मानो कर्ण स्वयं दहाड़ रहा हो। अति सुन्दर पाठ। बहुत उत्साह वर्धक। धन्यवाद। कुरूक्षेत्र के समग्र संदर्भ एवं उसके सभी पात्रों की भूमिका और सार्थकता एवं उनके व्यक्तित्व के आलोचनात्मक विश्लेषण का सार संग्रह प्रकाशित कराने का कार्य करें तो वह एक अमूल्य निधि होगी ।महाभारत व्यक्तिगत , भावनात्मक, सामाजिक और राजनैतिक जीवन के प्रायः सभी पक्षों को समग्रता से समाहित करनेवाला अद्भुत ग्रंथ है परंतु सभी इस अरण्य में उलझकर रह जाते हैं और कोई निष्कर्ष नहीं निकाल पाते हैं ।रश्मिरथी के कर्ण और महाभारत के कर्ण के बीच भी विवाद होता है।
Oye oye narration🙏🙏❤️❣️❤️❣️मनोज मुंतशिर आज वो नाम है जो रश्मिरथी के ज़रिए "हिंदी" का सारथी बन कर श्री कृष्ण की तरह हिंदी को रथ पे लेके चढ़ चुके है इस "इंगलिश" के महाभारत में, धन्य है आप मनोज भैया❤️❣️❤️❣️
पूरी रामचरितमानस का पाठ भी आपकी आवाज में सुनने की बड़ी इच्छा है सर। पंचवटी तथा रश्मिरथी के सातों सर्ग आज एक दिन में पूरा किया...... मानस का इंतजार रहेगा.......पता नहीं मेरी बात आप तक पहुंचेंगी भी या नहीं, पर इंतजार रहेगा
श्री मान जी लग रहा है जैसे महान कवि श्री रामधारी दिनकर जी के श्री मुख से स्वयं धरती के महान योद्धा दान वीर कर्ण ही अपने सौर्य की सच्ची गाथा गारहें है इतिहास ऐसे महान कवि को कभी नहीं भूल सकता जिन्होंने कर्ण जैसे योद्धा के बारे में हम जैसे ना समझ इंसानो को कविता के माध्यम से समझाया कोटि -कोटि वंदन हैं दोन को🙏🙏👏👏
Karna the real hero of Mahabharata..🙏 Thanks to Dinkar ji for putting his character in poetry for future generations..🙏🙏🙏 Thanks to you Sir..for your efforts. 🙏🙏🙏🙏
Well u should read critical edition of Mahabharata.....I think Karn n Duryodhan both were equally responsible for the epic war....though he was a great warrior but not hero imo..... anyway this poem is a gem.....
@@satyamkumar8805 yes , jihne patah nahi hota karn kya hai logon ke baatne sunte , kuch samajh nahi sakte whai karn ke Kirti ko nahi samajh sakte hain.
What an enlightening display of VEER RASA by the composer & YOU, Sir! One of those bubbling & thundering valiant moments of history disclosed by you effectively! Jai Ho!!
मनोज भाई क्या बिजली सी फुर्ती में पड़ा है गर्जना के साथ। हिंदी साहित्य आपका आभारी रहेगा। नए युवा वर्ग को हिंदी साहित्य से जोड़ने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद। ❤️❤️❤️
speechless...dhanya hain aise rachnakaar...dhanya hain aise vachak...har line main agni samayi h...aapne har pankti ke sath pura nyay kiya h...rongte khade ho gye...
सर बस नाम मुंतशिर से शुक्ला ही कर दी जिए। कोई उपनाम की वजह से शिखर पर कभी नही पहोंचत है। जब दिल से आप शुक्ला है तो नाम से भी शुक्ला ही रहिये सर ये मेरी विनती है।। We love you...❤❤❤
Hatss off to you sir...I saw you first time in saregama lill champs... You have a power in your writing,and the way you say it is just awesome 👌I appreciate nd like all that you wrote you are amazing 😊I was impressed when you perform in saregama that day was independence Day and you gave tribute to the soldiers...hats off....keep going
सर आप भले दिनकर जी जैसे महान न हो पर मुझे ये कविता सुनकर ऐसा लगा जैसे मैं साक्षात कर्ण की वाणी सुन रहा हु धन्य है दिनकर जी और धन्य है आप जिनके द्वारा ये कविता हमारे समय के लोगो को सुन ने का मौका मिला कोटि कोटि प्रणाम
वाह वाह वाह! कितनी बार रोएं खड़े हुए, कितनी बार आंखें भर आयी कहना मुश्किल है। आज यदि कहीं से दिनकर आपको देख रहे होंगे तो ह्रदय से आशीष दे रहे होंगे। ,🙏🙏🙏🙏 जय हो श्री मनोज मुंतशिर की भी।
उनकी रश्मिरथी रचना का शब्द जाल! ऐसा लगता है जैसे पात्र एवं परिस्थिति जन्य घटनाक्रम, दोनो के अन्तर्प्रदेश में दिनकरजी स्वयं विचरण करते हुए भाव अभिव्यंजना कर रहे हैं.
