सतगुरु मिलै तो इच्छा मेटै, पद मिल पदे समाना। चल हंसा उस लोक पठाऊ, जो आदि अमर अस्थाना।।जय बन्दी छोड़ की।। कबीर हरि जे रूठ जा,गुरु के शरणा जाए। कहे कबीर गुरु रुठ गये तो हर नहीं होत सहाए।।
मूरख शब्द न मानई, धर्म न सुनै विचार । सत्य शब्द नहिं खोजई, जावै जम के द्वार ॥ नौ मन सूत उलझिया, ये ऋषि रहे जख मार।। सतगुरु ऐसा सुलझा दे, उलझे न दूजी बार।।
गरीब अजब नगर में लें गया हमको सतगुरु आन झिलके बिम्ब अगाद गति सुते चादर तान अनंत कौटि बरमणड का एक रति नही भार सतगुरु पुरुष कबीर है कुल के सिरजन हार 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏😍 🌹 🌹 😍 😍😍😍😍😍😍😍💖💖💖💖💖💖💖🌹🌹
#PredictionsAbout_SaintRampalJi ‘‘भाई बाले वाली जन्म साखी में प्रमाण संत रामपाल दास जी महाराज धरती पर अवतार हैं" प्रह्लाद भक्त ने कहा भाई सुन :- नानक जी के सच्चखण्ड जाने के सैकड़ों वर्ष पश्चात् वो पंजाब की धरती पर जाट वर्ण में जन्म लेगा तथा उसका प्रचार क्षेत्र शहर बरवाला होगा।
अब सपना सबका होगा पूरा नशा मुक्त दहेज मुक्त भारत होगा अपना करेंगे परम संत सतगुरु रामपाल जी महाराज ज्ञान आधार से अवश्य देखें 7:30 से 8:30 साधना चैनल पर परम संत सतगुरु रामपाल जी महाराज के अमृत वचन
सतपुरुष कबीर साहिब जी की भक्ति से ही जीव मुक्त हो सकता है। जब तक जीव सतलोक में वापिस नहीं चला जाएगा तब तक काल लोक में इसी तरह कर्म करेगा और की हुई नाम व दान धर्म की कमाई स्वर्ग रूपी होटलों में समाप्त करके वापिस कर्म आधार से चैरासी लाख प्रकार के प्राणियों के शरीर में कष्ट उठाने वाले काल लोक में चक्कर काटता रहेगा। सद्गुरु देव जी जैसे भगवान विष्णु जी को देवर्षि नारद का शाप लगा। वे श्री रामचन्द्र रूप में अयोध्या में आए। फिर श्री राम जी रूप में बाली का वध किया था। उस कर्म का दण्ड भोगने के लिए श्री कृष्ण जी का जन्म हुआ। फिर बाली वाली आत्मा शिकारी बना तथा अपना प्रतिशोध लिया। श्री कृष्ण जी के पैर में विषाक्त तीर मार कर वध किया। महाराज गरीबदास जी अपनी वाणी में कहते हैं: ब्रह्मा विष्णु महेश्वर माया, और धर्मराय कहिये। इन पाँचों मिल परपंच बनाया, वाणी हमरी लहिये।। इन पाँचों मिल जीव अटकाये, जुगन-जुगन हम आन छुटाये। बन्दी छोड़ हमारा नामं, अजर अमर है अस्थिर ठामं।।
PurnParmatma bandichod jagatguru tatvdarshi sant rampal ji maharaj ki jai ho 🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏 daas ka guru dev rampal ji maharaj k charno me koti koti shashvat dandvat parnam 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 Sat saheb ji 🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏
पूर्ण संत जगतगुरु रामपाल जी महाराज के चरणों में आकर पूर्ण मोक्ष पाएं आज विश्व में किसी भी गुरु के पास पूर्ण भक्ति नहीं है पूर्ण संत केवल संत रामपाल जी महाराज हैं उनकी शरण में आओ और अपना जीवन सफल बनाओ सत साहेब भक्त और नकली गुरुओं के आगे आकर भ्रमित ना हो सत साहेब
