🙏🙏सेवा सेवा, सेवा जोहार🙏🙏 बहुत ही अधभुत् पेनठाना हमारी संस्कृति की अमूल्य धरोहर को दिखाने का सेवा सेवा टोटेम् के आधार पर यह संग्रह सच में बहुत मूल्य वान है गर्व है हम सभी कोयतुर् भाई बहुत प्राचीन सम्पति के मालिक है हमने हमारे समाज ने बाहरी आगन्तुको का क्या साथ रहने का सहयोग दिया वे तो अपने अधिकार का गलत उपयोग करने लगे। 🙏🙏🙏सेवा सेवा🙏🙏🙏
राहुल दाद जोहार 64 योगिनी में जो देव भैंसापाट भैंसादानी बताया गया है वह छत्तीसगढ़ में प्रत्येक ट्राइबल क्षेत्र के पेन ठाना में भैंसासुर अथवा भैंसादाहरा देवस्थल के नाम से जाना जाता है जो कि दोनो प्रदेश का यह देव का नाम समान्तर लग रहा है यह शोध का विषय है
जोहार दादा टेंपल उड़ीसा में स्थित है वैसे ही जबलपुर मध्य प्रदेश धुआंधार पर स्थित है यह मंदिर का नाम 64 और जो आप जानकारी दे रहा है इस मंदिर का भी नाम 64 योगिनी है यह दोनों टेंपल बराबर है यह गोंडवाना काल से संबंध रखते हैं पर हिंदुओं कब्जे पर है अभी है 3:16
कोय तुर प्राचीन भारत का मूलनिवासी यों का पूजा करने की परम परा पेन शक्ति दर्शन के लिए आप सभी को धन्यवाद 🙏jaiseva जय गोंडवाना कोंड और गोड दोनों एक हैं ऐसे लग रहा है🙏🙏
Rahul bhai hamare raigarh me bhi do jagah rock painting hai kabhi aayen mai bahut dino se batane ki kosis kar raha hun mera nam raj kumar chouhan hai jai sewa
64 yogni penthana bhedaghat jabalpur M.P. main bhi hai. Isi prakar ka pattharon se bnay murti hain. Jo 10vi stabdi gondvana saasankal nrasinghdevjaja ke jamane main bnaya gya hai. 64yognimana seva seva. Jay seva Jay badadev Jay gondvana 750 jabalpur M.P. knnake dadaji aapko seva johar.
सेवा जोहार दादा बहुत बढ़िया जानकारी देते हैं आप विडियो के माध्यम से और जो व्यक्ति इस जगह पर नहीं जा पा रहा है वह विडियो देखकर देखें।। आप बहुत आगे जाओगे ❤❤
राहुल जी, एक तरफ तो हम कहते हैं की हम प्रकृति पूजक हैं, मूर्ति पूजा नहीं करते हैं। लेकिन हम ट्राइबल लोग जिन जगहों में रहते हैं,उनके चारो तरफ प्राचीन मंदिर,मूर्तियां आदि के अवशेष देखने को मिलते हैं,जरूर हमारे पूर्वजों ने इन्हे बनाया होगा, लेकिन अभी तक हम कन्फ्यूज हैं और इस कन्फ्यूजन से दूसरों को मौका मिल जाता है। बूढ़ा राजा,बूढ़ा देव या बुध देव एक ही तो नहीं,?एक उदाहरण भोंगापाल छत्तीसगढ़ का बूढ़ा देव निकले बुध देव।
हमारी पेन व्यवस्था कभी भी मुर्तीयो वाली नही है. लेकीन अनेको संदेश आनेवाले पिढी ऐसे कलाओ द्वारा प्राप्त होता था. अगर मै सही हु तो यह हमे प्राचीन मेडीटेशन का पाठ जरुर पढा रहे है.
Mujhe lagta he wahi he buddha dev ko buddh kah rahe he,british time me isko vishnu kahate the aaj kl mahadev kah rahe he reason yahi he ki vishnu ko budha ka 9 avatar kahte the to direct buddhism me jane ki sanka tha aaj kl mahadev kahne lage he hindu me hi rahege isse aur
Rahul Bhai ji mai साइंस जर्नी चैनल देखता हू क्या वह सही जानकारी सही तर्क देते है क्या आप का क्या विचार है जरूर जवाब देने की कोशिश करे उसमे कई बार सही बात सही लगता है
Mere hisab se wo channel bas apna agenda kaise bhi sabit krna hai ,usi me lage rehte hain ,buddhisto lekhako ki kitab se hu vishleshan krte rehte hain...ab to wi log adiwasio ko bhi buddhist banane me lage hain.unss dur hi raha jaaye to behtar hai.
