इस महान व्यक्ति एतिहासिक विरासत को बचाने के लिए क्षत्रिय राजपूत मेदनी राय खंगार व 1600 क्षत्राणियों के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है जिन्होंने हिन्दू धर्म व संस्कृति बचाने के लिए मुग़ल आक्रमणकारी बाबार से छल के कारण अपनी ष्राणों की आहुतियां दी है इस वीर जांबाज महाराजा मेदनी राय खंगार व क्षत्राणियों को सादर नमन जब तक सूरज चांद रहेगा मेदनी राय खंगार रानी मणिमाला का नाम रहेगा " क्षत्रिय खंगार राजपूत समाज की जय हो
देश धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने बाले चंदेरी नरेश महाराज मेदनी राय खंगार और रानी मणिमाला जिन्होंने अपने सतीत्व की रक्षा के लिए जौहर किया ऐसे वीर वीरांगनाओ शत् शत् नमन
इतिहास प्रसिद्ध चंदेरी का युद्ध 1528 ई. को मुग़ल शासक बाबर एवं राजपूतों के मध्य लड़ा गया था। उस समय यह दुर्ग मेदनीराय के अधिकार में था, जिस पर काफी समय से बाबर की नजर थी। खानवा युद्ध के बाद बाबर इसकी तरफ बढ़ा। कहा जाता है यह दुर्ग बाबर के लिए अत्यन्त महत्व का था इसलिए उसने चंदेरी के तत्कालीन राजा से यह किला माँगा। बदले में उसने अपने जीते हुए कई किलों में से कोई भी किला राजा को देने की पेशकश भी की, परन्तु राजा चंदेरी का किला देने के लिए राजी ना हुआ। तब बाबर ने किला युद्ध से जीतने की चेतावनी दी। बाबर कई प्रस्तावों के बाद भी मेदनीराय ने संधि करने से मना कर दिया। खानवा में बाबर की सेना का सामना कर चुके मेदनी राय खंगार और उनके वीरों ने मुगलों के सामने झुकना स्वीकार नहीं किया। बाबर के प्रलोभनों को नकार कर मेदनी ने बाबर से युद्ध करना स्वीकार किया। नगर के सामने २३० फुट ऊंची चट्टान पर यह दुर्ग बना हुआ था। यह स्थान मालवा तथा बुंदेलखंड की सीमाओं पर स्थित होने के कारण से महत्वपूर्ण था। दुर्ग आसपास की पहाड़ियों से घिरा हुआ था इसलिए ये ये बेहद सुरक्षित किला माना जाता था। गुस्से से बोखलाए बाबर ने किले का घेरा जारी रखा। दरअसल बाबर की सेना में हाथी तोपें और भारी हथियार थे जिन्हें लेकर उन पहाड़ियों के पार जाना बेहद दुष्कर था और पहाड़ियों से नीचे उतरते ही चंदेरी के राजा की फौज का सामना हो जाता। कहा जाता है की बाबर निश्चय पर दृढ था और उसने एक ही रात में अपनी सेना से पहाडी को काट डालने को कहा। कहा जाता है कि बाबर की सेना ने एक ही रात में एक पहाड़ी को ऊपर से नीचे तक काट कर एक ऐसी दरार बना डाली जिससे हो कर उसकी पूरी सेना और हाथी और तोपें ठीक किले के सामने पहुँच गयी (आज भी वह रास्ता टूटे किले की बुर्जों से दिखता है जिसे बाबर ने एक ही रात में पहाडी को कटवा कर बनाया था तथा उसे 'कटा पहाड़' या 'कटी घाटी' के नाम से जाना जाता है)। (चंदेरी नगर के दक्षिण के पहाड़ को काटकर कटी घाटी प्रवेशद्वार द्वार का निर्माण किया गया 80 फीट ऊंची 39 फीट चौड़ी और 192 फीट लंबाई में घाटी को काटकर इस घाटी का निर्माण किया गया है इस घाटी के बीच में ही पहाड़ को काटकर मेहराबदार प्रवेश द्वार को बनाया गया है जिसके दोनों ओर दो बुर्ज बनाए गए हैं, कटी घाटी के उत्तर दिशा में चट्टान को काटकर सीढ़ी मार्ग बनाया गया है जिससे द्वार के ऊपरी भाग में पहुंचा जा सकता है द्वार पर लगे दो अभिलेखों से ज्ञात होता है कि इस घाटी एवं द्वार