्र हैं।
शास्त्रों में तो स्त्री को देवी स्वरूपा और पराई स्त्री को माता माना गया है। मानते हैं?
मानते हैं तो देवी में और मां में दोष ढूंढ सकते हैं?
अगर है तो शास्त्र तो आप भी नही मानते।
और नही मानते तो दूसरे को ज्ञान देना बनता ही नही।।
👍🏻👍🏻
Ek dam galat hy
क्या भरोसा कि भागवत के दौरान व्यास पीठ पर बौठे पुरुष आगंतुक महिला को देख कर झड़ नही गए और अपवित्र नही हो गए? पुराणों में ऐसी अनेक कथाएं हैं।
Bilkul sahi kaha hai apne
प्रेमानंद जी महाराज सत्य बोल रहे हैं कथा वाचक बालिका को 7 दिन का नेम तो रखना ही चाहिए
प्रेमानंद जी महाराज के विचार बहुत उत्तम है देवकीनंदन ठाकुर जी भी विचार बहुत 9:44
प्रेमानंद जी महाराज के विचार बहुत उत्तम है और देवकीनंदन महाराज जी के भी विचार बहुत
❤❤❤
भाई जिसको जो करना है करो ।। अपने अपने कर्मो के हिसाब से आगे के फल निर्धारित होंगे।। जिसको सही लगे वो नियम माने जिसको न लगे वो न माने।। कलयुग है उसे बढ़ना भी तो है सब नियम मानने लगेंगे तो सतयुग वापस नही आजायेगा।। इसलिए कलयुग को बढाने में सहयोग देने वाले भी तो चाहिए।।। बहस करने से कोई मतलब नही है।।
Sahi baat
Ekdam sahi baat..excellent..😊
Bilkul satya bhai
Dharm ke viruddh aachradh per dharm hi hme nast karega chahe vo jaya kishori hi kyu na ho
@@ramumishra3065 अधर्मी तो ये संत है। शास्त्रों में स्त्री को देवी और पराई स्त्री को माता कहा गया है। ये देवी और माता में दोष निकल रहा है।
पापी है ये। खुद अशुद्ध है। मां नही मानता तो भागवत में आई किसी स्त्री को देख कर ... गद्दी गीली कर देता होगा।।
जय श्री राधे कृष्णा जय जय हो प्रेमानंद जी महाराज की महाराज जी को बारंबार प्रणाम मुझे तो प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचन अच्छे लगे उन्होंने ही सही कहा है आगे अपनी अपनी समझ श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम❤❤❤❤
❤❤🙏🙏
He is right.aajkal stree ko Satya shikar nahi
😊😊🙏🙏
Ajkl ki bhagti dodti jindgi m kisi k pas taim ni hai chuachut ka. Ye faltu k dhakoslo ka un greeb orto streeyo se milo dinbhar mjduri krke rat m Ghr km bhi karti h pikar aye pati se maar bhi khati h Or subh uth kr fir km krke kam pr nikal jati. Sab bakbas h dharm k naam pr oarto k liye partibsndh h jinke mard chai tk ni banate Bo kya bacho k sath bhuk se maregi. 3,5din tk. 🤬🥵😡
Saare tirth dhaam tumhare charno m he Gurudev Pranam tumhare charno m 🙏 koti koti Naman mere Baba kb hoga tera didar 🙏
सद्गुरुदेव प्रेमानंद महाराज जी की बातों से संतुष्टि मिलती है क्योंकि उनकी बातों में भय नहीं रहता, बहुत ही साधारण तरीके से बात करते हैं
❤ जय श्री राधे राधे🙏🙏
Main premanand Maharaj ji ke baton se sahmat hun Maharaj Ji ko koti koti pranam Radhe Radhe🎉🎉❤❤❤
Jaya Kishori Ji ki baat Sahi he
Premanand g महाराज जी की जय एक दम सत्य वचन 🙌🙌 राधे राधे
Pramanand maharaj ji ko koti koti pranam 🙏🙏🙏🙏🙏
प्रेमानंद महाराज जी ने भी बिल्कुल सत्य कहा है
द्रोपति ने तो भगवान श्री कृष्ण को अपने भाई के रूप में पुकारा था तो एक बहन की रक्षा करने के लिए भाई ये नही सोचता की बहन किस अवस्था मे है
बिल्कुल सही 🙏🏻
Vahi to hum bhi priytam mante h jaya kishori ji bhi priytam mante h to unhone us adhar pe bola
Kishori Ji mahine mein do Bhagwat karni chahie paise ke lalach mein nahin rahana chahie masik Dharm ke time Bhagwat na Karen
@@Chetrelekhaji3099 kisi bhi adhar par nhi bola sakta. Nahi paalan kiya Ja sakta.
