बेटी अगर ससुराल से मायके भागकर आ जाये तो ये अवश्य कह देना
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- เผยแพร่เมื่อ 23 ส.ค. 2022
- नमस्कार दोस्तों आपका हमारे जैन चैनल पर स्वागत है इस चैनल पर हम आपके लिए लेकर आते जैन प्रवचन , कवि सम्मलेन और कडवे प्रवचन और मुनि पुलक सागर जी के लेटेस्ट प्रवचन , तरुण सागर जी के कडवे परवचन, Motivational video जिन्हें देखकर आप आपने जीवन को खुसीयों भर सकते है और जीवन में सफल हो सकते है /
Pulak sagar ji maharaj parvchan latest, parvchan , parvachan in hindi, - แนวปฏิบัติและการใช้ชีวิต
Appne bhout acha kha ha
Aisi soch ke karan he meri didi mari gyi sasural wale ke hath, sadi ke baad sasural he tumhara gher h khker, waha se arthi aayi didi ki😢😢😢😢
Are apko ek ko taklif Hui par ye sab taraf taklif he abhi
एक असंतुष्ट विवाह में पत्नी की माँ की भूमिका जटिल और विविध हो सकती है। यहां कुछ संभावित तरीके दिए गए हैं जिनसे वह स्थिति को प्रभावित कर सकती है:
1. भावनात्मक समर्थन: पत्नी की मां भावनात्मक समर्थन और मान्यता प्रदान कर सकती है, जिससे उसकी बेटी को कम अलग-थलग महसूस करने और अपनी भावनाओं में अधिक आत्मविश्वास महसूस करने में मदद मिलेगी।
2. सलाह और मार्गदर्शन: वह अपने अनुभव साझा कर सकती है, सलाह दे सकती है और विवाह की चुनौतियों से निपटने के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है।
3. मध्यस्थता: कुछ मामलों में, वह विवादों में मध्यस्थता करने या अपनी बेटी और दामाद के बीच संचार की सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर सकती है।
4. स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना: वह अपनी बेटी को अपनी रुचियों को विकसित करने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अधिक स्वतंत्र बनने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।5. एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करना: उसका घर उसकी बेटी के लिए एक सुरक्षित आश्रय के रूप में काम कर सकता है, जो असंतोषजनक विवाह के तनाव से अस्थायी मुक्ति प्रदान करता है।
क्यू
सी
6. निर्णयों को प्रभावित करना: कुछ मामलों में, वह शादी के संबंध में अपनी बेटी के निर्णयों को प्रभावित कर सकती है, जैसे परामर्श लेना है या तलाक पर विचार करना है।
7. भावनात्मक बोझ: इसके विपरीत, उसके अपने अनुभव, पूर्वाग्रह या अनसुलझे मुद्दे अनजाने में उसकी बेटी के वैवाहिक असंतोष में योगदान कर सकते हैं।
8. दोष या आलोचना: दुर्भाग्य से, वह कभी-कभी अपने दामाद के प्रति अत्यधिक आलोचनात्मक या दोषारोपण कर सकती है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
एक असंतुष्ट विवाह में पत्नी की माँ की भूमिका जटिल और विविध हो सकती है। यहां कुछ संभावित तरीके दिए गए हैं जिनसे वह स्थिति को प्रभावित कर सकती है:
1. भावनात्मक समर्थन: पत्नी की मां भावनात्मक समर्थन और मान्यता प्रदान कर सकती है, जिससे उसकी बेटी को कम अलग-थलग महसूस करने और अपनी भावनाओं में अधिक आत्मविश्वास महसूस करने में मदद मिलेगी।
2. सलाह और मार्गदर्शन: वह अपने अनुभव साझा कर सकती है, सलाह दे सकती है और विवाह की चुनौतियों से निपटने के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है।
3. मध्यस्थता: कुछ मामलों में, वह विवादों में मध्यस्थता करने या अपनी बेटी और दामाद के बीच संचार की सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर सकती है।
4. स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना: वह अपनी बेटी को अपनी रुचियों को विकसित करने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अधिक स्वतंत्र बनने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।5. एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करना: उसका घर उसकी बेटी के लिए एक सुरक्षित आश्रय के रूप में काम कर सकता है, जो असंतोषजनक विवाह के तनाव से अस्थायी मुक्ति प्रदान करता है।
