Dangal: Manusmriti में देश के पिछड़ों और दलितों के लिए ख़राब राय हैं- Ashutosh | Sahil Joshi

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  • เผยแพร่เมื่อ 15 ธ.ค. 2024

ความคิดเห็น • 17

  • @manojtiwari10
    @manojtiwari10 15 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    समीक्षा तो होना ही चाहिए

  • @anilgambhir9693
    @anilgambhir9693 15 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    1980 में इंदिरा ने भी कहा था के इस संविधान की पुनः समीक्षा होनी चाहिए , आशुतोष एक कुंठित इंसान हो चुका है

  • @neerajgautam12jan
    @neerajgautam12jan 14 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    सवर्ण हिंदुओ को up की महान जनता ने 2024 लोकसभा चुनाव में सबक सिखा दिया है 🎉

  • @ShrishailappaJogur-jt7xe
    @ShrishailappaJogur-jt7xe 15 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    मनुस्मृति को बयां करना चाहिए

  • @anilgambhir9693
    @anilgambhir9693 15 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    बौखलाहट तो आलोक शर्मा की दिख रही है

  • @madhubalasrivastava8313
    @madhubalasrivastava8313 15 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    प्रवक्ता कांग्रेस, आप ही बताइए कि संविधान में भारतीयता कहां और क्या है। सन् १९३५के कानून को संविधान क्यों बनाया गया है।

  • @shivamdixit4236
    @shivamdixit4236 15 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    First amendment constituent assembly me Laya Gaya? Record public hain parliament ke jakar padh Lo nahi Laya Gaya bhai😂😂

  • @madhubalasrivastava8313
    @madhubalasrivastava8313 15 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    हम संविधान को मानते हैं क्योंकि वह लागू हो चुका है लेकिन यह कोई कुरान बाइबिल नहीं है।जब हम सक्षम हो जाएंगे, अपने मन माफिक ‌संशोधन अवश्य करेंगे।

  • @hemantpatel2448
    @hemantpatel2448 15 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    कलास 1/2अधिकारी ओर 3 कलास कलाकँ 4कलास पियून उसके दिये जाने वाली सेलेरी उसे देखा जाये तो वो भी ऐक मनु समृति का भाग है

  • @ashu281000
    @ashu281000 15 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    Sara to doosre desh ke constitution se copy kiya hai.

  • @biranchinarayanmishra7191
    @biranchinarayanmishra7191 14 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    All' these critic's required to express in public is our constitution as its to day to full fill the interest of nation. Is places of worship Act 1991 is rational.. amendment in in 1976.. under emergency after the expiry of Parliament is it' not constitutional to repeal at once.