कहे कबीर कैसे निबाहे , केर बेर को संग । वह झूमत रस आपनी, उसके फाटत अंग ॥ अर्थ : कबीर कहते हैं कि विभिन्न प्रकृति के लोग एक साथ नहीं रह सकते। उदाहरण के लिए, केले और बेर का पेड़ साथ नहीं उग सकते, क्योंकि जब हवा से बेर का पेड़ हिलेगा तो उसके काँटों से केले के पत्ते नष्ट हो जायेंगे।
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो
वेदों में गीता में प्रमाण है कबीर साहेब भगवान हैं सब धर्मों के शास्त्रों में प्रमाण है कबीर साहेब सब धर्मों के भगवान हैं
पूरण संत रामपाल जी महाराज की जय हो
कबीर, राम नाम रटते रहो जब तक घट में प्राण |
कभी तो दीनदयाल के भनक पड़ेगी कान |
अनंत कोटि ब्रह्मांड का एक रत्ती नहीं भार सतगुरु पुरुष कबीर हैं कुल के सिरजनहार
सिद्ध तारे पिंड आफ्ना, साधू तारे खंड।
उसको सतगुरु जनियों, जो तार देवे ब्रह्मण्ड।।
कबीर, मैं अपराधी जन्म का,नख-सिख भरे विकार।।
तुम दाता दुःख भंजना, मेरी करो संभार।।
कबीर गुरु बड़े गोविंद से मन में देख विचार हरि सुमरे सो वारि है गुरु सुमरे हो पार।।
जिन मोकूँ निज नाम दिया, सोए सतगुरु हमार।
दादू दूसरा कोई नहीं, वो कबीर सिरजनहार।।
गरीब, वही मुहम्मद वही महादेव, वही आदम वही ब्रह्मा।
दास गरीब दूसरा कोई नहीं, देख आपणे घर मा।
तुम्ह कहियत त्रिभवन पति राजा, मन बंछित सब पुरवन काजा॥
कहै कबीर हरि दरस दिखावौ, हमहिं बुलावौ कै तुम्ह चलि आवौ॥
बंदीछौड सतगुरु रामपालजी महाराज की जय हो
सतगुरु पुरुष कबीर है चारों युग प्रवान ।
झूठे गुरुवा मर गए हो गए भूत मसान।।
ऊँचे कुल में दुर्योधन रावण, नीचे कुल में गणका।
गणका भीलनी पार उतरगी, गर्ब करो ना धन का
सतगुरु देव की जय हो पूर्ण परमात्मा आए हुए हैं सुनिए साधना TV चैनल पर रात्रि 7:30 से 8:30 बजे तक
क्या मांगू कुछ थिर ना रहाई।
देखत नैन चला जग जाई।।
एक लाख पूत सवा लख नाती।
उस रावण के आज दीवा न बाती।।
बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय हो।
Sant Rampal ji is a great Saint
कबीर, माया मरी न मन मरा,मर मर गए शरीर।।
आशा तृष्णा न मरी,कह गए साहेब कबीर।।
मात-पिता मिल जाएंगे लख चौरासी माय
सतगुरु सेवा और बन्दगी फिर मिलेगी नाय
कबीर, पतझड़ आवत देख कर, बन रोवै मन मांहि।ऊँची डाली पात थे,अब पीले हो हो जांहि।।
कबीर,जो कोई भगति करे कपट से वाको भी अपनाऊ।
साम दाम दंड भेद से,सीधे रस्ते लाऊँ।।
The true God of satguru Rampal ji Maharaj
बन्दी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज के चरणों में कोटि-कोटि दंडवत प्रणाम
सतगुरु देव की जय
सत साहेब
बंदीछोड सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो
कबीर
मातपिता सुत स्त्री,आलस बंधु काण।
संत मिलन को चलिये, ये अटकावै आण।।
संखो लहर महर की उपजे, कहर नही जहां कोई।
दास गरीब अचल अविनाशी, सुख का सागर सोई।।
सतगुरु देव की जय हो बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय परमपिता परमात्मा कबीर साहेब