6. निर्णयों को प्रभावित करना: कुछ मामलों में, वह शादी के संबंध में अपनी बेटी के निर्णयों को प्रभावित कर सकती है, जैसे परामर्श लेना है या तलाक पर विचार करना है।
7. भावनात्मक बोझ: इसके विपरीत, उसके अपने अनुभव, पूर्वाग्रह या अनसुलझे मुद्दे अनजाने में उसकी बेटी के वैवाहिक असंतोष में योगदान कर सकते हैं।
8. दोष या आलोचना: दुर्भाग्य से, वह कभी-कभी अपने दामाद के प्रति अत्यधिक आलोचनात्मक या दोषारोपण कर सकती है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
बहुत ही अच्छा कथन है बेटियों के लिऐ सुधारने के लिऐ
Samaj me aeisi soch me har larki mar jati h ya ghut ghut ke jiti h
गुरु जी को प्रणाम 🙏🙏🙏
गुरु जी आपको शत शत प्रणाम है
Guruji or logo ne jo bhi sikha aapse lekin mai to sirf aapse chalaki se batein krna sikhi Guruji aap mahan ho badi aasani se sabko buddhu bna dete ho
Sab beteyan aise nahi hoti
Jab usko pareshan karte hai tab samaj nahi aataa uske paas uska dukh dur karne me....or wo suside karle us se achha to alag he hona uchet hota hai ... Bahu agar sahte hai to sirf apne bachon or samaj ke leye he sahte hai .....or maa baap ki ejjat ke leye lekin jab sahte sahte sabr ka bandh Tut jaaye to wo es duniya se chali jaate hai ... Guru ji main aapki baat se sahmat nahi hun
Double soch
ये कलयुग की सांस और मां कभी सुधरने वाली नहीं है।
एक असंतुष्ट विवाह में पत्नी की माँ की भूमिका जटिल और विविध हो सकती है। यहां कुछ संभावित तरीके दिए गए हैं जिनसे वह स्थिति को प्रभावित कर सकती है:
1. भावनात्मक समर्थन: पत्नी की मां भावनात्मक समर्थन और मान्यता प्रदान कर सकती है, जिससे उसकी बेटी को कम अलग-थलग महसूस करने और अपनी भावनाओं में अधिक आत्मविश्वास महसूस करने में मदद मिलेगी।
2. सलाह और मार्गदर्शन: वह अपने अनुभव साझा कर सकती है, सलाह दे सकती है और विवाह की चुनौतियों से निपटने के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है।
3. मध्यस्थता: कुछ मामलों में, वह विवादों में मध्यस्थता करने या अपनी बेटी और दामाद के बीच संचार की सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर सकती है।
4. स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना: वह अपनी बेटी को अपनी रुचियों को विकसित करने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अधिक स्वतंत्र बनने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।5. एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करना: उसका घर उसकी बेटी के लिए एक सुरक्षित आश्रय के रूप में काम कर सकता है, जो असंतोषजनक विवाह के तनाव से अस्थायी मुक्ति प्रदान करता है।
6. निर्णयों को प्रभावित करना: कुछ मामलों में, वह शादी के संबंध में अपनी बेटी के निर्णयों को प्रभावित कर सकती है, जैसे परामर्श लेना है या तलाक पर विचार करना है।
7. भावनात्मक बोझ: इसके विपरीत, उसके अपने अनुभव, पूर्वाग्रह या अनसुलझे मुद्दे अनजाने में उसकी बेटी के वैवाहिक असंतोष में योगदान कर सकते हैं।
8. दोष या आलोचना: दुर्भाग्य से, वह कभी-कभी अपने दामाद के प्रति अत्यधिक आलोचनात्मक या दोषारोपण कर सकती है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
Betiyo k baare me aisi gandi soch, kabhi jindgi jindgi jike dekho unn orto ki jo sasural walo k torture sahti h
एक असंतुष्ट विवाह में पत्नी की माँ की भूमिका जटिल और विविध हो सकती है। यहां कुछ संभावित तरीके दिए गए हैं जिनसे वह स्थिति को प्रभावित कर सकती है:
1. भावनात्मक समर्थन: पत्नी की मां भावनात्मक समर्थन और मान्यता प्रदान कर सकती है, जिससे उसकी बेटी को कम अलग-थलग महसूस करने और अपनी भावनाओं में अधिक आत्मविश्वास महसूस करने में मदद मिलेगी।
