श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय
Quraano virus ☪️ancer. अल्लाह तथा उसके रसूल की ओर से संधि मुक्त होने की घोषणा है, उन मिश्रणवादियों के लिए जिनसे तुमने संधि (समझौता) किया[1] था। 1. यह सूरह सन 9 हिजरी में उतरी। जब नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम मदीना पहुँचे तो आप ने अनेक जातियों से समझौता किया था। परन्तु सभी ने समय समय से समझौते का उल्लंघन किया। लेकिन आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) बराबर उस की पालन करते रहे। और अब यह घोषणा कर दी गई कि मिश्रणवादियों से कोई समझौता नहीं रहेगा। ﴾ 2 ﴿ तो (हे कीफ़िरो!) तुम धरती में चार महीने (स्वतंत्र होकर) फिरो तथा जान लो कि तुम अल्लाह को विवश नहीं कर सकोगे और निश्चय अल्लाह, काफ़िरों को अपमानित करने वाला है। ﴾ 3 ﴿ तथा अल्लाह और उसके रसूल की ओर से सार्वजनिक सूचना है, महा ह़ज[1] के दिन कि अल्लाह मिश्रणवादियों (मुश्रिकों) से अलग है तथा उसका रसूल भी। फिर यदि तुम तौबा (क्षमा याचना) कर लो, तो वह तुम्हारे लिए उत्तम है और यदि तुमने मुँह फेरा, तो जान लो कि तुम अल्लाह को विवश करने वाले नहीं हो और आप उन्हें जो काफ़िर हो गये, दुःखदायी यातना का शुभ समाचार सुना दें। 1. यह एलान ज़िल-ह़िज्जा सन् (10) हिजरी को मिना में किया गया कि अब काफ़िरों से कोई संधि नहीं रहेगी। इस वर्ष के बाद कोई मुश्रिक ह़ज्ज नहीं करेगा और न कोई काबा का नंगा तवाफ़ करेगा। (बुख़ारीः4655) ﴾ 4 ﴿ सिवाय उन मुश्रिकों के, जिनसे तुमने संधि की, फिर उन्होंने तुम्हारे साथ कोई कमी नहीं की और न तुम्हारे विरुध्द किसी की सहायता की, तो उनसे उनकी संधि उनकी अवधि तक पूरी करो। निश्चय अल्लाह आज्ञाकारियों से प्रेम करता है।अनस इब्न मलिक द्वारा वर्णित अल-बुखारी के संग्रह की पुस्तक 4 ( अबुलियन ) में एक हदीस का इस्तेमाल अरब ऊंट के मूत्र को दवा के रूप में सेवन को बढ़ावा देने के लिए किया गया था । [ ११ ] [ १२ ] मदीना की जलवायु कुछ लोगों के अनुकूल नहीं थी, इसलिए मुहम्मद ने उन्हें अपने चरवाहे का पालन करने और उसके ऊंट का दूध और मूत्र (दवा के रूप में) पीने का आदेश दिया।
Bhajpa ke chaurahe karti hai jo Haryana Aur Kahan kahan Churai hai aur Sarkar Banai hai lekin Jharkhand Mein Nahin sakega Hemant Soren bahut Kadhai Kiye Hain aur bahut nigrani Kiye Hain
अल्लाह तथा उसके रसूल की ओर से संधि मुक्त होने की घोषणा है, उन मिश्रणवादियों के लिए जिनसे तुमने संधि (समझौता) किया[1] था। 1. यह सूरह सन 9 हिजरी में उतरी। जब नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम मदीना पहुँचे तो आप ने अनेक जातियों से समझौता किया था। परन्तु सभी ने समय समय से समझौते का उल्लंघन किया। लेकिन आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) बराबर उस की पालन करते रहे। और अब यह घोषणा कर दी गई कि मिश्रणवादियों से कोई समझौता नहीं रहेगा। ﴾ 2 ﴿ तो (हे कीफ़िरो!) तुम धरती में चार महीने (स्वतंत्र होकर) फिरो तथा जान लो कि तुम अल्लाह को विवश नहीं कर सकोगे और निश्चय अल्लाह, काफ़िरों को अपमानित करने वाला है। ﴾ 3 ﴿ तथा अल्लाह और उसके रसूल की ओर से सार्वजनिक सूचना है, महा ह़ज[1] के दिन कि अल्लाह मिश्रणवादियों (मुश्रिकों) से अलग है तथा उसका रसूल भी। फिर यदि तुम तौबा (क्षमा याचना) कर लो, तो वह तुम्हारे लिए उत्तम है और यदि तुमने मुँह फेरा, तो जान लो कि तुम अल्लाह को विवश करने वाले नहीं हो और आप उन्हें जो काफ़िर हो गये, दुःखदायी यातना का शुभ समाचार सुना दें। 