जिसके साथ जैसा शोषण होता है,अधिकार पाने पर वो वैसा ही शोषण शुरू कर देता है.नारी ही नारी की शत्रु है
ฝัง
- เผยแพร่เมื่อ 18 ต.ค. 2024
- #मिथिलेश्वर की कहानी-तिरिया जनम
Author-Mithileshwer
Audio Story
हिन्दी कहानी
स्वर-सीमासिंह
@Sahitya-Nidhi
0
मिथिलेश्वर-
जन्म : 31 दिसम्बर, 1950; बैसाडीह, भोजपुर (बिहार)।
शिक्षा : एम.ए., पीएच.डी. (हिन्दी साहित्य)।
मिथिलेश्वर स्वातंत्रयोत्तर हिंदी-साहित्य के सबसे प्रतिष्ठित लेखकों में से एक हैं। अपनी कहानियों और उपन्यासों में उन्होंने ग्रामीण जीवन का मर्मस्पर्शी चित्रण किया है। ‘बाबूजी’, ‘हरिहर काका’, ‘तिरिया जनम’, ‘चल खुसरो घर आपने’ जैसे उनके ग्यारह कहानी-संग्रहों और ‘झुनिया’, ‘प्रेम न बाड़ी ऊपजै’, ‘सुरंग में सुबह’ और ‘माटी कहे कुम्हार से’ जैसे छह उपन्यासों ने अपार प्रशंसा पाई है। कहानी और उपन्यास के अतिरिक्त उन्होंने आत्मकथा, लोक-साहित्य, बाल-साहित्य और विचार-साहित्य भी लिखा है। वे प्रेमचंद की परंपरा के कथाकार हैं। चालीस वर्ष से लगातार साहित्य-सृजन में संलग्न मिथिलेश्वर अखिल भारतीय मुक्तिबोध पुरस्कार, सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, यशपाल पुरस्कार, अमृत पुरस्कार और अखिल भारतीय वीरसिंह देव पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं। अभी हाल ही में उन्हें ग्यारह लाख रुपये की राशि का श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफ्को सम्मान भी प्राप्त हुआ है। 2003 से ‘मित्र’ नामक अनियतकालीन साहित्यिक पत्रिका के संपादक मिथिलेश्वर संप्रति वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा, बिहार में प्रोफ़ेसर, हिंदी विभाग के रूप में कार्यरत हैं।
#मिथिलेश्वर की कहानी
Author-Mithileshwer |
AudioStory
हिन्दी कहानी
स्वर सीमा सिंह
Kahani aur kahani vachan ati sundar
🙏❤️आपको धन्यवाद.
Shandar vachan
एक अच्छी उत्कृष्ट कहानी, आपकी प्रस्तुति संवेदनशील, निःशब्द दीदी🙏
प्यार और शुभाशीष विद्या. ❤️🌹
🌹👌👌👌👌
कहानी और वाचन दोनों ही बहुत सुंदर❤❤❤
स्नेहपूर्ण धन्यवाद।
Ye kahani sun Kar sardard hone laga.wakai stri ki jindgi aaj bhi knha badli hai.jnha ashikchha hai,wnha aaj.bhi.yahi halat hai.kuchh gharo me padhe likhe log hain fir bhi mentality isi kahani ke purush ki tarah hai.
Aapki aavaz aur khoobsoorat pathan pratyek kahani mein jaan daal dete hain aur unka sajeev chitran prastut karti hain aap ❤
Hindi sahitya mein sirf aapko hi sunti hun aur kisi ko sunne ka mann naheen karta
You are unique didi 🌹 keep going
स्नेहसिंचित कमेन्ट पढ़ कर सब थकान दूर हो जाती है लगता है श्रम सुफल हुआ..स्नेह आशीष।
Shandar vachan
बहुत ही अच्छी कहानी है।गांव की कूपृथा की कहानी है।
🙏🙏