2. सलाह और मार्गदर्शन: वह अपने अनुभव साझा कर सकती है, सलाह दे सकती है और विवाह की चुनौतियों से निपटने के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है।
3. मध्यस्थता: कुछ मामलों में, वह विवादों में मध्यस्थता करने या अपनी बेटी और दामाद के बीच संचार की सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर सकती है।
4. स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना: वह अपनी बेटी को अपनी रुचियों को विकसित करने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अधिक स्वतंत्र बनने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।5. एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करना: उसका घर उसकी बेटी के लिए एक सुरक्षित आश्रय के रूप में काम कर सकता है, जो असंतोषजनक विवाह के तनाव से अस्थायी मुक्ति प्रदान करता है।
6. निर्णयों को प्रभावित करना: कुछ मामलों में, वह शादी के संबंध में अपनी बेटी के निर्णयों को प्रभावित कर सकती है, जैसे परामर्श लेना है या तलाक पर विचार करना है।
7. भावनात्मक बोझ: इसके विपरीत, उसके अपने अनुभव, पूर्वाग्रह या अनसुलझे मुद्दे अनजाने में उसकी बेटी के वैवाहिक असंतोष में योगदान कर सकते हैं।
8. दोष या आलोचना: दुर्भाग्य से, वह कभी-कभी अपने दामाद के प्रति अत्यधिक आलोचनात्मक या दोषारोपण कर सकती है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
बहुत ही बढीया सतसंग वचन।
Ye satsang nhi hai nich buddhi hai chugli duniya dari hai aatma prmatma ki bat ho
Guru Dev ki Jay
Bahut sundar jai ho
Wah guru ji kya bat hy
Pura sahmat hun aapki baaton se
Bahut sunder gurudev
Bhut dukh hua aisa dekhkrr... Ek din un ldkiyo ki zindagi zii kr dekhiye... Jo sbko khush krne k chakker me roj apni bali deti h... Phier bhi wo kharab h...
"जाके पैर न फटी बिवाई सो का जाने पीर
पराई"
😂😂
यह स्वार्थ सोच हे
एक असंतुष्ट विवाह में पत्नी की माँ की भूमिका जटिल और विविध हो सकती है। यहां कुछ संभावित तरीके दिए गए हैं जिनसे वह स्थिति को प्रभावित कर सकती है:
1. भावनात्मक समर्थन: पत्नी की मां भावनात्मक समर्थन और मान्यता प्रदान कर सकती है, जिससे उसकी बेटी को कम अलग-थलग महसूस करने और अपनी भावनाओं में अधिक आत्मविश्वास महसूस करने में मदद मिलेगी।
2. सलाह और मार्गदर्शन: वह अपने अनुभव साझा कर सकती है, सलाह दे सकती है और विवाह की चुनौतियों से निपटने के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है।
3. मध्यस्थता: कुछ मामलों में, वह विवादों में मध्यस्थता करने या अपनी बेटी और दामाद के बीच संचार की सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर सकती है।
4. स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना: वह अपनी बेटी को अपनी रुचियों को विकसित करने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अधिक स्वतंत्र बनने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।5. एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करना: उसका घर उसकी बेटी के लिए एक सुरक्षित आश्रय के रूप में काम कर सकता है, जो असंतोषजनक विवाह के तनाव से अस्थायी मुक्ति प्रदान करता है।
6. निर्णयों को प्रभावित करना: कुछ मामलों में, वह शादी के संबंध में अपनी बेटी के निर्णयों को प्रभावित कर सकती है, जैसे परामर्श लेना है या तलाक पर विचार करना है।
7. भावनात्मक बोझ: इसके विपरीत, उसके अपने अनुभव, पूर्वाग्रह या अनसुलझे मुद्दे अनजाने में उसकी बेटी के वैवाहिक असंतोष में योगदान कर सकते हैं।
8. दोष या आलोचना: दुर्भाग्य से, वह कभी-कभी अपने दामाद के प्रति अत्यधिक आलोचनात्मक या दोषारोपण कर सकती है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
100% correct Muniji,pranam Muniji
Jai ho guru ji ❤
Acha jaan de do lekin maa baap ke ghar mt jai wah re mera smaj
Hypocrite hai wo
Baba ji jo jiye vhi jane jo ghar hi tyag de vo kya gyan baante ghoom rhe h