का निर्माण सन 1490 ईस्वी में मालवा के सुल्तान गयासशाह के शासनकाल में गया था उत्खनन के दौरान या एक सीडी नुमा रास्ता प्रकाश में आया है। संभवत कटी घाटी का निर्माण के पूर्व का है जिसका उपयोग शायद पहाड़ी को पार करने के लिए किया जाता रहा होगा।) मेदनीराय ने जब सुबह अपने किले के सामने पूरी सेना को देखा तो दंग रह गया। लेकिन राजपूत राजा ने बिना घबराए अपने सिपाहियों के साथ बाबर की विशाल सेना का सामना करने का निर्णय किया। बोखलाए बाबर ने किले पर चारों ओर से आक्रमण किया। राजपूत केसरिया बाना पहन मैदान में कूद पड़े और वीरता पूर्वक लड़कर सब के सब वीरगति को प्राप्त हुए। किले पर बाबर का अधिकार हो गया। तब किले में सुरक्षित क्षत्राणियों ने स्वयं को आक्रमणकारी सेना से अपमानित होने की बजाय अपनी जीवनलीला समाप्त करने का निर्णय लिया। एक विशाल चिता का निर्माण किया और सभी स्त्रियों ने सुहागनों का श्रृंगार धारण कर के स्वयं को उस चिता के हवाले कर दिया। मध्ययुगीन इतिहास में चंदेरी का जौहर अब तक के इतिहास का सबसे विशाल जौहर माना जाता है। जब बाबर की सेना किले के अन्दर पहुँची तो उसके हाथ कुछ ना आया। राजपूतों का शौर्य और क्षत्राणियों के जौहर के इस अविश्वसनीय कृत्य वह इतना बौखलाया की उसने खुद के लिए इतने महत्त्वपूर्ण किले का सम्पूर्ण विध्वंस करवा दिया तथा कभी उस का उपयोग नहीं किया। बाबर के वंशज मुगलोंं को हराकर पूरनमल जाट ने इसे जीता। शेरशाह सूरी ने पूरणमल जाट के समय चंदेरी के दुर्ग ओर आक्रमण किया था लेकिन शेरशाह सूरी इस दुर्ग को जीत पाने में असमर्थ सिद्ध हुआ तो शेरशाह सूरी
दीदी आपने जो जानकारी दी कि चंदेरी दुर्ग पर बुंदेला मुगल आदि शासको का शासन रहा मगर आज जिसके नाम से यह दुर्ग को जाना जाता है जिसने हिन्दु धर्म को अपमानित नही होने दिया मर कट गये जौहर किये अपने क्षत्रिय राजपूत धर्म का पालन किया बोथे महाराजा मेदनीराय खँगार लेकिन इनके बारे मे आपने बिस्तार से जानकारी नही दी चाहे चंदेरी हो चाहे गढ़कुण्डार चाहे गुजरात का जूनागढ़ का इतिहास हो कही भी खँगार शासको ने मुगलो के आंगे घुटने नही टेके हमेशा संघर्ष करते रहे मरते कटते रहे हिन्दुत्व का नाम बदनाम नही होने दिया ऐसे शासको के नाम आप स्पष्ट नही बताते है।
आप की जानकारी अधूरी रही आपने सभी राजपूतों के नाम शिवा खंगार राजपूतों का नाम नहीं लिया कारण क्या है जिस जोहर स्मारक कि आप बात करती हैं बह स्मारक मेदनी राय खंगार की राजकुमारी मणिमाला का है जिन्होंने हिंदुत्व की लाज रखते हुए अपने प्राण त्याग दिए और सती हो गई इतिहास को छिपाने में आप लोगों को जरा भी शर्म नहीं आती
Nice coment bhai ......sir ji yadi aapko vdo me kuch kami lagti hi ya aapko lagta hi ki aapke rajvansh ko acche se present nhi kiya gya to plz. Aap history ko khud pad kar ek accha sa vdo banaye
हे बेटी तेरे चरणों में सत् सत् नमन् में हतपृभ् हू कि इस भागदौड़ भरी जिंदगी में तूँ अतीत के पननों मे कैसे चली गई युग युग जियो बेटी अलख जगाती रहो यही मानव धरम है ।
Me aapke har video dekhta hu meri family bhi aapke chennal ko bhut pasand karte ha aap aise hi video bante rahiye or thank u so muchhh aapne hame itihaas ke itne karib se dikhaya 😍😍🙏🙏🙏🙏❤❤