जारि बारि करि आवै देहा, मूंवां पीछै प्रीति सनेहा।
जीवन पित्राहि गारहि डंगा, मूंवां पित्रा ले घालैं गंगा॥
कबीर यह तन विष की बेलरी , गुरु अमृत की खान।
शीश दिये से गुरु मिले , तो भी सस्ता जान।।
सद्गुरू देव जी की जय हो बंदी छोड़ सद्गुरू रामपाल जी महाराज जी
सतगुरू मेरे बाणियां जी,करते बणज व्यापार।
बिन डांड़ी बिन पालने, जिन तौल दिया संसार।।
सतगुरु मिलै तो इच्छा मेटै, पद मिल पदे समाना।
चल हंसा उस लोक पठाऊ, जो आदि अमर अस्थाना।।जय बन्दी छोड़ की।।
कबीर हरि जे रूठ जा,गुरु के शरणा जाए।
कहे कबीर गुरु रुठ गये तो हर नहीं होत सहाए।।
मूरख शब्द न मानई, धर्म न सुनै विचार ।
सत्य शब्द नहिं खोजई, जावै जम के द्वार ॥
नौ मन सूत उलझिया, ये ऋषि रहे जख मार।।
सतगुरु ऐसा सुलझा दे, उलझे न दूजी बार।।
सात दीप नौ खंड में गुरु से बड़ा ना कोई करता करे न कर सके गुरु करे सो होय बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगवान की जय हो
वो जंगल के रोज है, जो मनुष्यो बिदके जाहि।
निसदिन फिरै उजाड में, यो परमात्मा पावै नाहि।।,
बन्दी छोड सतगुरू रामपालजी महाराजजी की जय हो 🙏🙏
संत सताए तीनो जाए, तेज बल और वंश।
और ऐसे कहीं गई, रावण कौरव और कंस।।
सतगुरु मिलै तो इच्छा मेटै, पद मिल पदे समाना।
चल हंसा उस लोक पठाऊ, जो आदि अमर अस्थाना।।जय बन्दी छोड़ की।।
पहलै काम मुगध मति कीया, ता भै कंपै मेरा जीया।
राम राइ मेरा कह्या सुनीजै, पहले बकसि अब लेखा लीजै॥
कबीर, जाति हमारी आत्मा, प्राण हमारा नाम।
अलख हमारा इष्ट, गगन हमारा ग्राम।।
अक्षर पुरुष एक पेड़ है निरंजन बाकी डार ।
तीनों देवा शाखा है पात रूप संसार।।
जय हो मालिक
कबीर, काल जो पीसै पीसणा, जोरा है पनिहार ।
ये दो असल मजदूर हैं, मेरे सतगुरु के दरबार ॥
तुम साहेब तुम संत हो , तुम सतगुरु तुम हंस हो ।
गरीब दास तेरे रूप बिना और ना दूजा अंश।।
कबीर गुरु बङे गोविंद से मन मे देख विचार,
हरि भजै वो रह गये, गुरु भजै हुए पार,
समरथ का शरणा गहो रंग होरी हो, कदे ना हो अकाज राम रंग होरी हो।।
कबीर ,बुरा देखन मै चला ,बुरा न मिलिया कोई।
ज्यौँ दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।।
शहर अमान अनन्तपुर, रिमझिम रिमझिम होय।गरीबदास उस नगर का,मरम न जानैं कोय।।
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो हे भगवान अपने बच्चों पर नजर रखना सत साहेब जी
कुटिल वचन सबसे बुरा, जिससे होत ना हार।
सन्त वचन जल रुप है, बरसे अमृत धार।।
हाड चाम लोहू नहीं मोरे, जाने सत्यनाम उपासी।तारन तरन अभै पद दाता, मैं हूं कबीर अविनासी।।
सत्संग की आधी घड़ी तप के बरस हजार
तो भी बराबर है नहीं कहे कबीर विचार
सतगुरु रामपाल जी महाराज के चरणों में दास का दंडवत प्रणाम
आज मोहे दर्शन दियो जी कबीर हिंदुओं के तुम देव कहाए मुसलमान के पीर तुम्हारे दर्शन से हमारे पाप करते हैं निर्मल होत शरीर आज मोहे दर्शन दियो जी कबीर
कबीर गुरू गोविंद दोउ खड़े काके लागु पाय!!
