'Jaun Elia Aur Hum' organised/hosted by 'Baaz' / Performer - Puneet Kusum (Part 2)

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  • เผยแพร่เมื่อ 29 ม.ค. 2025

ความคิดเห็น • 6

  • @nehabrahmwanshi6498
    @nehabrahmwanshi6498 6 ปีที่แล้ว

    Waahh waahh waahhh..treat for the heart nd soul.. great work Puneet 🤩🤩

  • @krishnarathore8454
    @krishnarathore8454 7 ปีที่แล้ว

    अति सुंदर ! एक लम्बे समय बाद इतना सुंदर कविता वाचन सुनने को मिला। पुनीत जी को मंगल कामनाऐं ! संचालकों को ठेरों बधाईयां और धन्यवाद ! 🙏

  • @deepnahar1035
    @deepnahar1035 7 ปีที่แล้ว

    Wah

  • @KomalGupta-hh3tc
    @KomalGupta-hh3tc 7 ปีที่แล้ว

    Offfffo ❤❤

  • @GopalChaturvediSwatantra
    @GopalChaturvediSwatantra 7 ปีที่แล้ว +1

    अभिसारिके मिलना मुझे
    तू प्रेम के बाज़ार में
    जहाँ दौलतें बेकार हों
    सब बिक रहा हो प्यार में
    सपनों के ठेले सजे हों
    स्नेह की बस तोल हो
    और हों दुकानें हर्ष की
    आलिंगनों में मोल हो
    उठती-गिरती बोलियों को
    सुनके जैसे लोरियाँ हों
    हम वहीं सो जाएँगे
    एक हम हो जाएँगे
    अभिसारिके! अभिसारिके!
    -Puneet Bhaiya :)