छोटू उस टाइम तो छत्रिय रक्त नहीं था शुद्ध रक्त था जब कर्ण युद्ध कर रहा था यह मानव धर्म था उसके दिल के आज भी क्षत्रिय बोलना करण की बेइज्जती करना हैकोई छत्रिय में ऐसी दम नहीं है जो इतना बलिदान दे सके तो एक शुद्ध दिया है
सर बहुत ही गहरे और सोच वाले हैं मेरी कामना है प्रभु से कि आप हमेशा अच्छे शब्द मार्गों का प्रयोग करते रहे और इस नई जनरेशन को कुछ नया सीखने का अवसर प्रदान करें
Kya shbad likhe h dinkar ji ne...usse achha kya aapka narration h sir...fantastic... aapka aaj ka narration sach me in panktiyon ke sath nayay krte h...👍
जयश्री कृष्ण महाभारत युद्ध में यदी कोई सबसे अधीक सर्व श्रेष्ठ धनुर्धर ओर सर्व श्रेष्ठ योध्धा था तो वो सिर्फ ओर सिर्फ ऐक मात्र महादानवीर महापराक्रमी महाशूरवीर महाशक्तिशाली महाप्रतापी महाशौर्यशाली महातेजस्वी महानिष्ठावान ओर महानिडर वो सूर्य पूत्र कर्ण ही था मनोज भैया आपने जो दीनकर साहेब की लीखी हूई रश्मिरथी को पढ़कर हम सभी को सूनाया ओर मूजे आपकी आवाज बहोत ही बहोत पसंद आई आपकी आवाज में सूर्य पूत्र कर्ण के व्यक्तित्व और चरीत्र के बारे ओर सूर्य पूत्र कर्ण की महाशूरवीरता के बारे में आपके मूखसे सूनकर मूंजे तो ऐसा लगा। मनोज भैया के संव्यम आपके भीतर में। सूर्य पूत्र कर्ण का शौर्य समा गया हो ऐसी आवाज में आपने रश्मिरथी को पढ़कर मूजे सूनाया। उसके बदले में में अर्जुन चासीया आपको ओर आपके सभी कलाकारों का में सच्चे मन से ओर सच्चे दिल से शुक्रिया अदा कर ता हूं ओर मनोज भैया आपको ओर आपके सभी कलाकारों का में अर्जुन चासीया आपका बहोत बहोत धन्यवाद करता हूं बस मनोज भैया अब ऐक इच्छा हे गूरूपरशूराम के आगे जब सूर्य पूत्र कर्ण विधा लेने को जाता हे ओर फीर उसे गूरूपरशूराम श्राप दे देता हे बस वही दो गूरुपरशूराम ओर सूर्य पूत्र कर्ण के बीच जो रश्मिरथी लीखी गई हो दीनकरजी साहेब के कलमसे बस यही रश्मिरथी आप मूजे सूनाये बस यही एक मेरी इच्छा हे आपका बहोत बड़ा उपकार होगा मनोज भैया में आपको ओर आपके सभी कलाकारों का सच्चे मन से ओर सच्चे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं ओर बहोत बहोत धन्यवाद करता हूं आप सभी का जय हिन्द
प्रवंचित हूँ, नियति की दृष्टि में दोषी बड़ा हूँ, विधाता से किये विद्रोह जीवन में खड़ा हूँ । स्वयं भगवान मेरे शत्रु को ले चल रहे हैं, अनेकों भाँति से गोविन्द मुझको छल रहे हैं These lines❤
मनोज जी, आप जिस भाव से कविता पाठ करते हैँ, आप रामधारी सिंह दिनकर जी को पुनः जीवित करते हैँ l सोचता हूँ अगर दिनकर जी ये कविता सुनाते तो क्या ऐसा न्याय अपनी ही कृति के साथ कर पाते l आपके प्रयास हिंदी के पुनरुथान का मार्ग प्रशस्त करेंगे, आपकी हिंदी की इस सेवा को कोटि कोटि नमन l
प्रवंचित हूँ, नियति की दृष्टि में दोषी बड़ा हूँ, विधाता से किये विद्रोह जीवन में खड़ा हूँ । स्वयं भगवान मेरे शत्रु को ले चल रहे हैं, अनेकों भाँति से गोविन्द मुझको छल रहे हैं These lines ❤
कवच कुण्डल गया पर प्राण तो है... भुजा में शक्ति धनु पर बाण तो है.... गया एकाग्नी तो सब कुछ गया क्या? बचा मुझमें कुछ भी नहीं क्या? समर की सूर्यता साकार हू, मैं...! महामार्तांड का अवतार हूं ,मैं...!❤️❤️
Kya gajab Kavita path krte Hain. Poora bhav nikal k ata hai, jaise sab kch samne ho rha ho. Aur Kya jabardast varnan Kiya hai dinkar ji ne maharathi karn ka.
