Acharya Prashant ji ne sbse sikha jisase sikha ja skta h. Acharya ji ne apni baten bahot simple rkhi h jise ek asani se smj aa jata h jbki osho itne asani se smj nhi ata... I love both AP snd osho,❤
मैं आचार्य प्रशांत जी का गीता छात्र हूँ...तो मैं कुछ बातें स्पष्ट करना चाहता हूँ ओशो और आचार्य प्रशांत से संबंधित.... १. दोनों मुक्ति को ही टार्गेट करते हैं लेकिन मुक्ति है क्या??? मुक्ति प्रकृति से अलग हो ही नहीं सकती, प्रकृति के बहाव में बह जाना ही मुक्ति है, क्योंकि उसमें आनंद है, जीवन है, न्यपन है.. ओशो ने तो सीधे ही बोल दिया था कि प्रकृति में बह जाओ, और लोगों ने उसका अर्थ क्या निकाल लिया, "कि जो जैसा हो रहा है होने दो, सब कुछ प्रकृति ही है ओशो ने भी बोला है" इसलिए आज आचार्य जी को पहले ये बोलना पड़ता है कि अपने को थोड़ा प्रकृति से दूर रखो, फिर बाद में धीरे-धीरे आप समझते जाएंगे कि ये मुक्ति तो प्रकृति में ही है। २. आचार्य जी सौम्य, मधुर भाषा में क्यों नहीं बोलते ??? पहले बात तो वो आवाज की टोन है, जो कि ओशो की मधुर थी....बात खत्म दूसरा ... आचार्य जी को जान भुजकर दातकर बोलना पड़ता है, ताकि लोगों को बुरा लगे, जैसे एक बच्चे को डांटा जाता है, जब कोई प्रेम से बोलकर चला जाता है तो आम इंसान उसे एक कान से सुनता है, दूसरे से निकाल देता है... जैसे ओशो के साथ लोगों ने किया है... सब लोग जब पूरा दिन भर जब बैल की तरह वagera करके थक जाएंगे, तब ओशो की वीडियो ऑन करेंगे, लेकिन आचार्य प्रशांत की नहीं क्योंकि वो तुरंत बोलेंगे "दिन भर का समय खा गवाया??" "जैसे अपना समय दिन भर गंवाते हो, समय यानी जीवन... उसको सही करो ना...काम ऐसा करो न जिसमें मौज हो..थकान नहीं...आनंद में जियो।" तो ओशो और आचार्य जी दोनों एक ही बात करते हैं, आचार्य जी ये नहीं चाहते कि उनकी बात को बस सुना जाए, वो चाहते हैं कोई मुझे सुन रहा है तो उसकी जिंदगी बदलनी चाहिए, उसके काम, चुनाव बेहतर होने चाहिए. 🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸
बिल्कुल... दोनो एक ही है आचार्य जी सच हिलाकर, डांट कर, बिना विधि कह रहे है तुम सुधरो बस, अपना ढंग बदलो 👍🏽ओशो ने भी जगाया . दोनों विद्रोह् करते है असत्य के विरुद्ध जो आज तक कोई इतनी बेबाकी से नही कर पाया❤❤
आचार्य प्रशांत और ओशो भारत के बहुत अच्छे दार्शनिक है और दोनों सत्य को बिना किसी लाग लपेट के बोलते है , थोड़ा सा अंतर यह है कि ओशो कुछ मुद्दों में बहुत खुल के बोले है जबकि आचार्य प्रशांत एक -दो मुद्दे है जिनमें बहुत खुल के अपने विचार नहीं रखे ।। बाकी मामलों में दोनों बहुत महान है
आचार्य प्रशांत और ओशो की केंद्रीय बातें एक ही है। आचार्य प्रशांत ज्यादा गहराई से गीता,बुद्ध को समझते हैं। प्रकृति और अहम का एक हो जाना ही आत्मस्थ होना ही है,ये ही आचार्य प्रशांत बताते हैं।
Osho gives method techniques practices for inner wellbeing Mr Prashant tripathi gives only inttelectul entrainment philosophical discussion but not method
Acharya prashanth OSHO KE Kahin aas pass bhi nahi h . Prashant ek hindu dharma ka prachark h . Prashant derpok kayer h. Osho bahut bahudur the kabhi dare nahi .
