रामचरितमानस लंकाकाण्ड - सुबेल पर श्री रामजी की झाँकी और चंद्रोदय वर्णन

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  • เผยแพร่เมื่อ 12 ก.ย. 2024
  • लंकाकाण्ड में पुल निर्माण से राम-रावण युद्ध व अयोध्या वापसी तक के घटनाक्रम आते हैं। नीचे लंकाकाण्ड से जुड़े घटनाक्रमों की विषय सूची दी गई है। आप जिस भी घटना के बारे में पढ़ना चाहते हैं उसकी लिंक पर क्लिक करें।
    मंगलाचरण
    नल-नील द्वारा पुल बाँधना, श्री रामजी द्वारा श्री रामेश्वर की स्थापना
    श्री रामजी का सेना सहित समुद्र पार उतरना, सुबेल पर्वत पर निवास, रावण की व्याकुलता
    रावण को मन्दोदरी का समझाना, रावण-प्रहस्त संवाद
    सुबेल पर श्री रामजी की झाँकी और चंद्रोदय वर्णन
    श्री रामजी के बाण से रावण के मुकुट-छत्रादि का गिरना
    मन्दोदरी का फिर रावण को समझाना और श्री राम की महिमा कहना
    अंगदजी का लंका जाना और रावण की सभा में अंगद-रावण संवाद
    रावण को पुनः मन्दोदरी का समझाना
    अंगद-राम संवाद, युद्ध की तैयारी
    युद्धारम्भ
    माल्यवान का रावण को समझाना
    लक्ष्मण-मेघनाद युद्ध, लक्ष्मणजी को शक्ति लगना
    हनुमानजी का सुषेण वैद्य को लाना एवं संजीवनी के लिए जाना, कालनेमि-रावण संवाद, मकरी उद्धार, कालनेमि उद्धार
    भरतजी के बाण से हनुमान्‌ का मूर्च्छित होना, भरत-हनुमान्‌ संवाद
    श्री रामजी की प्रलापलीला, हनुमान्‌जी का लौटना, लक्ष्मणजी का उठ बैठना
    रावण का कुम्भकर्ण को जगाना, कुम्भकर्ण का रावण को उपदेश और विभीषण-कुम्भकर्ण संवाद
    कुम्भकर्ण युद्ध और उसकी परमगति
    मेघनाद का युद्ध, रामजी का लीला से नागपाश में बँधना
    मेघनाद यज्ञ विध्वंस, युद्ध और मेघनाद उद्धार
    रावण का युद्ध के लिए प्रस्थान और श्री रामजी का विजयरथ तथा वानर-राक्षसों का युद्ध
    लक्ष्मण-रावण युद्ध
    रावण मूर्च्छा, रावण यज्ञ विध्वंस, राम-रावण युद्ध
    इंद्र का श्री रामजी के लिए रथ भेजना, राम-रावण युद्ध
    रावण का विभीषण पर शक्ति छोड़ना, रामजी का शक्ति को अपने ऊपर लेना, विभीषण-रावण युद्ध
    रावण-हनुमान्‌ युद्ध, रावण का माया रचना, रामजी द्वारा माया नाश
    घोरयुद्ध, रावण की मूर्च्छा
    त्रिजटा-सीता संवाद
    रावण का मूर्च्छा टूटना, राम-रावण युद्ध, रावण वध, सर्वत्र जयध्वनि
    मन्दोदरी-विलाप, रावण की अन्त्येष्टि क्रिया
    विभीषण का राज्याभिषेक
    हनुमान्‌जी का सीताजी को कुशल सुनाना, सीताजी का आगमन और अग्नि परीक्षा
    देवताओं की स्तुति, इंद्र की अमृत वर्षा
    विभीषण की प्रार्थना, श्री रामजी के द्वारा भरतजी की प्रेमदशा का वर्णन, शीघ्र अयोध्या पहुँचने का अनुरोध
    विभीषण का वस्त्राभूषण बरसाना और वानर-भालुओं का उन्हें पहनना
    पुष्पक विमान पर चढ़कर श्री सीता-रामजी का अवध के लिए प्रस्थान, श्री रामचरित्र की महिमा

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