@@jgd9435 matlab kya pati hai mere vo
मासिक धर्म की यह बात शुद्ध अशुद्ध कि तो है ही लेकिन इसका मतलब यह नहीं जब स्त्री अशुद्ध हो तो उससे घृणा किया जाय उनकी प्रॉब्लम को समझा जाए और जितना हो सके उनकी हेल्प करनी चाहिए बात पूजा पाठ की है तो वह तन से नहीं मन से होती है प्रभु के नाम बोलने में कोई परेशानी नहीं होती है लेकिन इसका 3 दिन का पालन जरूर करना चाहिए क्योंकि मासिक धर्म में होने वाली पीड़ा से थोड़ी राहत मिल सके बाकी सब की अपनी अपनी सोच है जय श्री राधे राधे 🙏🙏
स्त्री ही क्या पुरुष भी यदि कहीं कट लग जाए या खून निकल आये तो भले ही पुजारी हो पूजा पाठ नहीं करता..... क्योंकि धर्म के चार स्तंभ हैं सत्य दया तप और शुचि(स्वछता) और विग्रह सेवा में विग्रह में साक्षात भगवान का भाव करके सेवा करने से ही लाभ प्राप्त हो सकता है..... अब साक्षात भगवान को हैं अपना तन मन अर्पित करते हैं सेवा करते समय..... और गंदा मन तो है ही कम से कम तन, जिसको शुद्ध किया जा सकता है उसको तो स्वच्छ करके लगाया जाए ।
केवल इतना सा आशय है इस विधि का परंतु भगवान की कथा सुनने कीर्तन करने और नाम लेने का तो वो भी नियम नहीं चाहे तो संडास में बैठे बैठे नाम लीजिये या करते रहिये प्रभु को ❤❤
अब हट का तो कोई जवाब नहीं है न ही कुतर्क अतितर्क का..... ❤❤
राधे राधे जी ❤❤
तब तो हम सब अशुद्ध है। उसी मासिक धर्म के खून से बने हैं
@@alliswellcreation4622 bilkul saha kaha
Galte baat
@@gharidevi4857 kya galat baat
🎉 जय श्री राधे कृष्णा 🎉 जय श्री राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे 🎉
इस संसार मे कोई पैदा ही नहीं की जो भगवान को अशुद्ध कर दे। तो मासिक धर्म की क्या औकात है, ॐ हरि ॐ
लाजवाब जवाब दिया❤
❤❤ सोच, विचार, आचरण, कर्म पवित्र होना चाहिए
जिससे सृष्टि का संचालन होता है वो अपवित्र नही है
Jya kumari Ji ka vdo achcha lga prakratik niyam hai to achhut kesa😮
Bhagwat Katha karne ke liya Gaddis par baithne ka liye hai.agar pure kapde blood ya toilet se bhare ho to baithoge? Snan aachman sab vyarth honge.
Human being is bound by niyamas in ordinary course.
Sabhi niyam khana Pina chahe sharab pio ya means Khao ya murde par baithne galat ho jayenge
th-cam.com/users/shortsjgpntFlXk-k?si=2j5WXb5uCHPvBaam
प्रेमानंद जी का विचार उत्तम लगा हम भले ही नई तकनीक का प्रयोग करके अच्छे अच्छे वेस्टन का प्रयोग करने परंतु वह हमेशा निकलता रहता है और जो चीज शरीर से निकलती है वह अशुद्ध होती है जैसे पेशाब हमारे अंदर होती है लेकिन जब वह निकलती निकाल के कपड़ों पर आ जाती है माल हमारे अंदर होता है लेकिन जब वह निकाल कर के कपड़ों पर आ जाए तो उसे स्थिति में अशुद्ध माना जाता है इसलिए मासिक धर्म में जब खून बाहर आता रहता है तो उसे स्थिति में हम किसी भी पोजीशन पर रहे हम अशुद्ध होंगे हरि ओम नारायण
Are wah bhai mai bhi aise hi hu bahut manti hu well done
I do not agree with this particular reasoning, by your reasoning anything coming out of body is not good, then child that is born through vagina should also be impure? That means all of us here have come from within our mother's body, that means we all are impure? That means none of us are pure to do puja path may it be male or female? Blood donations that happen in world which saves lives of people then is that also impure? So I do not agree with this logic of saying everything that comes out of body is impure.
