खेत खलिहान - उन्नत बकरी पालन | Advanced goatery

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  • เผยแพร่เมื่อ 7 ก.ค. 2016
  • उन्नत बकरी पालन | Advanced goatery

ความคิดเห็น • 455

  • @i.k.shuklashukla6876
    @i.k.shuklashukla6876 4 ปีที่แล้ว +17

    आप द्वारा दी गई जानकारी अनुसरणीय व अनुकरणीय है. आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु बकरी व्यवसाय को अपनाया जाना चाहिए और आप से संपर्क में रहते हुए बकरियों का रखरखाव व दूध तथा अन्य सभी उत्पादों का समुचित उपयोग होना व्यक्ति और देश के हित में है

  • @superbareillyp.k7418
    @superbareillyp.k7418 2 ปีที่แล้ว +2

    बहुत बढ़िया सर मोटिवेट करने के लिए

  • @ATJaved
    @ATJaved 3 ปีที่แล้ว +3

    Wonderful,amazing,interesting and very useful video for farmar

  • @qwertyqwerty3631
    @qwertyqwerty3631 5 ปีที่แล้ว +1

    बहुत ही अच्छी जानकारी प्राप्त हैं

  • @qamaruddinkhan434
    @qamaruddinkhan434 ปีที่แล้ว

    Acchi jankare k liy bahut bahut shukriya

  • @WahidAli-ij4ug
    @WahidAli-ij4ug 3 ปีที่แล้ว

    बहुत प्यारी जानकारी देयें हैं सर बहुत प्यारी विडियो है भाई आप की

  • @gazigoatfarm1764
    @gazigoatfarm1764 3 ปีที่แล้ว +1

    बहुत ही बढ़िया जानकारी है डाक्टर साहब आप का बहुत सुकरिया

  • @mohanlalbhatnagar
    @mohanlalbhatnagar 4 ปีที่แล้ว +3

    Thanks for nice information about goat forming

  • @user-hr5ur4hu9r
    @user-hr5ur4hu9r 4 หลายเดือนก่อน

    Bahut. Achhi jankAri

  • @ksthakur8361
    @ksthakur8361 5 ปีที่แล้ว +1

    बहुत ही अच्छी जानकारी दी

  • @balwansingh6679
    @balwansingh6679 4 ปีที่แล้ว +2

    Jai shri Ram salut aapko sir bhagwan aapko hamesha sukhi rakhe bahut bdiya jankari di aap ne hme

  • @bansharaj2263
    @bansharaj2263 3 ปีที่แล้ว +1

    Jay

  • @mohansingh-zj3sk
    @mohansingh-zj3sk 3 ปีที่แล้ว

    Bahut sundar bat kahi umesh jo

  • @rawatassociates23
    @rawatassociates23 3 ปีที่แล้ว +1

    बहुत लाभकारी जानकारी, खासकर मेरे जैसे जिज्ञासु के लिए। कृपया बताएं कि को लोग उत्तराखंड में बकरियां पाल रहे हैं वो कोन सी ब्रीड है? क्या बकरियां जंगल में चुगाने के लिए ले जाना सही अभ्यास है?

  • @Vikasbharat145
    @Vikasbharat145 ปีที่แล้ว +1

    Great news

  • @zakihashmi4568
    @zakihashmi4568 7 ปีที่แล้ว +1

    I m zaki,everyday show your programec see watchfully.your progrme fantastic & encrse my knowldge....thanks dd kisan

  • @telegraphdts8455
    @telegraphdts8455 3 ปีที่แล้ว +3

    Thank you Dr. Vijay for your message about goat farm

    • @rmsgoatfarm9067
      @rmsgoatfarm9067 3 ปีที่แล้ว

      👍

    • @ranveersinghmaan9406
      @ranveersinghmaan9406 2 ปีที่แล้ว +1

      @@rmsgoatfarm9067 kkkkkhiìo

    • @mohsinshahshah5536
      @mohsinshahshah5536 2 ปีที่แล้ว

      @@ranveersinghmaan9406 xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
      Xxxxx. Xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx

    • @mohsinshahshah5536
      @mohsinshahshah5536 2 ปีที่แล้ว

      @@ranveersinghmaan9406 xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxXxxxx

  • @10-arunkumarkushwaha45
    @10-arunkumarkushwaha45 3 ปีที่แล้ว +1

    Good information by sir and anchor, thanks sir

  • @user-dc6tm2sz9u
    @user-dc6tm2sz9u 3 ปีที่แล้ว +4

    Thank you sir 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹❤️🙏

    • @g.nahmed9467
      @g.nahmed9467 ปีที่แล้ว

      Namaskar sir ji Sab se ziyada successful koun si zaath ki bakri success hain jis se ziyada kamai ho

