जय श्रीकृष्ण हरे, प्रभु जय श्रीकृष्ण हरे, भक्तजनन के दुख्र सारे पल में दूर करे, परमानन्द मुरारी मोहन गिरधारी हरे , जय रस रास बिहारी जय जय गिरधारी, *** जय जय श्री कृष्ण मुरारि ***
ऐ रे मन जपले हरि का नाम | अमृत बेले उठकर कीजै, हरि भजन का काम | | झूठे जग के काम के आगे, लेबो हरि का नाम | सन्तनि संग में निस्दिन रह के,प्रेम का पीले जाम | | कहे"टेऊँ"हरि सिमरण करके,पावो सुख विश्राम | | कान्हा दीवानी वर्षा.।।
वृन्दावन की एक सत्य घटना - VERY HEART TOUCHING - सन्त चरित : - एक बार वृन्दावन में एक संत हुए श्री देवाचार्य नागाजी महाराज(कोई कहता नागा बाबा) - निम्बार्क सम्प्रदाय में। उनकी बड़ी बड़ी जटाएं थी। वो वृन्दावन के सघन वन में जाके भजन करते थे।"हा राधे हा गोविंद" बोलके रोता था। एक दिन जा रहे थे तो रास्ते में उनकी बड़ी बड़ी जटाए झाडियो में उलझ गई। उन्होंने खूब प्रयत्न किया किन्तु सफल नहीं हो पाए। और थक के वही बैठ गए और बैठे बैठे गुनगुनाने लगे - "हे मुरलीधर छलिया मोहन हम भी तुमको दिल दे बैठे, गम पहले से ही कम तो ना थे, एक और मुसीबत ले बैठे " बहोत से ब्रजवासी जन आये और बोले बाबा हम सुलझा देवे तेरी जटाए तो बाबा ने सबको डांट के भगा दिया और कहा की जिसने उलझाई वोही आएगा अब तो सुलझाने।एक गहरा बिस्वास है मन मन्दिरमें भगवान के प्रति,एहि तो है भक्ति की असली शक्ति!! बहोत समय हो गया बाबा को बैठे बैठे......१ दिन,२दिन,३ दिन हो गये ... "कब कृपा करोगी राधे, कब दोगी दर्शन, तुम बिन शुना शुना, मेरा यह जीवन"। तभी सामने से १५-१६वर्ष का सुन्दर किशोर हाथ में लकुटी लिए आता हुआ अकेला दिखा। जिसकी मतवाली चाल देखकर करोडो काम लजा जाएँ। मुखमंडल करोडो सूर्यो के जितना चमक रहा था। और चेहरे पे प्रेमिओ के हिर्दय को चीर देने वाली मुस्कान थी। आते ही बाबा से बोले " बाबा हमहूँ सुलझा दें जटा"। बाबा बोले आप कोन हैं श्रीमान जी? तो ठाकुर जी बोले -"हम है व्रजबिहारी"। तो बाबा बोले हम तो किसी व्रजबिहारी को नहीं जानते। तो भगवान् फिर आये थोड़ी देर में और बोले -"बाबा अब सुलझा दें"। तो बाबा बोले अब कोन है श्रीमान जी । तो ठाकुर बोले -"हम हैं वृन्दावन बिहारी"। तो बाबा बोले हम तो किसी वृन्दावन बिहारी को नहीं जानते। तो ठाकुर जी बोले तो बाबा किसको जानते हो बताओ? तो बाबा बोले हम तो निकुंज बिहारी को जानते हैं। तो भगवान् ने तुरंत निकुंज बिहारी का स्वरुप बना लिया - हातो में बंशी,माथे पे मौरमुकुट,पीताम्बर धारण किये,बांकेबिहारी सी झलक। और ठाकुरजी बोले -"ले बाबा अब जटा सुलझा दूँ"। तब बाबा बोले -"च्यों रे लाला हमहूँ पागल बनावे लग्यो! निकुंज बिहारी तो बिना श्री राधा जू के एक पल भी ना रह पावे और एक तू है अकेलो आये मुझे ठगने के लिये। तभी पीछे से मधुर रसीली आवाज आई -" बाबा, हम यही हैं " - ये थी हमारी श्री राधाजी। और राधाजी बोली - "अब सुलझा देवे बाबा आपकी जटा"। तो बाबा मन्द मन्द मुस्कुराए और बोले - " युगल दर्शन पा लिया अब तो ये जीवन ही सुलझ गया , जटा की क्या बात है" !!! राधे राधे ।। (यह स्थान अभी भी है,कदम्बखण्डी,भक्त सब दर्शन करते है।कहाँ जाता है कि, ठाकुरजी खुद बाबा की जटा खोल दिया,और राधाजी अपने हातो से बाबा को प्रसाद खिलाया, उस स्थान पे अब राधाकृष्ण निकुंज बिहारी मंदिर है निम्बार्क सम्प्रदाय(सबसे प्राचीन राधाकृष्ण युगल भजन धारा) सेबित,उस मन्दिरमें इस घटना को पत्थर पे खोदाई किया गया है,यह बरसाना से गाड़ी में आधा घन्टा दूर है)