बलिहारी गुरू आपना गोविंद दिया मिलाय!!
सत्संग की आधी घड़ी तप के वर्ष हज़ार
तो भी बराबर है नहीं कह कबीर विचार
बंदी छोड़ जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के चरणो में दास का कोटि कोटि दंडवत प्रणाम
नाम बिना सूना नगर, पड़या सकल में शोर।
लूट न लूटी बंदगी, हो गया हंसा भोर।।
Sat Sahib Kabir Sahib
शास्त्रानुसार सत भगती केवल संत रामपाल जी महाराज ही दे रहे है।
हम सुल्तानी नानक तारे दादू को उपदेश दिया जात जुलाहा भेद न पाया काशी माही कबीर हुआ
राम नाम रटते रहो जब तक घट में प्राण कभी तो दीनदयाल की भनक पड़ेगी कान
गरीब अजब नगर में लें गया हमको सतगुरु आन झिलके बिम्ब अगाद गति सुते चादर तान अनंत कौटि बरमणड का एक रति नही भार सतगुरु पुरुष कबीर है कुल के सिरजन हार 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏😍 🌹 🌹 😍 😍😍😍😍😍😍😍💖💖💖💖💖💖💖🌹🌹
पात झङन्ता यु कहे, सुन भाई तरवर राय।अबके बिछङे नही मिला, न जाने कहा गिरेंगे जाये।
Saint Rampal Maharaj ji k gyaan se hi vishav mei shaanti kaayam hogi
Sat sahib j
वेदों में प्रमाण है कबीर साहिब रूप में संत रामपाल जी महाराज जी भगवान है
Hm sultani nank tare, dadu ko updesh diya. Jat julaha bhed na paya, kashi mahi kbir huwa.
गुरु गोविंद दोनों खड़े किसके लागूं पाय। बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो मिलाय।।
संत रामपाल जी महाराज एक सच्चे संत और सच्चे समाज सुधारक है जो शास्त्र अनुकुल साधना देकर जीव की मुक्ति के लिए आये हुए है।
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा ।
हिदू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नही कोई न्यारा।।
अधिक जानने के लिये देखे साधना tv -7:40-8:40pm
मेरे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण सत्संग हें Sant Rampal ji maharaj ji का ✅✅✅📖📖📖✔️✔️✔️✅✅✅📚📚📚💓💓💓💯💯💯💯✔️✔️✔️✔️📘📘📘📙📙📙😊😊😊😍😍😍
Jai ho data ki
कबीर गुरु गोविन्द दोनो खङे , किसके लागूं पांये।
बलिहारी गुरु आपने , गोविन्द दियो बताये।।
सबका मालिक एक वो कोन है संत रामपालजी माराज है{ kabir }
गरू गोविंद दोनो खड़े काके लागू पांव बलिहारी गरू आपकी गोविंद दिया मिलाई
सोई गुरु पूरा कहावे जो दो अखर का भेद बतावे
एक लखावे एक छुड़ावे तो प्राणी निज घर को आवे
कबीर अनन्त कोटि ब्रह्मांड का एक रति नहीं भार!!
सतगुरु पुरूष कबीर है ये कुल के सिरजन हार!!
