@@laleetakurrey2130सतगुरु के पीछे केवल सद्गुरु के शिष्य होते हैं ना की कोई गुरु होता है । गुरु नानक देव के पीछे उनके बेटे गुरु नहीं हुए और ना ही उनकी पत्नी गुरु माता हुई। ना ही गौतम सिद्धार्थ (बुद्ध) के पीछे उनके बेटे राहुल गुरु हुए और ना ही उनकी पत्नी गुरु मां हुई राहुल और यशोधरा बुद्ध के शिष्यों से दीक्षा लिया और बुद्ध के भिक्षु संघ में शामिल हो गए। बुद्ध के पीछे लाखों लोग ज्ञान को उपलब्ध हुए वे सभी बुद्ध की महिमा गाए उनके संदेश दूर तक पहुंचाए। महावीर के पीछे कोई तीर्थंकर नहीं हुआ। कबीर के पीछे उनके बेटे कमाल गुरु नहीं हुए।ना ही जार्ज गुर्जिएफ की बेटी गुरु हुई। ना ही रमण महर्षी के पीछे कोई गुरु हुआ। ना ही जिद्दू कृष्णमूर्ति के पीछे कोई जागृत व्यक्ति हुआ। ना ही ओशो(रजनीश)के पीछे कोई गुरु हुआ ओशो के कुछ शिष्य ज्ञान को उपलब्ध हुए। फिर भी ओशो के संदेश फैलाते हैं । ना ही मोहम्मद के पीछे कोई पैगंबर हुआ जैसे ही कोई सद्गुरु शरीर त्याग करता है उनका संदेश हजार हजार गुना फैलाने लगता है जबकि गुरु घासीदास जी का आध्यात्मिक क्रांति, संदेश सिकुड़ गया इसका कारण है कौन गुरु घासीदास जी से दीक्षित हुए कुछ पता नहीं और गुरु घासीदास जी के पीछे परिवारवाद और समाजवाद का पैदा हो जाना है जब कोई सद्गुरु होता है तो सब समाज के सत्य की खोजी लोग सद्गुरु के पास आते हैं उत्सव होता है दीक्षा लेते हैं परमात्मा को सब व्यक्ति नहीं जान सकते परमात्मा सद्गुरु के माध्यम से प्रगट होता है।कुछ मूर्खों के हिसाब से गुरु घासीदास के पीछे उनके घर परिवार के सभी लोग गुरु हुए और उनके पीछे और सभी लोग गुरु हुए आज अनगिनत लोग गुरु है छोटे-छोटे बच्चे गुरु हैं जिनको ठीक से बोलना भी नहीं मालूम। इनके अलावा गुरु घासीदास के चमत्कार की गुणगान वाले लोग चौका आरती वाले भी जपनाम सोहमनाम पोहमनाम बोलकर अपने आप को गुरु कहकर मूर्खताएं करके जीवन यापन का धंधा बना लिया है। पंथी नर्तक, गायक लोग आध्यात्मिक दृष्टि से हजार गुना आगे हैं चौका आरती करने वालों से, चौका आरती करने वाले लोग अच्छे कलाकार हैं कोई गुरु नहीं। यह लोग जो अपने आप को गुरु कह रहे हैं यह गुरु नहीं है हत्यारे हैं उन सभी भाइयों, बहनों का जिनकी कम उम्र में मृत्यु हो गई। जिनका कोई गुरु होता है वह अधिक से अधिक उम्र जीता है आनंदी जीवन जीता है जबकि सतनामी समाज में आज दुख पूर्णता व्याप्त है
सतगुरु के पीछे केवल सद्गुरु के शिष्य होते हैं ना की कोई गुरु होता है । गुरु नानक देव के पीछे उनके बेटे गुरु नहीं हुए और ना ही उनकी पत्नी गुरु माता हुई। ना ही गौतम सिद्धार्थ (बुद्ध) के पीछे उनके बेटे राहुल गुरु हुए और ना ही उनकी पत्नी गुरु मां हुई राहुल और यशोधरा बुद्ध के शिष्यों से दीक्षा लिया और बुद्ध के भिक्षु संघ में शामिल हो गए। बुद्ध के पीछे लाखों लोग ज्ञान को उपलब्ध हुए वे सभी बुद्ध की महिमा गाए उनके संदेश दूर तक पहुंचाए। महावीर के पीछे कोई तीर्थंकर नहीं हुआ। कबीर के पीछे उनके बेटे कमाल गुरु नहीं हुए।ना ही जार्ज गुर्जिएफ की बेटी गुरु हुई। ना ही रमण महर्षी के पीछे कोई गुरु हुआ। ना ही जिद्दू कृष्णमूर्ति के पीछे कोई जागृत व्यक्ति हुआ। ना ही ओशो(रजनीश)के पीछे कोई गुरु हुआ ओशो के कुछ शिष्य ज्ञान को उपलब्ध हुए। फिर भी ओशो के संदेश फैलाते हैं । ना ही मोहम्मद के पीछे कोई पैगंबर हुआ जैसे ही कोई सद्गुरु शरीर त्याग करता है उनका संदेश हजार हजार गुना फैलाने लगता है जबकि गुरु घासीदास जी का आध्यात्मिक क्रांति, संदेश सिकुड़ गया इसका कारण है कौन गुरु घासीदास जी से दीक्षित हुए कुछ पता नहीं और गुरु घासीदास जी के पीछे परिवारवाद और समाजवाद का पैदा हो जाना है जब कोई सद्गुरु होता है तो सब समाज के सत्य की खोजी लोग सद्गुरु के पास आते हैं उत्सव होता है दीक्षा लेते हैं परमात्मा को सब व्यक्ति नहीं जान सकते परमात्मा सद्गुरु के माध्यम से प्रगट होता है।कुछ मूर्खों के हिसाब से गुरु घासीदास के पीछे उनके घर परिवार के सभी लोग गुरु हुए और उनके पीछे और सभी लोग गुरु हुए आज अनगिनत लोग गुरु है छोटे-छोटे बच्चे गुरु हैं जिनको ठीक से बोलना भी नहीं मालूम। इनके अलावा गुरु घासीदास के चमत्कार की गुणगान वाले लोग चौका आरती वाले भी जपनाम सोहमनाम पोहमनाम बोलकर अपने आप को गुरु कहकर मूर्खताएं करके जीवन यापन का धंधा बना लिया है। पंथी नर्तक, गायक लोग आध्यात्मिक दृष्टि से हजार गुना आगे हैं चौका आरती करने वालों से, चौका आरती करने वाले लोग अच्छे कलाकार हैं कोई गुरु नहीं। यह लोग जो अपने आप को गुरु कह रहे हैं यह गुरु नहीं है हत्यारे हैं उन सभी भाइयों, बहनों का जिनकी कम उम्र में मृत्यु हो गई। जिनका कोई गुरु होता है वह अधिक से अधिक उम्र जीता है आनंदी जीवन जीता है जबकि सतनामी समाज में आज दुख पूर्णता व्याप्त है
शिव डहरिया की बातों का मैं समर्थन करता हूँ और गुरु परिवार को पूर्णतः बंद किया जाए! पर ये भी देखने की बात है की शिव डहरिया जब मंत्री थे तब वे भी समाज के लिए कुछ भी नहीं किए! कभी भी समाज हित के लिए कुछ भी नहीं बोले ना ही किसी बातों का समर्थन किए!
