आत्मा का स्वरुप क्या है ? अष्टावक्र गीता | Kalkik07 | The form of the soul, what is it?

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  • เผยแพร่เมื่อ 28 ม.ค. 2025

ความคิดเห็น • 6

  • @sureshdalvi5689
    @sureshdalvi5689 8 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    धन्यवाद 🙏

    • @Kalkik07
      @Kalkik07  8 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

      Hare krishna 🙏❤️

  • @PushkarSingh-xv3km
    @PushkarSingh-xv3km 20 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    हरि ऊं हरि ऊं हरि ऊं हरि ऊं हरि ऊं ❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

    • @Kalkik07
      @Kalkik07  19 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

      हरि शरणम् हरि शरणम् हरि शरणम्

  • @artwithanu6349
    @artwithanu6349 วันที่ผ่านมา +2

    अगर आत्मा ही ब्रह्म है तो ब्रह्म को ये बताना क्यों पड़ रहा है की तू ब्रह्म है अगर उसे बताना पड़ रहा है तो अष्टावक्र उसको ब्रह्म नही साधारण जीव मान रहा है क्योंकि अगर आत्मा ही ब्रम्ह है तो वो खुद ही खुद से खेल रहा है और अष्टावक्र जब ये जानता है की आत्मा ही ब्रह्म है तो उसको ये गीता लिखने की जरूरत ही नही थी अगर सब के सब मोक्ष प्राप्त करके निकल लिए तो ये भगवान की बनाई दुनियां खाली रह जायेगी भगवान ने दुनिया इसलिए नही बनाई की लोग मोक्ष प्राप्त कर ले असल में भगवान को किसी ने आज तक समझा ही नहीं , अगर अष्टावक्र को ज्ञान देना भी है तो उस मायिक ब्रह्म को ज्ञान दे जो विकारों से भरा पड़ा है वही अच्छे बुराई हर चीज का जनक है और अष्टवक्र ये कहता है की आत्मा शुद्ध चेतन रूप है तो जी बिल्कुल भी नहीं क्योंकि श्रृष्टि का निर्माण उस शून्य ब्रह्म से होता है तो सारे विकार उसके अंदर ही है यह ज्ञान मनुष्य को नही उस फालतू भगवान को देने की जरूरत है 😑😒😏😏😏

    • @Kalkik07
      @Kalkik07  วันที่ผ่านมา +1

      जिसे तुम सुख समझते हो वो सुख नहीं सुख की छाया है
      इसलिए नहीं जान पड़ती क्योंकि ये मेरे गिरधर की माया है ।