स्त्री के उसी ब्लड से ही पुरूष का जन्म होता है तो वह पुरुष जन्म से अशुद्ध व अपवित्र होता है और वह अपवित्र पुरुष जन्म लेकर अपनी जननी मां को ही अपवित्र बोलता है
तो उस अशुद्ध रक्त से बच्चा भी पेदा होना गलत है कयोकी डिलिवरी के समय में भी स्त्री को बहोत ज्यादा दर्द होता है ओर वो बच्चा उस अशुद्ध रक्त की देणं है वेसे तो तुम भी हो क्योकि उस अशुद्ध रक्त से ही तुम जने हो
मां का दूध भी शरीर से निकलता है जब दूध अपवित्र नही है तो मासिक धर्म का खून भी अपवित्र नही है
गुरूदेव!सभी लोग इस संसार मे स्त्रियो से ही पैदा हुए तब अपवित्र नहीं हुए, फिर उस प्रक्रिया में कोई कैसे अपवित्र हो गया
Bhut sundar questions kiya
sahi kaha aapne
Jaya kishori ka pura video batao
मासिक धर्म मे रक्त गन्दा होता है ।पेट मे गन्दगी भरी है तो क्या सौच के बाद की प्रक्रिया निभाते है
Last me Jin dewi shree ne wachan kahe uspe dhyan diya jay
Ye atal saty h
Isliye apne dharm ko bachana aapke hath me h
Saubhagy maniye ki jayaji se galti huyi to sambhalne itne mahapurush aaye nhi to aajkal sahi margdarshak kaha milte h
Premanand Ji Maharaj ke vichar bahut hi sundar
कोटि कोटि प्रणाम श्री प्रेमानंद महाराज जी आपके सुविचार इतने आनंद में हैं आपका विचार सुनकर जीवन आनंद हो जाता है जय श्री राधे राधे❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत ही सुन्दर कथा जय श्री सीता राम जय श्री कृष्णा राधे राधे श्याम आदरणीय श्री गुरु जी के चरणों में कोटि कोटि सादर प्रणाम
Raaslok q ni,y karmlok?
I respect kishori ji thought and her intentions
Premanand ji maharaj se jo agree h vo like kre. जय श्री गुरु देव भगवान..
राधेराधे
@@ShakuntalaSingh-t6g जय श्री राधे माते 🙏
शास्त्रों में तो अग्नि को पवित्र माना है फिर पवित्र अग्नि के अपवित्र इस्त्री पवित्र सात फेरे लेकर पवित्र बंधन में कैसे बध सकती हैं 🙏 गुरु जी आप बताइए 😮
Period 30 din lagatar nhi aata hai apvitra ek stree 5 se 6 din hoti hai wo bhi bas Pooja path ke liye varjit hai
Kb tk log is andh wishwas m batke rahenge inke chakro m jine khud nhi pata k dharm kya h... Agr istri periods m apavitr h to aap sb bhi ynha tk bhi iswar avtar m janme avtari sakti bhi apavitr h qnki rajswala maa apne bache ko dhud pilati h..bhagwan chune se gande ho gaye periods m to maa ne jo periods m dhud pilaya us se kaise shud hue..
ओ भाई एक दिन हग के बिना सोचे बारी बारी से मम्मी पापा भाई बहन सब को छू के आना और बात कर भी आना की hage ho सौचे नहीं हो उसके बाद इसका जवाब आपको खुद मिल जाएगा
@pravindhanariya2857 स्त्रियां श्रृष्टि सृजन और पूरी मानव जाति को पैदा करने की प्रक्रिया में जब अछूत होकर एक कोने में बैठना स्वीकार कर लेंगी तो पुरुष सद्चरित्र हो जायेंगे? बलात्कार नही करेंगे, एक पत्नीव्रता हो जायेंगे, हत्याएं नही करेंगे? कपट नहीं करेंगे? देह के बाजार की रौनक बनना बंद कर देंगे, लूट खसोट चोरी बंद कर देंगे।
स्त्री के अछूत होकर बैठ जाने से पुरुष स्वताः हर पराई स्त्री में माता को देखने लगेंगे? या स्त्री का होना ही सबसे गंभीर समस्या है?
और ब्रह्मचर्य वानप्रस्थ सन्यास का पूर्णपालन शुरू कर देंगे। इसीलिए पुरुषों को शास्त्र संस्कार सिखाने से सब रुके हुए थे?