हमारे समाज ही कुछ ऐसा है जो समझ में नहीं आता समाज ही समाज का निंदा करते हैं सब दल मै सतनामी समाज है बस समाज ही समाज के बुराई करते रहो अन्यथा कुछ नहीं सभी समाज वासियों को बोलना चाहता हूं राजनीतिक को पकड़ो राजनीति को तो छोड़ो लेकिन एक तो हमको दिखाओ
कांग्रेस हो या भाजपा पार्टी के विधायक सब अपना हित में कार्य करते है सामाज के हित में कोई काम नहीं करता इसलिए गुरू प्रथा सामाज के लिए है इसको राजनीति में चर्चा करना मूर्खता है राजनीति में हार जीत होते रहता है
शिव डहरिया सही बोल रहे हैं.....राजनीति बाज गुरू हो ही नहीं सकते......राजनीति में समर्थक होते हैं.....फिर ये खुद को जगतगुरू घोषित करने वाले धार्मिक स्थलों के चढ़ावा हड़पने व अपना ब्यक्तिगत जीवन सुधारने वाले हैं......खानदान में पैदा होने से गुरू नहीं हो जाते......राष्ट्रपति के घर जनम लेने से कोई राष्ट्रपति नहीं हो जाता.....गुरू बनने लायक कोई योग्यता है!
बिल्कुल सही कहा डहरिया ने सही में गुरु सतनामियों के बारे में 10%भी सोचते तो आज सतनामियों पर अत्याचार हो रहे है ओ नही होते समाज के करीब 300 निर्दोष आदमी को जेल से अभी तक निकल लिए होते कोई भी समाज के नाम पर कुर्सी पर विराजमान होते ही समाज को भूल जाते है शिव डहरिया भी कम नही है उन्ही के शासन से तो सुरु हुआ है धरमपुरा में जो कांट हुआ उस समय डहरिया जी बड़े मजे से शिवरीनारायण में भजन गा रहे थे कोई कम नही है
पूर्व मंत्री डीपी घृतलहरे जी के स्वर्गवास के बाद एक भी नेता समाजिक नहीं है।। यही शिव डहरिया ,,रूद्र गुरु ने भी अपने शासन में एक ईंट का काम समाज के लिए नहीं किया है।।। पर बोला सही है
सतनामी समाज इस बार सब देख रहा है खुशवंत इस बार चटवाएगा सतनामी समाज का एक वोट नही मिलेगा अपको इसी सतनामी समाज के बदौलत जीते हो और इन्ही लोगो जेल भेजवा रहे हो खुशवंत मुर्दा बाद मुर्दा बाद ऐसा गुरु हमे नही चाहिए जो हमारे समाज को ले डूबे अपने स्वार्थ के लिए 😡😡 भाजपा सरकार मुर्दा बाद मुर्दा बाद
मैं गुरु प्रथा के खिलाफ नहीं हूँ....लेकिन गुरु कोई एक बने समाज का और गुरु बनने के लिए उचित योग्यता हो,गुरु पद को ग्रहण करने के लिए उचित प्रतिष्ठान हो l
इस तरह से हमारे समाज के बुराई करने में गुरु और मंत्री लोग जुड़े हुए हैं ऐ तीनो लोगों को मैं अपने सतनामी समाज से अपिल व प्रार्थना करता हूं बहिष्कार करें ऐ लोग शोसल मिडिया में इस तरह के बयान बाजी से समाज को गलत दिशा दे रहे हैं मेरे हिसाब से ऐ लोग समाज को लड़ाने का काम कर रहे हैं मंत्री व विधायक बन कर जय सतनाम 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
गुरु बाबा का कथन है सत्य ही ईश्वर है ,ईश्वर ही सत्य है।।। यह कथन गागर में सागर जैसा है।। गुरु बाबा पूरे मानव समाज का गुरु है किसी जाति धर्म का नही है।।। जाति में बांधना।।।। उनके संदेशों को सीमित करने के समान है।।।
परम पूज्य गुरु घासीदास बाबा जी ने किसी को गुरु नहीं बनाया था न ही स्कुली सिक्षा ग्रहण किए फिर भी वह गुरु है पूजनीय है बिना ज्ञान के कोई भी वैक्ती आगे बढ़ नही सकता इस लिए गुरु बनाया जाता है और अंत में गुरु ही मुक्ति का मार्ग बताते है क्योकि गुरु बिना मुक्ती होवय नहीं गुरु गुरु होता है चेला चेला होता है
अब वो दिन गया जब राजा का बेटा राजा हुआ करता था,,, अब राजा ऊ होगा जो अपने प्रजा अपने समाज की सुरक्षा करेगा,,, अपने समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर खड़े रहें,,,, राजनीति में आने वाले गुरु का हम बहिष्कार करते है,,,, हमारा सिर्फ एक ही गुरू हैं,,, बाबा गुरु घासीदास जी,,,,