Sahi he😭🥺🥺🥺🥺
एक असंतुष्ट विवाह में पत्नी की माँ की भूमिका जटिल और विविध हो सकती है। यहां कुछ संभावित तरीके दिए गए हैं जिनसे वह स्थिति को प्रभावित कर सकती है:
1. भावनात्मक समर्थन: पत्नी की मां भावनात्मक समर्थन और मान्यता प्रदान कर सकती है, जिससे उसकी बेटी को कम अलग-थलग महसूस करने और अपनी भावनाओं में अधिक आत्मविश्वास महसूस करने में मदद मिलेगी।
2. सलाह और मार्गदर्शन: वह अपने अनुभव साझा कर सकती है, सलाह दे सकती है और विवाह की चुनौतियों से निपटने के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है।
3. मध्यस्थता: कुछ मामलों में, वह विवादों में मध्यस्थता करने या अपनी बेटी और दामाद के बीच संचार की सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर सकती है।
4. स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना: वह अपनी बेटी को अपनी रुचियों को विकसित करने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और अधिक स्वतंत्र बनने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।5. एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करना: उसका घर उसकी बेटी के लिए एक सुरक्षित आश्रय के रूप में काम कर सकता है, जो असंतोषजनक विवाह के तनाव से अस्थायी मुक्ति प्रदान करता है।
6. निर्णयों को प्रभावित करना: कुछ मामलों में, वह शादी के संबंध में अपनी बेटी के निर्णयों को प्रभावित कर सकती है, जैसे परामर्श लेना है या तलाक पर विचार करना है।
7. भावनात्मक बोझ: इसके विपरीत, उसके अपने अनुभव, पूर्वाग्रह या अनसुलझे मुद्दे अनजाने में उसकी बेटी के वैवाहिक असंतोष में योगदान कर सकते हैं।
8. दोष या आलोचना: दुर्भाग्य से, वह कभी-कभी अपने दामाद के प्रति अत्यधिक आलोचनात्मक या दोषारोपण कर सकती है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
Guru ji aap dhanya hai jo beti ho ya beta baap ho ya ma sabko ek sath rahene ka guru mantra dete aae ho aapko bahut bahut dhanyawad
Jai humara staya sanatan dharm aur humare guru inki baat koi mane to kuch barbad na ho 🚩🙏
Guru ji🙏🙏❤
Guru ji aapki baat bilkul Satya hai
मान गए गुरु जी 🙏
Vaah guru g g
Bhut accha guru ji
प्रणाम गुरु जी
गुरुजी को कोटि कोटि प्रणाम
गुरु जी को शत शत नमन
अति उत्तम
Jay ho Maharaj ji
गजब
जय हो गुरू जी आपने सच कह दिया ।
Jai ho guru ji ki
Koti koti pranam
Guruji Prakash ka pransm 🙏🙏🙏🙏🙏
Jai gurudev ji aap mahan ho
Jy Shri Ram 🙏🌹🪔 Guru devo bhv Radhe Radhe 🙏🌹
Dhnya ho gurudev koti koti naman
Bahut badiya bat kahi gayi hai
जी गुरु जी प्रणाम करते हैं आपको
Bahu ko bahu hi samjha jay to achchha hai kyoki bahu ko yadi beti samjhenge to bahu ko bhi paraya karna padhega jis tarah beti ko parai samjha jata hai . Betiyo ko bhi ma bap ke ghar me koi man samman nahi milta , kyoki use vivah ke bad doosre ke ghar jana hai , isi prakar bahu bhi doosre ke ghar se aai hai use kaise man samman diya ja sakta hai. Aakhir beti- bahu ki sthiti ak si hi hoti hai. Man samman to sirf beta ke liye hai . Beti -bahu ke liye nahi.
Very.GoodGuru.g
Sasural me koi help na Mile to kya kare majburi me maike me rahna padta hai
Jai Jai guru dev ji
Bhot aacha
Very nice 👌 गुरू जी प्रणाम
Abahut achhe🙏🙏🙏🙏
Right guru ji
Jay Guru Dev ji ki Prnam krti hu🙏🙏 or asi Sikh hi sb ke priwar me Santi laskti h ji 🙏🙏
Guru ji ke shree charno main koti koti parnam
Guruji aapne sabki aankhe khol di
शत् शत् नमन्।
Very good
Bahut acchi baat hai yah betiyon ko sudharne ke liye Jay Hind Gurudev
Ha apni beti ke sath sath apne beta ko bhi sudhar lijiyega taki apki ghar ki bahu ko koi problem na ho
Situation koi nhi dekhta sirf apni society m self respect.