Behatreen...ASI just save it for our future generation...great work done by all team...Director Gurmeet Sapal your frames are just too good... Congratulations..and Priyanka...you are just genuine towards your work..GOD bless you all..👏👏
Chanderi Kila bahut Achcha Kila hai main Char bar ghoom chuka hun Badal Mahal Kaushal Mahal Kati Ghati 32 bavdi jageshwari Mandir aur bahut se Sthan Hai vahan ghumne ke liye thank you so much mam aap ka video bahut Achcha hai
WAQT KE NISHAN is such a wonderful series with excellent cinephotography and beautiful host, it's a treat for history lovers like us..........Thank you.
यदुवंशी राजपूतो का सोमवाली का किला यह किला कब बना यह तो साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता । परन्तु इसका पुर्निर्माण सन् 1754 के आस पास महाराजा गोपाल सिंह जी के द्वारा करवाया गया था । जिन्होंने यहां सोम पाल जी को किलेदारी सौंपी थी । जिसके बाद यह इलाका विक्रम संवत् 1852 में ग्वालियर के सिंधिया राज में चला गया । उस समय यह के प्रशासक सुमंत्र पाल जी थे । जिनके कारण इस किले का नाम सुमावली दुर्ग पड़ा । यह की मुख्य जमींदारी जादौन राजपूतो की है । जो आज भी यहां उपस्थित है । इस किले का निर्माण किन्ही बाहरी आक्रमणों से सुरक्षित रहने के लिए किया गया था । जो इसके निर्माण को देख कर प्रतीत होता है । इसके अलावा दुर्ग में स्थित श्री कृष्णा का देवालय भी देखने लायक है । आज यह दुर्ग अपने बुरे समय से जूझ रहा है । परन्तु इस दुर्ग के भग्नावेश बताते है की इसका अतीत काफी उन्नत और गोरवशाली रहा होगा ।
मैडम जी पूर्ण जानकारी के साथ वीडियो बनाना मूल रूप से चंदेरी के शासक क्षत्रिय खंगार राजवंशी महाराजा मेदनी राय खंगार थे जिन्होंने बाबर से 7 बार लड़ाई लड़ाई 6: बार बाबर को हराया सातवीं बार पूरणमल बुंदेला जो महाराजा मेदनी राय खंगार जी की तोप चलाने का कार्य करते थे बाबर से मिल गए इस कारण बाबर की 1528 यूपी में बाबर ने चंदेरी पर विजय प्राप्त की इसलिए इस वीडियो में सुधार करें और क्षत्रिय खंगार राजवंश राज्य शासन बताएं दोबारा यदि दोबारा इस प्रकार की वीडियो आपके द्वारा बनाई गई तो आप के विरोध कानूनी कार्रवाई की जाएगी
भाई इनकी कोई गलती नहीं है यह मुगलों की नाजायज औलाद की फल है इन्होंने देश को गद्दारों को बता दलालों के बाद अंग्रेजों की मुगलों की दलाली की इसलिए चंदेरी का किला मेदिनीपुर राजवंश शर्म आ रही है जय राजपुताना जय महाराणा जय मेदिनीराय महाराज कोटि कोटि नमन करता हूं
@@asifmughal1539 wah Bhai. Tumne dharm badla hai ki mongolia se aaye the. Check ke chhoti chhoti aankhe hai Kya tumhari? Agar nhi to samaj lo ki jabardasti dharm badla tha. Tabhi itna farzi ghamand hai. Naam me Mughal lgane se Mughal ke banshaj nhi ban jaoge
@@arya8346 farghana wadi sey aey they ajj k Uzbekistan sey un ke ankhein kab choti hin dear. India main 14 lakh mughal hin ap net par chek kar lo 12 lakh sey zyada Pakistan main hin..jo jis jati ka hota hi wo hi likhta hi kisi our k bap k0 apna bap nhi bnata..