Is sarg se hme Jo sikhne ko mila h vo yhi h ki niyti ya fir kismat se ladna chahe jo ho jaye ant tk ldna h dekhte h kismat niyati jitegi ya fir hmara zidd
Incredible confidence......
विशिख जब छोड़ कर तरकश चलेगा।
नही गोविंद का भी बस चलेगा।
गिरेगा पार्थ का सिर छिन्न धड़ से,
जयी कुरुराज लौटेगा समर से।
True❤
@@Rishi-zu4ue😂
😊😊
मानो कर्ण स्वयं दहाड़ रहा हो। अति सुन्दर पाठ। बहुत उत्साह वर्धक। धन्यवाद। कुरूक्षेत्र के समग्र संदर्भ एवं उसके सभी पात्रों की भूमिका और सार्थकता एवं उनके व्यक्तित्व के आलोचनात्मक विश्लेषण का सार संग्रह प्रकाशित कराने का कार्य करें तो वह एक अमूल्य निधि होगी ।महाभारत व्यक्तिगत , भावनात्मक, सामाजिक और राजनैतिक जीवन के प्रायः सभी पक्षों को समग्रता से समाहित करनेवाला अद्भुत ग्रंथ है परंतु सभी इस अरण्य में उलझकर रह जाते हैं और कोई निष्कर्ष नहीं निकाल पाते हैं ।रश्मिरथी के कर्ण और महाभारत के कर्ण के बीच भी विवाद होता है।
रोंगटे खड़े हो गए सुन के ।।।वाह रिस्तेदार।।क्षित्रय,💪💪
Oye oye narration🙏🙏❤️❣️❤️❣️मनोज मुंतशिर आज वो नाम है जो रश्मिरथी के ज़रिए "हिंदी" का सारथी बन कर श्री कृष्ण की तरह हिंदी को रथ पे लेके चढ़ चुके है इस "इंगलिश" के महाभारत में, धन्य है आप मनोज भैया❤️❣️❤️❣️
Great
आप को सुन के हमें अटल जी याद आते हैं।
आप से विनम्र निवेदन है कि आप अटल जी पर भी कुछ एपिसोड्स लाएं।
बहुत सही कह रही हैं आप🙏
पूरी रामचरितमानस का पाठ भी आपकी आवाज में सुनने की बड़ी इच्छा है सर। पंचवटी तथा रश्मिरथी के सातों सर्ग आज एक दिन में पूरा किया...... मानस का इंतजार रहेगा.......पता नहीं मेरी बात आप तक पहुंचेंगी भी या नहीं, पर इंतजार रहेगा
रामधारी सिंह दिनकर ने तो ज्वालामुखी उलट दिया। क्या रोमोत्तेजक पाठ है मनोज जी आपका!!
अद्भुत।
दिनकर के शब्द और आपकी आवाज ❤️
वाह, आज तो आपका रौद्र रूप देखने को भी मिल गया....जबरदस्त....हुंकार भर दी आपने
श्री मान जी लग रहा है जैसे महान कवि श्री रामधारी दिनकर जी के श्री मुख से स्वयं धरती के महान योद्धा दान वीर कर्ण ही अपने सौर्य की सच्ची गाथा गारहें है इतिहास ऐसे महान कवि को कभी नहीं भूल सकता जिन्होंने कर्ण जैसे योद्धा के बारे में हम जैसे ना समझ इंसानो को कविता के माध्यम से समझाया कोटि -कोटि वंदन हैं दोन को🙏🙏👏👏
सुनकर रोंगटे खड़े हो गए। अद्भुत ! 👌❤❤
Karna the real hero of Mahabharata..🙏
Thanks to Dinkar ji for putting his character in poetry for future generations..🙏🙏🙏
Thanks to you Sir..for your efforts.