@@smithjohn6195 जी हा बिलकुल मैने उस चैनल पर भी मैं कई बार कोमेंट कर चुका हू कि आदिवासी ट्राइबल गोतम बुद्ध से भी पहले से है और प्रकृति नेचर को मानते आ रहे है
मुझे लगता है की हमें हमारे आस पास के पुरातात्विक अवशेषों को समझने की जरूरत है। एक पौधा जब पेड़ बन जाता है,तो उस पेड़ पर बहुत से शाखाएं आ जाते हैं,तो क्या पेड़ को उन शाखाओं से अलग समझना चाहिए??
🙏🙏सेवा सेवा, सेवा जोहार🙏🙏
बहुत ही अधभुत् पेनठाना हमारी संस्कृति की अमूल्य धरोहर को दिखाने का सेवा सेवा टोटेम् के आधार पर यह संग्रह सच में बहुत मूल्य वान है गर्व है हम सभी कोयतुर् भाई बहुत प्राचीन सम्पति के मालिक है हमने हमारे समाज ने बाहरी आगन्तुको का क्या साथ रहने का सहयोग दिया वे तो अपने अधिकार का गलत उपयोग करने लगे।
🙏🙏🙏सेवा सेवा🙏🙏🙏
राहुल दाद जोहार 64 योगिनी में जो देव भैंसापाट भैंसादानी बताया गया है वह छत्तीसगढ़ में प्रत्येक ट्राइबल क्षेत्र के पेन ठाना में भैंसासुर अथवा भैंसादाहरा देवस्थल के नाम से जाना जाता है जो कि दोनो प्रदेश का यह देव का नाम समान्तर लग रहा है यह शोध का विषय है
Jai seva jai Gondwana....Rahul dada aap aise hi informative videos laate rahiye about tribal history ... dhanyawad
सेवा जोहार राहुल दादा
Jaye sewa juhar bhaiyaa 🙏🙏🙏
Jaya seva juhar Rahul ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय जोहार
सेवा जोहार सर
🙏 JAY SEWA JAY JOHAR 🙏
Great 👍🏻❤️, Sevajohar Sir ji 🙏🏻
जोहार दादा
टेंपल उड़ीसा में स्थित है वैसे ही जबलपुर मध्य प्रदेश धुआंधार पर स्थित है यह मंदिर का नाम 64 और जो आप जानकारी दे रहा है इस मंदिर का भी नाम 64 योगिनी है यह दोनों टेंपल बराबर है
यह गोंडवाना काल से संबंध रखते हैं
पर हिंदुओं कब्जे पर है अभी है 3:16
Badiya mainath karke Gondwana people ko ancient history dikanekeliye koti koti seva seva.. Jay johar Rahul dada 🙏🙏🙏🙏
कोय तुर प्राचीन भारत का मूलनिवासी यों का पूजा करने की परम परा पेन शक्ति दर्शन के लिए आप सभी को धन्यवाद 🙏jaiseva जय गोंडवाना कोंड और गोड दोनों एक हैं ऐसे लग रहा है🙏🙏
Sir gond janjati ke up jati ke bare me baye
Jay johar jay Adivasi❤
🙏🙏🙏👍🌎🌏🌍👍🙏🙏🙏
🎉🎉🎉😊😊bahut din baad sir ji ka video aaya
भैसासुर रावण ता खुटायाल पेन ता बुढायल पेन ता जय सेवा सेवा जोहार ।❤❤❤❤❤❤ पार्डी सिद्धांत शादी-ब्याह सम.और और विषम परिस्थितिजन्य गणितीय सिद्धांत ❤❤❤❤❤❤❤ ।
Jai seva Jai adivasi Jai Gondwana
Seva johar dada 💛💛💛💛💛💛
Rahul Dada Adivasi Ekta parishd cultural sammelan Maharastra silvassa ke pas rakha gya hai. AAP waha jarur aana 🙏🙏🙏🙏🙏
कनाके जी सेम 64 योगिनी ढाना बेडा घाट जबलपुर में है
Jay sewa Jay bada dev Jay gondwana.
Thanks dada hamara elaka Ko aiho.
