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  • เผยแพร่เมื่อ 27 ม.ค. 2025
  • श्री कालाराम मंदिर रथोत्सवा २४७ वर्षों कि परंपरा पंचवटी नाशिक
    संपूर्ण रथ यात्रा
    जय श्री राम
    नासिक की रथ यात्रा 15 दिनों का त्योहार है जो भगवान राम के जन्म, रामनवमी के अवसर पर श्री कालाराम मंदिर से शुरू होता है। यह चैत्र के पहले दिन (आमतौर पर मार्च या अप्रैल) से शुरू होता है, और चैत्र पूर्णिमा तक, पूर्णिमा की रात तक चलता है।
    उत्सव में भाग लेने के लिए हजारों तीर्थयात्री नासिक आते हैं, और दूसरे दिन शुरू होने वाली रथ यात्रा में शामिल होते हैं। यात्रा शुरू होनेके पहले मानकरी के द्वारा सभी मानकरी को मुख्य मानकरी तिलक करते हे उसे के बाद में श्रीसरदार रास्ते अखंडा तालीम संघ में सभी मानकरी द्वारा ध्वजपुजन,अलंकारपुजन व अखाड़ापुजन करते हे उसे के बाद रथ के पूजाधिकारी (बुवा) रथ के पास आकार गरुड़रथ पर श्री राम लक्ष्मण जानकी मूर्तिपुजन करते हे उसके बाद श्री राम रथ पर आकार मूर्तिपुजन करके श्रीराम लक्ष्मण जानकी मूर्ति रथ में विराजित (बिठाते हे) करते हे उसके बाद में रथ यात्रा प्रारंभ होती हे यह यात्रा मुख्य शहर से गुजरती है। प्राथमिक रथ, जिसे रामरथ के रूप में जाना जाता है, काफी भारी होता है। बड़ी ही सावधानीपूर्वक इसकी देखभाल की जाती है। गरुड़रथ के नाम से जाना जाने वाला एक छोटा रथ भी नाशिक की सड़कों पर घुमाया जाता है।
    दूसरे क्रम में श्रीरामचंद्र की पालकी (रथ), उसके पीछे पूजाधिकारी और गरुड़रथ, और अंतिम कड़ी में रामरथ को लाते हैं उसे दोरान रथ परके मानकरी के द्वारा जय सीता राम सीता के नारे दिए जाते हे । पूजाधिकारी (बुवा) पूरे समय रामरथ के सामने चलते हैं और रथ सेवक (सहायक) रस्सी और एक लकड़ी की छड़ (धुरी) की सहायता से रथों को खींचते हैं। कई सालोसे छड़ (धुरी) का मान कई समजा (पाथरवट समजा को ओर एत्यादि को दिया गया हे ) के मानकरी ओको दिया गयाहे
    यात्रा गोदावरी नदी पर दो घंटे रूकती है, जहां गंगा स्नान होता है। भगवान राम की मूर्ति का पूजाधिकारी (बुवा) के द्वारा अभिषेक किया जाता हे उसे के बाद नदी के पवित्र जल में स्नान कराया जाता है। तीर्थयात्री अंततः कालाराम मंदिर वापस आ जाते हैं, जहां सुबह में आधिकारिक तौर पर यात्रा की समाप्ति होती है।
    रथ यात्रा आध्यात्मिकता का एक बेहतरीन प्रदर्शन है। दुनिया के सभी हिस्सों से श्रद्धालु आते हैं और इस उत्सव में शरीक होते हैं। जय श्रीराम जय सीता राम सीता
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