सतगुरु के पीछे केवल सद्गुरु के शिष्य होते हैं ना की कोई गुरु होता है । गुरु नानक देव के पीछे उनके बेटे गुरु नहीं हुए और ना ही उनकी पत्नी गुरु माता हुई। ना ही गौतम सिद्धार्थ (बुद्ध) के पीछे उनके बेटे राहुल गुरु हुए और ना ही उनकी पत्नी गुरु मां हुई राहुल और यशोधरा बुद्ध के शिष्यों से दीक्षा लिया और बुद्ध के भिक्षु संघ में शामिल हो गए। बुद्ध के पीछे लाखों लोग ज्ञान को उपलब्ध हुए वे सभी बुद्ध की महिमा गाए उनके संदेश दूर तक पहुंचाए। महावीर के पीछे कोई तीर्थंकर नहीं हुआ। कबीर के पीछे उनके बेटे कमाल गुरु नहीं हुए।ना ही जार्ज गुर्जिएफ की बेटी गुरु हुई। ना ही रमण महर्षी के पीछे कोई गुरु हुआ। ना ही जिद्दू कृष्णमूर्ति के पीछे कोई जागृत व्यक्ति हुआ। ना ही ओशो(रजनीश)के पीछे कोई गुरु हुआ ओशो के कुछ शिष्य ज्ञान को उपलब्ध हुए। फिर भी ओशो के संदेश फैलाते हैं । ना ही मोहम्मद के पीछे कोई पैगंबर हुआ जैसे ही कोई सद्गुरु शरीर त्याग करता है उनका संदेश हजार हजार गुना फैलाने लगता है जबकि गुरु घासीदास जी का आध्यात्मिक क्रांति, संदेश सिकुड़ गया इसका कारण है कौन गुरु घासीदास जी से दीक्षित हुए कुछ पता नहीं और गुरु घासीदास जी के पीछे परिवारवाद और समाजवाद का पैदा हो जाना है जब कोई सद्गुरु होता है तो सब समाज के सत्य की खोजी लोग सद्गुरु के पास आते हैं उत्सव होता है दीक्षा लेते हैं परमात्मा को सब व्यक्ति नहीं जान सकते परमात्मा सद्गुरु के माध्यम से प्रगट होता है।कुछ मूर्खों के हिसाब से गुरु घासीदास के पीछे उनके घर परिवार के सभी लोग गुरु हुए और उनके पीछे और सभी लोग गुरु हुए आज अनगिनत लोग गुरु है छोटे-छोटे बच्चे गुरु हैं जिनको ठीक से बोलना भी नहीं मालूम। इनके अलावा गुरु घासीदास के चमत्कार की गुणगान वाले लोग चौका आरती वाले भी जपनाम सोहमनाम पोहमनाम बोलकर अपने आप को गुरु कहकर मूर्खताएं करके जीवन यापन का धंधा बना लिया है। पंथी नर्तक, गायक लोग आध्यात्मिक दृष्टि से हजार गुना आगे हैं चौका आरती करने वालों से, चौका आरती करने वाले लोग अच्छे कलाकार हैं कोई गुरु नहीं। यह लोग जो अपने आप को गुरु कह रहे हैं यह गुरु नहीं है हत्यारे हैं उन सभी भाइयों, बहनों का जिनकी कम उम्र में मृत्यु हो गई। जिनका कोई गुरु होता है वह अधिक से अधिक उम्र जीता है आनंदी जीवन जीता है जबकि सतनामी समाज में आज दुख पूर्णता व्याप्त है
सही बात है शिव डहरिया जी प्रधानमंत्री का परिवार प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री का परिवार मुख्यमंत्री कलेक्टर का परिवार कलेक्टर वकील का परिवार वकील डॉक्टर का परिवार डॉक्टर बिना चुनाव के नेता और बिना डिग्री के वकील या डॉक्टर नहीं बन सकता तो गुरु का परिवार गुरु कैसे बन सकता है उनमें गुरु का गुण होना चाहिए हमारे गुरु सिर्फ परमपूज्य संत गुरुघासीदास जी है ❤
सतगुरु के पीछे केवल सद्गुरु के शिष्य होते हैं ना की कोई गुरु होता है । गुरु नानक देव के पीछे उनके बेटे गुरु नहीं हुए और ना ही उनकी पत्नी गुरु माता हुई। ना ही गौतम सिद्धार्थ (बुद्ध) के पीछे उनके बेटे राहुल गुरु हुए और ना ही उनकी पत्नी गुरु मां हुई राहुल और यशोधरा बुद्ध के शिष्यों से दीक्षा लिया और बुद्ध के भिक्षु संघ में शामिल हो गए। बुद्ध के पीछे लाखों लोग ज्ञान को उपलब्ध हुए वे सभी बुद्ध की महिमा गाए उनके संदेश दूर तक पहुंचाए। महावीर के पीछे कोई तीर्थंकर नहीं हुआ। कबीर के पीछे उनके बेटे कमाल गुरु नहीं हुए।ना ही जार्ज गुर्जिएफ की बेटी गुरु हुई। ना ही रमण महर्षी के पीछे कोई गुरु हुआ। ना ही जिद्दू कृष्णमूर्ति के पीछे कोई जागृत व्यक्ति हुआ। ना ही ओशो(रजनीश)के पीछे कोई गुरु हुआ ओशो के कुछ शिष्य ज्ञान को उपलब्ध हुए। फिर भी ओशो के संदेश फैलाते हैं । ना ही मोहम्मद के पीछे कोई पैगंबर हुआ जैसे ही कोई सद्गुरु शरीर त्याग करता है उनका संदेश हजार हजार गुना फैलाने लगता है जबकि गुरु घासीदास जी का आध्यात्मिक क्रांति, संदेश सिकुड़ गया इसका कारण है कौन गुरु घासीदास जी से दीक्षित हुए कुछ पता नहीं और गुरु घासीदास जी के पीछे परिवारवाद और समाजवाद का पैदा हो जाना है जब कोई सद्गुरु होता है तो सब समाज के सत्य की खोजी लोग सद्गुरु के पास आते हैं उत्सव होता है दीक्षा लेते हैं परमात्मा को सब व्यक्ति नहीं जान सकते परमात्मा सद्गुरु के माध्यम से प्रगट होता है।कुछ मूर्खों के हिसाब से गुरु घासीदास के पीछे उनके घर परिवार के सभी लोग गुरु हुए और उनके पीछे और सभी लोग गुरु हुए आज अनगिनत लोग गुरु है छोटे-छोटे बच्चे गुरु हैं जिनको ठीक से बोलना भी नहीं मालूम। इनके अलावा गुरु घासीदास के चमत्कार की गुणगान वाले लोग चौका आरती वाले भी जपनाम सोहमनाम पोहमनाम बोलकर अपने आप को गुरु कहकर मूर्खताएं करके जीवन यापन का धंधा बना लिया है। पंथी नर्तक, गायक लोग आध्यात्मिक दृष्टि से हजार गुना आगे हैं चौका आरती करने वालों से, चौका आरती करने वाले लोग अच्छे कलाकार हैं कोई गुरु नहीं। यह लोग जो अपने आप को गुरु कह रहे हैं यह गुरु नहीं है हत्यारे हैं उन सभी भाइयों, बहनों का जिनकी कम उम्र में मृत्यु हो गई। जिनका कोई गुरु होता है वह अधिक से अधिक उम्र जीता है आनंदी जीवन जीता है जबकि सतनामी समाज में आज दुख पूर्णता व्याप्त है