इस महान व्यक्ति एतिहासिक विरासत को बचाने के लिए क्षत्रिय राजपूत मेदनी राय खंगार व 1600 क्षत्राणियों के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है जिन्होंने हिन्दू धर्म व संस्कृति बचाने के लिए मुग़ल आक्रमणकारी बाबार से छल के कारण अपनी ष्राणों की आहुतियां दी है इस वीर जांबाज महाराजा मेदनी राय खंगार व क्षत्राणियों को सादर नमन जब तक सूरज चांद रहेगा मेदनी राय खंगार रानी मणिमाला का नाम रहेगा " क्षत्रिय खंगार राजपूत समाज की जय हो
Kya kare bhai admi log akramankariyo se ladh nhi pate the unke piche balidan bechari orato ko dena padhta tha
@@AtikKhan-td4uw kyakare bhai jese aaj tum muslim gadar ho wese uss samay kaii gadar hue jinhone indian kings k sath dokha kiya
देश धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने बाले चंदेरी नरेश महाराज मेदनी राय खंगार और रानी मणिमाला जिन्होंने अपने सतीत्व की रक्षा के लिए जौहर किया ऐसे वीर वीरांगनाओ शत् शत् नमन
महाराज मेदनी राय खंगार की जय
माता मडी माला खंगार की जय
जय जय rajputana
Yadav ki basti he
I salute Rajputs.. Jai sanatan dharm
स्वराज एवं आपकी पूरी टीम से निवेदन है, की आप सभी एक वीडियो गड़ कुंडार के क़िले पर भी बनाये वो किला निवाड़ी जिला मध्य प्रदेश में हैं।
Jarrur beta
👌
इतिहास प्रसिद्ध चंदेरी का युद्ध 1528 ई. को मुग़ल शासक बाबर एवं राजपूतों के मध्य लड़ा गया था। उस समय यह दुर्ग मेदनीराय के अधिकार में था, जिस पर काफी समय से बाबर की नजर थी। खानवा युद्ध के बाद बाबर इसकी तरफ बढ़ा। कहा जाता है यह दुर्ग बाबर के लिए अत्यन्त महत्व का था इसलिए उसने चंदेरी के तत्कालीन राजा से यह किला माँगा। बदले में उसने अपने जीते हुए कई किलों में से कोई भी किला राजा को देने की पेशकश भी की, परन्तु राजा चंदेरी का किला देने के लिए राजी ना हुआ। तब बाबर ने किला युद्ध से जीतने की चेतावनी दी। बाबर कई प्रस्तावों के बाद भी मेदनीराय ने संधि करने से मना कर दिया। खानवा में बाबर की सेना का सामना कर चुके मेदनी राय खंगार और उनके वीरों ने मुगलों के सामने झुकना स्वीकार नहीं किया। बाबर के प्रलोभनों को नकार कर मेदनी ने बाबर से युद्ध करना स्वीकार किया।
नगर के सामने २३० फुट ऊंची चट्टान पर यह दुर्ग बना हुआ था। यह स्थान मालवा तथा बुंदेलखंड की सीमाओं पर स्थित होने के कारण से महत्वपूर्ण था। दुर्ग आसपास की पहाड़ियों से घिरा हुआ था इसलिए ये ये बेहद सुरक्षित किला माना जाता था।
गुस्से से बोखलाए बाबर ने किले का घेरा जारी रखा। दरअसल बाबर की सेना में हाथी तोपें और भारी हथियार थे जिन्हें लेकर उन पहाड़ियों के पार जाना बेहद दुष्कर था और पहाड़ियों से नीचे उतरते ही चंदेरी के राजा की फौज का सामना हो जाता। कहा जाता है की बाबर निश्चय पर दृढ था और उसने एक ही रात में अपनी सेना से पहाडी को काट डालने को कहा।