काश आप स्त्रियों से अपना पूरा तन्मय ध्यान हटा कर पुरुषों को कुछ धर्म सिखा पाते।
Lagta hai Teri bibi ko 2 month lagatar period Ata hai Iskandar answer le
जया किशोरी जी बच्चो वाली हरकत कर रहीं हैं, जो शास्त्र में विधान है, वही सही है, हम सब फालो करते हैं, हमारे घर तो सब लोग इस नियम का पालन करते हैं, और अच्छा भी लगता है। 🙏🚩
बुरा मत मानना,pleas पर अभी तो अच्छा लग रहा है पर जान बूझ कर आप जो कर रहे हैं, तो बाद में बहुत पछताना पड़ेगा
जया जी अब # मोटिवेशनल स्पीकर है ना कि कोई शास्त्र की ज्ञानी .....4 किताब पढ़ के ज्ञान दे रही है ...😂
U are just having religious stigma thats all.
Maharaj jee ke charnock main Dandvat pranam
Jaya Kishori is right
Issiliye youth ne puja ko chhod Diya hai
Kyuki hum apne man se kaii bekaar ki baato me lag jaate hai
Bhagwan ki puja har samaya kisi bhi paristhiti me ki ja shakti hai bas Maan shudh hona chahiye sarir ka koi mahatev nahi hai
जिसको पूजा करना है वह नहीं करें श्रीमान महोदय महोदयाजी
लेकिन मासिक धर्म के कारण कौन पूजा नहींकरेगा जो अशुद्ध है तोअशुद्ध है
शुद्धता के समय किसने रोका है पूजा पाठ करने के लिए
हमारी शादी के बाद हमारे घर पर कथा रखाजाता है बहू केआने पर उसे दिन हमारी पत्नी राजा सुला थी उसे दिन पूजा नहीं रखा गया श्री सत्यनारायण भगवान की कथा होनी थी बाद में कथा किया गया
रजस्वला के समय द्रौपदी भी बहुत क्रोधित हुई थी उन्होंने दुशासन को कहा था इस समय मैं रजस्वला हूं तुमने हमको हाथ कैसे लगाया
Right
@@rajkumarmishra3265 mansik dharam yadi ashuddh hai toh ap aur apki puri existence hi ashudh hai. Latrine krke aya hua ssudh hai mansik dharam nahi jo nahake ayi ho, apke vicharo me ashuddhi hai iskie apka focus nari ko niyamtran me karne ki hai pr apne bhagwat pe nahi.
देवकी नन्दन thakur जी सत्य कहा है
🙏🏽❤️❤
हमारे गुरु सद्गुरु श्री प्रेमानंद महाराज जी कोटी कोटी नमन हमे तो उनकी बात पसंद लागेल राधे राधे श्री राधे
🙏🌻❤️ जय श्री राधे राधे परम पुज्य प्रेमानंद गुरुदेव प्रभु ❤️🌻🙏
जया किशोरी जी के रही हैं की मासिक धर्म में कुछ नहीं होता , तो इसका मतलब यह है की यह भी कथा कह लेती होंगी ऐसी अवस्था में , राधे राधे ❤
सही कहा, बताती नहीं होगी। क्योंकि बता दिया तो लोगों की प्रतिक्रिया क्या होगी इसका अंदाजा होगा और न बताना तो घोर पाप है। अब लोगों को सोचना है क्या करना चाहिए।
To .. isme kya hua.. jb ishver ko problem nahi apko kya hi problem h..
Baki aapko to aaisi avastha m b katha sunati h itne ghante baith kr apko kuch aacha insaan bnati h aacha gyan de kar.. jb hamari mummy log khana bna sakti pet bhar sakti to koi b kaam galat nahi h..sab ishver ka diya hua h.. sab aacha h ishver ko b isse koi problem nahi h..then why r you people having any problem/issue with this..
@@NEETUSINGH-xb1jc Baat problem ki ha hi nahi. Baat hai ki apavitra awastha me Bhagwan ko ya Bhagwat jaise Pure Granth ko sparsh karne ki. Kya aap potty ja k aa k bina hath dhoye ya snan kiye Bhagwan ki puja kar lete ho? Rahi baat period me katha suna kar achcha insaan banane ki to aisa kar k wo paap kar rahi hai or bata de ki wo katha karte samay period me ha to koi katha sunne nahi aayega.ye adha adhura Gyan le kar gaddi par baith jati hai jisko paisa or prasidhi pane ka business bana liya hai.
