भोलेनाथ का यह मन्दिर हजारों वर्षो तक रहा जमीन के अन्दर

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  • เผยแพร่เมื่อ 5 ก.พ. 2025
  • भगवान भोलेनाथ का अमरनाथ महादेव मन्दिर हजारों वर्षो तक जमीन के अन्दर दबा रहा। बाद मे एक महंत जो कि इस मंदिर से 6 किलोमीटर दूर रेड़वाकला गांव की पहाड़ी पर तपस्या करते थे-स्वामी मंगलदास जी महाराज को भगवान भोलेनाथ ने स्वप्न में आकर इस मंदिर की खुदाई करवाने को कहा। स्वामी मंगलदास जी महाराज द्वारा खुदाई करवाने पर इस मंदिर का केवल निचला हिस्सा ही मिला। क्योंकि इस मंदिर का ऊपरी भाग ध्वस्त हो चुका था। इसके साथ ही इसमें कई सारे देवी देवता मूर्तियां और कई सारे प्राचीन अवशेष मिले। इस मंदिर की खुदाई के साथ साथ यहां पर भगवान सूर्यदेव की भी बहुत प्राचीन प्रतिमा यहां से निकली गईं। यहां पर मन्दिर के निचले भाग पर एक बहुत ही पुरानी बावड़ी बनी हुई है जिसका शीतल जल कभी भी नहीं सूखता है।यह मन्दिर 2068 वर्ष पुराना बताया जाता हैं। यहां पर औषधालय भी बना हुआ है। जहां पर लगभग सभी प्रकार की बीमारियों का इलाज किया जाता हैं। इसके साथ ही यहां पर एक गौशाला भी बनी हुई हे जिसमें वर्तमान में 120 गायों की सेवा की जाती हैं। यह मन्दिर राजस्थान राज्य के सिरोही जिले के आबू रोड तहसील के मावल ग्राम पंचायत के भैंसासिंह गांव में स्थित है।
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