बाधक ग्रह फलित| ग्रह बाधक कब होते हैं? | Badhak Grah Results | When will planets become Badahk?

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  • เผยแพร่เมื่อ 25 ธ.ค. 2024

ความคิดเห็น • 6

  • @Habibi234-r4n
    @Habibi234-r4n 3 หลายเดือนก่อน +3

    Sahi bisleshan mam..aise hi pdf k form pe jyotish ka falit siddhant wa faldesh karna sikhaiyega

  • @nagendrashukla3775
    @nagendrashukla3775 3 หลายเดือนก่อน +3

    अति सुंदर व्याख्या ।

    • @DivyaJyotishYt
      @DivyaJyotishYt  3 หลายเดือนก่อน +1

      धन्यवाद

  • @sureshnigam9666
    @sureshnigam9666 3 หลายเดือนก่อน +2

    Badhak Rashi Hoti Hai Grah Nahi Khadesh Hona Chahiye

    • @DivyaJyotishYt
      @DivyaJyotishYt  3 หลายเดือนก่อน +2

      ज्योतिष में, 64वें नवमांश और 22वें द्रेष्काण को खर या खरेश कहा जाता है
      बाधक ग्रहों की स्थिति और परिस्थिति को जन्म कुंडली के फलित में ध्यान में रखा जाता है.
      बाधक ग्रह, कुंडली के अशुभ भावों के साथ मिलकर और भी ज़्यादा अशुभ हो जाते हैं.
      वहीं, बाधक ग्रह, शुभ ग्रहों के साथ मिलकर उनकी शुभता को भी कम कर सकते हैं.
      मेष, कर्क, तुला, और मकर लग्न के लिए एकादश भाव का स्वामी ग्रह बाधक होता है.
      वृषभ, सिंह, वृश्चिक, और कुंभ लग्न के लिए नवम भाव का स्वामी ग्रह बाधक होता है.
      मिथुन, कन्या, धनु, और मीन लग्न के लिए सप्तम भाव का स्वामी ग्रह बाधक होता है.