Dandwat pranaam Prabhuji. Very meaningful lecture. 🙏🙏 . Looking forward to receive many more lectures like this which keep us motivated all the time in this materialistic world 🌎🌍 and way to remember Hari Naam through Sankirtan and association of devotees . Thanks a lot Prabhuji for inspiring all fallen and lost souls
सुन्दर और दुर्लभ सत्य कथा एक बार गोपियो ने श्री कृष्ण से कहा की 'हे कृष्ण हमे अगस्त्य ऋषि को भोग लगाने जाना है, और ये यमुना जी बीच में पड़ती है अब बताओ केसे जाये भगवान श्री कृष्ण ने कहा की जब तुम यमुना जी के पास जाओ तो कहना की, हे यमुना जी अगर श्री कृष्ण ब्रह्मचारी है तो हमे रास्ता दे गोपियाँ हंसने लगी की लो ये कृष्ण भी अपने आप को ब्रह्मचारी समझते है, सारा दिन तो हमारे पीछे पीछे घूमता है, कभी हमारे वस्त्र चुराता है कभी मटकिया फोड़ता है ... खेर फिर भी हम बोल देगी गोपिय यमुना जी के पास जाकर कहती है, हे यमुना जी अगर श्री कृष्ण ब्रह्मचारी है तो हमे रास्ता दे, और गोपियो के कहते ही यमुना जी ने रास्ता दे दिया गोपिया तो सन्नन रह गई ये क्या हुआ कृष्ण ब्रह्मचारी ??????????? अब गोपिया अगस्त्य ऋषि को भोजन करवा कर वापिस आने लगी तो अगस्त्य ऋषि से कहा की अब हम घर केसे जाये यमुना जी बीच में है अगस्त्य ऋषि ने कहा की तुम यमुना जी को कहना की अगर अगस्त्य जी निराअहार है तो हमे रास्ता दे गोपियाँ मन में सोचने लगी की अभी हम इतना सारा भोजन लाई सो सब गटका गये और अब अपने आप को निराहार बता रहे है??????????? गोपिया यमुना जी के पास जाकर बोली, हे यमुना जी अगर अगस्त्य ऋषि निराहार है तो हमे रास्ता दे और यमुना जी ने रास्ता दे दिया गोपिया आश्चर्य करने लगी की जो खाता है वो निराहार केसे हो सकता है ??????????? और जो दिन रात हमारे पीछे पीछे फिरता है वो ब्रह्मचारी केसे हो सकता है ??????????? इसी उधेड़ बुन में गोपिया कृष्ण के पास आकर फिर से वही प्रश्न किया भगवान श्री कृष्ण कहने लगे गोपियो मुझे तुमारी देह से कोई लेना देना नही है, मैं तो तुम्हारे प्रेम के भाव को देख कर तुम्हारे पीछे आता हूँ. मेने कभी वासना के तहत संसार नही भोगा मेतो निर्मोही हु इस लिए यमुना ने आप को मार्ग दिया तब गोपिया बोली भगवन मुनिराज ने तो हमारे सामने भोजन ग्रहण किया फिर वि ओ बोले की अगत्स्य आजन्म उपवासी हो तो हे यमुना मैया मार्ग देदे !!!!!!!!!!!! और बड़े आश्चर्य की बात है कि यमुना ने मार्ग देदिया!!!!!!! कृष्ण हशने लगे और बोले की है अगत्स्य आजन्म उपवासी हे । अगत्स्य मुनि भोजन ग्रहण करने से पहले मुझे भोग लगाते है और उनका भोजन में कोई मोह नही होता उनको कतई मन में नही होता की में भोजन करु या भोजन कर रहा हु ओ तो अपने अंदर रहे मुझे भोजन करा रहे होते है इस लिए वो आजन्म उपवासी हे 😊 जो मुझसे प्रेम करता है में उनका सच में ऋणि हुँ, में तुम सबका ऋणि हुँ .