Inahi recpect ki wajah se Ghar barbad ho rahe hai
🙏🙏❤️❤️❤️❤️Radhe Radhe Maharaj ji aap jo bol rhe hai sahi hai agar kisi baap ki beti ke sth sasural me sasur bhau par buri najar rakhe or uske sth dushkarm kre tb bhi us beti ko apne sasural me rhena chahiye or hamesha use lage kahi bo mere piche to nhi hai tb bhi usko un sasural balon ke sath rahana chahie kiya ye shi hai .Maharaj ji jo aap baat kah rahe hain uska samarthan Ham Bhi Karte Hain kiya ye baat shi hai .ya galat hai aap hi batao Maharaj ji🙏🙏
jai guru ji
आप महान है आपकी आज्ञा की पालन करना चाहूंगा!
Guru ji jab bhai bhabhi hi na ho..............ja kar maa baap ke pass baith jaye
Kuch aisi nhi hoti hai koi koi sasural me jina hram kr dete hai 😢😢
Jaishreeramguruji
Om shiv hari
गुरुजी को सादर प्रणाम,,,गुरुजी आपका कहानी ठीक है अच्छा लगा सुनकर ,,,लेकिन थोड़ा आवाज धीमा कर के बताइए और अच्छा लगेगा सुनने वालों को।
Good 😂😂😂😂
@@BRCNepal mool
Guru dev aapne sahi kaha is ka ilaj bhi btaya hai 🙏
Guru ji🙏
यह वीडियो समझदार लोगों के लिए हे,ना समजे उसके लिए 0है,हमे बोत अछा लगा
Jay shree radhe radhe guruji
Sahi baat hai apki
Bilkul sahi kaha apne guru g
होटल में बर्तन मांजना आजादी लगती है और ससुराल में यही काम गुलामी क्या हाल हो रहा है देश का स्वामी जी बहुत अच्छा लगा भगवन् 🙏
Hotel me kam karne se salary milti he sasural me nehi milti
Or ha kisi ki ghar me bartan dhone se accha hotel me dho le
Ar budhe ho Jane k bad kha p jaogi
@@Neehaa1right
Jai ho
🙏🙏जय सियाराम जय गौमाता 👏जय गोपाल 🙏🙏साहिब बंदगी साहिब🙏🙏🙏🙏जय सियाराम जय गौमाता 👏जय गोपाल 🙏🙏साहिब बंदगी साहिब🙏🙏🙏🙏जय सियाराम जय गौमाता 👏जय गोपाल 🙏🙏साहिब बंदगी साहिब🙏🙏
गुरु जी को प्रणाम
Jay mahaajj koti koti naman🌷🙏
Very nice
Jis par bitti hai wahi jante h har ladkiya ek jaisi nhi hoti hai jaisa ki inhone betiyo ke bare me btaya h
Wah wah muni ji kya kehna 🙏🙏🙏🚩🌹🌹🌹
Jay shri krishna radhe radhe
🙏🙏🌹🌹🌹🙏🙏
बहुत बहुत सुन्दर👌🙏🙏
Bilkul such kaha hai
Om namah Shivay om
Hm bhut dard ke Sath rhti hu sasural me
महाराज जी आज तो ये फेशन चल रहा है औऱपैसा लुंटना
🙏🏻🙏🏻
Jay Ho Maharaj kasomari Bahu ko sadbuddhi aati hai uske Mike wale Ghar ujad😢
Good baba ji
Kaise guru hai kabhi beti banker dekho baate kerna aasaan hai
पूज्यनीय , आचार्य गुरुजी के श्रीचरणों में मेरा कोटि कोटि प्रणाम , नमन व आपके अनमोल इस प्रवचन को भी कोटि कोटि नमन , प्रणाम
