परम पूज्य संत शिरोमणि संतश्री आशारामजी बापू जी के सानिध्य में जो आनंदमय अनुभूति होती है वैसी अनुभुति इस ब्रह्माण्ड में कोई नहीं करा सकता हैं। हरि ॐ हरि ॐ हरि के।। ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
किसी भी देश की युवा पीढ़ी उस देश का भविष्य होती है युवा पीढ़ी को सुदृढ़ बनाने के लिए पूज्य बापू जी की सत्प्रेरणा से हर वर्ष तेजस्वी युवा शिविर का आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों की संख्या में युवा भाग लेते हैं।
जय गुरुदेव। गुरु की पीड़ा! "मेरी शरण में आ जा मैं तुझे सब पापों से मुक्त कर दूंगा, मैं ये दृढ़ प्रतिज्ञा करता हूँ " गुरुदेव की असीम कृपा पहले क्षण से ही साधक पे बरसनी शुरू हो जाती है। लेकिन ये कृपा साधक को दिखाई नहीं देती और इसका बड़ा स्पष्ट सा कारण है। वो कारण साधक का गुरुके प्रति समर्पण को न समझना है । आप चाहे या न चाहे गुरुदेव के मन्त्र जाप के शुरू होते ही आपका पूर्ण समर्पण हो जाता है लेकिन आप उसे देख नहीं पाते और न ही आपकी बुद्धि इतनी तीक्षण होती है के उसे समझ या महसूस कर सके आप उस गुरु की कृपा जो आपसे समर्पण करवाना शुरू करती है आप उसका प्रतिरोध करते हैं आप धीरे धीरे ये महसूस करने लगते हैं की आपकी समस्याएं बढ़ गयी हैं और आप जो करना चाहते हो सब कुछ उसके विपरीत हो रहा है आप धन कामना चाहते हो लेकिन आपका नुक्सान हो रहा है, आप बिमारियों से ठीक होना चाहते हो लेकिन नहीं हो पा रहे बल्कि बीमारिया और जटिल हो रही हैं आप नाम जाप बढ़ा देते हो और फिर भी आपको कोई समाधान नज़र नहीं आता आप परेशान हो जाते हो गुरुदेव पे प्रश्न खड़े कर देते हो। आखिर ऐसा क्यों होता है ? आप गुरुदेव के लाये आंतरिक बदलाव को अपना समझते रहते हैं , आपको लगता है आपने गलती की , आपने खाना बनाया, आपने खाया, आपने पचाया, आप सैर करने गए , आप कसरत करने गए, आप हसे, आप रोये, आप दुखी हो गए, आप सुखी हो गए, आपका लाभ हुआ, आपका नुक्सान हुआ, आपका पति , आपकी पत्नी, आपके बच्चे , आपका संसार, सब कुछ आपको अपना ही लगता है। फिर धीरे धीरे आप अच्छे कामों को गुरु को समर्पित करना शुरू कर देते हैं , सब गुरुदेव का है, सब गुरु की कृपा है, सब गुरुदेव की इच्छा से है मैं कुछ नहीं हूँ , और फिर आप कोई एक गलती करते हो और तब आप सोचते हो अरे मैंने ये गलती कर दी, हे गुरुदेव, ये कैसे हो गया? मैं आपकी शरण में हूँ ये गलती कैसे हो सकती है, मेरा विकास रुक गया है, आपकी कृपा हट गयी है, मैं कृपा वहीन हो गया हूँ। अब आप सोचो के थोड़ी देर पहले सब कुछ गुरु का था और जैसे ही कोई गलती हुई तो आपकी हो गयी।आखिर कैसे ??? गलती भी तो गुरुदेव की ही हुई न, तो आप दुखी क्यों हो गए? वो गलती क्यों हुई है? ये समझना तो दूर की बात आप स्वयं भगवान् बन के उसे कर्म को उस आ रहे सुधार को परिवर्तन को, गलती निर्धारित कर देते हैं। जो साधक अपनी गलती में भी गुरु की प्रेरणा देखे वही पूर्ण समर्पित है।