राग मालकौन्स के कोमल निषाद की जगह जब निषाद शुद्ध का प्रयोग होता है तब राग चन्द्रकौन्स की उत्पत्ति होती है। इस राग में शुद्ध निषाद वातावरण पर प्रबल प्रभाव डालता है। और यहि इसे राग मालकौन्स से अलग करता है। जहाँ राग मालकौन्स एक गंभीर प्रकृति का राग है वहीँ राग चन्द्रकौन्स वातावरण पर व्यग्रता व तनाव युक्त प्रभाव डालता है। यह एक उत्तरांग प्रधान है। यह स्वर संगतियाँ राग चन्द्रकौन्स का रूप दर्शाती हैं - ,नि ,ध१ ,नि सा ; ग१ म ध१ नि सा' ; म ध१ म नि ; नि सा' ग' सा' नि सा' नि ; नि ध१ ; म ध१ नि ध१ म ; म ग१ म ; म ग१ सा ,नि ; सा ग१ म ग१ सा ; ,नि ,नि सा;. राग जाति औडव - औडव गायन वादन समय रात्रि का द्वितीय प्रहर ७ बजे से १० बजे तक आरोह अवरोह सा ग१ म ध१ नि सा' - सा' नि ध१ म ग१ म ग१ सा ,नि सा वादी स्वर मध्यम/षड्ज संवादी स्वर मध्यम/षड्ज
लाजवाब
वाह वाह पहली बार राग चंद्रकौंस मे उदयलाल जी माड़साब को सुनने का मौका मिला 👌👌👌🙏
धन्यवाद MCB❤️❤️
बहुत बढीया गायकि
Super
जय राधे कृष्ण.🙏
वाजी वाह गुरूजी आपको सत सत नमन
वास्तव मे mcb music आपकी वेबसाइट पर एक से बढ़कर एक भजन मिले जो मेने कभी नही सुने थे
Very beautiful
Vah
Jai shree krishna 🙏🙏🕉️🙏
नमन् जय जय 🙏🏻❤️🙏🏻
🌷 " जय श्री कृष्णा " 🌷
Sargam bhi dalo sir ji
Guru ji
Bhajan ka lyrics samajh me nahi aa Rahe hi kripa kar Bhajan ka lyrics do line jarur likh de
मालकोन्श तो सुना है ये चन्द्रकोन्श कहां से निकल पड़ा।
राग मालकौन्स के कोमल निषाद की जगह जब निषाद शुद्ध का प्रयोग होता है तब राग चन्द्रकौन्स की उत्पत्ति होती है। इस राग में शुद्ध निषाद वातावरण पर प्रबल प्रभाव डालता है। और यहि इसे राग मालकौन्स से अलग करता है। जहाँ राग मालकौन्स एक गंभीर प्रकृति का राग है वहीँ राग चन्द्रकौन्स वातावरण पर व्यग्रता व तनाव युक्त प्रभाव डालता है। यह एक उत्तरांग प्रधान है। यह स्वर संगतियाँ राग चन्द्रकौन्स का रूप दर्शाती हैं -
,नि ,ध१ ,नि सा ; ग१ म ध१ नि सा' ; म ध१ म नि ; नि सा' ग' सा' नि सा' नि ; नि ध१ ; म ध१ नि ध१ म ; म ग१ म ; म ग१ सा ,नि ; सा ग१ म ग१ सा ; ,नि ,नि सा;.
राग जाति
औडव - औडव
गायन वादन समय
रात्रि का द्वितीय प्रहर ७ बजे से १० बजे तक
आरोह अवरोह
सा ग१ म ध१ नि सा' - सा' नि ध१ म ग१ म ग१ सा ,नि सा
वादी स्वर
मध्यम/षड्ज
संवादी स्वर
मध्यम/षड्ज
Please is khajane ke notations banakar Music student ko sikhne ka moka dene ki kripa kare
,sadhu sadhu
kevl snget avag nhi hai