Abe tu tune kis chij ka theka Le Rakha Hai abe tu kis chij ke liye baitha hai yahan per jindagi Bhar phone hi chalata rah baith Ke. Jab tu Osho ko sunta Hai to to Kisi Se chid Hi nahin Sakta to iska matlab tu sunta hi nahin hota bhat Han han itna Galich aadami tha Aaj Tak Na dekha Maine Aaj ke liye dhanyvad milte Hain kabhi Kisi aur din
Acharya ji ke vajah se himmat badhi hai jindagi mai
आचार्य प्रशांत ♥️🙏
Acharya Prashant ji ne sbse sikha jisase sikha ja skta h.
Acharya ji ne apni baten bahot simple rkhi h jise ek asani se smj aa jata h jbki osho itne asani se smj nhi ata... I love both AP snd osho,❤
सत्य का प्रचार नहीं किया जायेगा,तो झूठ मान लिया जाएगा ❤❤
आचार्य प्रशांत जी और ओशो दोनों की बातें एक जैसी हैं क्योंकि दोनों का केन्द्र एक है ।
मैने जब से आचार्य जी को सुनने तब से माने ओशो ,जै कृष्णमूर्ति और बहुत सारे किताब पढी़ हैं ।
महानता तुम्हें महानता तक ही ले जाएगी ❤
Osho ke samay ki chunautiya alag thi ,aaj ki bahut alag hai...aaj climate change ek bhayavah condition bani hui hai
I love both Osho & Acharya ji.
Form Osho 2017 to acharya Prashant 2019 end to continue till today and ......❤❤❤❤❤
Acharya Prashant ❤❤
मैं आचार्य प्रशांत जी का गीता छात्र हूँ...तो मैं कुछ बातें स्पष्ट करना चाहता हूँ ओशो और आचार्य प्रशांत से संबंधित....
१. दोनों मुक्ति को ही टार्गेट करते हैं लेकिन मुक्ति है क्या??? मुक्ति प्रकृति से अलग हो ही नहीं सकती, प्रकृति के बहाव में बह जाना ही मुक्ति है, क्योंकि उसमें आनंद है, जीवन है, न्यपन है.. ओशो ने तो सीधे ही बोल दिया था कि प्रकृति में बह जाओ, और लोगों ने उसका अर्थ क्या निकाल लिया, "कि जो जैसा हो रहा है होने दो, सब कुछ प्रकृति ही है ओशो ने भी बोला है" इसलिए आज आचार्य जी को पहले ये बोलना पड़ता है कि अपने को थोड़ा प्रकृति से दूर रखो, फिर बाद में धीरे-धीरे आप समझते जाएंगे कि ये मुक्ति तो प्रकृति में ही है।
२. आचार्य जी सौम्य, मधुर भाषा में क्यों नहीं बोलते ??? पहले बात तो वो आवाज की टोन है, जो कि ओशो की मधुर थी....बात खत्म दूसरा ... आचार्य जी को जान भुजकर दातकर बोलना पड़ता है, ताकि लोगों को बुरा लगे, जैसे एक बच्चे को डांटा जाता है, जब कोई प्रेम से बोलकर चला जाता है तो आम इंसान उसे एक कान से सुनता है, दूसरे से निकाल देता है... जैसे ओशो के साथ लोगों ने किया है... सब लोग जब पूरा दिन भर जब बैल की तरह वagera करके थक जाएंगे, तब ओशो की वीडियो ऑन करेंगे, लेकिन आचार्य प्रशांत की नहीं क्योंकि वो तुरंत बोलेंगे "दिन भर का समय खा गवाया??" "जैसे अपना समय दिन भर गंवाते हो, समय यानी जीवन... उसको सही करो ना...काम ऐसा करो न जिसमें मौज हो..थकान नहीं...आनंद में जियो।"
तो ओशो और आचार्य जी दोनों एक ही बात करते हैं, आचार्य जी ये नहीं चाहते कि उनकी बात को बस सुना जाए, वो चाहते हैं कोई मुझे सुन रहा है तो उसकी जिंदगी बदलनी चाहिए, उसके काम, चुनाव बेहतर होने चाहिए.
🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸
बिल्कुल... दोनो एक ही है आचार्य जी सच हिलाकर, डांट कर, बिना विधि कह रहे है तुम सुधरो बस, अपना ढंग बदलो 👍🏽ओशो ने भी जगाया . दोनों विद्रोह् करते है असत्य के विरुद्ध जो आज तक कोई इतनी बेबाकी से नही कर पाया❤❤
Acharya prashant ❤❤❤❤
आचार्य प्रशांत और ओशो भारत के बहुत अच्छे दार्शनिक है और दोनों सत्य को बिना किसी लाग लपेट के बोलते है , थोड़ा सा अंतर यह है कि ओशो कुछ मुद्दों में बहुत खुल के बोले है जबकि आचार्य प्रशांत एक -दो मुद्दे है जिनमें बहुत खुल के अपने विचार नहीं रखे ।।
बाकी मामलों में दोनों बहुत महान है
आभार आचार्य जी ❤
आत्म एक ही होता है
दोनों एक हैं
Mujhe achary ji ki baate jyada aati smjh me ❤❤
Honest & true unbiased observation ❤
❤oho and guruji
Both are critical thinker
good talking ❤❤❤❤❤❤
Only Only And Only Acharya Prashant Ji 🙏❤❤
Osho kyu nahi
आचार्य प्रशांत और ओशो की केंद्रीय बातें एक ही है। आचार्य प्रशांत ज्यादा गहराई से गीता,बुद्ध को समझते हैं। प्रकृति और अहम का एक हो जाना ही आत्मस्थ होना ही है,ये ही आचार्य प्रशांत बताते हैं।
थोड़ा अंतर इसलिए क्योंकि ओशो दर्शन के विधार्थी रहे और शिक्षक भी, ध्यान का पुरा अनुभव ओशो ने लिया. ...
Both are best both are top notch both very different
आचार्य प्रशांत ❤
Osho is legend ❤
Amazing video
Waiting for next part❤
ओशो से आप मुहब्बत कर सकते हो, नफरत कर सकते हो।
मगर नजरअंदाज नहीं कर सकते।।
Ach Prashant ji ka vision jyada clear hai.
Osho ki punarjanm ki dharna unscientific hai.
Can't wait for next part
Acharya prashant ❤
Osho gives method techniques practices for inner wellbeing Mr Prashant tripathi gives only inttelectul entrainment philosophical discussion but not method
Osho to peerless h....unki tulna hi ni ho skti h..He was self realised man.
Ek aur difference hai ki Acharya Prashant vedant par focus karte hai.
दोनों में जो अंतर आपको दिख रहा है वो सतही है । जो असली चीज है वो बिल्कुल ही एक है ।
अगर आपने थंबनेल में लिखा होता, विचारों में कितना अंतर?? दोनों के , तो ज्यादा व्यूज आता😂
👍👍👍👍
Osho ek hi tha uske jaisa hona impossible hai . Acharya ji vi gyani hain main usse vi sunti hoo
aap agar sach much acharya prashant ko janna chahte ho to geeta corse me enrole kro by acharya prashant
AP inspired hai krishna se , kabir se, vedanta upanishad se, jeeven se
Osho🗿& AP🗿
❤❤❤
astravakra gita or bhagawat gita ka difference pata hai ? Bus samajhlo yahi difference hai .
Ek number ki baat bol di.aapne 😅😅❤❤
Acharya prashant student hai osho school mai
Acharya Prashant
Tum acharya Prashant ko nahi mitti ki deh ko compir kar rahe ho 😂😂😂
Ap bodhfather ❤❤❤❤
Osho से बहुत शिखा है आचार्य प्रशांत ने....
तुम्हें बड़ा पता है। आप मिलते हैं क्या आचार्य जी से?
❤😃
2:14 Wrong!!
Asli Ved ko nakaara nhi jaa skta hai !!
Ye osho ne kahaa thaa jab wo Budh pr baat kr rhe the
Acharya prashanth OSHO KE Kahin aas pass bhi nahi h . Prashant ek hindu dharma ka prachark h . Prashant derpok kayer h. Osho bahut bahudur the kabhi dare nahi .
Abe tu tune kis chij ka theka Le Rakha Hai abe tu kis chij ke liye baitha hai yahan per jindagi Bhar phone hi chalata rah baith
Ke.
Jab tu Osho ko sunta Hai to to Kisi Se chid Hi nahin Sakta to iska matlab tu sunta hi nahin hota bhat
Han han itna Galich aadami tha Aaj Tak Na dekha Maine
Aaj ke liye dhanyvad milte Hain kabhi Kisi aur din
@@KaizuAnimeDatte ekdum sahi baat 💖💖 kahi bhai ,yahi log duniya me gandgi krte hai सच्चाई इनकी यह है कि सुनते किसी की नहीं
Osho ko copy karte hai
Copy नहीं सीखते हैं bro❤❤❤
कोई किसी को copy नहीं करता उससे सीखता है।
Tum log isse m pade rehna . Kuch sikhna mat
Acharya Prashant ❤❤
आचार्य प्रशांत ❤❤