जो अपनी हर जीत और हार गुरुदेव की देन समझे वही साधक पूर्ण समर्पित है, जो साधक आपने कर्म, व्यव्हार, शब्द, स्पर्श, रस, गंध, दृश्य और भाव को गुरु का प्रसाद समझे वही साधक पूर्ण समर्पित है। जो साधक खुद में आये बदलाव को महसूस नहीं कर पा रहा वही साधक परेशान रहता है क्यूंकि अब वो वैसा नहीं जैसा होना चाहता है वो खुद को नहीं दूसरों को देख के दुखी होता है, वो बदलाव को उसके हिसाब से होने की प्रतीक्षा करता है लेकिन जो बदलाव उसे चाहिए वो उसे समझ नहीं पाता, वो सिर्फ वही पाना चाहता है जो उसे भौतिक सुख लगे सांसारिक सुख लगे, दूसरे को देखते रहने से वो आपने अंदर आ रहे परिवर्तन को नहीं देख पाता, गुरुदेव सदैव पहले क्षण से उसका अंतर्मुखी होने का इंतज़ार करते रहते हैं लेकिन साधक सिर्फ बाहरी बदलाव में ही उलझा रहता है बाहरी बदलाव में ही भटकता रहता है , पहले क्षण से वो गुरुदेव के असीम प्रेम में पड़ जाता है क्यूंकि वो गुरुदेव उसके अंदर उसे प्रेम की डोर से बांध लेते हैं, हमेशा प्यार करते रहते हैं। लेकिन एक रास्ता देख रही माँ की तरह उसका अंतर्मुखी होने का इंतज़ार करते रहते हैं।एक फिकरमंद बाप की तरह उसकी फ़िक्र करते रहते हैं एक गुरु की तरहं उसका मार्ग दर्शन करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं लेकिन साधक, उफ़ ये साधक बहार ही खोया रहता है , गुरुदेव बार बार उसे कहते हैं "बाहर से आप को कोई उम्मीद नहीं करनी चाहिए जो मिलेगा वो आपके अंदर ही मिलेगा।" नाम जाप से मिलेगा । आप तो जन्म से ही पूर्ण हो आपको बस इसका पाता नहीं है मैं आपको उस पूर्णता से मिलाऊँगा, मैं आपको ये शरीर रूपी ग्रन्थ पढ़ना सिखाऊंगा , मुझे तुमसे कुछ नहीं चाहिए क्यूंकि तू खुद ईश्वर है बस एहि चेतना मैं तुझे लौटाऊंगा। तू मुझ अकेले की शरण में आ जा मैं तुझे सब पापों से मुक्त कर दूंगा, ये मैं दृढ़ प्रतिज्ञा करता हूँ , तू शोक मत कर। हे प्रिय शिष्य, अब अंतर्मुखी हो जा, अब अंतर्मुखी हो जा, मैं तेरी राह देख रहा हूँ अब अंतर्मुखी हो जा । जय गुरुदेव
❤❤🎉🎉❤❤ Hariom Hariom Hariom Om nano Bhagwate basudevay nano namah Jai Shree Krishna chaitanyaha Maha parbhu ji hirdayma basnihune satchat parampita Shree hari Krishna bhagwanlai lakhau lakh dhanyabad Sukriya arpan gardai gurujika darsan kartahu suikar kijiy Bhagwan mere iswor mere malik mere data mere pyare Guruji Sat Sat naman harpal sukarana guruji apki charanome koti koti parnam arpan gardai gurujika sangat path guru taranhar guruji Asharamayan sangath path guru kabirsahev Sangat path guru Om Shanti om Shanti om Shanti Sangat pariwarma rahi tan Man hirday dekhi koti koti parnam arpan gardaxu malai bhakti margama prerit gurnuhune sakal Mera pujniya prenaka Sagar mata pita guru aur iswor lai Koti koti parnam arpan gardai sanatan dharm bat gyan bhakti margama prerit garnuhune Guruji sangat pariwarlai lakhau lakh dhanyabad Sukriya arpan gardaxu suikar kijiy Bhagwan mere data mere iswor mere malik mere data satgurudev Sat Sat naman Guruji 💖💕💖❤️🔥🎉🎉🎉❤❤❤
Mai bhi tha is shivir me, bahut hi jyada bheed thi....dur dur tak log the khachakhach, fir bhi Bapuji ne dhyan karwaya tha to sab shaant.....ekdam rasmay,madhurya
Hari 🙏 om hari 🙏 santi om hari 🙏 santi om hari 🙏 santi om o o om ki madur soham udagit hariom bisranti sab gat gat basi hirdya sanvedna bagti bisranti nishchal Hari oma .