कहा जाता है कि बाबर की सेना ने एक ही रात में एक पहाड़ी को ऊपर से नीचे तक काट कर एक ऐसी दरार बना डाली जिससे हो कर उसकी पूरी सेना और हाथी और तोपें ठीक किले के सामने पहुँच गयी (आज भी वह रास्ता टूटे किले की बुर्जों से दिखता है जिसे बाबर ने एक ही रात में पहाडी को कटवा कर बनाया था तथा उसे 'कटा पहाड़' या 'कटी घाटी' के नाम से जाना जाता है)। (चंदेरी नगर के दक्षिण के पहाड़ को काटकर कटी घाटी प्रवेशद्वार द्वार का निर्माण किया गया 80 फीट ऊंची 39 फीट चौड़ी और 192 फीट लंबाई में घाटी को काटकर इस घाटी का निर्माण किया गया है इस घाटी के बीच में ही पहाड़ को काटकर मेहराबदार प्रवेश द्वार को बनाया गया है जिसके दोनों ओर दो बुर्ज बनाए गए हैं, कटी घाटी के उत्तर दिशा में चट्टान को काटकर सीढ़ी मार्ग बनाया गया है जिससे द्वार के ऊपरी भाग में पहुंचा जा सकता है द्वार पर लगे दो अभिलेखों से ज्ञात होता है कि इस घाटी एवं द्वार का निर्माण सन 1490 ईस्वी में मालवा के सुल्तान गयासशाह के शासनकाल में गया था उत्खनन के दौरान या एक सीडी नुमा रास्ता प्रकाश में आया है। संभवत कटी घाटी का निर्माण के पूर्व का है जिसका उपयोग शायद पहाड़ी को पार करने के लिए किया जाता रहा होगा।) मेदनीराय ने जब सुबह अपने किले के सामने पूरी सेना को देखा तो दंग रह गया। लेकिन राजपूत राजा ने बिना घबराए अपने सिपाहियों के साथ बाबर की विशाल सेना का सामना करने का निर्णय किया। बोखलाए बाबर ने किले पर चारों ओर से आक्रमण किया। राजपूत केसरिया बाना पहन मैदान में कूद पड़े और वीरता पूर्वक लड़कर सब के सब वीरगति को प्राप्त हुए। किले पर बाबर का अधिकार हो गया। तब किले में सुरक्षित क्षत्राणियों ने स्वयं को आक्रमणकारी सेना से अपमानित होने की बजाय अपनी जीवनलीला समाप्त करने का निर्णय लिया। एक विशाल चिता का निर्माण किया और सभी स्त्रियों ने सुहागनों का श्रृंगार धारण कर के स्वयं को उस चिता के हवाले कर दिया। मध्ययुगीन इतिहास में चंदेरी का जौहर अब तक के इतिहास का सबसे विशाल जौहर माना जाता है। जब बाबर की सेना किले के अन्दर पहुँची तो उसके हाथ कुछ ना आया। राजपूतों का शौर्य और क्षत्राणियों के जौहर के इस अविश्वसनीय कृत्य वह इतना बौखलाया की उसने खुद के लिए इतने महत्त्वपूर्ण किले का सम्पूर्ण विध्वंस करवा दिया तथा कभी उस का उपयोग नहीं किया। बाबर के वंशज मुगलोंं को हराकर पूरनमल जाट ने इसे जीता। शेरशाह सूरी ने पूरणमल जाट के समय चंदेरी के दुर्ग ओर आक्रमण किया था लेकिन शेरशाह सूरी इस दुर्ग को जीत पाने में असमर्थ सिद्ध हुआ तो शेरशाह सूरी
Puranmal rajput the jat nhi ok
@@sakyasingh7108 wou koi aur puranmal Hoga yeh jat hi hai
Thanks for nice information 🥰
@@Tanvirawat0000 जय महाराजा मेदनीराय खंगार जय माँ भवानी
@@Tanvirawat0000 जय महाराजा मेदनीराय खंगार जय माँ भवानी
आपकी सभी वीडियो बहुत अच्छी हैं। मुझे बहुत अच्छा लगता है ऐतिहासिक इमारतों को देखना।।।
me too 🙂
मुझे भी
दीदी आपने जो जानकारी दी कि चंदेरी दुर्ग पर बुंदेला मुगल आदि शासको का शासन रहा मगर आज जिसके नाम से यह दुर्ग को जाना जाता है जिसने हिन्दु धर्म को अपमानित नही होने दिया मर कट गये जौहर किये अपने क्षत्रिय राजपूत धर्म का पालन किया बोथे महाराजा मेदनीराय खँगार लेकिन इनके बारे मे आपने बिस्तार से जानकारी नही दी चाहे चंदेरी हो चाहे गढ़कुण्डार चाहे गुजरात का जूनागढ़ का इतिहास हो कही भी खँगार शासको ने मुगलो के आंगे घुटने नही टेके हमेशा संघर्ष करते रहे मरते कटते रहे हिन्दुत्व का नाम बदनाम नही होने दिया ऐसे शासको के नाम आप स्पष्ट नही बताते है।