हम गुरु घासीदास बाबा जी,, को छोड़कर किसी दूसरे को गुरु मान ही नहीं सकते हैं,,, मैं मनमोहन सिंह घृतलहरे सतनामी,,,,, मैं नहीं मानता ऐसे लोगों को गुरु 😂😂😂😂😂😂😂😂
गुरु घासीदास बाबा 🙏🏳️ गुरु अमरदास गुरु बालक दास 🙏🏳️ हमारे यहा इनको ही पूजा जाता है ,, और हम इनको ही अपने धर्म के भगवान मानते है ''गुरु घासी दास बाबा जी '' जय सतनाम 🙏🏳️
गुरु होने का मतलब अपने आप को गुरु के काबिल बनाए रखना और ये लोग सतनामी समाज के साथ राजनीति खेल रहे है गुरु हमारे मान सम्मान है लेकिन इस इस्तिति में सतनामी समाज गुरुओं को कभी नही स्वीकार करेगा गुरु जानो को जय सतनाम 🤍🏳️🏳️
गिरोधपुरी का विकास नहीं हुआ यह दिखाई दे रहा है सतनामी समाज के धर्म और समाज को कुचल रहे हैं धर्म समाज के लिए आवाज उठा रहे हैं उसको जेल में डाल रहे हैं वह दिखाई नहीं दे रहा है
पूर्ण सतगुरु गुरु के मिले कटे दुःख पापा। जन्म जन्म के मिटें संतापा ।। गुरु के चरण सदा चित्त दीजै। जीवन जन्म सफल कर लीजै ।। परमात्मा से परिचित जो संत हुए हैं वो कुछ डिवीजन, खंड को ही लाभ दे सकते हैं। और सतगुरु उसको जानना जो पूरे विश्व का कल्याण कर दे। #WhoIsThe_CompleteGuru
यह हमारा गुरु नहीं है हम बहिष्कार करते हैं
शिवडहरिया जी ठीक बोलरहे हैं गुरु जबतक राजनीति मे हैं तब तक गुरु नहीं है गुरु जैसा काम हो ना जरुरी है
गुरु के नाम से कलंक है खुशवंत h 🎉🎉❤❤
मैं पूर्ण रूप से सहमत हूं शिव डहरिया जी के बयान से 🎉
इतना ही गुरु बन रहे हो तो सीबीआई जांच की आदेश क्यो नहीं देते डहरिया जी सही कह रहे हैं
हमारा गुरु सिर्फ घासीदास बाबा हैं
सतनामी समाज से वोटिंग करवा लीजिए 100 मेसे 99 वोट नहीं मिलेंगे गारंटी है
लाइक करे अगर सही लिखा हूं तो
🎉🎉💯 tru
@@laleetakurrey2130सतगुरु के पीछे केवल सद्गुरु के शिष्य होते हैं ना की कोई गुरु होता है । गुरु नानक देव के पीछे उनके बेटे गुरु नहीं हुए और ना ही उनकी पत्नी गुरु माता हुई। ना ही गौतम सिद्धार्थ (बुद्ध) के पीछे उनके बेटे राहुल गुरु हुए और ना ही उनकी पत्नी गुरु मां हुई राहुल और यशोधरा बुद्ध के शिष्यों से दीक्षा लिया और बुद्ध के भिक्षु संघ में शामिल हो गए। बुद्ध के पीछे लाखों लोग ज्ञान को उपलब्ध हुए वे सभी बुद्ध की महिमा गाए उनके संदेश दूर तक पहुंचाए। महावीर के पीछे कोई तीर्थंकर नहीं हुआ। कबीर के पीछे उनके बेटे कमाल गुरु नहीं हुए।ना ही जार्ज गुर्जिएफ की बेटी गुरु हुई। ना ही रमण महर्षी के पीछे कोई गुरु हुआ। ना ही जिद्दू कृष्णमूर्ति के पीछे कोई जागृत व्यक्ति हुआ। ना ही ओशो(रजनीश)के पीछे कोई गुरु हुआ ओशो के कुछ शिष्य ज्ञान को उपलब्ध हुए। फिर भी ओशो के संदेश फैलाते हैं । ना ही मोहम्मद के पीछे कोई पैगंबर हुआ जैसे ही कोई सद्गुरु शरीर त्याग करता है उनका संदेश हजार हजार गुना फैलाने लगता है जबकि गुरु घासीदास जी का आध्यात्मिक क्रांति, संदेश सिकुड़ गया इसका कारण है कौन गुरु घासीदास जी से दीक्षित हुए कुछ पता नहीं और गुरु घासीदास जी के पीछे परिवारवाद और समाजवाद का पैदा हो जाना है जब कोई सद्गुरु होता है तो सब समाज के सत्य की खोजी लोग सद्गुरु के पास आते हैं उत्सव होता है दीक्षा लेते हैं परमात्मा को सब व्यक्ति नहीं जान सकते परमात्मा सद्गुरु के माध्यम से प्रगट होता है।कुछ मूर्खों के हिसाब से गुरु घासीदास के पीछे उनके घर परिवार के सभी लोग गुरु हुए और उनके पीछे और सभी लोग गुरु हुए आज अनगिनत लोग गुरु है छोटे-छोटे बच्चे गुरु हैं जिनको ठीक से बोलना भी नहीं मालूम। इनके अलावा गुरु घासीदास के चमत्कार की गुणगान वाले लोग चौका आरती वाले भी जपनाम सोहमनाम पोहमनाम बोलकर अपने आप को गुरु कहकर मूर्खताएं करके जीवन यापन का धंधा बना लिया है। पंथी नर्तक, गायक लोग आध्यात्मिक दृष्टि से हजार गुना आगे हैं चौका आरती करने वालों से, चौका आरती करने वाले लोग अच्छे कलाकार हैं कोई गुरु नहीं। यह लोग जो अपने आप को गुरु कह रहे हैं यह गुरु नहीं है हत्यारे हैं उन सभी भाइयों, बहनों का जिनकी कम उम्र में मृत्यु हो गई। जिनका कोई गुरु होता है वह अधिक से अधिक उम्र जीता है आनंदी जीवन जीता है जबकि सतनामी समाज में आज दुख पूर्णता व्याप्त है
