हरे कृष्ण, प्रभुजी। कृपया विनम्र प्रणाम स्वीकार करें। बहुत ही सादगी से आपने हमें याद दिलाया कि दूसरे व्यक्ति और परिस्थिति को अपने दुःख का कारण समझना एक दानवी मानसिकता का प्रदर्शन है। आंतरिक भक्त कभी ऐसा नहीं सोचता। मैं आपके इस वाक्य पर मनन कर रहा था और सोच रहा था की यह तो सत्य ही है जिसे हम नकार नहीं सकते। फिर मेरे मन में मुझसे जुड़े एक व्यक्ति का विचार आया जो मुझे या परिस्थितियों को ज्यादातर मामलों में जिम्मेदार ठहराता है। तभी एक और विचार आया कि उस व्यक्ति के लिए यह सीख नहीं है। यह मेरे लिए है। इसलिए भगवान ने मुझे यह सुनवाया है। वह व्यक्ति मेरे लिए पूर्ण रूप से सही है और उसमें यह दोष देखना की वह दूसरों में दोष देखता है यह भी मेरी दानवी मानसिकता का प्रमाण है। बहुत बहुत आभार, प्रभुजी। काश आपके वचनों का संग प्रतिदिन मिल पाता। यूट्यूब के माध्यम से ही सही। 🙏
हरे कृष्ण, प्रभुजी। कृपया विनम्र प्रणाम स्वीकार करें। बहुत ही सादगी से आपने हमें याद दिलाया कि दूसरे व्यक्ति और परिस्थिति को अपने दुःख का कारण समझना एक दानवी मानसिकता का प्रदर्शन है। आंतरिक भक्त कभी ऐसा नहीं सोचता।
मैं आपके इस वाक्य पर मनन कर रहा था और सोच रहा था की यह तो सत्य ही है जिसे हम नकार नहीं सकते। फिर मेरे मन में मुझसे जुड़े एक व्यक्ति का विचार आया जो मुझे या परिस्थितियों को ज्यादातर मामलों में जिम्मेदार ठहराता है। तभी एक और विचार आया कि उस व्यक्ति के लिए यह सीख नहीं है। यह मेरे लिए है। इसलिए भगवान ने मुझे यह सुनवाया है। वह व्यक्ति मेरे लिए पूर्ण रूप से सही है और उसमें यह दोष देखना की वह दूसरों में दोष देखता है यह भी मेरी दानवी मानसिकता का प्रमाण है।
बहुत बहुत आभार, प्रभुजी। काश आपके वचनों का संग प्रतिदिन मिल पाता। यूट्यूब के माध्यम से ही सही। 🙏
Hare Krishna prbhu ji dandvat prnam
❤😊