Jai ho parmatma aapki jai ho❤❤❤❤
Amazing satsang delivered by Sant Shri Asharamji Bapu 🙏🙏👌👌
Bapuji ka darshan jaldi ho 🌹🙏🌷🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
ॐ ॐ ॐ गुरूदेवाय नमः ॐ ॐ ॐ
🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏
परम पूज्य संत शिरोमणि संतश्री आशारामजी बापू जी के सानिध्य में जो आनंदमय अनुभूति होती है वैसी अनुभुति इस ब्रह्माण्ड में कोई नहीं करा सकता हैं। हरि ॐ हरि ॐ हरि के।।
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
B
NG
Gurudev swayam narayana swarupa hai
Pujya Bapuji ke Sri charno me koti koti pranam 🙏🙏🌹🌹🙏🙏
ऊँ ऊँ ऊँ बापू जी जल्दी बहार आओ 🙏🙏🙏
ॐ आनंद, ॐ माधुर्य
गुरू मेरे भगवान बापू जी हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि 🚩📿🕉️🕉️🙏🙏📿🚩🕉️🕉️
हरि ॐ ॐ श्रीसदगुरूपरमातमने नमो नम: हरि ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ 🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🕉🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🕉🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🕉
Guruji hamare bhagwan hai
दुर्लभ और अद्भुत ध्यान योग सत्संग वाणी।
Bahut hi gahra Divya dhyan
Mere sadgurudev bhagwan k Charno me koti koti naman 👏🏼 💐 👏🏼👏🏼👏🏼🙏🙏
किसी भी देश की युवा पीढ़ी उस देश का भविष्य होती है युवा पीढ़ी को सुदृढ़ बनाने के लिए पूज्य बापू जी की सत्प्रेरणा से हर वर्ष तेजस्वी युवा शिविर का आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों की संख्या में युवा भाग लेते हैं।
अत्ति सुंदर आपका कथन है
बहुत बढ़िया ध्यान,,बापूजी आप जल्दी आइये ऐसा ध्यान करवाइये🙏
जय गुरुदेव। गुरु की पीड़ा!
"मेरी शरण में आ जा मैं तुझे सब पापों से मुक्त कर दूंगा, मैं ये दृढ़ प्रतिज्ञा करता हूँ "
गुरुदेव की असीम कृपा पहले क्षण से ही साधक पे बरसनी शुरू हो जाती है। लेकिन ये कृपा साधक को दिखाई नहीं देती और इसका बड़ा स्पष्ट सा कारण है। वो कारण साधक का गुरुके प्रति समर्पण को न समझना है । आप चाहे या न चाहे गुरुदेव के मन्त्र जाप के शुरू होते ही आपका पूर्ण समर्पण हो जाता है लेकिन आप उसे देख नहीं पाते और न ही आपकी बुद्धि इतनी तीक्षण होती है के उसे समझ या महसूस कर सके आप उस गुरु की कृपा जो आपसे समर्पण करवाना शुरू करती है आप उसका प्रतिरोध करते हैं आप धीरे धीरे ये महसूस करने लगते हैं की आपकी समस्याएं बढ़ गयी हैं और आप जो करना चाहते हो सब कुछ उसके विपरीत हो रहा है आप धन कामना चाहते हो लेकिन आपका नुक्सान हो रहा है, आप बिमारियों से ठीक होना चाहते हो लेकिन नहीं हो पा रहे बल्कि बीमारिया और जटिल हो रही हैं आप नाम जाप बढ़ा देते हो और फिर भी आपको कोई समाधान नज़र नहीं आता आप परेशान हो जाते हो गुरुदेव पे प्रश्न खड़े कर देते हो।