आछे दिन पाछे गए, हरि से किया ना हेत।
अब पछताया क्या करे, चिड़िया चुग गयी खेत।।
सोई गुरु पूरा कहावे, दो आखर का भेद बतावै।
एक छुड़ावै एक लखावै, तो प्राणी निज घर को जावे।।
सतयुग में सतसुकृत कह टेरा,त्रेता नाम मुनींद्र मेरा ।द्वापर में करुणामय कहाया, कलयुग नाम कबीर धराया।।
शास्त्र अनुकूल साधना करने के लिए देखें जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन साधना टीवी चैनल पर रात 7:30 बजे से 8:30 बजे तक
कंकड़ पत्थर जोड़ कर मंदिर मस्जिद लई बनाय। ता चढ़ मुल्ला बाग दे क्या बहरा हुआ खुदाय।
देखें साधना चैनल 7:40 PM से
Sat guru dev ji ki jay ho bndhi chhod bhgwan rampalji mharaj ki jay ho sat saheb ❤
#PredictionsAbout_SaintRampalJi
‘‘भाई बाले वाली जन्म साखी में प्रमाण संत रामपाल दास जी महाराज धरती पर अवतार हैं"
प्रह्लाद भक्त ने कहा भाई सुन :- नानक जी के सच्चखण्ड जाने के सैकड़ों वर्ष पश्चात् वो पंजाब की धरती पर जाट वर्ण में जन्म लेगा तथा उसका प्रचार क्षेत्र शहर बरवाला होगा।
अब सपना सबका होगा पूरा नशा मुक्त दहेज मुक्त भारत होगा अपना करेंगे परम संत सतगुरु रामपाल जी महाराज ज्ञान आधार से अवश्य देखें 7:30 से 8:30 साधना चैनल पर परम संत सतगुरु रामपाल जी महाराज के अमृत वचन
je,ho,bandi,hod ki
Jai ho puran parmeshwar avinashi satpurush puran brahma satguru dev kabir saheb ji ki jai ho❤️🙏🏻❤️🙏🏻
बन्दी छोड दयाल जी तुम तक हमारी दोड जेसे काग जहाज का सुजत नही ठोड
मुसलमान गाय भखी, हिन्दु खाया सूअर।
गरीबदास दोनों दीन से, राम रहिमा दूर।।
चाहे गंगा किनारे घर करो, चाहे पियो निर्मल नीर ।
सतनाम बिना मुक्ति नही, कह गये दास कबीर ।।
Sat kabir dware ik das bhikari aaya h
Bhgti ki bhiksha de dijo ik das bhikhari aya h
सतगुरु देव की जय बंदी छोड़ कुल मालिक परमेश्वर रामपाल भगवान जी के श्री चरणों में दास का कोटि कोटि दंडवत प्रणाम
सतपुरुष कबीर साहिब जी की भक्ति से ही जीव मुक्त हो सकता है। जब तक जीव सतलोक में वापिस नहीं चला जाएगा तब तक काल लोक में इसी तरह कर्म करेगा और की हुई नाम व दान धर्म की कमाई स्वर्ग रूपी होटलों में समाप्त करके वापिस कर्म आधार से चैरासी लाख प्रकार के प्राणियों के शरीर में कष्ट उठाने वाले काल लोक में चक्कर काटता रहेगा। सद्गुरु देव जी
जैसे भगवान विष्णु जी को देवर्षि नारद का शाप लगा। वे श्री रामचन्द्र रूप में अयोध्या में आए। फिर श्री राम जी रूप में बाली का वध किया था। उस कर्म का दण्ड भोगने के लिए श्री कृष्ण जी का जन्म हुआ। फिर बाली वाली आत्मा शिकारी बना तथा अपना प्रतिशोध लिया। श्री कृष्ण जी के पैर में विषाक्त तीर मार कर वध किया। महाराज गरीबदास जी अपनी वाणी में कहते हैं: ब्रह्मा विष्णु महेश्वर माया, और धर्मराय कहिये। इन पाँचों मिल परपंच बनाया, वाणी हमरी लहिये।। इन पाँचों मिल जीव अटकाये, जुगन-जुगन हम आन छुटाये। बन्दी छोड़ हमारा नामं, अजर अमर है अस्थिर ठामं।।
सत गुरु जी महाराज के चरणों में कोटि कोटि दण्डवत प्रणाम सत साहेब जी
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जीव हमारी जाती है ,मानव धर्म हमारा ।
हिन्दू ,मुस्लिम ,सिख, ईसाई ,धर्म नही कोई न्यारा।।,
शरण पड़े को सतगुरू सम्भाले, जांका बलक बुखारा रे,
कहे कबीर चरण चित राखो, जिऊं सुई में डोरा रे।
बार बार में सतगुरु समझावे, जग में जीवन थोड़ा रे।
कहे कबीर कैसे निबाहे , केर बेर को संग ।
वह झूमत रस आपनी, उसके फाटत अंग ॥
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