🙏🙏🙏🙏
Well u should read critical edition of Mahabharata.....I think Karn n Duryodhan both were equally responsible for the epic war....though he was a great warrior but not hero imo..... anyway this poem is a gem.....
@@ANUNAYPORORO yes you are right tv shows glorified Karna
@@ANUNAYPORORO i have read bro and krishna himself said in drona parva that karna was vrisha means 'dharmatma'
@@satyamkumar8805 yes , jihne patah nahi hota karn kya hai logon ke baatne sunte , kuch samajh nahi sakte whai karn ke Kirti ko nahi samajh sakte hain.
@@roganstone4979 yes
Most epic part of the rashmirathi waited for months.....
What an enlightening display of VEER RASA by the composer & YOU, Sir! One of those bubbling & thundering valiant moments of history disclosed by you effectively! Jai Ho!!
रामधारी सिंह दिनकर जी जैसा कवि कोई नहीं हो सकता है महान कवि आप जैसा कोई नहीं 🙏🙏
Q❤❤❤❤❤❤❤
रश्मि रथी को इस आवाज में सुन कर हम नहीं सो पाते हैं तब मनोज सुना कर कैसे सो पाते होगें
नसों में खौलता हुआ क्षत्रिय रक्त,
वीरता से शोभित ललाट,
और भुजाओं में कड़कता हुआ अदम्य साहस।।।
भावुक कर दिया इन पंक्तियों ने.....
दिनकर जी का यह अदभुत काव्य संग्रह है। कुछ दिन पहले ही पढा हूँ ।। पढते समय हर पंक्ति शरीर मे रोमांच पैदा कर देता है ।।।
जियो शुक्ला भइया ❤️
दमदार , बुलंद , निडर आवाज़
क्या बात है मनोज भैया ❤️ ऐसे साहित्य से हमे मिलवाने का आपका बहुत बहुत शुक्रिया ❤️❤️❤️
मनोज भाई क्या बिजली सी फुर्ती में पड़ा है गर्जना के साथ। हिंदी साहित्य आपका आभारी रहेगा। नए युवा वर्ग को हिंदी साहित्य से जोड़ने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद। ❤️❤️❤️
Sir wordless, speechless mind blowing
speechless...dhanya hain aise rachnakaar...dhanya hain aise vachak...har line main agni samayi h...aapne har pankti ke sath pura nyay kiya h...rongte khade ho gye...
So very thankful that you introduced this series!!!!
सर बस नाम मुंतशिर से शुक्ला ही कर दी जिए। कोई उपनाम की वजह से शिखर पर कभी नही पहोंचत है। जब दिल से आप शुक्ला है तो नाम से भी शुक्ला ही रहिये सर ये मेरी विनती है।।
We love you...❤❤❤
कहने का, बताने का, तरीका काबिलेतारीफ है मनोज भैया
रोंगटे खड़े कर दिये गुरु जी । अद्भुत
राधे-राधे कर्ण ❤❤❤❤
Hatss off to you sir...I saw you first time in saregama lill champs... You have a power in your writing,and the way you say it is just awesome 👌I appreciate nd like all that you wrote you are amazing 😊I was impressed when you perform in saregama that day was independence Day and you gave tribute to the soldiers...hats off....keep going
Love from Gujarat.........
