एक श्री कृष्ण जी वाले और एक श्री जी साहिब जी वाले। इनमें कुछ भी अंतर नहीं है। अंतर सिर्फ इतना है कि एक भागवत प्रमाण से है और एक पुराण प्रमाण से है। श्री राज कहो श्री कृष्ण जी कहो श्री जी साहिब जी कहो। बात एक ही है। हां परम धाम की संपूर्ण ब्रह्म वाणी में कहीं भी सिंहासन पर श्री कृष्ण राधा नहीं आया। क्योंकि श्री कृष्ण राधा गोलोक धाम में अखंड है। परमधाम में श्री कृष्ण स्वामिनी अर्थात श्याम श्यामा जी मूल मिलावा में स्वर्ण जड़ित सिंहासन पर विराजमान हैं। जी ने घेरकर सखिया बैठी हूं। श्री महेश्वर तंत्र में इसका वर्णन है। जिसको श्री जी ने दक्षिण से मंगवाया था। श्री लाल दास कृत बीतक में इसका प्रसंग है। शेरपुर धाम परमहंस श्री राम रतन दास जी महाराज के तारतम भवन पर भी परमधाम की साक्षी प्रगट है। श्री राज श्यामा जी श्री श्याम श्यामा जी। श्री कृष्ण राधा तो नहीं। समझने वाले ही समझेंगे।
Jai ho
Prem pranam ji ♥️🙏♥️
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एक श्री कृष्ण जी वाले और एक श्री जी साहिब जी वाले।
इनमें कुछ भी अंतर नहीं है। अंतर सिर्फ इतना है कि एक भागवत प्रमाण से है और एक पुराण प्रमाण से है।
श्री राज कहो श्री कृष्ण जी कहो श्री जी साहिब जी कहो। बात एक ही है।
हां परम धाम की संपूर्ण ब्रह्म वाणी में कहीं भी सिंहासन पर श्री कृष्ण राधा नहीं आया। क्योंकि श्री कृष्ण राधा गोलोक धाम में अखंड है।
परमधाम में श्री कृष्ण स्वामिनी अर्थात श्याम श्यामा जी मूल मिलावा में स्वर्ण जड़ित सिंहासन पर विराजमान हैं। जी ने घेरकर सखिया बैठी हूं।
श्री महेश्वर तंत्र में इसका वर्णन है। जिसको श्री जी ने दक्षिण से मंगवाया था। श्री लाल दास कृत बीतक में इसका प्रसंग है।
शेरपुर धाम परमहंस श्री राम रतन दास जी महाराज के तारतम भवन पर भी परमधाम की साक्षी प्रगट है।
श्री राज श्यामा जी श्री श्याम श्यामा जी।
श्री कृष्ण राधा तो नहीं। समझने वाले ही समझेंगे।
nikhil rajput ❤
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