Me bhi ek nari hu. Bur jo niyam sahi he uska palan krti hu.. Masik dharm me kitchen me khana nhi bnati hu 4 din k bad khana bnati hu pooja ghr me 7din nhi jati.. Jya kishori ji ko bhi ye bat man leni chahiye ..baki apni apni soch he.. 🙏🙏
@@hometailoringbykusumsharma सही बात।
पत्नियों और माताओं ने अपने पतियों और बेटों को अच्छे से खाना बनाना सिखा देना चाहिए, झाड़ू पोंछा, बरतन, घर संभालना इत्यादि करना सिखा देना चाहिए। ताकि स्त्री एक हफ्ते की छुट्टी लेकर आराम कर सके और पति बेटे, उसे और पूरे परिवार को ढंग का भोजन करवा सकें, घर सुव्यवस्थित रख सकें।
अचानक से कभी वे बनाएं तो गंदे स्वाद वाला भोजन बनता है, जो किसी को अच्छा नहीं लगता, बस लिहाज में, मन रखने को, परिवार जैसे तैसे खा लेता है।
अतः उन्हें कम से कम पांच छह महीने की ट्रेनिंग समय रहते दे देनी चाहिए।
बिल्कुल सही कह रहे है गुरु जी वैसे भी जिन लोगो को मासिक धर्म की वास्तविक जानकारी नहीं वो ऋषि पंचमी की कथा सुनले
❤❤❤ मैं परमानंद बाबा, से और देवकीनंदन महाराज जी, समर्थ❤❤❤
राधे राधे महराजि हमारा मन चलिसाऐ पढने बडा़ हि लगता है हम हनुमान चलिसा शिवचालिसा राम चरित्रमानस के पाच चौपाईया रोज पढति हू तो कोई गलति नही होरही है और आगे और भि चलिसा पढने के लिऐ मन करता है राधे राधे हमारा नाम रिंकु यादव है हुसेनाबाद से हू जिला गाजिपूर
स्वामी श्री प्रेमानंद महाराज जी की जय गुरु जी आप का सत्य वचन है मासिक धर्म में 3 दिन तक कुछ नहीं करना चाहिए
3 din k baad kya ho jata he jo sudh ho jata he wo to 7 8 din tk chalta he
श्री राधे गुरु महाराज प्रेम गुरु महाराज से सहमत है राधे राधे गुरुजी🙏🚩🙏🚩🙏🚩
कमाल है भगवान ने इंसान के और प्रकृति के लिए जो नियम बनाए हैं उन्हें तो कोई मानता नहीं बिना बात के किसी भी बात पे विवाद करने लग जाते हैं, धर्म और वेदों की बात करने वाले आजकल के सन्यासी जो स्वयं को महात्मा मानते हैं,, उन्हें ये ही नहीं पता कि सन्यासी साधु या महात्मा होते कौन हैं,, महात्मा बुद्ध,, स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महापुरुष ही सच्चे अर्थों में महात्मा हैं जिन्होंने सारी मोह माया का त्याग करके एक सादा जीवन जीया,, आजकल के साधु तो ट्रस्ट के नाम पे ,लोगों की सेवा के नाम पे बड़ा ही आरामदायक जीवन यापन करते हैं,, एक साधु को तो पैसे,, गाड़ी,, बंगले,, अच्छे कपड़ों,, अच्छे खाने की जरूरत ही नहीं होती है और रही बात लोगों की सेवा की तो जब मोह माया का त्याग ही कर दिया तो संसार के सुख दुख से उन्हें कोई फर्क ही नहीं पड़ना चाहिए,, महात्मा बुद्ध की तरह अगर कोई उनकी शरण में आना चाहे तो उन्हीं की तरह जीवन यापन करे बिल्कुल सादा जीवन,, भिक्षा मांग के जीवन जिए,,लेकिन क्या जीतने भी यू ट्यूब पे दिखाए जाने वाले महात्मा हैं उनमें से है कोई ऐसा जो सादा जीवन जीता हो,, जया किशोरी जी की बात एकदम सच है,, अगर धर्म की बात करें तो हमारे वैदिक धर्म के अनुसार तो महात्मा वही होता है जो सब मोह माया त्याग कर सादा जीवन जीता है,, अगर धर्म और भगवान की इतनी की चिंता है तो खुद को साधु कहने वाले सभी छोड़ दें गाड़ी बंगलो में रहना,, करें कुदरत की रक्षा,,ए. सी में रहना छोड़ दे,, ए. सी गाड़ियों में चलना छोड़ दें,, लोगों को गांव और शहरों में जाकर जागरूक करें,, पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए निकले सड़कों पे,, सरकारों से अपील करें ,, प्रदूषण की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाने के लिए,, कुदरत के बनाए किसी भी नियम से ना तो कोई पुरुष और ना कोई स्त्री अपवित्र होती है,, वो हर औरत पवित्र है जो अपने कर्तव्यों का अच्छे से पालन करती है,, ये सब तो शरीर की क्रियाएं हैं इन सबसे पवित्रता या अपवित्रता का कोई संबंध नहीं,, इंसान का सर्वोपरी धर्म है मानवता,, जीव जंतुओं और पर्यावरण की रक्षा करना,, अगर मासिक धर्म में कोई काम नहीं करना चाहिए तो वो पवित्रता के लिए नहीं बल्कि उस समय हो रही पीड़ा के कारण,, ना कि पवित्रता या अपिवत्रता के कारण
Great thought, completely agree,,👍👍
सबसे अच्छा और सबसे शानदार जवाब दिया आपने आपकी बात का कोई जवाब नहीं
Bhut hi achhe vichar hai aapke... completely agree
Right ,sant ko apny proprty dukhi logo ke liye use krni chaey jaise Harischandra, karna, jalaram bapa ..