  • @ravichamoli6797
    @ravichamoli6797 4 ปีที่แล้ว +1

    Bhaut Bhaut dhanybadh ji

  • @shakeelbelgium4726
    @shakeelbelgium4726 7 ปีที่แล้ว +2

    Thanks dr sir

  • @hemramsyourhemaram2903
    @hemramsyourhemaram2903 3 ปีที่แล้ว +1

    Jai jawan jai kisan

  • @ankitratan6696
    @ankitratan6696 7 ปีที่แล้ว +1

    very good business

  • @haidarruksar2707
    @haidarruksar2707 ปีที่แล้ว +1

    Mashaallaah

  • @100xStock
    @100xStock 6 ปีที่แล้ว +11

    *Good information about Kheti badi*

  • @vishaldhote5566
    @vishaldhote5566 5 ปีที่แล้ว +3

    Thanks sir

  • @ramparkashramparkash5611
    @ramparkashramparkash5611 4 ปีที่แล้ว +2

    Good

  • @jackskhan912
    @jackskhan912 6 ปีที่แล้ว +2

    BARBARI COMMUNITY is no. 1

    • @balwantsahu3458
      @balwantsahu3458 3 ปีที่แล้ว

      🙏विकल्प की आवश्यकता 😊
      अस्तित्व सहअस्तित्व स्वरूपी है.
      सहअस्तित्व सत्ता में संपृक्त प्रकृति है.
      ऐसे प्रकृति चार अवस्था व चार पदों में है.
      इसमें विकास-क्रम, विकास, जाग्रति-क्रम, जाग्रति -
      ये शाश्वत प्रक्रियाएं हैं.
      सत्ता अपरिणामी है.
      जीवन विकास पूर्वक अपरिणामी हुआ है.
      मनुष्य आदिकाल से अमरत्व को खोजता रहा है.
      शास्त्र में लिखा है - "अमरा निर्जरा देवास्त्रिदशा विबुधा सुरा:"
      (अमरकोष, प्रथम काण्ड, १.१.१३)
      जो जरा (वृद्ध) नहीं होता है,
      उसको उन्होंने देवता कहा.
      मध्यस्थ दर्शन से अमरत्व का वास्तविक स्वरूप स्पष्ट हो गया।
      जीवन अमर वस्तु है।
      जीवन में जरा-दोष नहीं है.
      परिणाम दोष नहीं है,
      इसलिए जरा-दोष नहीं है.
      जीवन मात्रात्मक परिवर्तन से मुक्त है.
      जब तक मात्रात्मक परिवर्तन है
      तब तक जरा-दोष है.
      रासायनिक-भौतिक वस्तुओं में मात्रात्मक परिवर्तन है, जरा दोष है,
      इसलिए रचना-विरचना उनमे होता ही रहता है.
      जीवन में कोई रचना-विरचना होता ही नहीं है.
      जीवन में होता है - चेतना.
      चेतना में गुणात्मक विकास होता है.
      चेतना का स्वरूप बताया -
      जीव चेतना, मानव चेतना, देव चेतना, और दिव्य चेतना.
      मानव जीवचेतना पूर्वक अव्यवस्था में फंसता है,
      क्लेश को मोलता है,
      गलती-अपराध को करता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी राजतंत्र यह स्वीकारे हैं
      कि मानव गलती-अपराध कर सकता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी (ईश्वरवादी) धर्मगद्दी मानव को
      पापी, अज्ञानी और स्वार्थी कहा है.
      इसी ईश्वरवाद में कहा है -
      "मुंडे मुंडे मतिभिन्ना: कुंडे कुंडे नवं पयः" (वायु पुराण).
      (मतलब हर आदमी का अलग अलग मत होगा ही) इसी क्रम में कहा -
      "सुनो सबकी, करो मन की".
      इसी क्रम में कहा - "खाली हाथ आये, खाली हाथ जायेंगे".
      यह सब झूठ का पुलिंदा है, भ्रम है.
      भ्रम को आप झूठ मानोगे या नहीं?
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे" -
      ये शरीर की बात कर रहे हैं.
      जीवन ज्ञान नहीं है,
      इसका प्रमाण दे दिया या नहीं?
      जीवन ज्ञान ईश्वरवादी परम्परा में नहीं था -
      इस बात का यह प्रमाण है.
      शिष्ट परिवारों में, वेद मूर्ति परिवारों में यह नारा चला है -
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे".
      इससे पता चलता है कि उनको जीवन ज्ञान नहीं था.
      ईश्वरवाद रहस्यमय होने के कारण प्रमाण तक पहुँच नहीं पाया.
      अस्तित्व के कुछ भाग को विज्ञानियों ने सच माना,
      कुछ भाग को ईश्वरवादियों ने सच माना.
      दोनों अधूरे होने के कारण प्रमाणित नहीं हो पाए, संकटग्रस्त हुए.
      इसीलिये "विकल्प" की ज़रुरत आ गयी.
      - श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (अगस्त २००५, अमरकंटक)
      💐🌿🌷🌱🌻🍃🌺🌴🌹

  • @ferozshaikhhanif9388
    @ferozshaikhhanif9388 4 ปีที่แล้ว +1

    Tanks Dr manoj for you informesan God Blees you 💐✌️😎

  • @civilservicespreparationwi7394
    @civilservicespreparationwi7394 8 ปีที่แล้ว +8

    Good initiative

  • @mohammadwaseek2095
    @mohammadwaseek2095 6 ปีที่แล้ว +1

    बहुत खूब

  • @DeepakBagri-js7mx
    @DeepakBagri-js7mx 7 ปีที่แล้ว +4

    Nice

  • @radiouttarakhand
    @radiouttarakhand 11 หลายเดือนก่อน

    very nice

  • @mansooritourstravels7017
    @mansooritourstravels7017 4 ปีที่แล้ว +8

    hello sir i am Abdul Haque Mansoori 2020 me Mathura CIRG me training kab start hogi bataein.

  • @RakeshPal-mh1dk
    @RakeshPal-mh1dk ปีที่แล้ว

    Very good farm nice

  • @kingofking6414
    @kingofking6414 5 ปีที่แล้ว +1

    Sir mine bakri plan karna chahtha hu tu kon sa berid Lena chaye plz help

  • @MonirulIslam-ci6ih
    @MonirulIslam-ci6ih 6 หลายเดือนก่อน

    Good 🌷

  • @manojgourkar4584
    @manojgourkar4584 7 ปีที่แล้ว +2

    बकरी पालन करने के तरीके और दवा देने के तरीके

  • @AshokGupta-nj5xb
    @AshokGupta-nj5xb 3 ปีที่แล้ว +1

    sir mai chhattisgarh se hun jashpur jila se kis nasal ki bakri palna chahiye or yaha koi prashikshan kendra hai kya