आखिर ऐसा क्यों होता है ? आप गुरुदेव के लाये आंतरिक बदलाव को अपना समझते रहते हैं , आपको लगता है आपने गलती की , आपने खाना बनाया, आपने खाया, आपने पचाया, आप सैर करने गए , आप कसरत करने गए, आप हसे, आप रोये, आप दुखी हो गए, आप सुखी हो गए, आपका लाभ हुआ, आपका नुक्सान हुआ, आपका पति , आपकी पत्नी, आपके बच्चे , आपका संसार, सब कुछ आपको अपना ही लगता है।
फिर धीरे धीरे आप अच्छे कामों को गुरु को समर्पित करना शुरू कर देते हैं , सब गुरुदेव का है, सब गुरु की कृपा है, सब गुरुदेव की इच्छा से है मैं कुछ नहीं हूँ , और फिर आप कोई एक गलती करते हो और तब आप सोचते हो अरे मैंने ये गलती कर दी, हे गुरुदेव, ये कैसे हो गया? मैं आपकी शरण में हूँ ये गलती कैसे हो सकती है, मेरा विकास रुक गया है, आपकी कृपा हट गयी है, मैं कृपा वहीन हो गया हूँ।
अब आप सोचो के थोड़ी देर पहले सब कुछ गुरु का था और जैसे ही कोई गलती हुई तो आपकी हो गयी।आखिर कैसे ??? गलती भी तो गुरुदेव की ही हुई न, तो आप दुखी क्यों हो गए? वो गलती क्यों हुई है? ये समझना तो दूर की बात आप स्वयं भगवान् बन के उसे कर्म को उस आ रहे सुधार को परिवर्तन को, गलती निर्धारित कर देते हैं। जो साधक अपनी गलती में भी गुरु की प्रेरणा देखे वही पूर्ण समर्पित है।जो अपनी हर जीत और हार गुरुदेव की देन समझे वही साधक पूर्ण समर्पित है, जो साधक आपने कर्म, व्यव्हार, शब्द, स्पर्श, रस, गंध, दृश्य और भाव को गुरु का प्रसाद समझे वही साधक पूर्ण समर्पित है। जो साधक खुद में आये बदलाव को महसूस नहीं कर पा रहा वही साधक परेशान रहता है क्यूंकि अब वो वैसा नहीं जैसा होना चाहता है वो खुद को नहीं दूसरों को देख के दुखी होता है, वो बदलाव को उसके हिसाब से होने की प्रतीक्षा करता है लेकिन जो बदलाव उसे चाहिए वो उसे समझ नहीं पाता, वो सिर्फ वही पाना चाहता है जो उसे भौतिक सुख लगे सांसारिक सुख लगे, दूसरे को देखते रहने से वो आपने अंदर आ रहे परिवर्तन को नहीं देख पाता, गुरुदेव सदैव पहले क्षण से उसका अंतर्मुखी होने का इंतज़ार करते रहते हैं लेकिन साधक सिर्फ बाहरी बदलाव में ही उलझा रहता है बाहरी बदलाव में ही भटकता रहता है , पहले क्षण से वो गुरुदेव के असीम प्रेम में पड़ जाता है क्यूंकि वो गुरुदेव उसके अंदर उसे प्रेम की डोर से बांध लेते हैं, हमेशा प्यार करते रहते हैं। लेकिन एक रास्ता देख रही माँ की तरह उसका अंतर्मुखी होने का इंतज़ार करते रहते हैं।