बुल्लेशाह की वाणी-कैसे पाएँ परमात्मा की कृपा ?
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- เผยแพร่เมื่อ 4 ก.ค. 2024
- @essenceofspirituality1111
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Babaji ko hardik pranam ❤🎉😊🙏🙏🙏🙏
Hari om
🙏🙏
Kashmire sa tawheed kashmire ka salaam❤❤❤❤❤❤❤❤❤
🙏🙏🙏🙏
🙏🏻🙏🏻
लक्ष्मी जी बाबा भाग सिंह शाह जी का अध्यात्मिक अनुभव आपके चैनल के द्वारा साधकों तक पहुंचाने का आपका बहुत धन्यवाद।
🙏🙏
You are doing a very noble job by getting so many saints on one channel. Keep it up
Thanks a ton 🙏
Grateful for bringing the crux of enlightened saints so easily to all. 🙏🙏😊
Thanks for watching 🙏
Koti koti pranam Babaji 🙏🙏🙏
nice❤
🙏
Amazing 👌👌 Lakshmi your Voice is melodious ❤ Great 🎉
🙏
Wah ! Kafi Baba Bulleh Shah... awesome 🙏you have done it very well lakshmi..lovely ❤❤
Thanks a lot for your support 🙏🙏🙏
Ma'am
Plz share videos on Sidh yog also. They have lots n lots experiences
Yes Sure 🙏
We will try to do so .
आप दोनो को प्रणाम
Aapko Bhi Pranam 🙏
बहुत ही सुन्दर 🙏
दीदी, मै बुद्धिस्ट हूँ और सन् 20 January 1996 मे मरने से ठीक 2 दिन पहले मेरे बड़े बुद्धिस्ट धर्म गुरु ने कुछ ऐसा रहस्य बताया था हिन्दू सनातन धर्म के बारे मे शायद सोचू आपको बता दूँ हो सकता है उनकी यह कही बात बहुत को लाभ करेगी | उन्होने कहा - देखो बेटा , जहां-जहां शिवलिंग है जो स्वंय से धरती मे से निकले है अर्थात् "स्वयंभू" और आज भी उसी जगह पर स्थापित है और आगे भी स्थापित रहेंगे , कोई उन्हें नष्ट नही कर पायेगा | जो राक्षस उसे नष्ट की कोशिश किया या अशुद्ध करने की कोशिश तो वह स्वंय नष्ट हो जायेगा या उस जगह पर प्राकृतिक आपदायें आना शुरु हों जायेंगी | "शिवलिंग " मे ही ब्रह्माण्ड की उत्पत्ती का रहस्य छुपा है | 😊😊😊😊😊 वेदो में जिसे " ब्रह्म" कहा गया है वह एक वृहद शक्ति (large energy)है और "ब्रह्य" की पूजा नही की जा सकती है | ब्रह्मण्ड के निर्माण के समय और पृथ्वी पर जीवन लाने के लिए यह यह वृहद ऊर्जा अर्थात् "ब्रह्म " तीन भागो में बट गया जिसके ब्रह्या , विष्णु और महेश(भगवान शंकर ) कहते है|. दूसरे शब्दो मे कहे तो जो "ब्रह्म "को निराकार एवं प्रतीक रुप से दिखाने के लिए " शिवालिंग " को ही एक चिन्ह ( sign) माना जाता है | इसके अलावा पृथ्वी पर जो "शिवलिंग ' है उसे असल मे "शिव तत्व " भी कहते है | अब यह तीन वृहद ऊर्जा ब्रद्या , विष्णु और महेश (शंकर ) सूक्ष्म जगत मे भी मौजूद है और स्थूल जगत मे भी | ईश्वर एक वृहद ऊर्जा है जो कोई भी रुप धारण करने की क्षमता रखते हैं अब चाहें मनुष्य़ के रुप मे या जानवर के रुप मे | जैसे मनुष्य के अंदर उसकी आत्मा है और शरीर तो सिर्फ एक चद्दार (blanket) समान है और "आत्मा" अमर है कभी मरती नही है | शरीर बस बदलता है😊😊😊😊 ब्रह्मा जी , विष्णु जी और महेश ( शंकर जी ) के द्वारा उनसे दी गई ऊर्जा से या उनके बाद तमाम देवी- देवताओं का जन्म हुआ है | उदाहरण के तौर पे जैसे हनुमान जी को भगवान शिव जी का अंश कहते हैं , इसका अर्थ यह हुआ कि भगवान शिव जी स्वंय मे ही वृहद ऊर्जा (large quantity) हैं और यह वृहद ऊर्जा ने ही अपने मे से एक थोड़ा सी ऊर्जा निकाल के हनुमान जी को प्रकट किया | अंत मे केवल पुन्य आत्मओं को उसी वृहद ऊर्जा मे मिल जाना है या उन्ही के पास रहना है | गुरुजी ने यह भी कहा कि :- " हिंदूओ अपने अपने घर मे 8 अंगुल (लगभग 13 cm ) से ऊची मूर्ति की पूजी ना करे| प्रतिष्ठित मूर्ति है तब कोई दिक्कत नही है | घर मे 13 cm से ऊंची मूर्ति है और अप्रतिष्ठित है तो तुरंत नदी मे विसर्जित करे | गुरुजी ने सबसे ज्यादा बल इसपे दिया कि घर मे सिर्फ भगवान की फोटी (चित्र ) रख के ही पूजा करे तो ज्यादा बेहतर है | हर जगह ना जाये केवल उसी मन्दिर मे जाये जहा मूर्ति की स्थापना विधि - विधान से प्रतिष्ठित रुप से कि गई हो | कोई भी हिन्दू भूल करके भी दरगाह/ मजार से मदद ना मांगे क्योकि यह सबको पता है कि दरगाह / मजार एक कब्र होती जिसमे मुर्दे गढ़े रहते हैं | मुर्दे से मदद मांगने का मतलब उसके भूत से मदद मांगना | 😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊 उनके आखिरी शब्द थे मै मरने के बाद फिर से पृथ्वी पर मेरा पुनर्जन्म (rebirth) होगा और जो भी व्यक्ति मेरी उपर्युक्त बाते कुछ इसी अंदाज मे लोगो के सामने रखा समझो वह मै ही हूँ पुनर्जन्म के रुप मे |
Marvelous deep gyan from a living master!!!
Thanks for sharing 🙏
दीदी आपका नम्बर दे सकते हैं
🙏🙏