1. यह एलान ज़िल-ह़िज्जा सन् (10) हिजरी को मिना में किया गया कि अब काफ़िरों से कोई संधि नहीं रहेगी। इस वर्ष के बाद कोई मुश्रिक ह़ज्ज नहीं करेगा और न कोई काबा का नंगा तवाफ़ करेगा। (बुख़ारीः4655) ﴾ 4 ﴿ सिवाय उन मुश्रिकों के, जिनसे तुमने संधि की, फिर उन्होंने तुम्हारे साथ कोई कमी नहीं की और न तुम्हारे विरुध्द किसी की सहायता की, तो उनसे उनकी संधि उनकी अवधि तक पूरी करो। निश्चय अल्लाह आज्ञाकारियों से प्रेम करता है।अनस इब्न मलिक द्वारा वर्णित अल-बुखारी के संग्रह की पुस्तक 4 ( अबुलियन ) में एक हदीस का इस्तेमाल अरब ऊंट के मूत्र को दवा के रूप में सेवन को बढ़ावा देने के लिए किया गया था । [ ११ ] [ १२ ] मदीना की जलवायु कुछ लोगों के अनुकूल नहीं थी, इसलिए मुहम्मद ने उन्हें अपने चरवाहे का पालन करने और उसके ऊंट का दूध और मूत्र (दवा के रूप में) पीने का आदेश दिया।(5) फिर जब हराम महीने (निषिद्ध) व्यतीत हो जायें तो मुश्रिको की हत्या करो जहाँ पाओ और उनको पकड़ो और उनको घेरो और बैठो प्रत्येक स्थान पर उनकी घात में। फिर यदि वह तौबा (क्षमा-याचना) कर लें और नमाज़ स्थापित करें और ज़कात (अनिवार्य दान) अदा करें तो उन्हें छोड़ दो। अल्लाह क्षमा करने वाला, दया करने वाला है। (6) और यदि शिर्क करने वालों में से कोई व्यक्ति तुमसे शरण माँगे तो तुम उसको शरण दे दो, ताकि वह अल्लाह के वाक्य सुने फिर उसको उसके सुरक्षित स्थान पर पहुँचा दो। यह इसलिए कि वह लोग ज्ञान नहीं रखते । (7) उन मुश्रिको के लिए अल्लाह और उनके सन्देष्टा के ऊपर कोई समझौता कैसे रह सकता है, परन्तु जिन लोगों से तुमने समझौता किया था मस्जिद-ए हराम (काबा) के निकट, अतः जब तक वह तुमसे सीधे रहें, तुम भी उनसे सीधे रहो, निस्सन्देह अल्लाह सदाचारियों को पसन्द करता है । (8) कैसे समझौता रहेगा जबकि यह स्थिति है कि यदि वह तुम्हारे ऊपर नियन्त्रण पायें तो तुम्हारे विषय में न नातेदारी का सम्मान करें और न समझौते का । वह तुमको अपनी मुँह की बातों से सन्तुष्ट करना चाहते हैं परन्तु उनके दिल अवज्ञा करते हैं। और उनमें अधिकतर विश्वासघाती हैं।(9) उन्होंने अल्लाह की आयतों (श्रुति) को थोड़े मूल्य पर बेच दिया, फिर उन्होंने अल्लाह के मार्ग से रोका। बहुत बुरा है जो वह कर रहे हैं। (10) किसी मोमिन (आस्थावान) के मामले में न वह किसी रिश्ते का सम्मान करते हैं और न सन्धि का यही लोग हैं अत्याचार करने वाले । (11) अतः यदि वह तौबा (क्षमा-याचना) करें और नमाज़ स्थापित करें और ज़कात (अनिवार्य दान) अदा करें तो वह तुम्हारे धार्मिक भाई हैं । और हम स्पष्ट बयान करते हैं आयतों को जानने वालों के लिए। (12) और यदि सन्धि के बाद ये अपनी सौगन्धों को तोड़ डालें और तुम्हारे धर्म