सतगुरु के पीछे केवल सद्गुरु के शिष्य होते हैं ना की कोई गुरु होता है । गुरु नानक देव के पीछे उनके बेटे गुरु नहीं हुए और ना ही उनकी पत्नी गुरु माता हुई। ना ही गौतम सिद्धार्थ (बुद्ध) के पीछे उनके बेटे राहुल गुरु हुए और ना ही उनकी पत्नी गुरु मां हुई राहुल और यशोधरा बुद्ध के शिष्यों से दीक्षा लिया और बुद्ध के भिक्षु संघ में शामिल हो गए। बुद्ध के पीछे लाखों लोग ज्ञान को उपलब्ध हुए वे सभी बुद्ध की महिमा गाए उनके संदेश दूर तक पहुंचाए। महावीर के पीछे कोई तीर्थंकर नहीं हुआ। कबीर के पीछे उनके बेटे कमाल गुरु नहीं हुए।ना ही जार्ज गुर्जिएफ की बेटी गुरु हुई। ना ही रमण महर्षी के पीछे कोई गुरु हुआ। ना ही जिद्दू कृष्णमूर्ति के पीछे कोई जागृत व्यक्ति हुआ। ना ही ओशो(रजनीश)के पीछे कोई गुरु हुआ ओशो के कुछ शिष्य ज्ञान को उपलब्ध हुए। फिर भी ओशो के संदेश फैलाते हैं । ना ही मोहम्मद के पीछे कोई पैगंबर हुआ जैसे ही कोई सद्गुरु शरीर त्याग करता है उनका संदेश हजार हजार गुना फैलाने लगता है जबकि गुरु घासीदास जी का आध्यात्मिक क्रांति, संदेश सिकुड़ गया इसका कारण है कौन गुरु घासीदास जी से दीक्षित हुए कुछ पता नहीं और गुरु घासीदास जी के पीछे परिवारवाद और समाजवाद का पैदा हो जाना है जब कोई सद्गुरु होता है तो सब समाज के सत्य की खोजी लोग सद्गुरु के पास आते हैं उत्सव होता है दीक्षा लेते हैं परमात्मा को सब व्यक्ति नहीं जान सकते परमात्मा सद्गुरु के माध्यम से प्रगट होता है।कुछ मूर्खों के हिसाब से गुरु घासीदास के पीछे उनके घर परिवार के सभी लोग गुरु हुए और उनके पीछे और सभी लोग गुरु हुए आज अनगिनत लोग गुरु है छोटे-छोटे बच्चे गुरु हैं जिनको ठीक से बोलना भी नहीं मालूम। इनके अलावा गुरु घासीदास के चमत्कार की गुणगान वाले लोग चौका आरती वाले भी जपनाम सोहमनाम पोहमनाम बोलकर अपने आप को गुरु कहकर मूर्खताएं करके जीवन यापन का धंधा बना लिया है। पंथी नर्तक, गायक लोग आध्यात्मिक दृष्टि से हजार गुना आगे हैं चौका आरती करने वालों से, चौका आरती करने वाले लोग अच्छे कलाकार हैं कोई गुरु नहीं। यह लोग जो अपने आप को गुरु कह रहे हैं यह गुरु नहीं है हत्यारे हैं उन सभी भाइयों, बहनों का जिनकी कम उम्र में मृत्यु हो गई। जिनका कोई गुरु होता है वह अधिक से अधिक उम्र जीता है आनंदी जीवन जीता है जबकि सतनामी समाज में आज दुख पूर्णता व्याप्त है
कोई गलत नहीं बोला गया है बहुत ही सही बात बोले हैं जब समाज की बात आती है तो कोई गुरु आगे नही आते है
शिव डहरिया की बातों का मैं समर्थन करता हूँ और गुरु परिवार को पूर्णतः बंद किया जाए! पर ये भी देखने की बात है की शिव डहरिया जब मंत्री थे तब वे भी समाज के लिए कुछ भी नहीं किए! कभी भी समाज हित के लिए कुछ भी नहीं बोले ना ही किसी बातों का समर्थन किए!
हमारे समाज ही कुछ ऐसा है जो समझ में नहीं आता समाज ही समाज का निंदा करते हैं सब दल मै सतनामी समाज है बस समाज ही समाज के बुराई करते रहो अन्यथा कुछ नहीं सभी समाज वासियों को बोलना चाहता हूं राजनीतिक को पकड़ो राजनीति को तो छोड़ो लेकिन एक तो हमको दिखाओ
Sahiiii bol rahe ❤
Bilkul sahi bat hai
बिलकुल सत्य वचन है
कांग्रेस हो या भाजपा पार्टी के विधायक सब अपना हित में कार्य करते है सामाज के हित में कोई काम नहीं करता इसलिए गुरू प्रथा सामाज के लिए है इसको राजनीति में चर्चा करना मूर्खता है राजनीति में हार जीत होते रहता है
Ekdam sahi bole hai🙏🙏💕💕
Eldam sahi hai
गुरू कोई नही है सतनामी समाज में और जो है भी वे गुरु इस लिए बने बैठे हैं क्योंकि लोगों के दान चढ़ावे में जिंदगी चाल रही है कि।।
100/ right
शिव डहरिया के बयान से हम सहमत हैं ,ये उनका बयान नहीं है पुरे सतनामी समाज का कहना है
जब चाहे पलटी मारने वाले को क्या कहे?
