Gulzar shayari || Gulzar poetry in Hindi || Best gulzar shayari || उस मोहब्बत की कद्र क्या होगी

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  • เผยแพร่เมื่อ 25 ธ.ค. 2024

ความคิดเห็น • 9

  • @Pragati_Jat
    @Pragati_Jat ปีที่แล้ว

    चमन में रहना है तो ख़ुशबू पैदा कर लोग सूखे हुए पत्तों को पैरों से कुचल के चले जाते है।
    मेरी फ़ितरत ही मुझे तन्हा करती है मुनाफ़िक़ हो जाऊं तो भीड़ लगा दूँ।
    पुराने साख़ से पूछो की जीना कितना मुश्किल है नए पत्ते तो बस अपनी अदाकारी में रहते है।
    सीने पे तीर खाकर भी अगर कोई मुस्कुरा दे निशाना लाख अच्छा हो मगर बेकार जाता है।शोर मचाते थे जो अपनी शख़्सियत के जलवों का आज ज़लील हुए तार-तार बैठे है।
    बड़ा मुश्किल है उसकी मर्जी का हो जाना जिसकी मर्जी के बिना एक पत्ता नहीं हिलता।
    कितने शौक से छोड़ दिया तुमने हमसे बाते करना जैसे सदियों से तेरे ऊपर कोई बोझ थे हम।
    तुम्हीं बताओ कि उस मोहब्बत की कद्र क्या होगी तुम्हें जो मिल जाये मुफ़्त में तुम्हें आसानी के साथ।ख़ुदा ही जाने की कौन सा गुनाह कर बैठे है हम तमन्नाओं वाली उम्र में तजुर्बे मिल रहे है........❤❤

  • @khushichaudhary867
    @khushichaudhary867 ปีที่แล้ว +3

    नाराज हूं आपसे इतने इतने दिन गायब हो जाते हैं 😔
    आपकी आवाज सुनने के लिए बेसब्री से इंतजार रहती हैं 🥀🥀
    ❤❤...जय हिन्द जय भारत 🇮🇳🇮🇳

  • @bobbymonga1m770
    @bobbymonga1m770 ปีที่แล้ว

    #bobbymonga
    Bahut achhi awaz 👌👌👌👌

  • @sunitadhapate8232
    @sunitadhapate8232 ปีที่แล้ว

    Sahi me apki avaj bahot acchi hai ❤ lekin regular shayri bejte hi nahi aap...

  • @subhashgupta1051
    @subhashgupta1051 ปีที่แล้ว +1

    Tabiyat kaisi hai aapki bhaiya