भीम जी कृपा से हम बने।

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  • เผยแพร่เมื่อ 10 ม.ค. 2018
  • * आज विचार ऐसे
    आप सोच में पड़ जायेगें....
    आप जानते होंगे कि
    भारत देश में नालन्दा यूनिवर्सिटी
    थी जिसमे देश-विदेश से कई
    लोग पढ़ने आया करते थे
    और उस समय 10,000
    विद्यार्थियों को पढ़ाने के
    लिए 2,000 अध्यापक
    होते थे।
    लेकिन आज भारत देश
    की यह स्थिति हो गई है
    की 2,3 शिक्षक से ही
    पढ़ाई करा रहे है।
    और ओ भी नितक्रस्ट शिक्षा
    दिया जा रहा है।
    उस समय की यूनिवर्सिटी
    में देश विदेश से पढ़ने लोग
    आया करते थे।
    विज्ञान,खगोलशास्त्र,
    चिकित्साशास्त्र आदि विषयों
    को पढ़ाया जाता था
    नालन्दा,उर्मिला,तक्षशिला,
    विक्रमशिला यूनिवर्सिटी
    को 15% वालों ने भारत
    देश से मिटा दिया।
    आज हमें अपना इतिहास
    पढ़ना होगा।
    ऐसी स्थिति जिस प्रकार
    हुई है देश मे शिक्षा के साथ
    खिलवाड़ किया गया।
    मूलनिवासी समाज हमें
    जागना होगा।
    सिस्टम को चेंज करना
    होगा।
    मान्यवर कांशीराम साहब
    अमर रहे.....
    जय फुले,जय शाहू...
    जय भीम,नमो बुद्धाय....
    भीमसैनिक राजेंद्र बौध्द
    बालाघाट (म0प्र0)
    मो0- 8358820523

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