एक फिकरमंद बाप की तरह उसकी फ़िक्र करते रहते हैं एक गुरु की तरहं उसका मार्ग दर्शन करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं लेकिन साधक, उफ़ ये साधक बहार ही खोया रहता है , गुरुदेव बार बार उसे कहते हैं "बाहर से आप को कोई उम्मीद नहीं करनी चाहिए जो मिलेगा वो आपके अंदर ही मिलेगा।" नाम जाप से मिलेगा । आप तो जन्म से ही पूर्ण हो आपको बस इसका पाता नहीं है मैं आपको उस पूर्णता से मिलाऊँगा, मैं आपको ये शरीर रूपी ग्रन्थ पढ़ना सिखाऊंगा , मुझे तुमसे कुछ नहीं चाहिए क्यूंकि तू खुद ईश्वर है बस एहि चेतना मैं तुझे लौटाऊंगा। तू मुझ अकेले की शरण में आ जा मैं तुझे सब पापों से मुक्त कर दूंगा, ये मैं दृढ़ प्रतिज्ञा करता हूँ , तू शोक मत कर। हे प्रिय शिष्य, अब अंतर्मुखी हो जा, अब अंतर्मुखी हो जा, मैं तेरी राह देख रहा हूँ अब अंतर्मुखी हो जा ।
जय गुरुदेव
हाँ इस शिविर का मुझे सौभाग्य मिला था।
🙏🙏🙏
❤❤🎉🎉❤❤ Hariom Hariom Hariom Om nano Bhagwate basudevay nano namah Jai Shree Krishna chaitanyaha Maha parbhu ji hirdayma basnihune satchat parampita Shree hari Krishna bhagwanlai lakhau lakh dhanyabad Sukriya arpan gardai gurujika darsan kartahu suikar kijiy Bhagwan mere iswor mere malik mere data mere pyare Guruji Sat Sat naman harpal sukarana guruji apki charanome koti koti parnam arpan gardai gurujika sangat path guru taranhar guruji Asharamayan sangath path guru kabirsahev Sangat path guru Om Shanti om Shanti om Shanti Sangat pariwarma rahi tan Man hirday dekhi koti koti parnam arpan gardaxu malai bhakti margama prerit gurnuhune sakal Mera pujniya prenaka Sagar mata pita guru aur iswor lai Koti koti parnam arpan gardai sanatan dharm bat gyan bhakti margama prerit garnuhune Guruji sangat pariwarlai lakhau lakh dhanyabad Sukriya arpan gardaxu suikar kijiy Bhagwan mere data mere iswor mere malik mere data satgurudev Sat Sat naman Guruji 💖💕💖❤️🔥🎉🎉🎉❤❤❤
Mere SADGURUDEV BHAGWANJI ke SHRI CHARNON me mere baarambaar koti-koti anannt-anannt PRANAM 🙏🙏🕉️🕉️🙏🙏🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸
जय जय साधो ॐ ॐ प्यारे गुरुदेवा ॐ हरि हरि ॐ
गुरु देव के श्री चरणों में कोटि-कोटि नमन हरी ॐ
Om om om Bapuji jaldi ashram ayee !!!
Pura satsang daliye yeh wala bapuji ne kya dhyan laga diya hai adbhut hai mere bapuji... srishti mein shanti lane ka samrthya hai Bapuji mein
🙏🌹🌹🌹🌹🙏
Bhut sunder satsang & dhyan👌💓👌
#SantShriAsharamjiBapuAshram
#Surat
#BapuJi
Mera Guru Bhagwan ki jai hooo 🙏🙏
Jabardast dhyan.. Bapuji ki jai hooooo
We miss you Bapuji ...