  • @shravankumaryadav1446
    @shravankumaryadav1446 3 ปีที่แล้ว

    जय किसान

  • @VinaySingh-iu8fv
    @VinaySingh-iu8fv 3 ปีที่แล้ว +1

    Trening kaise prapt Kare kya Karena panaga

  • @asharamahirwar492
    @asharamahirwar492 3 ปีที่แล้ว +2

    सर मैं ललितपुर उत्तर प्रदेश से बिलोंग करता हूं सर जिला ललितपुर के आसपास कोई बकरी पालन प्रशिक्षण केंद्र है क्या

  • @Ashupratapsinghvlogs.satna.
    @Ashupratapsinghvlogs.satna. 6 ปีที่แล้ว

    Dist satna m.p me kon kon se nasal ke bakere leya jaya

  • @shahnawajalam2904
    @shahnawajalam2904 7 ปีที่แล้ว +4

    बहुत लाभकारी है ।

  • @ushajoria8630
    @ushajoria8630 3 ปีที่แล้ว +1

    Jaise humne barbari Leni ho Kitna rate hai ,,,

  • @WaseemAhmad-hy1fg
    @WaseemAhmad-hy1fg 3 ปีที่แล้ว +2

    Sir mujhe bakree paln ki tirenig lena he ye mathura me kis jageh pr he

  • @rafikakhan4922
    @rafikakhan4922 3 ปีที่แล้ว

    Very good

  • @mistarinijamudinweldar8054
    @mistarinijamudinweldar8054 6 ปีที่แล้ว +3

    Anusandhan save female Bakrid for Bakrid Samay kahan se prapt Honge

  • @yarasingh4040
    @yarasingh4040 2 ปีที่แล้ว

    ਭਾਈ ਸਾਹਿਬ, ਮੈਂ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕੀਤੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦੀ ਕਦਰ ਕਰਦਾ ਹਾਂ, ਇਹ ਬੱਕਰੀ ਪਾਲਣ ਦੇ ਸਮੁੱਚੇ ਤਰੀਕਿਆਂ ਨੂੰ ਕਵਰ ਕਰਦਾ ਹੈ।

  • @abdheshkumar1864
    @abdheshkumar1864 6 ปีที่แล้ว +9

    Kindly tell me shed area for 20 goat and cost of shed

  • @AnilKumar-iz5yi
    @AnilKumar-iz5yi 5 ปีที่แล้ว +2

    Main up se hu kushinagar se hame desi nasal ko palna hai jaankaari de

  • @sanjaysolanki97721
    @sanjaysolanki97721 3 ปีที่แล้ว

    God

  • @satyavanbhute1221
    @satyavanbhute1221 3 ปีที่แล้ว +1

    👌👌👌

    • @balwantsahu3458
      @balwantsahu3458 3 ปีที่แล้ว

      🙏विकल्प की आवश्यकता 😊
      अस्तित्व सहअस्तित्व स्वरूपी है.
      सहअस्तित्व सत्ता में संपृक्त प्रकृति है.
      ऐसे प्रकृति चार अवस्था व चार पदों में है.
      इसमें विकास-क्रम, विकास, जाग्रति-क्रम, जाग्रति -
      ये शाश्वत प्रक्रियाएं हैं.
      सत्ता अपरिणामी है.
      जीवन विकास पूर्वक अपरिणामी हुआ है.
      मनुष्य आदिकाल से अमरत्व को खोजता रहा है.
      शास्त्र में लिखा है - "अमरा निर्जरा देवास्त्रिदशा विबुधा सुरा:"
      (अमरकोष, प्रथम काण्ड, १.१.१३)
      जो जरा (वृद्ध) नहीं होता है,
      उसको उन्होंने देवता कहा.
      मध्यस्थ दर्शन से अमरत्व का वास्तविक स्वरूप स्पष्ट हो गया।
      जीवन अमर वस्तु है।
      जीवन में जरा-दोष नहीं है.
      परिणाम दोष नहीं है,
      इसलिए जरा-दोष नहीं है.
      जीवन मात्रात्मक परिवर्तन से मुक्त है.
      जब तक मात्रात्मक परिवर्तन है
      तब तक जरा-दोष है.
      रासायनिक-भौतिक वस्तुओं में मात्रात्मक परिवर्तन है, जरा दोष है,
      इसलिए रचना-विरचना उनमे होता ही रहता है.
      जीवन में कोई रचना-विरचना होता ही नहीं है.
      जीवन में होता है - चेतना.
      चेतना में गुणात्मक विकास होता है.
      चेतना का स्वरूप बताया -
      जीव चेतना, मानव चेतना, देव चेतना, और दिव्य चेतना.
      मानव जीवचेतना पूर्वक अव्यवस्था में फंसता है,
      क्लेश को मोलता है,
      गलती-अपराध को करता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी राजतंत्र यह स्वीकारे हैं
      कि मानव गलती-अपराध कर सकता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी (ईश्वरवादी) धर्मगद्दी मानव को
      पापी, अज्ञानी और स्वार्थी कहा है.
      इसी ईश्वरवाद में कहा है -
      "मुंडे मुंडे मतिभिन्ना: कुंडे कुंडे नवं पयः" (वायु पुराण).
      (मतलब हर आदमी का अलग अलग मत होगा ही) इसी क्रम में कहा -
      "सुनो सबकी, करो मन की".
      इसी क्रम में कहा - "खाली हाथ आये, खाली हाथ जायेंगे".
      यह सब झूठ का पुलिंदा है, भ्रम है.
      भ्रम को आप झूठ मानोगे या नहीं?
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे" -
      ये शरीर की बात कर रहे हैं.
      जीवन ज्ञान नहीं है,
      इसका प्रमाण दे दिया या नहीं?
      जीवन ज्ञान ईश्वरवादी परम्परा में नहीं था -
      इस बात का यह प्रमाण है.
      शिष्ट परिवारों में, वेद मूर्ति परिवारों में यह नारा चला है -
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे".
      इससे पता चलता है कि उनको जीवन ज्ञान नहीं था.
      ईश्वरवाद रहस्यमय होने के कारण प्रमाण तक पहुँच नहीं पाया.
      अस्तित्व के कुछ भाग को विज्ञानियों ने सच माना,
      कुछ भाग को ईश्वरवादियों ने सच माना.
      दोनों अधूरे होने के कारण प्रमाणित नहीं हो पाए, संकटग्रस्त हुए.
      इसीलिये "विकल्प" की ज़रुरत आ गयी.
      - श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (अगस्त २००५, अमरकंटक)
      💐🌿🌷🌱🌻🍃🌺🌴🌹