Good
ऐसे समाज के लोग समाज के लिए कुछ किया है और न कभी कर पायेंगे बहुत ही शर्मनाक
ये गुरु नहीं सत्तालोभी लोग है गुरु के नाम पर कलंक
Sahi baat
शिवडहरीया जी ने सत्य बात बोला है।
मैं किसी भी पार्टी से नही हु लेकिन एक बात तो है हमारा समाज गुरु वंश से ही है , शिव डहरिया जी ने अभी तक हमारे समाज के लिए क्या किया बता दो
जो गुरु राजनीति में है उस को गुरु नही माना जायेगा शिव डहारिया जी बहुत सही बोले है !
यह लोग सब समाज के दलाल हैं और समाज के लिए आज तक कोई कुछ नहीं किया है
शिव डहरिया सही बोल रहे हैं.....राजनीति बाज गुरू हो ही नहीं सकते......राजनीति में समर्थक होते हैं.....फिर ये खुद को जगतगुरू घोषित करने वाले धार्मिक स्थलों के चढ़ावा हड़पने व अपना ब्यक्तिगत जीवन सुधारने वाले हैं......खानदान में पैदा होने से गुरू नहीं हो जाते......राष्ट्रपति के घर जनम लेने से कोई राष्ट्रपति नहीं हो जाता.....गुरू बनने लायक कोई योग्यता है!
गुरुप्रथा को मानना ही बंद कर दो, वैसे ही खत्म हो जाएगा।
बिल्कुल सही कहा डहरिया ने सही में गुरु सतनामियों के बारे में 10%भी सोचते तो आज सतनामियों पर अत्याचार हो रहे है ओ नही होते समाज के करीब 300 निर्दोष आदमी को जेल से अभी तक निकल लिए होते कोई भी समाज के नाम पर कुर्सी पर विराजमान होते ही समाज को भूल जाते है शिव डहरिया भी कम नही है उन्ही के शासन से तो सुरु हुआ है धरमपुरा में जो कांट हुआ उस समय डहरिया जी बड़े मजे से शिवरीनारायण में भजन गा रहे थे कोई कम नही है
डहरिया ने बिल्कुल सही कहा है घासी दास बाबा ही समाज के गुरु है
पूर्व मंत्री डीपी घृतलहरे जी के स्वर्गवास के बाद एक भी नेता समाजिक नहीं है।।
यही शिव डहरिया ,,रूद्र गुरु ने भी अपने शासन में एक ईंट का काम समाज के लिए नहीं किया है।।।
पर बोला सही है
Shiva dhariya galat hai,aapse to lakh Guna achchha hai khushvant Saheb
शिव डहरिया जी बिल्कुल सही बोले
सही बात हरे पहली कांग्रेस ला सपोर्ट करत रीहीस अउ अब बीजेपी मे आगे ये बात तो राइट हे दलबदलु हे एकर मन के गुरु हा
राजनीति में हार का गम और प्यार का गम बहुत भयानक होता है साहेब
Dahariya ji sahi bola
शिव डहरिया जी ने बिल्कुल सही कहा जो धर्म गुरु राजनीति में जाता है वह गुरु के लायक नहीं होता
तीनो मिलकर सतनामी समाज को छतिग्रस्त पहुंचा रहे हैं
ये केवल अपने घर वाले का ही गुरु है हमारे समाज का नहीं,केवल गुरु घासीदास जी हम सब का गुरु है
बाबा गुरु घासीदास और गुरु बालक दास के बाद कोई गुरु नही है,ये सब अवसर वादी लोगो को गुरु कहने की कोई अधिकार नही है
डॉ. शिवकुमार डहरिया जी सही कह रहे है। गुरु बन कर दलाली रहे है बाकी लोग ।
शिव डहरिया जी के बात से बहुत सहमत है हम
ब्रह्मचारी विषय त्यागी सतगुनी निस्वार्थी
ज्ञान गम्य विचार मुर्ती सतगुरु परमार्थी
वंशज न फनसज जिसमें यह गुण है वही गुरु।
सही बात बोला है शिवकुमार डहरिया
सही बोल रहे हो मोहदय
Shahi bola ❤❤❤❤❤
Sahi baat Shiv dariya sach baat kar rahe hain
शिव डहरिया 100%सत्य कहा, शिव डहरिया जिंदाबाद, खुशवंतराम मुर्दाबाद
Shiv dahariya ji bilkul sahi hi bola
हम सिर्फ बाबा गुरु घासीदास को अपना गुरु मानते हैं और मानेंगे ,ये अवसर वादी लोग जबरदस्ती अपने आप को गुरु बताते है
बिल्कुल सही बात है
सतनामी समाज इस बार सब देख रहा है खुशवंत इस बार चटवाएगा सतनामी समाज का एक वोट नही मिलेगा अपको इसी सतनामी समाज के बदौलत जीते हो और इन्ही लोगो जेल भेजवा रहे हो
खुशवंत मुर्दा बाद मुर्दा बाद ऐसा गुरु हमे नही चाहिए जो हमारे समाज को ले डूबे अपने स्वार्थ के लिए 😡😡 भाजपा सरकार मुर्दा बाद मुर्दा बाद
शिव डहरिया जिंदाबाद
Shiv डहरिया जी बिलकुल सही बोल रहे हैं
Shiv डहरिया जी सही बोल रहे हैं
Dahriya ji ka bilkul sahi kathan hai
Dr sahab sahi bole rahe hai
शिव डहरिया सही बोल रहे हैं
बिलकुल सही है बात है
बिल्कुल ठीक बोल हैं। पहले तो ये बता दे सुखवंत ने क्याकिया समाज के लिए हमारे तो सिर्फ गुरू घसीदास ही गुरु है उनके वंश होने से कोई गुरु नहीं हो जाता।
Jay shiv dahariya Jay Satnam
SHIV DAHARIYA Ji sahi bol raha hai
Ye Guru nahi hai ye Dalal hai
मैं गुरु प्रथा के खिलाफ नहीं हूँ....लेकिन गुरु कोई एक बने समाज का और गुरु बनने के लिए उचित योग्यता हो,गुरु पद को ग्रहण करने के लिए उचित प्रतिष्ठान हो l
ऐसे मुह बोला गुरु नहीं होना चाहिए
Bahut sahi kaha hai
Shiv Dahariya ji se sahmat hu...