Thank you sir..... *"JAI HIND"*
सर आप भले दिनकर जी जैसे महान न हो पर मुझे ये कविता सुनकर ऐसा लगा जैसे मैं साक्षात कर्ण की वाणी सुन रहा हु
धन्य है दिनकर जी और धन्य है आप जिनके द्वारा ये कविता हमारे समय के लोगो को सुन ने का मौका मिला
कोटि कोटि प्रणाम
सर ,आप में मुझे अटल जी की याद आप अपने धर्म पर कविताएं लिखते है इस कारण से ही मै आपका कविता को बहुत ज्यादा पसंद करता I will meet you
लगता है कर्ण ही आपके अंदर ग़रज़ रहा हो हे राधेय! नमन करता हु आपको हमारी जीने में ऐसी गर्जन हो नाम आपको महाकवि 🙏🙏🙏🌺🌺🌺💖💖💖🇮🇳🔥🔥
Bahut bahut badhiya h sir.. Rashmirathi ko avaj deke nai generation tk pahuchane ke liye abhar apka..🙏🙏
Sir aaj laga khud Karn Rashmirathi ga rha ho🙏🙏🙏
Gaa rahe hon aadarniya shandon ka prayog kiya kariye bhai
🙏🙏🙏🙏
Exactly
कथा कर्ण की तुम (मनोज जी आप) हो सुनाते,
समर (युद्ध) दृश्य दिखता है,
अर्जुन चाहें वीर बड़ा हो,
कर्ण श्रेष्ठ दिखता है
🕉️🕉️🕉️
Ohh are you right brother ❤❤
You reading classics for us is a very big thing for a visually impaired student like me who can't read hardcopy prints. Deepest gratitude!
वाह वाह वाह! कितनी बार रोएं खड़े हुए, कितनी बार आंखें भर आयी कहना मुश्किल है। आज यदि कहीं से दिनकर आपको देख रहे होंगे तो ह्रदय से आशीष दे रहे होंगे। ,🙏🙏🙏🙏
जय हो श्री मनोज मुंतशिर की भी।
रश्मिरथी की पूरी श्रृंखला सुन रामधारी सिंह दिनकर मेरे आदरणीय हुए🙏🙏🙏🙏 धन्य है भारत भूमि के महान कवि , सत सत नमन🌞🙏
बहुत ही सुखद अनुभूति... इस कविता को सुनने में जो आनंद है वह हजारों मनोरंजन एवं आनंद के अन्य साधनों से भी पूर्ण नहीं हो सकता..
I am 19 yrs and still listening this classic poetry.
Awesome
आपकी आवाज में वह बुलंदी है जो एक मनुष्य को सन्मार्ग पर जाने के लिए झकझोर देती हैं। नमन है आपको🙏🙏🙏
वाह ,वाह, अद्भुत पढ़ने का अंदाज , सर ।
Sir.. Your poetry burn body like fire.... Heart bits.. Dhak dhak.. Kept up sir..
Is rachna ko likhne ke liye main dinkar ji ko sat sat naman krta hoon 🙏
Hindi mitti ki ,sanskriti ki, maa ki भाषा incredible अतुल्य
जिस ललकार के साथ अपने इस सर्ग का पाठ किया है वह काबिल-ए-तारीफ है👌👌
I already read it but when listing this I got Goosebumps 4 times🔥🔥
The end was clinically done... 👌
KARAN SHER THA.
.
🤩🤩😍😍😍😍😍😍🤩🤩🤩😍😍
हमें हमारी संस्कृति से रूबरू कराने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद सर।
आपकी हर एक नई एपिसोड का इंतजार रहता है।
Purush hu mat yah baat bhoolo❤️❤️🔥
Rasmirathi ko aap se suna bina 3d glasses ke Sab kuch Jese aankhon ke samne chal raha Ho ye sabdo Ka jaadu or aapke kahne ke andaj h thank-you sir
बहुत ही खूब सर, आपकी वाणी में भी ओज गुण झलक रहा है।
उनकी रश्मिरथी रचना का शब्द जाल! ऐसा लगता है जैसे पात्र एवं परिस्थिति जन्य घटनाक्रम, दोनो के अन्तर्प्रदेश में दिनकरजी स्वयं विचरण करते हुए भाव अभिव्यंजना कर रहे हैं.