भक्ति न मीरा के जैसी, न सुदामा सी यारी है...
तारो हमको भी गोविन्द, हम शरण तिहारी है...
श्री राधे गोविन्द शरणम् मम् 🌹🙏🌹
"मन तुलसी का दास हैं, वृन्दावन हो धाम,
साँस-साँस में राधा बसे, रोम-रोम में श्याम."
🙏🏻🙏🏻श्री राधे कृष्ण शरणम् मम् 🙏🏻🙏🏻
❤
Hare krishna
Hare Krishna Prabhuji dandvat pranam 🙏🙏
Hare Krishna❤️💖💕🙏🙏🙏🙏🙏
Srila Prabupada Ki Joy❤️💖💕🙏🙏🙏🙏🙏
Prabuji Dandavad👏👏👏👏👏
Hare Krishna prabhuji dandvat praanam 🙏.H G Amala Krishna prabhuji ki jai
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
Hare Krishna Hare Krishna💛💛 Krishna Krishna Hare Hare💜💜 Hare Rama Hare Rama❤❤ Rama Rama Hare Hare💙💙
जय श्रीकृष्ण हरे, प्रभु जय श्रीकृष्ण हरे,
भक्तजनन के दुख्र सारे पल में दूर करे,
परमानन्द मुरारी मोहन गिरधारी हरे ,
जय रस रास बिहारी जय जय गिरधारी,
*** जय जय श्री कृष्ण मुरारि ***
🚩 Hey Krishna Karuna-Sindhu Din-Bandhu Jagat-patey 🙏🏻💖🙏🏻
✨️Gopesha Gopika-Kanta Radha-Kanta Namahstute 🙏🏻❤️🙏🏻
HG Amala Krishna Prabhu ki jai 🙏 Hari naam kirtan ki jai 🙏 Hare Krishna 🙏
Hare krishna 🙏 HG AMALA KRISHN PRABHU KI JAI 🙏
Thanks & danwat parnam prb ji
Hari Hari Bol
Hare Krishna 🙏 prabhu ji DVPM 🙏
Yes probhuji Bhagbatam me Pori hu ,Naba Bidha Vakti,nice vdo🙏🙏🙏
Jay Jay radha raman hari bol
Hare Krishna hare Krishna Krishna Krishna hare hare.
Hare Rama hare Rama Rama Rama hare hare.
Jay Jay Krishna balram
Radhe Radhe 🙏 Hare Krishna 🙏
Hare Krsna Pravuji 🙌
बहुत ही सुंदर वर्णन 🙏👌👏👍
Hare Krishna 🙏🙏
Thanks!