सही बोले हैं
इस तरह से हमारे समाज के बुराई करने में गुरु और मंत्री लोग जुड़े हुए हैं ऐ तीनो लोगों को मैं अपने सतनामी समाज से अपिल व प्रार्थना करता हूं बहिष्कार करें ऐ लोग शोसल मिडिया में इस तरह के बयान बाजी से समाज को गलत दिशा दे रहे हैं मेरे हिसाब से ऐ लोग समाज को लड़ाने का काम कर रहे हैं मंत्री व विधायक बन कर जय सतनाम 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Sahi bat h sir ji
सच है गुरुवंस गुरु लायक नही है
गुरु बाबा का कथन है
सत्य ही ईश्वर है ,ईश्वर ही सत्य है।।।
यह कथन गागर में सागर जैसा है।।
गुरु बाबा पूरे मानव समाज का गुरु है किसी जाति धर्म का नही है।।।
जाति में बांधना।।।।
उनके संदेशों को सीमित करने के समान है।।।
सही बोल रहे हैं sir Dahariya sir
सतनामी समाज के गुरु सिर्फ बाबा गुरुघासीदास बाबा जी है! जय सतनाम!
Savidhanik aur Prajatantrik vichar hai samaj dahriya ke saath🙏🙏🙏👌
Siv dhriya ki bat bilkul shi hai 😇
परम पूज्य गुरु घासीदास बाबा जी ने किसी को गुरु नहीं बनाया था
न ही स्कुली सिक्षा ग्रहण किए फिर भी वह गुरु है पूजनीय है
बिना ज्ञान के कोई भी वैक्ती
आगे बढ़ नही सकता इस लिए गुरु बनाया जाता है
और अंत में गुरु ही मुक्ति का मार्ग बताते है
क्योकि
गुरु बिना मुक्ती होवय नहीं
गुरु गुरु होता है चेला चेला होता है
Guru ko rajnity me nahi aana chahiye.
गुरु होता तो राजनीति में नहीं उतरता
राज नेता गुरु नही है। गुरु सिर्फ गुरु बाबा घासी दास अमर दास बालक दास। उसके बाद बन्द। सब राज नेता।
अब वो दिन गया जब राजा का बेटा राजा हुआ करता था,,, अब राजा ऊ होगा जो अपने प्रजा अपने समाज की सुरक्षा करेगा,,, अपने समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर खड़े रहें,,,, राजनीति में आने वाले गुरु का हम बहिष्कार करते है,,,, हमारा सिर्फ एक ही गुरू हैं,,, बाबा गुरु घासीदास जी,,,,
सतगुरु के पीछे केवल सद्गुरु के शिष्य होते हैं ना की कोई गुरु होता है । गुरु नानक देव के पीछे उनके बेटे गुरु नहीं हुए और ना ही उनकी पत्नी गुरु माता हुई। ना ही गौतम सिद्धार्थ (बुद्ध) के पीछे उनके बेटे राहुल गुरु हुए और ना ही उनकी पत्नी गुरु मां हुई राहुल और यशोधरा बुद्ध के शिष्यों से दीक्षा लिया और बुद्ध के भिक्षु संघ में शामिल हो गए। बुद्ध के पीछे लाखों लोग ज्ञान को उपलब्ध हुए वे सभी बुद्ध की महिमा गाए उनके संदेश दूर तक पहुंचाए। महावीर के पीछे कोई तीर्थंकर नहीं हुआ। कबीर के पीछे उनके बेटे कमाल गुरु नहीं हुए।ना ही जार्ज गुर्जिएफ की बेटी गुरु हुई। ना ही रमण महर्षी के पीछे कोई गुरु हुआ। ना ही जिद्दू कृष्णमूर्ति के पीछे कोई जागृत व्यक्ति हुआ। ना ही ओशो(रजनीश)के पीछे कोई गुरु हुआ ओशो के कुछ शिष्य ज्ञान को उपलब्ध हुए। फिर भी ओशो के संदेश फैलाते हैं । ना ही मोहम्मद के पीछे कोई पैगंबर हुआ जैसे ही कोई सद्गुरु शरीर त्याग करता है उनका संदेश हजार हजार गुना फैलाने लगता है जबकि गुरु घासीदास जी का आध्यात्मिक क्रांति, संदेश सिकुड़ गया इसका कारण है कौन गुरु घासीदास जी से दीक्षित हुए कुछ पता नहीं और गुरु घासीदास जी के पीछे परिवारवाद और समाजवाद का पैदा हो जाना है जब कोई सद्गुरु होता है तो सब समाज के सत्य की खोजी लोग सद्गुरु के पास आते हैं उत्सव होता है दीक्षा लेते हैं परमात्मा को सब व्यक्ति नहीं जान सकते परमात्मा सद्गुरु के माध्यम से प्रगट होता है।कुछ मूर्खों के हिसाब से गुरु घासीदास के पीछे उनके घर परिवार के सभी लोग गुरु हुए और उनके पीछे और सभी लोग गुरु हुए आज अनगिनत लोग गुरु है छोटे-छोटे बच्चे गुरु हैं जिनको ठीक से बोलना भी नहीं मालूम। इनके अलावा गुरु घासीदास के चमत्कार की गुणगान वाले लोग चौका आरती वाले भी जपनाम सोहमनाम पोहमनाम बोलकर अपने आप को गुरु कहकर मूर्खताएं करके जीवन यापन का धंधा बना लिया है। पंथी नर्तक, गायक लोग आध्यात्मिक दृष्टि से हजार गुना आगे हैं चौका आरती करने वालों से, चौका आरती करने वाले लोग अच्छे कलाकार हैं कोई गुरु नहीं। यह लोग जो अपने आप को गुरु कह रहे हैं यह गुरु नहीं है हत्यारे हैं उन सभी भाइयों, बहनों का जिनकी कम उम्र में मृत्यु हो गई। जिनका कोई गुरु होता है वह अधिक से अधिक उम्र जीता है आनंदी जीवन जीता है जबकि सतनामी समाज में आज दुख पूर्णता व्याप्त है
आप दोनों भी सतनामी ही हो और सतनामी समाज की उन्नति के लिए क्या कर रहे हों
बस एक दूसरे के प्रति बहिष्कार तो समाज क्या सीखेगा
Me aapki bato se shmat hu❤
सही बात है शिव डहरिया जी
प्रधानमंत्री का परिवार प्रधानमंत्री