अरे प्रभु, आप महान हैं। जय हो मनोज मुंतशिर ❤️
आपकी आवाज हृदय हिला देती है। एक जोश पैदा होता है जो कुछ भी कर सकता है।
बहुत प्रणाम आर्य ❤️🙏
वाह वाह वाह।।। मनोज भाई,, आपकी आवाज में स्वयं वीरता बहती है।।।
छोटू उस टाइम तो छत्रिय रक्त नहीं था शुद्ध रक्त था जब कर्ण युद्ध कर रहा था यह मानव धर्म था उसके दिल के आज भी क्षत्रिय बोलना करण की बेइज्जती करना हैकोई छत्रिय में ऐसी दम नहीं है जो इतना बलिदान दे सके तो एक शुद्ध दिया है
Anju singh- wah bahut achha sir🙏🙏
अद्भुत कृति को अद्भुत रूप से वाकिफ करवाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद 🙏।
अपनी मातृभाषा इतनी अच्छी और सहज है ऐसा लगता है अपनी माँ के होठों से कोई कहानी सुन रहे हैं सब आसानी से समझ आती है इतनी सरल है
Manoj bhaiya dhany hain aap itana pyara bolte hain aap aapke samne koi bhi tik nhi sakta aapki kitani bhi tarif karun kam hai 👍🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आहा वाह वाह क्या बात है । क्या जोश है आवाज़ में क्या बुलंदी है, एक एक शब्द याद है जैसे आपको। बहुत सुंदर।
कथा कर्ण की तुम (मनोज जी आप) हो सुनाते,
समर (युद्ध) दृश्य दिखता है,
अर्जुन चाहें वीर बड़ा हो,
कर्ण श्रेष्ठ दिखता है
🕉️🕉️🕉️
Itne din se rashmirathi chl rhi h lekin aaj to bahut he acha lga
Aaj to apke awaz me ek alag he tej tha👌👌👌
सर बहुत ही गहरे और सोच वाले हैं मेरी कामना है प्रभु से कि आप हमेशा अच्छे शब्द मार्गों का प्रयोग करते रहे और इस नई जनरेशन को कुछ नया सीखने का अवसर प्रदान करें
Kya shbad likhe h dinkar ji ne...usse achha kya aapka narration h sir...fantastic... aapka aaj ka narration sach me in panktiyon ke sath nayay krte h...👍
सुनने की आपकी आवाज़ मन मे धरा रहता हु धीर पडती है आवाज़ कानो मे चलना शुरू होता है वैंग की तीर
Dinkar ji k shad our aap ki tone dono ko salam h yarr...
जयश्री कृष्ण महाभारत युद्ध में यदी कोई सबसे अधीक सर्व श्रेष्ठ धनुर्धर ओर सर्व श्रेष्ठ योध्धा था तो वो सिर्फ ओर सिर्फ ऐक मात्र महादानवीर महापराक्रमी महाशूरवीर महाशक्तिशाली महाप्रतापी महाशौर्यशाली महातेजस्वी महानिष्ठावान ओर महानिडर वो सूर्य पूत्र कर्ण ही था मनोज भैया आपने जो दीनकर साहेब की लीखी हूई रश्मिरथी को पढ़कर हम सभी को सूनाया ओर मूजे आपकी आवाज बहोत ही बहोत पसंद आई आपकी आवाज में सूर्य पूत्र कर्ण के व्यक्तित्व और चरीत्र के बारे ओर सूर्य पूत्र कर्ण की महाशूरवीरता के बारे में आपके मूखसे सूनकर मूंजे तो ऐसा लगा। मनोज भैया के संव्यम आपके भीतर में। सूर्य पूत्र कर्ण का शौर्य समा गया हो ऐसी आवाज में आपने रश्मिरथी को पढ़कर मूजे सूनाया। उसके बदले में में अर्जुन चासीया आपको ओर आपके सभी कलाकारों का में सच्चे मन से ओर सच्चे दिल से शुक्रिया अदा कर ता हूं ओर मनोज भैया आपको ओर आपके सभी कलाकारों का में अर्जुन चासीया आपका बहोत बहोत धन्यवाद करता हूं बस मनोज भैया अब ऐक इच्छा हे गूरूपरशूराम के आगे जब सूर्य पूत्र कर्ण विधा लेने को जाता हे ओर फीर उसे गूरूपरशूराम श्राप दे देता हे बस वही दो गूरुपरशूराम ओर सूर्य पूत्र कर्ण के बीच जो रश्मिरथी लीखी गई हो दीनकरजी साहेब के कलमसे बस यही रश्मिरथी आप मूजे सूनाये बस यही एक मेरी इच्छा हे आपका बहोत बड़ा उपकार होगा मनोज भैया में आपको ओर आपके सभी कलाकारों का सच्चे मन से ओर सच्चे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं ओर बहोत बहोत धन्यवाद करता हूं आप सभी का जय हिन्द
नसों में खौलता क्षत्रीय खुन
बडा अच्छा लगा कर्ण के लिए ये बात मुझे।
आभार सर
You are the best one👌👌
कोई नहीं है दूर दूर तक 👍
Jis tareeke se aap rashmirathi ke shabdo ko jeewant krte h lga h shi me mai mahabharat ke yudh me khada hu.