  • @yadavgoatfarmmurlipurkanpu7464
    @yadavgoatfarmmurlipurkanpu7464 4 ปีที่แล้ว

    Good knowledge

  • @jaspreetsingh-wb4ts
    @jaspreetsingh-wb4ts 4 ปีที่แล้ว

    Hi very good ji

  • @arifshaikh7958
    @arifshaikh7958 5 ปีที่แล้ว

    Ap ten Bach chey Wali babari bakri ketny ki deytey hain sar

  • @sudhanshusingh558
    @sudhanshusingh558 5 ปีที่แล้ว +1

    Thanks,
    Bahut hi achchhi janakari dene ke liye.
    Mujhe hindi medium me bakari palan se sambandhit kitabe chahiye thi. Isako main kaise prapt kar sakata hoon.

  • @AnilkumarYadav-zy1kd
    @AnilkumarYadav-zy1kd 5 ปีที่แล้ว +2

    सबसे पहले सर मनोज कुमार को मेरा नमस्कार अनिल उत्तर प्रदेश में इटावा जिला से क्योंकि मैं बहुत ही जल्द आपके पास आना चाहता हूं क्योंकि मैं बकरी फार्म खोलने की पूरी तैयारी है फार्म मैंने बना लिया आपकी वीडियो देख जाके

  • @renubajpai5399
    @renubajpai5399 3 ปีที่แล้ว

    Thanks for info

    • @balwantsahu3458
      @balwantsahu3458 3 ปีที่แล้ว

      🙏विकल्प की आवश्यकता 😊
      अस्तित्व सहअस्तित्व स्वरूपी है.
      सहअस्तित्व सत्ता में संपृक्त प्रकृति है.
      ऐसे प्रकृति चार अवस्था व चार पदों में है.
      इसमें विकास-क्रम, विकास, जाग्रति-क्रम, जाग्रति -
      ये शाश्वत प्रक्रियाएं हैं.
      सत्ता अपरिणामी है.
      जीवन विकास पूर्वक अपरिणामी हुआ है.
      मनुष्य आदिकाल से अमरत्व को खोजता रहा है.
      शास्त्र में लिखा है - "अमरा निर्जरा देवास्त्रिदशा विबुधा सुरा:"
      (अमरकोष, प्रथम काण्ड, १.१.१३)
      जो जरा (वृद्ध) नहीं होता है,
      उसको उन्होंने देवता कहा.
      मध्यस्थ दर्शन से अमरत्व का वास्तविक स्वरूप स्पष्ट हो गया।
      जीवन अमर वस्तु है।
      जीवन में जरा-दोष नहीं है.
      परिणाम दोष नहीं है,
      इसलिए जरा-दोष नहीं है.
      जीवन मात्रात्मक परिवर्तन से मुक्त है.
      जब तक मात्रात्मक परिवर्तन है
      तब तक जरा-दोष है.
      रासायनिक-भौतिक वस्तुओं में मात्रात्मक परिवर्तन है, जरा दोष है,
      इसलिए रचना-विरचना उनमे होता ही रहता है.
      जीवन में कोई रचना-विरचना होता ही नहीं है.
      जीवन में होता है - चेतना.
      चेतना में गुणात्मक विकास होता है.
      चेतना का स्वरूप बताया -
      जीव चेतना, मानव चेतना, देव चेतना, और दिव्य चेतना.
      मानव जीवचेतना पूर्वक अव्यवस्था में फंसता है,
      क्लेश को मोलता है,
      गलती-अपराध को करता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी राजतंत्र यह स्वीकारे हैं
      कि मानव गलती-अपराध कर सकता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी (ईश्वरवादी) धर्मगद्दी मानव को
      पापी, अज्ञानी और स्वार्थी कहा है.
      इसी ईश्वरवाद में कहा है -
      "मुंडे मुंडे मतिभिन्ना: कुंडे कुंडे नवं पयः" (वायु पुराण).
      (मतलब हर आदमी का अलग अलग मत होगा ही) इसी क्रम में कहा -
      "सुनो सबकी, करो मन की".
      इसी क्रम में कहा - "खाली हाथ आये, खाली हाथ जायेंगे".
      यह सब झूठ का पुलिंदा है, भ्रम है.
      भ्रम को आप झूठ मानोगे या नहीं?
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे" -
      ये शरीर की बात कर रहे हैं.
      जीवन ज्ञान नहीं है,
      इसका प्रमाण दे दिया या नहीं?
      जीवन ज्ञान ईश्वरवादी परम्परा में नहीं था -
      इस बात का यह प्रमाण है.
      शिष्ट परिवारों में, वेद मूर्ति परिवारों में यह नारा चला है -
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे".
      इससे पता चलता है कि उनको जीवन ज्ञान नहीं था.
      ईश्वरवाद रहस्यमय होने के कारण प्रमाण तक पहुँच नहीं पाया.
      अस्तित्व के कुछ भाग को विज्ञानियों ने सच माना,
      कुछ भाग को ईश्वरवादियों ने सच माना.
      दोनों अधूरे होने के कारण प्रमाणित नहीं हो पाए, संकटग्रस्त हुए.
      इसीलिये "विकल्प" की ज़रुरत आ गयी.
      - श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (अगस्त २००५, अमरकंटक)
      💐🌿🌷🌱🌻🍃🌺🌴🌹