You are absolutely wrong.
Jis samay Mahatma Budhh, swami dayanand aadi sant the uss samay aapke jaise hi un par bhi vishwas nahi karte the, unme dher saari kamiya dhundhte the.
Premanand Ji Maharaj ki Jay Ho 🙏🙏🙏🙏🙏💃💃💃
राधे राधे जी
देखिए जी बात पवित्र अपवित्र की है ही नही ये तो लोगो की अपनी अपनी सोच हैं लेकिन मेरा मानना यह है कि लोग लेडीज को अगर उस समय अपवित्र मान रहे हैं तो माफ करना फिर तो हम सबका जन्म तो अपवित्रता से ही हुआ है
देखिए पहले के लोग बहुत बुद्धिमान थे
उनके धार्मिक बातो का भी वैज्ञानिक कारण होता था
लेडीज को अपने मासिक धर्म के दौरान ज्यादा से ज्यादा आराम मिले और उसे कोई दिक्कत न हो इसलिए भोजन तैयार करने के लिए और मंदिर की सीढ़िया चढ़ने के लिए मना किया होगा
और कुछ नही
ये मेरे निजी विचार है इन विचारों के कारण किसी को भी ठेस पहुंचे तो में हाथ जोड़कर माफी चाहता हू
Stupid ko Gyan nahi diya jata because vo apna extra mind lagata hai 😂
I agree with u
You are write 💯🔥
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100% c
Parmanand Ji Maharaj bilkul sahi bol rahe hain aur devkinandan Thakur Ji bahut sahi bol rahe hain unki baton se main sahmat hu
गुरुजी अगर घर में सिर्फ एक महिला हो तो वह रसोई में नहीं जा सकती
फ़िर खाना कौन बनायेगा? बुज़ुर्गो को या बच्चों को कौन खाना बना देगा
@@truth640 शास्त्रों में तो यह भी लिखा है कि पुरुष को ब्रह्मचर्य अन्य आश्रमों का पालन करना चाहिए। यह भी कि प्याज लहसुन मांस मदिरा, नही खाना चाहिए। और ऐसे व्यक्तियों को क्षु द्र माना जाना चाहिए और ऐसे निकृष्ट को मंदिर नही जाना चाहिए। और यह भी कि स्त्री को देवी समझना चाहिए। पराई स्त्री को मां समान समझना चाहिए।।तो पहले ये ज्ञान आपस में बांट लो, सिखा लो।
बाद में स्त्री के वस्त्रों के अंदर घुसना।।
Kisi bai ya rishtedar se banwao ya bahar se tiffin liyao
@@ParidhiAgrawal-y5n महिला नहीं है घर में और बेचारे आदमी के भी हाथ टूटे हुए हैं तो ऐसा ही करना चाहिए।।
SAS nand daurani jethani se banakar chalo to aisa nahi hoga .ya koi achhe padosan bhi
स्नान करके भोजन बनाना चाहिए ।
Sabi gurujano ko pranaam 🙏🙏🙏guru hi guru h 🙏🙏Har Har Mahadev🙏🙏
पूज्य गुरुदेव प्रेमानंद महराज जी का कथन सत्य है श्री राधे राधे
Radhe Radhe 🙏🙏🙏 श्री प्रेमानंद महाराज जी की बातें मुझे बहुत अच्छा लगा महाराज जी जो भी बोलते हैं एकदम सही बोलते हैं
Ji shukla ji
प्रेमानंद जी महाराज सहीकहा है हम उनकी बात से सहमत है जय श्री कृष्णा राधे राधे कोटीकोटि प्रणाम
गूरू जी ने जो भी कहा सब सत्य कहा हे हम उनकी बातो से सहमत हे
जैसे महाभारत में करन योद्धा श्रेष्ठ था वैसे ही कलयुग में प्रेमानंद है ❤❤❤❤❤
मैं तो चाहती हूं इन दिनों में आराम मिले, लेकिन करना पड़ता है पूजा को छोड़कर सारे काम,, इतने दर्द में खुद को भी संभालो और घर का काम भी करो 😢 और सिलाई भी क्योंकि वो मेरा काम है,,
Jya kishori ji ki baat se sahmat h 🙏🙏
Jay jay shree sitaram sitaram sitaram ji ki jay 🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹👍👍♥️♥️♥️♥️jay jay hanuman ji ki jay ho❤❤❤
भागवत कथा का धंधा होना नहीं चाहिए क्योंकि भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि मैं स्वयं भागवत का स्वरूप हु इसलिए भगवान का चिंतन करना चाहिए क्योंकि भगवान पैसे से दूर है राधे राधे जय श्री कृष्ण