Jay ho aapki 🙏
Fantastic Excellent Awesome Phenomenal Mind-blowing!!!! Chahe Pandavo ya Kauravo ho, jo ladh saka ho wo hi to mahan hai!!! Jai Shree Krishna!!!
What a start Manoj sir...... wonderful ❤️
प्रवंचित हूँ, नियति की दृष्टि में दोषी बड़ा हूँ,
विधाता से किये विद्रोह जीवन में खड़ा हूँ ।
स्वयं भगवान मेरे शत्रु को ले चल रहे हैं,
अनेकों भाँति से गोविन्द मुझको छल रहे हैं
These lines❤
Only one word come out of my mouth after watching this.........TAGADA👌
Outstanding sir. Kya gaya hai aapne. Karn🔥🏹
Shandaar....Zabardast.....Zindabaad
आप जैसे लोगो को सुनकर हिंदी पर गर्व होता है, बहुत अच्छा बोलते है आप..👏👏👏🙌
मनोज जी, आप जिस भाव से कविता पाठ करते हैँ, आप रामधारी सिंह दिनकर जी को पुनः जीवित करते हैँ l सोचता हूँ अगर दिनकर जी ये कविता सुनाते तो क्या ऐसा न्याय अपनी ही कृति के साथ कर पाते l आपके प्रयास हिंदी के पुनरुथान का मार्ग प्रशस्त करेंगे, आपकी हिंदी की इस सेवा को कोटि कोटि नमन l
You both Ramdharijee n you made Karna further immortal...So much much literature n Vira Rasa...i am speechless...
प्रवंचित हूँ, नियति की दृष्टि में दोषी बड़ा हूँ,
विधाता से किये विद्रोह जीवन में खड़ा हूँ ।
स्वयं भगवान मेरे शत्रु को ले चल रहे हैं,
अनेकों भाँति से गोविन्द मुझको छल रहे हैं
These lines ❤
I just salute Shri Manoj for this presentation. Manoj ji aap mahajan ho
29 वीं बार सुन रहा हूं। एक और बार सुनने का मन कर है।
सर,दिनकर रचित रश्मिरथी आप से सुन कर हृदय को अत्यंत सुख की अनुभूति हो रही है।।
आपको अशेष शुभकामनाएं🙏🙏
कवच कुण्डल गया पर प्राण तो है...
भुजा में शक्ति धनु पर बाण तो है....
गया एकाग्नी तो सब कुछ गया क्या?
बचा मुझमें कुछ भी नहीं क्या?
समर की सूर्यता साकार हू, मैं...!
महामार्तांड का अवतार हूं ,मैं...!❤️❤️
Kya gajab Kavita path krte Hain.
Poora bhav nikal k ata hai, jaise sab kch samne ho rha ho.
Aur Kya jabardast varnan Kiya hai dinkar ji ne maharathi karn ka.
वाह क्या कविता है 👏👏👏👏👏
Thank you sir.. for all this sir was waiting for this its so fun to hear this entire poem in your voice
मनोज जी आप को जब भी सुनता हूं तो अटल जी की छवि दिखती है आपके शब्दों के उच्चारण में।
Listening at ×2 speed...gives diffrent peace to mind and soul..
कविके शब्दोंको चैतन्य प्रदान करनेवाली ओजस्वी निवेदन शैली !!धन्य हो !!!
आप के मुख से कविता सुन के अटल जी स्मरण आ जाते हैं
🙏jay siya ram jay svi deo ki jay jay sadu snty risi jgt guru mhatma gno or unke gno ka sty snatn se 📒📕📔📙🇮🇳🙏👌✍soya gt he svi ko jay siya ram,🙏🙏
Ak number bhai ...Dinkar ji ke naam me khud hi Rashmi hai !
Is sarg se hme Jo sikhne ko mila h vo yhi h ki niyti ya fir kismat se ladna chahe jo ho jaye ant tk ldna h dekhte h kismat niyati jitegi ya fir hmara zidd
"Powerful" is a very small words for this narration..
Because of his life is motivate to me
You are the one sir who can lift the lyric level of Bollywood songs
वाह🙏 अद्भुत दिनकर पूत वीर कर्ण। जय हो आपकी🙏
Sir aap ki awaj sunne ke liye indriya aatur rahti hai🙏🙏🙏