*नमक हलाल* वही तख्ती, वही खटकने, वही चार दीवारी । कुछ शयाही ऐसी रिची ना नई इबारत लिखी जाहरी। ना बारीक, ना नया, मोटे अक्षर से यारी। फ़ूले बाद सावित्री, अब सास-ससुर की बारी।। कुछ पाली प्राकृत मे उलझ गए, गई मति मारी।। रोग नया, दवा पुरानी, कैसे कटे बीमारी।
सारे के सारे बहुजन एक साथ आयें तभी हम सबका कल्याण होगा|
राष्ट्रमाता सावित्रीमाई जन्मदिवस पर शत शत नमन 🙏🙇🙏
बहुजन समाज के लिए प्रेरणादायी संदेश दिया मॅडम आपणे 🙏💐
जय भीम जय संविधान 🙏🙏
Koti koti naman
अबूआ ढिशुम अबूआ राज अपनी सभ्यता अपना राज से ही मूलनिवासी बहुजन समाज का सर्वांगीण विकास हो सकता है।
Rahul sir mem ka bhasan sunkar bahut achchha Jay bheem Jay phule
Very good Jay Phule
Jay bhim Namoo budhay
Namo. Buddhay. Jay. Bhim. Jay. Bhim. Aarmi. The. Best. Speechess. Mem. 100.raght. Jay. Hind. Jay. Sambhidhan 👍🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🏆
Very good motivational speech
सुपर
Jai mata sawitri byi fule ji jai bheem nmobudhhae
Jai bhim
जय। भीम👌👌👌👌👌💪💪💪💪। जय। मा। सावित्री
माता सावित्रीबाई फुले अमर रहे
जैय भीम
Jay sambidhan
Jai bhim ma'am
Mera bhi LL.B complete ho gaya mai bhi practice me aana chahta hu
*नमक हलाल*
वही तख्ती, वही खटकने, वही चार दीवारी ।
कुछ शयाही ऐसी रिची ना नई इबारत लिखी जाहरी।
ना बारीक, ना नया, मोटे अक्षर से यारी।
फ़ूले बाद सावित्री, अब सास-ससुर की बारी।।
कुछ पाली प्राकृत मे उलझ गए, गई मति मारी।।
रोग नया, दवा पुरानी, कैसे कटे बीमारी।