Prji very very beautiful lecture👍👍👍👍👍all for our benifit🙏🙏🙏
Hare Krishna brbhu g
🙇♀️🙏
Jay shree Krishna ❤
Hare Krishna prabhuji 🙏🙏
Hare Krishna prabhuji Dandavat pranam Jaya srila prabhupada Guru Maharaj ji ki Jaya 👣💐🌹💐🙏🙏🙏🙇🙇🙇
ऐ रे मन जपले हरि का नाम |
अमृत बेले उठकर कीजै, हरि भजन का काम | |
झूठे जग के काम के आगे, लेबो हरि का नाम |
सन्तनि संग में निस्दिन रह के,प्रेम का पीले जाम | |
कहे"टेऊँ"हरि सिमरण करके,पावो सुख विश्राम | |
कान्हा दीवानी वर्षा.।।
राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट।
अंत समय पछतायेगा, जब प्राण जायेगे छूट।
आप सभी को सादर राधे कृष्ण 🙏🚩🚩🚩
HARE KRISHNA
HARE KRISHNA
KARISHNA KRISHNA HARE HARE..
HARE RAMA
HARE RAMA
RAMA RAMA HARE HARE...
*श्री कृष्ण चन्द्र कृपालु भजमन*,
*नन्द नन्दन सुन्दरम्।*
❤️🌹❤️😘🌹❤️🌹
*अशरण शरण भव भय हरण*,
*आनन्द घन राधा वरम्*॥
🪷🌹💞🪷😍🌹💞
*सिर मोर मुकुट विचित्र मणिमय*,
*मकर कुण्डल धारिणम्*।
💓🌹💓🌹😘💓🌹
*मुख चन्द्र द्विति नख चन्द्र द्विति*,
*पुष्पित निकुंजविहारिणम्॥*
🌹💓🌹💓🤗🌹💓
*मुस्कान मुनि मन मोहिनी*,
*चितवन चपल वपु नटवरम्*।
🌹🪷🌹🪷🥰🌹🪷🌹
*वन माल ललित कपोल मृदु*,
*अधरन मधुर मुरली धरम्॥*
🪷💞🪷💞😍🪷💞
*वृषुभान नन्दिनि वामदिशि*,
*शोभित सुभग सिहासनम्।*
🪷💞🪷💞😍🪷💞
*ललितादि सखी जिन सेवहि*,
*करि चवर छत्र उपासनम्॥*.🪷🌹💞🪷🌹🥰🤗💞💓
*!जय श्रीकृष्ण ! शुभ मंगल हो*
हरे कृष्णा प्रभू जी प्रणाम🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏Hare Krishna prabhu ji 💓🧎
Krishna is supreme personality of Godhead Hare Krishna 🙏
Superb lecture on the most important limb of bhakti!! Thank you Amala Prabhuji. Hare Krishna🙏🙏🙏
वृन्दावन की एक सत्य घटना - VERY HEART TOUCHING - सन्त चरित :
- एक बार वृन्दावन में एक संत हुए श्री देवाचार्य नागाजी महाराज(कोई कहता नागा बाबा) - निम्बार्क सम्प्रदाय में। उनकी बड़ी बड़ी जटाएं थी। वो वृन्दावन के सघन वन में जाके भजन करते थे।"हा राधे हा गोविंद" बोलके रोता था।
एक दिन जा रहे थे तो रास्ते में उनकी बड़ी बड़ी जटाए झाडियो में उलझ गई। उन्होंने खूब प्रयत्न किया किन्तु सफल नहीं हो पाए।
और थक के वही बैठ गए और बैठे बैठे गुनगुनाने लगे -
"हे मुरलीधर छलिया मोहन
हम भी तुमको दिल दे बैठे,
गम पहले से ही कम तो ना थे,
एक और मुसीबत ले बैठे "
बहोत से ब्रजवासी जन आये और बोले बाबा हम सुलझा देवे तेरी जटाए तो बाबा ने सबको डांट के भगा दिया और कहा की जिसने उलझाई वोही आएगा अब तो सुलझाने।एक गहरा बिस्वास है मन मन्दिरमें भगवान के प्रति,एहि तो है भक्ति की असली शक्ति!!
बहोत समय हो गया बाबा को बैठे बैठे......१ दिन,२दिन,३ दिन हो गये ...