आप की जानकारी अधूरी रही आपने सभी राजपूतों के नाम शिवा खंगार राजपूतों का नाम नहीं लिया कारण क्या है जिस जोहर स्मारक कि आप बात करती हैं बह स्मारक मेदनी राय खंगार की राजकुमारी मणिमाला का है जिन्होंने हिंदुत्व की लाज रखते हुए अपने प्राण त्याग दिए और सती हो गई इतिहास को छिपाने में आप लोगों को जरा भी शर्म नहीं आती
Nice coment bhai ......sir ji yadi aapko vdo me kuch kami lagti hi ya aapko lagta hi ki aapke rajvansh ko acche se present nhi kiya gya to plz. Aap history ko khud pad kar ek accha sa vdo banaye
Long live the Rajputs 🔥❤️
हे बेटी तेरे चरणों में सत् सत् नमन् में हतपृभ् हू कि इस भागदौड़ भरी जिंदगी में तूँ अतीत के पननों मे कैसे चली गई युग युग जियो बेटी अलख जगाती रहो यही मानव धरम है ।
आपके योगदान संस्कृति प्रेमियों के लिए अमूल्य है। 🙏🙏
Maharaja puranmal jaat Amar rhe great empire
Me aapke har video dekhta hu meri family bhi aapke chennal ko bhut pasand karte ha aap aise hi video bante rahiye or thank u so muchhh aapne hame itihaas ke itne karib se dikhaya 😍😍🙏🙏🙏🙏❤❤
महाराजा मेदनीराय खंगार जौहर कुण्ड में महारानी मणिकमाला खंगार ने जौहर किया था
वीर हिंदु राजपूतो की शान है चंदेरी। जय श्री राम
किला आपकी तरह बेहद खूबसूरत है
Nice back sound
Kutte sudhar ja
@@SOURAVSHARMA-yk9lv
नही सुधरा तो तू क्या कर लेगा
@@sudamameena9407
Baap se aise baat karte hain😁
@@SOURAVSHARMA-yk9lv
,🤣🤣🤣🤣
गड़ कुंडर का किला भी दिखाओ मध्य प्रदेश में है
Chanderi is My Maternal Hometown ❤
Behatreen...ASI just save it for our future generation...great work done by all team...Director Gurmeet Sapal your frames are just too good... Congratulations..and Priyanka...you are just genuine towards your work..GOD bless you all..👏👏
बहुत अच्छी वीडियो बनाई है आपने
Chanderi Kila bahut Achcha Kila hai main Char bar ghoom chuka hun Badal Mahal Kaushal Mahal Kati Ghati 32 bavdi jageshwari Mandir aur bahut se Sthan Hai vahan ghumne ke liye thank you so much mam aap ka video bahut Achcha hai
Bahut bdiya Priyanka jii
Beautiful fort of chanderi. Love to hear the history of the fort. Thank you priyanka. Great presentation.
Jo jo chanderi se ha to like karo
Aapne badal mahal aur koshak mahal nhi dikhaya na hi museum ❤️🙏🙏
Please you from which city
गुर्जर प्रतिहार सम्राट कीर्तीपाल अमर रहे 🙏🙏
Parihar ka he
Ch hi jhuth
WAQT KE NISHAN is such a wonderful series with excellent cinephotography and beautiful host, it's a treat for history lovers like us..........Thank you.