मुख्यमंत्री का परिवार मुख्यमंत्री
कलेक्टर का परिवार कलेक्टर
वकील का परिवार वकील
डॉक्टर का परिवार डॉक्टर
बिना चुनाव के नेता और बिना डिग्री के वकील या डॉक्टर नहीं बन सकता तो
गुरु का परिवार गुरु कैसे बन सकता है
उनमें गुरु का गुण होना चाहिए
हमारे गुरु सिर्फ परमपूज्य संत गुरुघासीदास जी है ❤
सतगुरु के पीछे केवल सद्गुरु के शिष्य होते हैं ना की कोई गुरु होता है । गुरु नानक देव के पीछे उनके बेटे गुरु नहीं हुए और ना ही उनकी पत्नी गुरु माता हुई। ना ही गौतम सिद्धार्थ (बुद्ध) के पीछे उनके बेटे राहुल गुरु हुए और ना ही उनकी पत्नी गुरु मां हुई राहुल और यशोधरा बुद्ध के शिष्यों से दीक्षा लिया और बुद्ध के भिक्षु संघ में शामिल हो गए। बुद्ध के पीछे लाखों लोग ज्ञान को उपलब्ध हुए वे सभी बुद्ध की महिमा गाए उनके संदेश दूर तक पहुंचाए। महावीर के पीछे कोई तीर्थंकर नहीं हुआ। कबीर के पीछे उनके बेटे कमाल गुरु नहीं हुए।ना ही जार्ज गुर्जिएफ की बेटी गुरु हुई। ना ही रमण महर्षी के पीछे कोई गुरु हुआ। ना ही जिद्दू कृष्णमूर्ति के पीछे कोई जागृत व्यक्ति हुआ। ना ही ओशो(रजनीश)के पीछे कोई गुरु हुआ ओशो के कुछ शिष्य ज्ञान को उपलब्ध हुए। फिर भी ओशो के संदेश फैलाते हैं । ना ही मोहम्मद के पीछे कोई पैगंबर हुआ जैसे ही कोई सद्गुरु शरीर त्याग करता है उनका संदेश हजार हजार गुना फैलाने लगता है जबकि गुरु घासीदास जी का आध्यात्मिक क्रांति, संदेश सिकुड़ गया इसका कारण है कौन गुरु घासीदास जी से दीक्षित हुए कुछ पता नहीं और गुरु घासीदास जी के पीछे परिवारवाद और समाजवाद का पैदा हो जाना है जब कोई सद्गुरु होता है तो सब समाज के सत्य की खोजी लोग सद्गुरु के पास आते हैं उत्सव होता है दीक्षा लेते हैं परमात्मा को सब व्यक्ति नहीं जान सकते परमात्मा सद्गुरु के माध्यम से प्रगट होता है।कुछ मूर्खों के हिसाब से गुरु घासीदास के पीछे उनके घर परिवार के सभी लोग गुरु हुए और उनके पीछे और सभी लोग गुरु हुए आज अनगिनत लोग गुरु है छोटे-छोटे बच्चे गुरु हैं जिनको ठीक से बोलना भी नहीं मालूम। इनके अलावा गुरु घासीदास के चमत्कार की गुणगान वाले लोग चौका आरती वाले भी जपनाम सोहमनाम पोहमनाम बोलकर अपने आप को गुरु कहकर मूर्खताएं करके जीवन यापन का धंधा बना लिया है। पंथी नर्तक, गायक लोग आध्यात्मिक दृष्टि से हजार गुना आगे हैं चौका आरती करने वालों से, चौका आरती करने वाले लोग अच्छे कलाकार हैं कोई गुरु नहीं। यह लोग जो अपने आप को गुरु कह रहे हैं यह गुरु नहीं है हत्यारे हैं उन सभी भाइयों, बहनों का जिनकी कम उम्र में मृत्यु हो गई। जिनका कोई गुरु होता है वह अधिक से अधिक उम्र जीता है आनंदी जीवन जीता है जबकि सतनामी समाज में आज दुख पूर्णता व्याप्त है
सही बात तो बोल रहे है डहरिया जी
Shiwdariya ji right bol rahe hai
सविधान चाहिए गुरु घंटाल नहीं
हम गुरु घासीदास बाबा जी,, को छोड़कर किसी दूसरे को गुरु मान ही नहीं सकते हैं,,, मैं मनमोहन सिंह घृतलहरे सतनामी,,,,, मैं नहीं मानता ऐसे लोगों को गुरु 😂😂😂😂😂😂😂😂
Dahriya ji aj sahi bol rahe hai
Yas
गुरु घासीदास बाबा 🙏🏳️
गुरु अमरदास गुरु बालक दास 🙏🏳️
हमारे यहा इनको ही पूजा जाता है ,, और हम इनको ही अपने धर्म के भगवान मानते है
''गुरु घासी दास बाबा जी ''
जय सतनाम 🙏🏳️
गुरु होने का मतलब अपने आप को गुरु के काबिल बनाए रखना और ये लोग सतनामी समाज के साथ राजनीति खेल रहे है गुरु हमारे मान सम्मान है लेकिन इस इस्तिति में सतनामी समाज गुरुओं को कभी नही स्वीकार करेगा गुरु जानो को जय सतनाम 🤍🏳️🏳️
गिरोधपुरी का विकास नहीं हुआ यह दिखाई दे रहा है सतनामी समाज के धर्म और समाज को कुचल रहे हैं धर्म समाज के लिए आवाज उठा रहे हैं उसको जेल में डाल रहे हैं वह दिखाई नहीं दे रहा है
Satnami satnami hai raajneeti nahi
Kon guru hai guru raajneeti nahi karte Gyan deta hai
Guru ke name me kalank hai
Shiv kumar dahriya ji ne thik bol raha hai
पूर्ण सतगुरु
गुरु के मिले कटे दुःख पापा। जन्म जन्म के मिटें संतापा ।। गुरु के चरण सदा चित्त दीजै। जीवन जन्म सफल कर लीजै ।।
परमात्मा से परिचित जो संत हुए हैं वो कुछ डिवीजन, खंड को ही लाभ दे सकते हैं। और सतगुरु उसको जानना जो पूरे विश्व का कल्याण कर दे।
#WhoIsThe_CompleteGuru
❤🎉😂😮😊
शर्म करो गुरु हो
Mai sahmat hu shiv dahriya sir se
तीनों नेता फालतू है।सतनामी समाज का उपयोग करते है तीनों नेता।
I am agree with you Dahariya Ji
Actually Guru Tradition not suitable For 21 century
No need guru tradition for Satnami Community.
बिलकुल सही बोले