Ratnpur ka badal mahal ka video banay saga
Seva johar dada give for information our community thanks alot of you❤❤🙏🙏🙏
इस तरह का एके मंदिर 64योगिनी मुरैना जिला एमपी में है ऐसे सब मंदिरों का गोंदी में विश्लेसन करे।ताकी लोगो के भ्रम दूर हो।
🙏🙏🙏🙏🙏
Rahul bhai hamare raigarh me bhi do jagah rock painting hai kabhi aayen mai bahut dino se batane ki kosis kar raha hun mera nam raj kumar chouhan hai jai sewa
64 yogni penthana bhedaghat jabalpur M.P. main bhi hai. Isi prakar ka pattharon se bnay murti hain. Jo 10vi stabdi gondvana saasankal nrasinghdevjaja ke jamane main bnaya gya hai. 64yognimana seva seva. Jay seva Jay badadev Jay gondvana 750 jabalpur M.P. knnake dadaji aapko seva johar.
सेवा जोहार दादा बहुत बढ़िया जानकारी देते हैं आप विडियो के माध्यम से और जो व्यक्ति इस जगह पर नहीं जा पा रहा है वह विडियो देखकर देखें।।
आप बहुत आगे जाओगे ❤❤
Jaya adibasi ,jaya seba ,
राहुल जी, एक तरफ तो हम कहते हैं की हम प्रकृति पूजक हैं, मूर्ति पूजा नहीं करते हैं। लेकिन हम ट्राइबल लोग जिन जगहों में रहते हैं,उनके चारो तरफ प्राचीन मंदिर,मूर्तियां आदि के अवशेष देखने को मिलते हैं,जरूर हमारे पूर्वजों ने इन्हे बनाया होगा, लेकिन अभी तक हम कन्फ्यूज हैं और इस कन्फ्यूजन से दूसरों को मौका मिल जाता है। बूढ़ा राजा,बूढ़ा देव या बुध देव एक ही तो नहीं,?एक उदाहरण भोंगापाल छत्तीसगढ़ का बूढ़ा देव निकले बुध देव।
हमारी पेन व्यवस्था कभी भी मुर्तीयो वाली नही है. लेकीन अनेको संदेश आनेवाले पिढी ऐसे कलाओ द्वारा प्राप्त होता था. अगर मै सही हु तो यह हमे प्राचीन मेडीटेशन का पाठ जरुर पढा रहे है.
Mujhe lagta he wahi he buddha dev ko buddh kah rahe he,british time me isko vishnu kahate the aaj kl mahadev kah rahe he reason yahi he ki vishnu ko budha ka 9 avatar kahte the to direct buddhism me jane ki sanka tha aaj kl mahadev kahne lage he hindu me hi rahege isse aur
64 जोगनी दाई न सेवा
यहां संस्कृत का कोई लेख नहीं लिखा है, इसका सीधा मायने दिखती है कि यह स्थानीय अर्थात् आदिवासी विरासत संस्कृति है
୬୪ yogini alekh mahima dharam ke sath kuch rista he dada odisha ଢେଙ୍କାନାଳ
Jaya seba (odisa.kalahandi)
Nagan pat
Kond aur gond kahi ek hi to nhi the pahle
Sb ek he ek tree ki do shaka
65yogini dai na seva seva
Rahul Bhai ji mai साइंस जर्नी चैनल देखता हू क्या वह सही जानकारी सही तर्क देते है क्या आप का क्या विचार है जरूर जवाब देने की कोशिश करे उसमे कई बार सही बात सही लगता है
Mere hisab se wo channel bas apna agenda kaise bhi sabit krna hai ,usi me lage rehte hain ,buddhisto lekhako ki kitab se hu vishleshan krte rehte hain...ab to wi log adiwasio ko bhi buddhist banane me lage hain.unss dur hi raha jaaye to behtar hai.
@@smithjohn6195 जी हा बिलकुल मैने उस चैनल पर भी मैं कई बार कोमेंट कर चुका हू कि आदिवासी ट्राइबल गोतम बुद्ध से भी पहले से है और प्रकृति नेचर को मानते आ रहे है
मुझे लगता है की हमें हमारे आस पास के पुरातात्विक अवशेषों को समझने की जरूरत है। एक पौधा जब पेड़ बन जाता है,तो उस पेड़ पर बहुत से शाखाएं आ जाते हैं,तो क्या पेड़ को उन शाखाओं से अलग समझना चाहिए??
@@RamsingEvane-u9vscience journey ne kahi kaha he kya tribel se bhi old buddhism he ?
Well evidence ki hishaab se chal raha he to sahi he
Ye Buddhist shilp kala lag raha hai.