  • @haiderabbas3349
    @haiderabbas3349 4 ปีที่แล้ว +1

    Khan par hai yai sanstha

  • @AbdulRasheed-yz9yt
    @AbdulRasheed-yz9yt 4 ปีที่แล้ว +3

    🌹👍🌹👍🌹👍🌹👍

  • @gazigoatfarm1764
    @gazigoatfarm1764 3 ปีที่แล้ว

    डाक्टर साहब मैं यूपी अम्बेडकर नगर अकबर पुर से हूं यहां बकरी का परसिछड कहां मिलेगा बकरी कहा मिलेगा बरबरी बकरी

  • @murlimanohar9805
    @murlimanohar9805 3 ปีที่แล้ว

    Nice video Sir

  • @rosehomestaysunargaonbages4474
    @rosehomestaysunargaonbages4474 7 ปีที่แล้ว +1

    Useful information , we are Goat Farming in State- Uttarakhand, District-Bageshwar, Village- Sunargaon(Kanda)willing Lab to land program for Advanced Goatery .

    • @prakashsinghprakash1640
      @prakashsinghprakash1640 4 ปีที่แล้ว

      Sir mei bhi Uttarakhand pouri grahwal se hu bakri farm karna chahta hu please help me give me your contact number

  • @sbhagabanreddy7094
    @sbhagabanreddy7094 ปีที่แล้ว

    Very nice farm

  • @badripaul5877
    @badripaul5877 4 ปีที่แล้ว +2

    5 बकरी पालन के लिये कितनी जगह चाहिए?

  • @shakeelbelgium4726
    @shakeelbelgium4726 7 ปีที่แล้ว +2

    Thanks dr

  • @SamsungGalaxy-xk5df
    @SamsungGalaxy-xk5df 7 ปีที่แล้ว +4

    sir mene bhi goat farm shuru kiya hai mene desi nasl se shuru kiya hai kripya bataye ki kaise unka vajan badhaye aur unko khane me kya de aur nasl sudhar k liye kaun sa breed ka bakra chayan kre abhi me bakriyo ko khane k taur pr 6 ghante charata hu jungle me.

  • @assadullahalam5782
    @assadullahalam5782 5 ปีที่แล้ว +1

    Bihar mai kon sa brid ka goat ka sedan hai aap batayae...plz

    • @balwantsahu3458
      @balwantsahu3458 3 ปีที่แล้ว

      🙏विकल्प की आवश्यकता 😊
      अस्तित्व सहअस्तित्व स्वरूपी है.
      सहअस्तित्व सत्ता में संपृक्त प्रकृति है.
      ऐसे प्रकृति चार अवस्था व चार पदों में है.
      इसमें विकास-क्रम, विकास, जाग्रति-क्रम, जाग्रति -
      ये शाश्वत प्रक्रियाएं हैं.
      सत्ता अपरिणामी है.
      जीवन विकास पूर्वक अपरिणामी हुआ है.
      मनुष्य आदिकाल से अमरत्व को खोजता रहा है.
      शास्त्र में लिखा है - "अमरा निर्जरा देवास्त्रिदशा विबुधा सुरा:"
      (अमरकोष, प्रथम काण्ड, १.१.१३)
      जो जरा (वृद्ध) नहीं होता है,
      उसको उन्होंने देवता कहा.
      मध्यस्थ दर्शन से अमरत्व का वास्तविक स्वरूप स्पष्ट हो गया।
      जीवन अमर वस्तु है।
      जीवन में जरा-दोष नहीं है.
      परिणाम दोष नहीं है,
      इसलिए जरा-दोष नहीं है.
      जीवन मात्रात्मक परिवर्तन से मुक्त है.
      जब तक मात्रात्मक परिवर्तन है
      तब तक जरा-दोष है.
      रासायनिक-भौतिक वस्तुओं में मात्रात्मक परिवर्तन है, जरा दोष है,
      इसलिए रचना-विरचना उनमे होता ही रहता है.
      जीवन में कोई रचना-विरचना होता ही नहीं है.
      जीवन में होता है - चेतना.
      चेतना में गुणात्मक विकास होता है.
      चेतना का स्वरूप बताया -
      जीव चेतना, मानव चेतना, देव चेतना, और दिव्य चेतना.
      मानव जीवचेतना पूर्वक अव्यवस्था में फंसता है,
      क्लेश को मोलता है,
      गलती-अपराध को करता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी राजतंत्र यह स्वीकारे हैं
      कि मानव गलती-अपराध कर सकता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी (ईश्वरवादी) धर्मगद्दी मानव को
      पापी, अज्ञानी और स्वार्थी कहा है.
      इसी ईश्वरवाद में कहा है -
      "मुंडे मुंडे मतिभिन्ना: कुंडे कुंडे नवं पयः" (वायु पुराण).
      (मतलब हर आदमी का अलग अलग मत होगा ही) इसी क्रम में कहा -
      "सुनो सबकी, करो मन की".
      इसी क्रम में कहा - "खाली हाथ आये, खाली हाथ जायेंगे".
      यह सब झूठ का पुलिंदा है, भ्रम है.
      भ्रम को आप झूठ मानोगे या नहीं?
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे" -
      ये शरीर की बात कर रहे हैं.
      जीवन ज्ञान नहीं है,
      इसका प्रमाण दे दिया या नहीं?
      जीवन ज्ञान ईश्वरवादी परम्परा में नहीं था -
      इस बात का यह प्रमाण है.
      शिष्ट परिवारों में, वेद मूर्ति परिवारों में यह नारा चला है -
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे".
      इससे पता चलता है कि उनको जीवन ज्ञान नहीं था.
      ईश्वरवाद रहस्यमय होने के कारण प्रमाण तक पहुँच नहीं पाया.
      अस्तित्व के कुछ भाग को विज्ञानियों ने सच माना,
      कुछ भाग को ईश्वरवादियों ने सच माना.
      दोनों अधूरे होने के कारण प्रमाणित नहीं हो पाए, संकटग्रस्त हुए.
      इसीलिये "विकल्प" की ज़रुरत आ गयी.
      - श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (अगस्त २००५, अमरकंटक)
      💐🌿🌷🌱🌻🍃🌺🌴🌹

  • @khansharukh818
    @khansharukh818 5 ปีที่แล้ว +1

    Ye centre kaha kaise jana ho ga yaha...