she is right बाकि सभी तो पुरुष वाले बाते कर रहे है इनमें भगवान का अंश रति भर भी नही है
Right, girl is right
Stree hai isliye wo ghuntne me akal Wali bat Kar rahi hsi.blood stained
@@truth640 hum real situation me ye sb dekha h sadhna krte hue hi hume hi gye the bich me hi dhyan krte waqt me or ishwar ne uthne nhi Diya tha hum pramand k sath bat krte h kitabo me likhi bato pr hi nhi wo book likhne Wale logo k us waqt k thought the ab wo change ho gye h unhone b birth lekr apne thought me changes lekr aye h, pr kuch logo sirf kitabo. Me likhi bato pr hi bhrosa karke rah jate h truth tk nhi jate. Apne to I'd bhi truth k nam pr bnai h fir b andhaviswasi ho gye , ishwar body se nhi soul se connect hote h or soul ko kbhi masik dharm nhi hota sirf body ko hota h isliye ishwar k wo Kam jo us awashta me krne se glt nhi hote kr skte h depend krta h jo Kam kr rha h usko kesa mahsus ho rha h....age use lgta h ki nhi krna chahiye to na kro ..kyuki sb jagah situation Kam pr depend krta h , Mandir jesi jagah me to khud hi ldkiya nhi jati h lekin bat kitchen ki ho ya bhagwat padhna or bolna usme glt nhi mansik jap prachar Kiya ja skta h bus chizo ko jo sudh h unko satvik rkhne k liye usne us waqt k liye door Raha ja skta h kyuki vibration us waqt pr negative ho jati h man me chlta h ki hum saf sudh nhi or un chizo k sath wese hi bhaw connect ho jate h , isliye mna kiya jata h.
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*व्यास पीठ पर ऐसे किसी पुरुष को नही बैठना चाहिए जो शास्त्र अनुसार स्त्री को देवी और पराई स्त्री को माता न मानता हो।*
*नही तो श्रोताओं में स्त्री को देखकर वह स्ख .लित हो सकता है और इस तरह वह अशुद्ध हो जायेगा और व्यास पीठ को गंदा कर देगा क्योंकि उसने Pad भी नही पहना होगा।*
*हमारे शास्त्रों में कई उदाहरण हैं जब ऋषि मुनि स्त्री को देखते ही स्खलित हो गए।*
*इसीलिए व्यास पीठ पर वही व्यक्ति बैठे हो स्त्री को देवी और माता मानता हो।* "और देवी और माता को कोई कभी अशुद्ध नही समझता।।।*
सबसे महत्वपूर्ण तो भाव हैं। फिर शरीर चाहे नारी हो या पुरुष ।
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तो आपण संडास मे बैठकर पूजा करोगे?
@@sambhajipawar8882😂😂😂ye ekdam sahi hai
प्रेमानंद महाराज प्रवचन❤❤❤❤
शरीर के 10 अंगों से किसी भी प्रकार का मल अगर बाहर हुआ तो अनुष्ठानात्मक स्थिति में वह व्यक्ति पूर्ण अशुद्ध माना जाता है वह स्त्री ही नहीं पुरुष ही क्यों ना हो इसलिए इसमें बहुत बहस की आवश्यकता नहीं है अशुद्ध काल में हर कार्य के लिए निषेध किया गया है।
✅✅✅✅
हम प्रेमानंद जी महाराजसे सहमत हैं
यह बिल्कुलसही बात है स्त्री को मासिक धर्म में स्त्री को 3 दिन तक पूजा घर में नहीं जाना चाहिए तथा रसोई में नहीं जाना चाहिए और वह और प्रसादी 7 दिन तक नहीं बननी चाहिए यह साइंस से भीरिलेटेड है क्योंकि उसे समय स्त्री को बहुत ज्यादा परेशानी होती है बहुत तकलीफ होती है तो उसे समय वह आराम करें
कोटी कोटी राधे राधे, राधे राधे महानुभाव ❗❗
प्रेमानंद महाराज जी एकदम सत्य बोल रहे हैं इसमें मैं सहमत हूं
भगवान का संबंध आत्मा से होता hai,शरीर से नहीं, उसे yaad आत्मा करतीं हैं, शरीर nhi
Par karma karne kiye liye sarir to chayie
Toh kya karein?