में कमी निकालें तो अवज्ञाकारियों के इन सरदारों से युद्ध करो। निस्सन्देह उनकी सौगन्ध कुछ नहीं, ताकि वह रूक जायें। (13) क्या तुम न लड़ोगे ऐसे लोगों से जिन्होंने अपने समझौते को तोड़ दिया और सन्देष्टा को निकालने का दुस्सहास किया और वही हैं जिन्होंने तुमसे युद्ध में पहल की। क्या तुम उनसे डरोगे । अल्लाह अधिक हक़दार है कि तुम उससे डरो यदि तुम मोमिन (आस्थावान) हो । (14) उनसे युद्ध करो। अल्लाह तुम्हारे हाथों उनको दण्ड देगा और उनको अपमानित करेगा। और तुमको उन पर प्रभुत्व प्रदान करेगा और आस्थावान लोगों के सीने को ठण्डा करेगा और उनके दिल की ईष्या को दूर कर देगा।
Quraano virus ☪️ancer. अल्लाह तथा उसके रसूल की ओर से संधि मुक्त होने की घोषणा है, उन मिश्रणवादियों के लिए जिनसे तुमने संधि (समझौता) किया[1] था। 1. यह सूरह सन 9 हिजरी में उतरी। जब नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम मदीना पहुँचे तो आप ने अनेक जातियों से समझौता किया था। परन्तु सभी ने समय समय से समझौते का उल्लंघन किया। लेकिन आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) बराबर उस की पालन करते रहे। और अब यह घोषणा कर दी गई कि मिश्रणवादियों से कोई समझौता नहीं रहेगा। ﴾ 2 ﴿ तो (हे कीफ़िरो!) तुम धरती में चार महीने (स्वतंत्र होकर) फिरो तथा जान लो कि तुम अल्लाह को विवश नहीं कर सकोगे और निश्चय अल्लाह, काफ़िरों को अपमानित करने वाला है। ﴾ 3 ﴿ तथा अल्लाह और उसके रसूल की ओर से सार्वजनिक सूचना है, महा ह़ज[1] के दिन कि अल्लाह मिश्रणवादियों (मुश्रिकों) से अलग है तथा उसका रसूल भी। फिर यदि तुम तौबा (क्षमा याचना) कर लो, तो वह तुम्हारे लिए उत्तम है और यदि तुमने मुँह फेरा, तो जान लो कि तुम अल्लाह को विवश करने वाले नहीं हो और आप उन्हें जो काफ़िर हो गये, दुःखदायी यातना का शुभ समाचार सुना दें। 1. यह एलान ज़िल-ह़िज्जा सन् (10) हिजरी को मिना में किया गया कि अब काफ़िरों से कोई संधि नहीं रहेगी। इस वर्ष के बाद कोई मुश्रिक ह़ज्ज नहीं करेगा और न कोई काबा का नंगा तवाफ़ करेगा। (बुख़ारीः4655) ﴾ 4 ﴿ सिवाय उन मुश्रिकों के, जिनसे तुमने संधि की, फिर उन्होंने तुम्हारे साथ कोई कमी नहीं की और न तुम्हारे विरुध्द किसी की सहायता की, तो उनसे उनकी संधि उनकी अवधि तक पूरी करो। निश्चय अल्लाह आज्ञाकारियों से प्रेम करता है।अनस इब्न मलिक द्वारा वर्णित अल-बुखारी के संग्रह की पुस्तक 4 ( अबुलियन ) में एक हदीस का इस्तेमाल अरब ऊंट के मूत्र को दवा के रूप में सेवन को बढ़ावा देने के लिए किया गया था । [ ११ ] [ १२ ] मदीना की जलवायु कुछ लोगों के अनुकूल नहीं थी, इसलिए मुहम्मद ने उन्हें अपने चरवाहे का पालन करने और उसके ऊंट का दूध और मूत्र (दवा के रूप में) पीने का आदेश दिया।
श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय
Aise log hai ye gire toh gire tang upar bolne wale
Hemant Soren Imandar Neta hai aur imandari se Sarkar banaenge aur Imandar Rahenge
Kashkari Adhyaksh banne ke bad badi badi baten bol rahe hain ticket nahin mila to silent ho gaye the
Jay shree ram jiii Modi yogi jiii