"कब कृपा करोगी राधे,
कब दोगी दर्शन,
तुम बिन शुना शुना,
मेरा यह जीवन"।
तभी सामने से १५-१६वर्ष का सुन्दर किशोर हाथ में लकुटी लिए आता हुआ अकेला दिखा। जिसकी मतवाली चाल देखकर करोडो काम लजा जाएँ। मुखमंडल करोडो सूर्यो के जितना चमक रहा था। और चेहरे पे प्रेमिओ के हिर्दय को चीर देने वाली मुस्कान थी।
आते ही बाबा से बोले " बाबा हमहूँ सुलझा दें जटा"।
बाबा बोले आप कोन हैं श्रीमान जी?
तो ठाकुर जी बोले -"हम है व्रजबिहारी"।
तो बाबा बोले हम तो किसी व्रजबिहारी को नहीं जानते।
तो भगवान् फिर आये थोड़ी देर में और बोले -"बाबा अब सुलझा दें"।
तो बाबा बोले अब कोन है श्रीमान जी ।
तो ठाकुर बोले -"हम हैं वृन्दावन बिहारी"।
तो बाबा बोले हम तो किसी वृन्दावन बिहारी को नहीं जानते।
तो ठाकुर जी बोले तो बाबा किसको जानते हो बताओ?
तो बाबा बोले हम तो निकुंज बिहारी को जानते हैं।
तो भगवान् ने तुरंत निकुंज बिहारी का स्वरुप बना लिया - हातो में बंशी,माथे पे मौरमुकुट,पीताम्बर धारण किये,बांकेबिहारी सी झलक।
और ठाकुरजी बोले -"ले बाबा अब जटा सुलझा दूँ"।
तब बाबा बोले -"च्यों रे लाला हमहूँ पागल बनावे लग्यो!
निकुंज बिहारी तो बिना श्री राधा जू के एक पल भी ना रह पावे और एक तू है अकेलो आये मुझे ठगने के लिये।
तभी पीछे से मधुर रसीली आवाज आई -" बाबा, हम यही हैं " - ये थी हमारी श्री राधाजी।
और राधाजी बोली - "अब सुलझा देवे बाबा आपकी जटा"।
तो बाबा मन्द मन्द मुस्कुराए और बोले
- " युगल दर्शन पा लिया अब तो ये जीवन ही सुलझ गया , जटा की क्या बात है" !!!
राधे राधे ।।
(यह स्थान अभी भी है,कदम्बखण्डी,भक्त सब दर्शन करते है।कहाँ जाता है कि, ठाकुरजी खुद बाबा की जटा खोल दिया,और राधाजी अपने हातो से बाबा को प्रसाद खिलाया,
उस स्थान पे अब राधाकृष्ण निकुंज बिहारी मंदिर है निम्बार्क सम्प्रदाय(सबसे प्राचीन राधाकृष्ण युगल भजन धारा) सेबित,उस मन्दिरमें इस घटना को पत्थर पे खोदाई किया गया है,यह बरसाना से गाड़ी में आधा घन्टा दूर है)
Hare Krishna prabhuji dandwat pranam 🙏🙏 vry inspiring class...vry nyc👏👏👏👏
John merry 108 times😆😆😆 hare bol🙏
Dandwat pranaam Prabhuji. Very meaningful lecture. 🙏🙏 . Looking forward to receive many more lectures like this which keep us motivated all the time in this materialistic world 🌎🌍 and way to remember Hari Naam through Sankirtan and association of devotees . Thanks a lot Prabhuji for inspiring all fallen and lost souls
सुन्दर और दुर्लभ सत्य कथा
एक बार गोपियो ने श्री कृष्ण से कहा की 'हे कृष्ण हमे अगस्त्य ऋषि को भोग लगाने जाना है, और ये यमुना जी बीच में पड़ती है अब बताओ केसे जाये
भगवान श्री कृष्ण ने कहा की जब तुम यमुना जी के पास जाओ तो कहना की, हे यमुना जी अगर श्री कृष्ण ब्रह्मचारी है तो हमे रास्ता दे
गोपियाँ हंसने लगी की लो ये कृष्ण भी अपने आप को ब्रह्मचारी समझते है, सारा दिन तो हमारे पीछे पीछे घूमता है, कभी हमारे वस्त्र चुराता है कभी मटकिया फोड़ता है ...