अब समझा की कई लड़कियां मायके में आकर क्यों आत्महत्या करती है , यही महराज असली पापी है, अपराधी है इन सबका ।मतलब इन महान पुलक सागर वैज्ञानिक मनोवैज्ञानिक धिक्कार है महराज आप पर, जो आप समाज के लोगो को इस लड़की को ताना मारने के लिए प्रेरित कर रहे हो, आप जैसे पापियों की वजह से कई लड़कियां आत्महत्या करती है, शर्म नहीं आती आपको, सिर्फ पति नाम का होने के लिए सिर्फ पति से शरीरी की हवस बुझाने का ही अंदरूनी दिमाग में गंदगी भरी हुई है आप जैसे लोगो के मन में। जरा सोच कर देखो की स्त्री हो या पुरुष यदि उनके बीच प्रेम नही, सम्मान नही, रिश्ता मन से नही माने, तो केवल साथ में रहकर शारीरिक बलात्कार करवाना ही आपके मन में है, लेकिन सीधा सीधा नहीं बोलते, सिर्फ साथ में रही, घुसो एक कमरे में बिस्तर में, ये असली मतलब रहता है इन लोगो का। बिना मन मिले, बिना रिश्ते के तो कोठे में भी वैश्याओ के साथ बियाताय जाता है। जब सबसे पहले प्रेम हो, फिर सम्मान हो, फिर मन से स्वीकार हो, फिर पति पत्नी का नाता मन से माने, उसके बाद ही सास ससुर ननद, सब रिश्ते आते है। पति का रिश्ता बनेगा तभी तो पति के सारे रिश्ते भी अपने होंगे। मैं पुरुष होकर सबसे ये विनती करूंगा की ऐसे मानसिक रोगी की सारी बाते नही मानो। बाबा का कहना है कि लड़की की शादी हुई तो वो ससुराल में मर जाए,और लोग समाज मोहल्ले वाले तो सावधान इंडिया क्राइम पेट्रोल और अश्लीलता देख देखकर दिमाग में यही सब घूमता है।
11199
पुरुष के लिये भी कुछ बोलेंगे
Guru ji parnam
Shivaji lohar Pimpalgaon hareshwar
राई टर राकेश कुमार राजपूत मेरा गीत प्यार करने वाले को मेरा सलाम है
Swami ji Akdum Sahi Hai Swami ji ki jai ho
गुरू जी श्री चरणों में प्रणाम राधे राधे कृष्णा हरे कृष्णा हरे
अब समझा की कई लड़कियां मायके में आकर क्यों आत्महत्या करती है , यही महराज असली पापी है, अपराधी है इन सबका ।मतलब इन महान पुलक सागर वैज्ञानिक मनोवैज्ञानिक धिक्कार है महराज आप पर, जो आप समाज के लोगो को इस लड़की को ताना मारने के लिए प्रेरित कर रहे हो, आप जैसे पापियों की वजह से कई लड़कियां आत्महत्या करती है, शर्म नहीं आती आपको, सिर्फ पति नाम का होने के लिए सिर्फ पति से शरीरी की हवस बुझाने का ही अंदरूनी दिमाग में गंदगी भरी हुई है आप जैसे लोगो के मन में। जरा सोच कर देखो की स्त्री हो या पुरुष यदि उनके बीच प्रेम नही, सम्मान नही, रिश्ता मन से नही माने, तो केवल साथ में रहकर शारीरिक बलात्कार करवाना ही आपके मन में है, लेकिन सीधा सीधा नहीं बोलते, सिर्फ साथ में रही, घुसो एक कमरे में बिस्तर में, ये असली मतलब रहता है इन लोगो का। बिना मन मिले, बिना रिश्ते के तो कोठे में भी वैश्याओ के साथ बियाताय जाता है। जब सबसे पहले प्रेम हो, फिर सम्मान हो, फिर मन से स्वीकार हो, फिर पति पत्नी का नाता मन से माने, उसके बाद ही सास ससुर ननद, सब रिश्ते आते है। पति का रिश्ता बनेगा तभी तो पति के सारे रिश्ते भी अपने होंगे। मैं पुरुष होकर सबसे ये विनती करूंगा की ऐसे मानसिक रोगी की सारी बाते नही मानो। बाबा का कहना है कि लड़की की शादी हुई तो वो ससुराल में मर जाए,और लोग समाज मोहल्ले वाले तो सावधान इंडिया क्राइम पेट्रोल और अश्लीलता देख देखकर दिमाग में यही सब घूमता है।
Nice
Good ❤️❤️❤️❤️❤️
ये बात सही ह भाई आज कानून चलरही ह
Kya baat hai guru ji very good 👍
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