  • @raghunaththakur9403
    @raghunaththakur9403 3 ปีที่แล้ว +1

    ZaQ

  • @dharmbirkumar4134
    @dharmbirkumar4134 3 ปีที่แล้ว

    Good night

  • @lahsankumar2463
    @lahsankumar2463 2 ปีที่แล้ว +1

    Aap svi KO pranam Got Farms chlane me halp jrur kre This si massage to Dr Manoj kumar

  • @anilrawat5713
    @anilrawat5713 4 ปีที่แล้ว

    Sir uttrakhand ke liye kon si bakri pali ja sakti hai

  • @SingaporeChapter
    @SingaporeChapter 6 ปีที่แล้ว +2

    Please share detail address and coming training program date

  • @mistarinijamudinweldar8054
    @mistarinijamudinweldar8054 6 ปีที่แล้ว +1

    Sir ji bakri palan kaise kare aur uske loan bank Se Kaise prapt Kare Rajasthan

  • @wasidali5933
    @wasidali5933 6 ปีที่แล้ว

    Sar hum bhi bakri paln suru karna chahte hai magar tajurba hone ke karan nahi kar pa rahe hai to kya aap mujhe trenig de sakte h pliz btaye jarur

  • @RamKumar-rs3up
    @RamKumar-rs3up 3 ปีที่แล้ว +1

    Sar bakri Gavin hai ya nahi kaise pata karen

  • @muhibsheikh4774
    @muhibsheikh4774 4 ปีที่แล้ว

    Dr.Sahb Hamen Koyi Kitabka Nam Batayiye Ki Barbri goat ki puri gankari milske Bimari ayur khanpanki Me integar karoga Aapka Thank you

  • @avisahu2000
    @avisahu2000 7 ปีที่แล้ว +1

    bakri palan ke liye kya kya labh de rhi h sarkar kisan ko iske bare me jankari dene ki kripa kre

  • @vinodkaparwan6689
    @vinodkaparwan6689 4 ปีที่แล้ว +1

    Uttrakhand ke pahard Mai kon si bkari palni chaiy

  • @sadabkhan1702
    @sadabkhan1702 7 ปีที่แล้ว +2

    ham bhi bakri palan Karna chahte he

  • @shaikibrahimmasood657
    @shaikibrahimmasood657 2 ปีที่แล้ว

    Sir muzaffarabadi sheep kya do bachai daiti hai 2or 3 birth mai pls reply sir

  • @asdasd-dr4vf
    @asdasd-dr4vf 5 ปีที่แล้ว +1

    Nice video 😀😀😀😀😀😀

    • @balwantsahu3458
      @balwantsahu3458 3 ปีที่แล้ว

      🙏विकल्प की आवश्यकता 😊
      अस्तित्व सहअस्तित्व स्वरूपी है.
      सहअस्तित्व सत्ता में संपृक्त प्रकृति है.
      ऐसे प्रकृति चार अवस्था व चार पदों में है.
      इसमें विकास-क्रम, विकास, जाग्रति-क्रम, जाग्रति -
      ये शाश्वत प्रक्रियाएं हैं.
      सत्ता अपरिणामी है.
      जीवन विकास पूर्वक अपरिणामी हुआ है.
      मनुष्य आदिकाल से अमरत्व को खोजता रहा है.
      शास्त्र में लिखा है - "अमरा निर्जरा देवास्त्रिदशा विबुधा सुरा:"
      (अमरकोष, प्रथम काण्ड, १.१.१३)
      जो जरा (वृद्ध) नहीं होता है,
      उसको उन्होंने देवता कहा.
      मध्यस्थ दर्शन से अमरत्व का वास्तविक स्वरूप स्पष्ट हो गया।
      जीवन अमर वस्तु है।
      जीवन में जरा-दोष नहीं है.
      परिणाम दोष नहीं है,
      इसलिए जरा-दोष नहीं है.
      जीवन मात्रात्मक परिवर्तन से मुक्त है.
      जब तक मात्रात्मक परिवर्तन है
      तब तक जरा-दोष है.
      रासायनिक-भौतिक वस्तुओं में मात्रात्मक परिवर्तन है, जरा दोष है,
      इसलिए रचना-विरचना उनमे होता ही रहता है.
      जीवन में कोई रचना-विरचना होता ही नहीं है.
      जीवन में होता है - चेतना.
      चेतना में गुणात्मक विकास होता है.
      चेतना का स्वरूप बताया -
      जीव चेतना, मानव चेतना, देव चेतना, और दिव्य चेतना.
      मानव जीवचेतना पूर्वक अव्यवस्था में फंसता है,
      क्लेश को मोलता है,
      गलती-अपराध को करता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी राजतंत्र यह स्वीकारे हैं
      कि मानव गलती-अपराध कर सकता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी (ईश्वरवादी) धर्मगद्दी मानव को
      पापी, अज्ञानी और स्वार्थी कहा है.
      इसी ईश्वरवाद में कहा है -
      "मुंडे मुंडे मतिभिन्ना: कुंडे कुंडे नवं पयः" (वायु पुराण).
      (मतलब हर आदमी का अलग अलग मत होगा ही) इसी क्रम में कहा -
      "सुनो सबकी, करो मन की".
      इसी क्रम में कहा - "खाली हाथ आये, खाली हाथ जायेंगे".
      यह सब झूठ का पुलिंदा है, भ्रम है.
      भ्रम को आप झूठ मानोगे या नहीं?
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे" -
      ये शरीर की बात कर रहे हैं.
      जीवन ज्ञान नहीं है,
      इसका प्रमाण दे दिया या नहीं?
      जीवन ज्ञान ईश्वरवादी परम्परा में नहीं था -
      इस बात का यह प्रमाण है.
      शिष्ट परिवारों में, वेद मूर्ति परिवारों में यह नारा चला है -
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे".
      इससे पता चलता है कि उनको जीवन ज्ञान नहीं था.
      ईश्वरवाद रहस्यमय होने के कारण प्रमाण तक पहुँच नहीं पाया.
      अस्तित्व के कुछ भाग को विज्ञानियों ने सच माना,
      कुछ भाग को ईश्वरवादियों ने सच माना.
      दोनों अधूरे होने के कारण प्रमाणित नहीं हो पाए, संकटग्रस्त हुए.
      इसीलिये "विकल्प" की ज़रुरत आ गयी.
      - श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (अगस्त २००५, अमरकंटक)
      💐🌿🌷🌱🌻🍃🌺🌴🌹