Up mein sarkari school band kar ke,, sharaab ka dukaan khol rahi,, lekin tum jaise chutiya bhakt kabhi nhi sudhrenge
Now Modi and Yogi is bhagwan waah re andbhakt😂😂😂
Maharashtra me EVM gadbadi hai
Gadabadi musalamaanon ke kitabon main hai
Quraano virus ☪️ancer. अल्लाह तथा उसके रसूल की ओर से संधि मुक्त होने की घोषणा है, उन मिश्रणवादियों के लिए जिनसे तुमने संधि (समझौता) किया[1] था।
1. यह सूरह सन 9 हिजरी में उतरी। जब नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम मदीना पहुँचे तो आप ने अनेक जातियों से समझौता किया था। परन्तु सभी ने समय समय से समझौते का उल्लंघन किया। लेकिन आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) बराबर उस की पालन करते रहे। और अब यह घोषणा कर दी गई कि मिश्रणवादियों से कोई समझौता नहीं रहेगा।
﴾ 2 ﴿ तो (हे कीफ़िरो!) तुम धरती में चार महीने (स्वतंत्र होकर) फिरो तथा जान लो कि तुम अल्लाह को विवश नहीं कर सकोगे और निश्चय अल्लाह, काफ़िरों को अपमानित करने वाला है।
﴾ 3 ﴿ तथा अल्लाह और उसके रसूल की ओर से सार्वजनिक सूचना है, महा ह़ज[1] के दिन कि अल्लाह मिश्रणवादियों (मुश्रिकों) से अलग है तथा उसका रसूल भी। फिर यदि तुम तौबा (क्षमा याचना) कर लो, तो वह तुम्हारे लिए उत्तम है और यदि तुमने मुँह फेरा, तो जान लो कि तुम अल्लाह को विवश करने वाले नहीं हो और आप उन्हें जो काफ़िर हो गये, दुःखदायी यातना का शुभ समाचार सुना दें।
1. यह एलान ज़िल-ह़िज्जा सन् (10) हिजरी को मिना में किया गया कि अब काफ़िरों से कोई संधि नहीं रहेगी। इस वर्ष के बाद कोई मुश्रिक ह़ज्ज नहीं करेगा और न कोई काबा का नंगा तवाफ़ करेगा। (बुख़ारीः4655)
﴾ 4 ﴿ सिवाय उन मुश्रिकों के, जिनसे तुमने संधि की, फिर उन्होंने तुम्हारे साथ कोई कमी नहीं की और न तुम्हारे विरुध्द किसी की सहायता की, तो उनसे उनकी संधि उनकी अवधि तक पूरी करो। निश्चय अल्लाह आज्ञाकारियों से प्रेम करता है।अनस इब्न मलिक द्वारा वर्णित अल-बुखारी के संग्रह की पुस्तक 4 ( अबुलियन ) में एक हदीस का इस्तेमाल अरब ऊंट के मूत्र को दवा के रूप में सेवन को बढ़ावा देने के लिए किया गया था । [ ११ ] [ १२ ] मदीना की जलवायु कुछ लोगों के अनुकूल नहीं थी, इसलिए मुहम्मद ने उन्हें अपने चरवाहे का पालन करने और उसके ऊंट का दूध और मूत्र (दवा के रूप में) पीने का आदेश दिया।
Bhajpa ke chaurahe karti hai jo Haryana Aur Kahan kahan Churai hai aur Sarkar Banai hai lekin Jharkhand Mein Nahin sakega Hemant Soren bahut Kadhai Kiye Hain aur bahut nigrani Kiye Hain
अल्लाह तथा उसके रसूल की ओर से संधि मुक्त होने की घोषणा है, उन मिश्रणवादियों के लिए जिनसे तुमने संधि (समझौता) किया[1] था।
1. यह सूरह सन 9 हिजरी में उतरी। जब नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम मदीना पहुँचे तो आप ने अनेक जातियों से समझौता किया था। परन्तु सभी ने समय समय से समझौते का उल्लंघन किया। लेकिन आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) बराबर उस की पालन करते रहे। और अब यह घोषणा कर दी गई कि मिश्रणवादियों से कोई समझौता नहीं रहेगा।
