माया ईस न आप कहुँ जान कही सो जीव। बंध मोक्ष प्रद सर्व पर माया प्रेरक सीव। माया ईस का उच्चारण जान के द्वारा ही होता है। आत्मा बंधनों से मुक्त है।शिव को प्रेरित करने वाला आत्मा ही था। आत्मा प्राण पाँवर नहीं तो सब शून्य।
को अस जीव जंतु जग माही। जेहि रघुनाथ प्राण प्रिय नाहीं। कौन संसार का ऐसा प्राणी है जिसको प्राण आत्मा स्वांस यह द्रव प्रिय नहीं है। जिसको लोग रघुनाथ राम भगवान कहते हैं ।उनको प्राण प्रिय नहीं था।
🙏🌺मात श्री नर्मदे हर 🌺🙏
🙏🙏❤️Maat Narmday har Guruji koti koti parnaam dhanyawaad karti hu. ♥️ 🙏🙏💯✔️✔️👌👌 Bahut badhiya satsang ❤️🙏🙏
माते नर्मदे हर, गुरुदेव महाराज जी को कोटि कोटि नमन।
Excellent thanks God and you listening to you
माया ईस न आप कहुँ जान कही सो जीव।
बंध मोक्ष प्रद सर्व पर माया प्रेरक सीव।
माया ईस का उच्चारण जान के द्वारा ही होता है।
आत्मा बंधनों से मुक्त है।शिव को प्रेरित करने वाला आत्मा ही था।
आत्मा प्राण पाँवर नहीं तो सब शून्य।
को अस जीव जंतु जग माही।
जेहि रघुनाथ प्राण प्रिय नाहीं।
कौन संसार का ऐसा प्राणी है जिसको प्राण आत्मा स्वांस यह द्रव प्रिय नहीं है।
जिसको लोग रघुनाथ राम भगवान कहते हैं ।उनको प्राण प्रिय नहीं था।
Ichha ka matlab appse paya. Pranam gharuji
जानब तै सबही कर भेदा ।
जान बताई सब का भेद।
जान आत्मा के द्वारा भटक रहा है जीव प्राणी।
प्रश्न उत्तर कब तक चलेगा।जब तक आत्मा प्राण पाँवर है।
Puri jindagi sarir ko jiva se Allag kyo rakhna hai.