Come soon
Jai Sadhgurudev 🙏🏻
हरि 🕉 नारायण नारायण नारायण
समाज कल्याण और मानव कल्याण के लिए अति सुन्दर एवं सराहनीय, ज्ञानवर्धक और मार्गदर्शन करने वाला ध्यान।
Mai bhi tha is shivir me, bahut hi jyada bheed thi....dur dur tak log the khachakhach, fir bhi Bapuji ne dhyan karwaya tha to sab shaant.....ekdam rasmay,madhurya
🕉🙏 श्री सदगुरु परमात्मने नमः🙏🕉
अद्भुत ध्यान🙏
आज शरद पूनम पर बापु जी को नमस्कार जय हो बापु जी बाहर आ जाये हम इस संसार में भटक न जाये
🙏 जय श्री कृष्ण 🙏
Dhyan yog shivir se bahut fayada hota hai
Hari hari om Hari hari om Hari hari om Hari hari om Hari hari om
नारयण साई जी जल्दी बाहर आए ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ बापू जल्दी बाहर आये ॐ ॐ
@@ketanpatel3710 ji Om Om Om bapuji jaldhi bahar Aaye 🙏🏻🙏🏻
Pujya bapuji ke Sri charano men koti koti bandan 🙏🌻🌺🌹🌼🌻
🕉🕉🕉 saiji Jaldi bahar aao🍁🍁🍁
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 UTM 🙏🙏🙏🙏🙏🙏 Mahatma Gurudev 🙏🙏🙏
Gurudev ki kripa bani rahe sabhi sadhak par🙏
Om om Bapuji jaldi bahar ayen
OM OM OM OM OM OM OM OM OM AK OMKAAR OM OM OM Aannand OM OM OM Purnam JAI Shree Sadguru Parmatama Namah 🙏
Hari Om Pujya Sant Shri Asaram Bapu Ji Hari Om
Jai ho
🌌 Kim Tyagi Kim adhyatm 🌅📿📿📿📿📿📿📿📿
Sant Shri Asaram Bapu Ji guides everyone towards spirituality ⚛️
Hari 🙏 om hari 🙏 santi om hari 🙏 santi om hari 🙏 santi om o o om ki madur soham udagit hariom bisranti sab gat gat basi hirdya sanvedna bagti bisranti nishchal Hari oma .
ओम हरि ओम हरि ओम हरि ओम जय गुरुदेव
Amazing dhyan , curious environment.
अद्भूत भावमय ध्यान योग शिविर
म्हारो वालो भूखो छै प्रेम को ...
Om Guru Bram Roop Jano Sive Ka Savrup Jano Saksat Visnu Jano Likha Hei Purann Mei Om Hari Hari Om Narain Narain Narain Om
adbhut adivitiya dhayan yog anubhav keval bramgyani k charno me
ॐ ॐ ॐ
ॐॐॐ बापुजी जलदी बाहर आये।
Om namo bgwaty basudev.
दिव्य सत्संग 🙏🙏
Om Om bapuji jaldi bahar aaoo 🙏🙏🙏🕉️🕉️🕉️
ध्यान मूर्ती गुरू पदम
Jay ho mere gurudev jaldi bahar ajao
ध्यान योग शिविर में अंतर की गहराइयों में अनुभूति हेतु ध्यान योग का अभ्यास कराया जाता है
Gurudev ke charnome sata koti pranam hariom
सहज में ध्यान लगाने की आसान तरीका बता रहें हैं प्यारे बापू जी! 🙏🙏👌👌
जय हो गुरुदेव
Hari Om 🌹🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹
Jai bapuji!!!
बहुत बढ़िया ऋषि दर्शन सत्संग वीडियो है
Aum Aum Aum Aum Guru Aum Shiv Aum Aum Shiv Aum Ram Krishna Ram Guru SOHAM Tatvmasi
Nice shivir organized at Surat
सेशनाग की शय्या पे लेटे हुए नारायण स्वरुप गुरदेव 🙏🌹
बहुत बढ़िया शिविर है
ॐ ॐ ॐ मेरे गुरुदेव
बोहोत लाभ दायी है।
महत्वपूर्ण सत्संग।
Very soulful meditation.
Matma guru ji Gurudev ji
Om Namo Narayanay
Stay Narayan Bagwan ki jai
JAI BAPUJI
Bapuji ki kripa se ye shivr dhyan me mai tha
Jaigurudev🙏
हरिः ॐ
उच्च कोटि के संत के सानिध्य में ध्यान... इससे ऊपर और क्या हो सकता है भला!
हरी ओम
Omhariom
Jai guruji!!
ध्यान शिविर की बहुत याद आती है
सामान्य ध्यान जो लगायें, उन्हें वे गहरे में ले जायें। 🙏🙏
in this western affected life.this satsang is absolutely soulRest giver (atmavishranti).
दिव्य ध्यान।
Fantastic 🌹🙏🌹
Jai Ho 🙏🌹
We miss u come soon Bapuji
Vah !! Koi Jane jannhara
Hariom ❤️
सुन्दर संत्संग
बढ़िया ध्यान शिविर
बापूजी जल्दी आकर फिर से ऐसा ध्यान योग शिविर कराओ 🙏🙏