﴾ 2 ﴿ तो (हे कीफ़िरो!) तुम धरती में चार महीने (स्वतंत्र होकर) फिरो तथा जान लो कि तुम अल्लाह को विवश नहीं कर सकोगे और निश्चय अल्लाह, काफ़िरों को अपमानित करने वाला है।
﴾ 3 ﴿ तथा अल्लाह और उसके रसूल की ओर से सार्वजनिक सूचना है, महा ह़ज[1] के दिन कि अल्लाह मिश्रणवादियों (मुश्रिकों) से अलग है तथा उसका रसूल भी। फिर यदि तुम तौबा (क्षमा याचना) कर लो, तो वह तुम्हारे लिए उत्तम है और यदि तुमने मुँह फेरा, तो जान लो कि तुम अल्लाह को विवश करने वाले नहीं हो और आप उन्हें जो काफ़िर हो गये, दुःखदायी यातना का शुभ समाचार सुना दें।
1. यह एलान ज़िल-ह़िज्जा सन् (10) हिजरी को मिना में किया गया कि अब काफ़िरों से कोई संधि नहीं रहेगी। इस वर्ष के बाद कोई मुश्रिक ह़ज्ज नहीं करेगा और न कोई काबा का नंगा तवाफ़ करेगा। (बुख़ारीः4655)
﴾ 4 ﴿ सिवाय उन मुश्रिकों के, जिनसे तुमने संधि की, फिर उन्होंने तुम्हारे साथ कोई कमी नहीं की और न तुम्हारे विरुध्द किसी की सहायता की, तो उनसे उनकी संधि उनकी अवधि तक पूरी करो। निश्चय अल्लाह आज्ञाकारियों से प्रेम करता है।अनस इब्न मलिक द्वारा वर्णित अल-बुखारी के संग्रह की पुस्तक 4 ( अबुलियन ) में एक हदीस का इस्तेमाल अरब ऊंट के मूत्र को दवा के रूप में सेवन को बढ़ावा देने के लिए किया गया था । [ ११ ] [ १२ ] मदीना की जलवायु कुछ लोगों के अनुकूल नहीं थी, इसलिए मुहम्मद ने उन्हें अपने चरवाहे का पालन करने और उसके ऊंट का दूध और मूत्र (दवा के रूप में) पीने का आदेश दिया।(5) फिर जब हराम महीने (निषिद्ध) व्यतीत हो जायें तो मुश्रिको की हत्या करो जहाँ पाओ और उनको पकड़ो और उनको घेरो और बैठो प्रत्येक स्थान पर उनकी घात में। फिर यदि वह तौबा (क्षमा-याचना) कर लें और नमाज़ स्थापित करें और ज़कात (अनिवार्य दान) अदा करें तो उन्हें छोड़ दो। अल्लाह क्षमा करने वाला, दया करने वाला है।
(6) और यदि शिर्क करने वालों में से कोई व्यक्ति तुमसे शरण माँगे तो तुम उसको शरण दे दो, ताकि वह अल्लाह के वाक्य सुने फिर उसको उसके सुरक्षित स्थान पर पहुँचा दो। यह इसलिए कि वह लोग ज्ञान नहीं रखते ।
(7) उन मुश्रिको के लिए अल्लाह और उनके सन्देष्टा के ऊपर कोई समझौता कैसे रह सकता है, परन्तु जिन लोगों से तुमने समझौता किया था मस्जिद-ए हराम (काबा) के निकट, अतः जब तक वह तुमसे सीधे रहें, तुम भी उनसे सीधे रहो, निस्सन्देह अल्लाह सदाचारियों को पसन्द करता है ।
(8) कैसे समझौता रहेगा जबकि यह स्थिति है कि यदि वह तुम्हारे ऊपर नियन्त्रण पायें तो तुम्हारे विषय में न नातेदारी का सम्मान करें और न समझौते का । वह तुमको अपनी मुँह की बातों से सन्तुष्ट करना चाहते हैं परन्तु उनके दिल अवज्ञा करते हैं। और उनमें अधिकतर विश्वासघाती हैं।(9) उन्होंने अल्लाह की आयतों (श्रुति) को थोड़े मूल्य पर बेच दिया, फिर उन्होंने अल्लाह के मार्ग से रोका। बहुत बुरा है जो वह कर रहे हैं।
(10) किसी मोमिन (आस्थावान) के मामले में न वह किसी रिश्ते का सम्मान करते हैं और न सन्धि का यही लोग हैं अत्याचार करने वाले ।