Premanand Maharaj Ji ne bhi kaha 7 din anusthan nhi bhagwat jaap kar sakte hain roj Wale aasan pe baith ke nhi 5 din kaaasan alag bna ke rakhna hai baad mein fir alag dhoke rakh Dena hai fir apne dealy Wale asan par baith ke karna suru kar de aor mandir nhi jana chahiye chhuna chahiye Guru hai agar jiske unko naha dho ke fool pati Chadha ke dhyan sadhna karni chahiye bhagwan to dur ki baat rhi insaan ko chhune me dosh lgta hai aesa humne suna hai pahle ki bahue sasural mein Bina nahane dhone ke kuch nhi chhuti kichen me nhi ja sakti thi hamare sath hua hai
Karma yeh hai k chuth achut karme k bajae nari ko rest krne de sare kaam se , aur jinko avashyakta hai, @@sbp865
🙏🙏 Radhe Radhe sabse Uttam vichar pujya Gurudev ji ka hai vahi Satya hai Radhe Radhe
Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha ❤❤❤❤❤❤❤
Jaya kesori ke bat se sahmat hai 🙏🌹🌹
Shastra padho kisi murkh paisakhau ke piche mat Lago sacche sadhu sant un dino me mana he karte hai
Mai nhi hu
Mai Jaya ji se sahmat nhi hu
Swami Premananda Ji Maharaj is one of the leading spitritual giants of the world ...... What he speaks is always right..... But time changes, and everything changes with time. --- Same is applicable in religious practices too.....Narmade Har🙏
Hari bol.
It's not like that. It never happens with spiritual practices.
You need to correct your thoughts.
Radhey Radhey.I agreed with Maharaj Premanand ji ,Jo kisi divyatma se kam nahi hai .
Premannd mhraj ji ne satya kaha. Radhe radhe
स्त्रियों को माता और बहनों को साधना अनुष्ठान कि वह सभी अधिकार हैं जो एक पुरुष को है साधना अनुष्ठान के बारे में वही धर्मगुरु अच्छे से बता सकता है जिसकी पूर्ण आत्म चेतना जागृत हो, धर्माचार्य का आपस में मत ना मिलना ?? इसलिए आवश्यकता है कि समाज में सत्य धर्म का आयोजन हो सभी धर्मगुरु का सत्य परीक्षण हो कि उन्होंने देवी देवताओं के दर्शन प्राप्त किए हैं या नहीं?? उनकी चेतना जागृत है या नहीं?? क्योंकि अचेतन व्यक्ति कभी भी समाज का सही मार्गदर्शन नहीं कर सकते.
Ye sb murti k pujari h..Bihtar k malik kndarsn to tb honge jb bitar ki aankh kholne ka rasta pata hoga...isliye ye aise hi ladte rahenge..
Actually mere according jaise mantra jap me bhakti me bhramcharya ka follow karna anivarya hai waise hi masik dhrm me puja bhi nhi karni chahiye ,sparsh nhi karna chahiye.
Jaya Kishori Ji ekdam sachu bole chhe,,, koi stree mandir ma hoy Ane Puja karti vakhte j Jo piriyads aavi jay to su karvu ??? To su e achhut Thai jay ?? Dil saf hovu joie ,,, piriyads to Matra keva mate nu chhe ,,
Bhk murkh meethe
U
Kyoki us samay auraten apavitra hoti he gharka Kam kro khana paka o kintu bhaghavan ko mat chuvo ye galat he yese to Ane Vali pedhi bhi kya sochegi koe niyam hi nhi rhega ..koe bhi Mandir jayega .., agar bat Puja karne ki to ap dilse Puja kro to bhaghavan swikar karenge .apne dilse Puja nhi karenge to bhaghavan hi Adchana dalenge .....Jo niyme kiye he uska soch vichar karke hi kiye honge muje bhi pata he kyoki me bhi aurat hi hu
Mere pyare guru dev ka wachan ekdum Satya hai, Jai guru dev guru dev ke charno me koti koti naman ... Dandwat. Guru ji ka naam shree premanand maharaj
प्रेमानंद जी और देवकीनंदन ठाकुर जी के विचार उत्तम है हर माता और बहनों को इसका अनुपालन करना ही चाहिए
प्रेमानंद महाराज जी से हम सहमत राधेराधे गुरुजी