  • @domesticpoultry1472
    @domesticpoultry1472 4 ปีที่แล้ว +1

    Sir goat farming ka Liya koi book ya notes Mel jaygey Kay ke kasa management kare or kis time par koni vaccine kare hay or farm kasa banay

    • @balwantsahu3458
      @balwantsahu3458 3 ปีที่แล้ว

      🙏विकल्प की आवश्यकता 😊
      अस्तित्व सहअस्तित्व स्वरूपी है.
      सहअस्तित्व सत्ता में संपृक्त प्रकृति है.
      ऐसे प्रकृति चार अवस्था व चार पदों में है.
      इसमें विकास-क्रम, विकास, जाग्रति-क्रम, जाग्रति -
      ये शाश्वत प्रक्रियाएं हैं.
      सत्ता अपरिणामी है.
      जीवन विकास पूर्वक अपरिणामी हुआ है.
      मनुष्य आदिकाल से अमरत्व को खोजता रहा है.
      शास्त्र में लिखा है - "अमरा निर्जरा देवास्त्रिदशा विबुधा सुरा:"
      (अमरकोष, प्रथम काण्ड, १.१.१३)
      जो जरा (वृद्ध) नहीं होता है,
      उसको उन्होंने देवता कहा.
      मध्यस्थ दर्शन से अमरत्व का वास्तविक स्वरूप स्पष्ट हो गया।
      जीवन अमर वस्तु है।
      जीवन में जरा-दोष नहीं है.
      परिणाम दोष नहीं है,
      इसलिए जरा-दोष नहीं है.
      जीवन मात्रात्मक परिवर्तन से मुक्त है.
      जब तक मात्रात्मक परिवर्तन है
      तब तक जरा-दोष है.
      रासायनिक-भौतिक वस्तुओं में मात्रात्मक परिवर्तन है, जरा दोष है,
      इसलिए रचना-विरचना उनमे होता ही रहता है.
      जीवन में कोई रचना-विरचना होता ही नहीं है.
      जीवन में होता है - चेतना.
      चेतना में गुणात्मक विकास होता है.
      चेतना का स्वरूप बताया -
      जीव चेतना, मानव चेतना, देव चेतना, और दिव्य चेतना.
      मानव जीवचेतना पूर्वक अव्यवस्था में फंसता है,
      क्लेश को मोलता है,
      गलती-अपराध को करता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी राजतंत्र यह स्वीकारे हैं
      कि मानव गलती-अपराध कर सकता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी (ईश्वरवादी) धर्मगद्दी मानव को
      पापी, अज्ञानी और स्वार्थी कहा है.
      इसी ईश्वरवाद में कहा है -
      "मुंडे मुंडे मतिभिन्ना: कुंडे कुंडे नवं पयः" (वायु पुराण).
      (मतलब हर आदमी का अलग अलग मत होगा ही) इसी क्रम में कहा -
      "सुनो सबकी, करो मन की".
      इसी क्रम में कहा - "खाली हाथ आये, खाली हाथ जायेंगे".
      यह सब झूठ का पुलिंदा है, भ्रम है.
      भ्रम को आप झूठ मानोगे या नहीं?
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे" -
      ये शरीर की बात कर रहे हैं.
      जीवन ज्ञान नहीं है,
      इसका प्रमाण दे दिया या नहीं?
      जीवन ज्ञान ईश्वरवादी परम्परा में नहीं था -
      इस बात का यह प्रमाण है.
      शिष्ट परिवारों में, वेद मूर्ति परिवारों में यह नारा चला है -
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे".
      इससे पता चलता है कि उनको जीवन ज्ञान नहीं था.
      ईश्वरवाद रहस्यमय होने के कारण प्रमाण तक पहुँच नहीं पाया.
      अस्तित्व के कुछ भाग को विज्ञानियों ने सच माना,
      कुछ भाग को ईश्वरवादियों ने सच माना.
      दोनों अधूरे होने के कारण प्रमाणित नहीं हो पाए, संकटग्रस्त हुए.
      इसीलिये "विकल्प" की ज़रुरत आ गयी.
      - श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (अगस्त २००५, अमरकंटक)
      💐🌿🌷🌱🌻🍃🌺🌴🌹

  • @monirulshekh6678
    @monirulshekh6678 4 ปีที่แล้ว +1

    Monirul shekh

  • @umeshkashyap4955
    @umeshkashyap4955 ปีที่แล้ว

    babari bakri koo, afrikan boar goat say cross kra saktay h kya ???