(11) अतः यदि वह तौबा (क्षमा-याचना) करें और नमाज़ स्थापित करें और ज़कात (अनिवार्य दान) अदा करें तो वह तुम्हारे धार्मिक भाई हैं । और हम स्पष्ट बयान करते हैं आयतों को जानने वालों के लिए।
(12) और यदि सन्धि के बाद ये अपनी सौगन्धों को तोड़ डालें और तुम्हारे धर्म में कमी निकालें तो अवज्ञाकारियों के इन सरदारों से युद्ध करो। निस्सन्देह उनकी सौगन्ध कुछ नहीं, ताकि वह रूक जायें।
(13) क्या तुम न लड़ोगे ऐसे लोगों से जिन्होंने अपने समझौते को तोड़ दिया और सन्देष्टा को निकालने का दुस्सहास किया और वही हैं जिन्होंने तुमसे युद्ध में पहल की। क्या तुम उनसे डरोगे । अल्लाह अधिक हक़दार है कि तुम उससे डरो यदि तुम मोमिन (आस्थावान) हो ।
(14) उनसे युद्ध करो। अल्लाह तुम्हारे हाथों उनको दण्ड देगा और उनको अपमानित करेगा। और तुमको उन पर प्रभुत्व प्रदान करेगा और आस्थावान लोगों के सीने को ठण्डा करेगा और उनके दिल की ईष्या को दूर कर देगा।
Chunav baelet se ho
Fir bhi evm baend ho
Quraano virus ☪️ancer. अल्लाह तथा उसके रसूल की ओर से संधि मुक्त होने की घोषणा है, उन मिश्रणवादियों के लिए जिनसे तुमने संधि (समझौता) किया[1] था।
1. यह सूरह सन 9 हिजरी में उतरी। जब नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम मदीना पहुँचे तो आप ने अनेक जातियों से समझौता किया था। परन्तु सभी ने समय समय से समझौते का उल्लंघन किया। लेकिन आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) बराबर उस की पालन करते रहे। और अब यह घोषणा कर दी गई कि मिश्रणवादियों से कोई समझौता नहीं रहेगा।
﴾ 2 ﴿ तो (हे कीफ़िरो!) तुम धरती में चार महीने (स्वतंत्र होकर) फिरो तथा जान लो कि तुम अल्लाह को विवश नहीं कर सकोगे और निश्चय अल्लाह, काफ़िरों को अपमानित करने वाला है।
﴾ 3 ﴿ तथा अल्लाह और उसके रसूल की ओर से सार्वजनिक सूचना है, महा ह़ज[1] के दिन कि अल्लाह मिश्रणवादियों (मुश्रिकों) से अलग है तथा उसका रसूल भी। फिर यदि तुम तौबा (क्षमा याचना) कर लो, तो वह तुम्हारे लिए उत्तम है और यदि तुमने मुँह फेरा, तो जान लो कि तुम अल्लाह को विवश करने वाले नहीं हो और आप उन्हें जो काफ़िर हो गये, दुःखदायी यातना का शुभ समाचार सुना दें।
1. यह एलान ज़िल-ह़िज्जा सन् (10) हिजरी को मिना में किया गया कि अब काफ़िरों से कोई संधि नहीं रहेगी। इस वर्ष के बाद कोई मुश्रिक ह़ज्ज नहीं करेगा और न कोई काबा का नंगा तवाफ़ करेगा। (बुख़ारीः4655)
﴾ 4 ﴿ सिवाय उन मुश्रिकों के, जिनसे तुमने संधि की, फिर उन्होंने तुम्हारे साथ कोई कमी नहीं की और न तुम्हारे विरुध्द किसी की सहायता की, तो उनसे उनकी संधि उनकी अवधि तक पूरी करो। निश्चय अल्लाह आज्ञाकारियों से प्रेम करता है।अनस इब्न मलिक द्वारा वर्णित अल-बुखारी के संग्रह की पुस्तक 4 ( अबुलियन ) में एक हदीस का इस्तेमाल अरब ऊंट के मूत्र को दवा के रूप में सेवन को बढ़ावा देने के लिए किया गया था । [ ११ ] [ १२ ] मदीना की जलवायु कुछ लोगों के अनुकूल नहीं थी, इसलिए मुहम्मद ने उन्हें अपने चरवाहे का पालन करने और उसके ऊंट का दूध और मूत्र (दवा के रूप में) पीने का आदेश दिया।
Quraan ban hona chahiye
Bjp
Maratha brahaman aur aadivasi kya saab bhartiya hindu hai.