रंगेश्वर महादेव | Rangeshwar mahadev Mathura|

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  • เผยแพร่เมื่อ 5 ต.ค. 2024
  • मथुरा को श्रीकृष्ण की नगरी के रूप में जाना जाता है, लेकिन यहां के कोतवाल महादेव हैं। शहर के होली गेट स्थित रंगेश्वर महादेव को दक्षिण का कोतवाल कहा जाता है। यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र हैं। महाशिवरात्रि के अवसर पर रंगेश्वर महादेव में जलाभिषेक करने के लिए शिव भक्तों की भीड़ उमड़ती है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में 40 दिन तक दीपक जलाने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है। सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
    मंदिर सेवायत विपिन ने बताया कि यूं तो कान्हा की नगरी कृष्ण लीलाओं के लिए जानी जाती है, लेकिन मथुरा में भगवान शिव का ये मंदिर द्वापरकालीन है। कंस वध के बाद भगवान श्रीकृष्ण और बलराम के बीच इस बात को लेकर विवाद शुरू हो गया था कि आखिर कंस को किसने मारा है? श्रीकृष्ण और बलराम का झगड़ा देख भगवान शिव प्रकट हुए और उन्होंने कहा कि तुम दोनों भाइयों ने ही कंस को मारा है।
    कृष्ण-बलराम ने रखा था रंगेश्वर महादेव नाम
    शिवजी ने कृष्ण से कहा कि तुम छलिया हो, तुमने छल से कंस का वध किया है। बलराम से कहा कि तुम बलिया हो तुमने बल से कंस का वध किया है। यह कहकर भगवान शिव वहां से जाने लगे तभी श्रीकृष्ण और बलराम ने भोलेनाथ के सामने हाथ जोड़कर कहा कि प्रभु आपने जिस प्रकार हम दोनों भाइयों का न्याय किया है, इसी प्रकार आपको रंगेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाएगा
    आप सभी भक्तों के सुझाव आमंत्रित है।
    whatsapp 9934343666,7897898962
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