गम्भीर बीमारियों से छुटकारा देती है,माँ भयपुरा वाली
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- เผยแพร่เมื่อ 23 ส.ค. 2024
- गम्भीर बीमारियों से छुटकारा देती है,माँ भयपुरा वाली,,
ग्वालियर ,,,, मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में है माँ भयपुरा वाली का मंदिर,ये दरबार ग्वालियर के तिघरा रोड पर भयपुरा गांव में स्थित है , यह मंदिर लगभग डेढ़ सौ साल पुराना बताया जाता है,भक्तो के अनुसार ये मंदिर पहले भयपुरा गांव में छोटा सा हुआ करता था ,समय बदला तो श्राद्धालुओ की संख्या बढ़ती गई ,जिस कारण इस मंदिर को गाँव से पुनः निर्माण कर दूसरी जगह ले जाकर नवनिर्माण कराया गया मंदिर की खास बात ये है कि,मंदिर में माता रानी के रूप में एक महिला नही बल्कि पुरुष है,जिनको माता रानी की सवारी बचपन से चार साल की उम्र से आती है जिनका नाम बाल कृष्ण कुशवाहा है ,इनको कोई भक्त तो कोई भगत जी बोलता है,लेकिन ज्यादा तर श्रद्धालु इनको माता रानी कहकर पुकारते हैं,हर मांह की दशमी को यहां मेला लगता है ,जहां लाखों की संख्या में दूरदराज से लोग दर्शन करने आते हैं और माता रानी के सामने अपनी मन्नत मांगते हैं ,कई लोग मन्नत पूरी होने पर माता रानी को हाथों में चाँदी का कढ़ा अपनी मन्नत के रूप में मैया को पहनाते हैं ,ये मंदिर चारो ओर पहाड़ों और हरियाली के बीच में बसा है,नवरात्रि में इस मंदिर में मेला लगता है ,औऱ मंदिर में लाखो लोगो का भंडारा होता है, मंदिर में श्रद्धालुओं, के अलावा राजनीतिक लोग भी मंदिर में दर्शन करने आते हैं, और मैया के दर्शन का लाभ लेते है,कहा जाता है कि बाल कृष्ण भगत जी के दादा चौथे राम कुशवाहा इस मंदिर में पूजा पाठ किया करते थे, बस उन्हीं की पूजा से प्रसन्न होकर माता रानी ने उनके नाती बालकृष्ण भगत जी पर अपनी ऐसी कृपा बरसाई है, कि भगत जी को बचपन से ही जो बोलते थे वो बात सही होती थी,लोगों के काम पूरा हो जाते थे,माता रानी की कृपा से उनके काम पूरे हो जाते थे, बस तभी से यहां काली माता का दरबार लगने लगा,ओर सभी की मनोकामना पूरी होने लगी, मंदिर मैं कई भक्त जिनके परिवार में कोई गंभीर रूप से बीमार है या किसी को लीवर किडनी और कैंसर जैसी घातक बीमारियां हैं वो अपनी आस्था लेकर मंदिर में आकर माता रानी के दर्शन करते हैं और भगत जी के कहे अनुसार वो सभी लोग वहां बनी धर्मशाला में दस दिन रुककर माता रानी के रोज दर्शन कर अपनी खतरनाक बीमारियों से छुटकारा पाते हैं, और जिन लोगों पर भूत पिशाच का साया होता है, उन लोगो के यहां मंदिर प्रांगण में, कदम रखते ही भूत पिचास सब भाग जाते हैं यहां तक की जिन स्त्रियों को संतान की प्राप्ति नहीं होती ,यहां मात्र दर्शन और मंदिर की पांच परिक्रमा लगाने से माता रानी की कृपा से उनको संतान की प्राप्ति हो जाती है, इसलिए यह मंदिर अपने आप में खास अहमियत रखता है मंदिर में दर्शन करने आए कुछ पीड़ितों ने अपनी बीमारियों को लेकर हमसे बात की
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Jai mata rani
Jai ma kali bhaiypura wali
Bhala ki ससूराल में है ये मनिंदर है जय मां काली जय हो
Jai Maa kaali bhaypura wali
Jaya mata di
Jai mata di ❤🙏
🙏🙏🙏🙏
Bhapura gaye hue hain bahut acchi Maiya sacchi bhi hai aur maiya ke darshan karne jo bhi aata hai Maiya sacchi hai vah uska baat Sach
Jai maata rani ❤
Jai Mata di 🙏🏼
Jai maai ki
🎉🎉🎉🎉🎉
जय माता दी
Jai maai ki ❤❤
Kali maiya ki cripa se hamaye ghar m beti hui h jai maai ki
Jai mai ke to chinta kyake
Jai Maa kaali bhaypura wali