  • @kamaludeen3555
    @kamaludeen3555 4 ปีที่แล้ว +2

    2020 me tarenig kab suru ho raha hy

  • @JagdishPrasad-me2nw
    @JagdishPrasad-me2nw 4 ปีที่แล้ว +1

    Thanks

  • @aneesansari6633
    @aneesansari6633 4 ปีที่แล้ว +1

    Sat haridwar me is tarah bakri kese milegi

  • @krushnachandranayak9272
    @krushnachandranayak9272 4 ปีที่แล้ว

    Nice video

  • @atalshreefpo.
    @atalshreefpo. 2 ปีที่แล้ว

    FPO के विषय में भी कुछ नया जानकारी दी जाए

  • @govinddahal3958
    @govinddahal3958 4 ปีที่แล้ว

    Mera jaga northeast (sikkim)me h mai barbari goats palna chata hun sikkim ka climate shoot karsakta h?

    • @balwantsahu3458
      @balwantsahu3458 3 ปีที่แล้ว

      🙏विकल्प की आवश्यकता 😊
      अस्तित्व सहअस्तित्व स्वरूपी है.
      सहअस्तित्व सत्ता में संपृक्त प्रकृति है.
      ऐसे प्रकृति चार अवस्था व चार पदों में है.
      इसमें विकास-क्रम, विकास, जाग्रति-क्रम, जाग्रति -
      ये शाश्वत प्रक्रियाएं हैं.
      सत्ता अपरिणामी है.
      जीवन विकास पूर्वक अपरिणामी हुआ है.
      मनुष्य आदिकाल से अमरत्व को खोजता रहा है.
      शास्त्र में लिखा है - "अमरा निर्जरा देवास्त्रिदशा विबुधा सुरा:"
      (अमरकोष, प्रथम काण्ड, १.१.१३)
      जो जरा (वृद्ध) नहीं होता है,
      उसको उन्होंने देवता कहा.
      मध्यस्थ दर्शन से अमरत्व का वास्तविक स्वरूप स्पष्ट हो गया।
      जीवन अमर वस्तु है।
      जीवन में जरा-दोष नहीं है.
      परिणाम दोष नहीं है,
      इसलिए जरा-दोष नहीं है.
      जीवन मात्रात्मक परिवर्तन से मुक्त है.
      जब तक मात्रात्मक परिवर्तन है
      तब तक जरा-दोष है.
      रासायनिक-भौतिक वस्तुओं में मात्रात्मक परिवर्तन है, जरा दोष है,
      इसलिए रचना-विरचना उनमे होता ही रहता है.
      जीवन में कोई रचना-विरचना होता ही नहीं है.
      जीवन में होता है - चेतना.
      चेतना में गुणात्मक विकास होता है.
      चेतना का स्वरूप बताया -
      जीव चेतना, मानव चेतना, देव चेतना, और दिव्य चेतना.
      मानव जीवचेतना पूर्वक अव्यवस्था में फंसता है,
      क्लेश को मोलता है,
      गलती-अपराध को करता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी राजतंत्र यह स्वीकारे हैं
      कि मानव गलती-अपराध कर सकता है.
      मानव की स्थिति जीव चेतना की है -
      इसकी गवाही में सभी (ईश्वरवादी) धर्मगद्दी मानव को
      पापी, अज्ञानी और स्वार्थी कहा है.
      इसी ईश्वरवाद में कहा है -
      "मुंडे मुंडे मतिभिन्ना: कुंडे कुंडे नवं पयः" (वायु पुराण).
      (मतलब हर आदमी का अलग अलग मत होगा ही) इसी क्रम में कहा -
      "सुनो सबकी, करो मन की".
      इसी क्रम में कहा - "खाली हाथ आये, खाली हाथ जायेंगे".
      यह सब झूठ का पुलिंदा है, भ्रम है.
      भ्रम को आप झूठ मानोगे या नहीं?
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे" -
      ये शरीर की बात कर रहे हैं.
      जीवन ज्ञान नहीं है,
      इसका प्रमाण दे दिया या नहीं?
      जीवन ज्ञान ईश्वरवादी परम्परा में नहीं था -
      इस बात का यह प्रमाण है.
      शिष्ट परिवारों में, वेद मूर्ति परिवारों में यह नारा चला है -
      "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे".
      इससे पता चलता है कि उनको जीवन ज्ञान नहीं था.
      ईश्वरवाद रहस्यमय होने के कारण प्रमाण तक पहुँच नहीं पाया.
      अस्तित्व के कुछ भाग को विज्ञानियों ने सच माना,
      कुछ भाग को ईश्वरवादियों ने सच माना.
      दोनों अधूरे होने के कारण प्रमाणित नहीं हो पाए, संकटग्रस्त हुए.
      इसीलिये "विकल्प" की ज़रुरत आ गयी.
      - श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (अगस्त २००५, अमरकंटक)
      💐🌿🌷🌱🌻🍃🌺🌴🌹

  • @mohammadwaseek2095
    @mohammadwaseek2095 6 ปีที่แล้ว

    nice VIDEO

  • @SubhashKumar-tn8jr
    @SubhashKumar-tn8jr 6 ปีที่แล้ว

    sir bihar ka madhubani me kon sa nasl develope hai

    • @sureshpal5345
      @sureshpal5345 4 ปีที่แล้ว

      सर आप का क्या नंबर मिल सकता है

  • @Ashishkumar-802
    @Ashishkumar-802 5 ปีที่แล้ว +1

    Bihar ke liye kon si nasl thik hai sir

  • @ramkumartaak2456
    @ramkumartaak2456 3 ปีที่แล้ว +3

    राजस्थान के गंगानगर जिले का हु मुझे बरबरी पालन की बकरी चाहिए काहा से ले

  • @hddjgdhxzbhs
    @hddjgdhxzbhs 3 ปีที่แล้ว +1

    सर बकरी को मच्छड़ काटे तो कैसे बचाये

  • @sureshprasad8727
    @sureshprasad8727 4 ปีที่แล้ว

    Pasupalan ma vaccine ka important bataya

  • @kalandicharanabehara727
    @kalandicharanabehara727 5 ปีที่แล้ว

    sir may odisa se hun may black Bengal goat (female) se Boer goat ( male) cross karana sahe rahega ki new ?????