बहुत हि सुंदर,धन्यवाद.
यदुवंशी राजपूतो का सोमवाली का किला
यह किला कब बना यह तो साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता ।
परन्तु इसका पुर्निर्माण सन् 1754 के आस पास महाराजा गोपाल सिंह जी के द्वारा करवाया गया था । जिन्होंने यहां सोम पाल जी को किलेदारी सौंपी थी । जिसके बाद यह इलाका विक्रम संवत् 1852 में ग्वालियर के सिंधिया राज में चला गया ।
उस समय यह के प्रशासक सुमंत्र पाल जी थे ।
जिनके कारण इस किले का नाम सुमावली दुर्ग पड़ा । यह की मुख्य जमींदारी जादौन राजपूतो की है ।
जो आज भी यहां उपस्थित है ।
इस किले का निर्माण किन्ही बाहरी आक्रमणों से सुरक्षित रहने के लिए किया गया था । जो इसके निर्माण को देख कर प्रतीत होता है ।
इसके अलावा दुर्ग में स्थित श्री कृष्णा का देवालय भी देखने लायक है ।
आज यह दुर्ग अपने बुरे समय से जूझ रहा है ।
परन्तु इस दुर्ग के भग्नावेश बताते है की इसका अतीत काफी उन्नत और गोरवशाली रहा होगा ।
Yeh koi yaduvanshi rajput dwara nahi banvya gya aur haa yaduvanshi rajput nahi hote sirf jadon hai jo bharmpal ji se nikle hai aur koi nahi bhai 🙏🙏
Mene aapke sabhi video dekhe he mem amazing
Very good presentation
Beautiful both fort and anker
Jai ho johar kund per aapka dono hatho se namaskar dekh kr acha laga
मैडम जी पूर्ण जानकारी के साथ वीडियो बनाना मूल रूप से चंदेरी के शासक क्षत्रिय खंगार राजवंशी महाराजा मेदनी राय खंगार थे जिन्होंने बाबर से 7 बार लड़ाई लड़ाई 6: बार बाबर को हराया सातवीं बार पूरणमल बुंदेला जो महाराजा मेदनी राय खंगार जी की तोप चलाने का कार्य करते थे बाबर से मिल गए इस कारण बाबर की 1528 यूपी में बाबर ने चंदेरी पर विजय प्राप्त की इसलिए इस वीडियो में सुधार करें और क्षत्रिय खंगार राजवंश राज्य शासन बताएं दोबारा यदि दोबारा इस प्रकार की वीडियो आपके द्वारा बनाई गई तो आप के विरोध कानूनी कार्रवाई की जाएगी
Okay 👌👌👌
भाई इनकी कोई गलती नहीं है यह मुगलों की नाजायज औलाद की फल है इन्होंने देश को गद्दारों को बता दलालों के बाद अंग्रेजों की मुगलों की दलाली की इसलिए चंदेरी का किला मेदिनीपुर राजवंश शर्म आ रही है जय राजपुताना जय महाराणा जय मेदिनीराय महाराज कोटि कोटि नमन करता हूं
राजपूताना love 😘 you
god job mam ..jo aap india ke in anmol place ko dikha rhi h
Bahut hi sundar
यह दुर्ग कहाँ है
Superb video 👍 #musafiramit
ASI has done a great job of restoring it. A must visit place.
Very nice ......acchi jankari di aapne
यह खंगार राजपूतों का किला है जय महाराजा मेदनी राय खंगार जय मां मणि माला 29 जनवरी जौहर दिवस
बहुत सुंदर दर्शन
awesome video...u should continue to show up Chanderi..it is a big historical in malwa
बहुत शानदार सीरीज है।
धन्यवाद
Wow super very nice
How to reach chanderi.