खेर फिर भी हम बोल देगी
गोपिय यमुना जी के पास जाकर कहती है, हे यमुना जी अगर श्री कृष्ण ब्रह्मचारी है तो हमे रास्ता दे, और गोपियो के कहते ही यमुना जी ने रास्ता दे दिया
गोपिया तो सन्नन रह गई ये क्या हुआ कृष्ण ब्रह्मचारी ???????????
अब गोपिया अगस्त्य ऋषि को भोजन करवा कर वापिस आने लगी तो अगस्त्य ऋषि से कहा की अब हम घर केसे जाये यमुना जी बीच में है
अगस्त्य ऋषि ने कहा की तुम यमुना जी को कहना की अगर अगस्त्य जी निराअहार है तो हमे रास्ता दे
गोपियाँ मन में सोचने लगी की अभी हम इतना सारा भोजन लाई सो सब गटका गये और अब अपने आप को निराहार बता रहे है???????????
गोपिया यमुना जी के पास जाकर बोली, हे यमुना जी अगर अगस्त्य ऋषि निराहार है तो हमे रास्ता दे और यमुना जी ने रास्ता दे दिया
गोपिया आश्चर्य करने लगी की जो खाता है वो निराहार केसे हो सकता है ???????????
और जो दिन रात हमारे पीछे पीछे फिरता है वो ब्रह्मचारी केसे हो सकता है ???????????
इसी उधेड़ बुन में गोपिया
कृष्ण के पास आकर फिर से वही प्रश्न किया
भगवान श्री कृष्ण कहने लगे गोपियो मुझे तुमारी देह से कोई लेना देना नही है, मैं तो तुम्हारे प्रेम के भाव को देख कर तुम्हारे पीछे आता हूँ. मेने कभी वासना के तहत संसार नही भोगा मेतो निर्मोही हु इस लिए यमुना ने आप को मार्ग दिया
तब गोपिया बोली भगवन मुनिराज ने तो हमारे सामने भोजन ग्रहण किया फिर वि ओ बोले की अगत्स्य आजन्म उपवासी हो तो हे यमुना मैया मार्ग देदे !!!!!!!!!!!!
और बड़े आश्चर्य की बात है कि यमुना ने मार्ग देदिया!!!!!!!
कृष्ण हशने लगे और बोले की है अगत्स्य आजन्म उपवासी हे ।
अगत्स्य मुनि भोजन ग्रहण करने से पहले मुझे भोग लगाते है
और उनका भोजन में कोई मोह नही होता उनको कतई मन में नही होता की में भोजन करु या भोजन कर रहा हु
ओ तो अपने अंदर रहे मुझे भोजन करा रहे होते है इस लिए वो आजन्म उपवासी हे 😊
जो मुझसे प्रेम करता है में उनका सच में ऋणि हुँ, में तुम सबका ऋणि हुँ .
Best part when kirtan suddenly started Hari Hari bol😍
hARE kRISHAN pRABHU jI.... VOLUME IS TOO LOW... HARI BOL
Harekrishna probhu ji dondavat pronam🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Hare Krishna prabhuji Dandwat parnam 🤗💙❤️🙏
Hare Krishna
Hare Krishna 🙏🙏
Jai Amala krishna prabhu ji 🙇♀️🙇🏻🙏
Hare Krishna prabhuji . Dandwat Pranam 🙏🙏💐
Hare Krishna prabhuji dandabat pranam
Hare Krishna
Hare Krishna 🙏🙇🏻
Hare Krishna 🙏
Hare Krishna
Hare Krishna
Hare Krishna🙏
Hare krishna
Hare krishna
Hare krishna
Hare Krishna 🙏