ग्रहण दोष मूल नक्षत्र शांति पूजा उज्जैन grahan dosh puja ujjain pandit nilesh acharya 9685790038

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  • เผยแพร่เมื่อ 8 ก.ย. 2024
  • मूल नक्षत्र के चारों चरण धनु राशि में आते हैं। यह ये यो भा भी के नाम से जाना जाता है। नक्षत्र का स्वामी केतु है। वहीं राशि स्वामी गुरु है। केतु गुरु धनु राशि में उच्च का होता है व इसकी दशा 7 वर्ष की होती है। इस के बाद सर्वाधिक 20 वर्ष की दशा शुक्र की लगती है जो इनके जीवन में इन्ही दशाओं का महत्व अधिक होता है।

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