I must say that I'm kind of in love with this beautiful reporter...No ill feelings though..Cheers 😀
Beautiful fort! Thanks.
wonderful video
time mile jaroor darshan karenge
Nice way of narrating and also the way viewer get involved while listening voice the way describing about historical places
Ma'am your voice is very melodious 👌👌👌👌👌
Bahot hi Sundar video hai bahut mehnat se banaya hoga
आपने मेदनी राय खंगार की जानकारी नहीं बताई
Wow 😮😍 So much to know about chanderi fort.
नमन वीरांगनाओ को
Gjb kya bt h... Jo tu bol rha ye information tujhe kisne di h ve
Bahut khub.
Priyanka mem ek video mheshwar aur khargone ke kile par भी banya jaye 👍👍
Vv nice
धनवाद जी
Looking gorgeous dee
Veri nice
आप और आपकी वीडियो बहुत सुंदर लगते है,,,
Kutte
ये जो मेडम दिख रही है उनको कुछ ज्यादा ही वीडियो में highlite किया गया है
जलन
@@sudamameena9407 कोनसी जलन
Sahi hai
Absolutely right 😄😄😄
Ye jo halka halka sarur hai teri nazar ka kasur hai
Very Nice madam
Bhot sundr
Jauhar aur saka ka bhi btao
अद्भुत
महारानी मडी मला जी ने जोहार किया था
Starting me music kaun sa hai
Mangal gad durg ke bare v bataiye
Charkhari ke
Jo itna vishal or bada h
Jis par 7 talab h
You should study more about chanderi in 1529 mugals was defeated by jats.......
Kya hwa mughlo ka naam sn kar jate yad as gey
@@asifmughal1539 wah Bhai.
Tumne dharm badla hai ki mongolia se aaye the.
Check ke chhoti chhoti aankhe hai Kya tumhari?
Agar nhi to samaj lo ki jabardasti dharm badla tha.
Tabhi itna farzi ghamand hai.
Naam me Mughal lgane se Mughal ke banshaj nhi ban jaoge
@@arya8346 farghana wadi sey aey they ajj k Uzbekistan sey un ke ankhein kab choti hin dear.
India main 14 lakh mughal hin ap net par chek kar lo 12 lakh sey zyada Pakistan main hin..jo jis jati ka hota hi wo hi likhta hi kisi our k bap k0 apna bap nhi bnata..
@@asifmughal1539 to phir tum indian to lgte nhi hoge.
Central Asian lgte ho Turkish.
Good for you
@@arya8346 mughals EMPEROR s ney jo 51 shadyan Indians raj komruon sey ke uss ke waja sey indian be lghty hin
Ye kanha h
Rajput mahila nhi mem.rajput virangna bolo..bharat ki shan h wo..
I love chanderi
V good
1528 के बाद इसे पूरनमल जाट जी ने जीता था वो नही बताया या पता ही नही ह ??
Beju bavra singer Akber ke samay ka or Mahabharat kal ka shisupal ka sambandh bhi chandri se tha.
Very well explained ...
vijaygar fort pr bhi video bnaye
अतीसुंदर
Thanks priyankaji
Beautiful,👌😊
Babar ke jaisa na koi badshah tha or na koi hoga
Hum kilo ko Nehi sirf apko dekh raha hu . Ap to Bahat khub sundor ho
Very nice 👌 Didi me aapki puri video dekhta hu
Prtiharo ka nhi medani ray khangar ma madimala khangaro ka h sahi post kare
Hajaro bar dekh liya
Jay Khangar vans ❤❤
Mam you it's a queen of this qila
Nice work
आपसे निवेदन है एक वीडियो भितरवार किले पर और pawaya किले पर बनाएँ दोनों का वर्णन भव भूती के काव्य में भी है
Chanderi is very nice parytan sthal he
Bhut bhadiya
Amazing
Please make video - makdai ka kila & joga ka kila
Nice.
I am going to chanderi
भारत की सबसे मजबूत और सबसे शक्तिशाली किले
👇
कुंभलगढ़ किला
मेहरानगढ़ किला
कालिंजर किला
असीरगढ़ किला
रणथम्भौर किला
चित्तौड़गढ़ किला
मेवाड़ किला
ग्वालियर किला
रायगढ़ किला
चन्देरी किला
मारवाड़ किला
आमेर किला
मालवा किला
चम्बल किला