सही कहने की बहुत अच्छी कोशिश है आपकी। विद्यालयों मैं शिक्षकों की कमी है उस समस्या की तरफ किसी का ध्यान नहीं है। जो एक दो टीचर है अभी उनका भी सारा समय ऑनलाइन ऑफलाइन सूचनाए देने में जा रहा है।
प्राइवेट स्कूल सेलेक्टेड बच्चों को लेते हैं पढ़ाने के लिए, सरकारी स्कूल को रिजेक्टेड बच्चे मिलते है । प्राइवेट स्कूल के टीचर के पास पढ़ाने के अलावा कोई काम नहीं होता है वहीं सरकारी टीचर के पास पढ़ाने के साथ 72 काम होता है । किसी प्राइवेट स्कूल में भोजन बनते देखा है क्या ??? एक भण्डारे की व्यवस्था रोज टीचर करता है पूरी जवाबदेही के साथ।
हाजिरी का विरोध करने के बजाय पढ़ाने के अतिरिक्त 72 काम फालतू के है। अध्यापक पागल हो जाएगा। हेडमास्टर, इंचार्ज तो पागल हो जाएगा। शिक्षक को केवल पढ़ाई के लिए छोड़ा जाएगा। स्कूल में आनलाइन काम के लिए लिपिक रखा जाए।
एक मुख्यमंत्री थे अखिलेश यादव जिन्होंने शिक्षकों को सम्मान करने के लिए सभी अधिकारियों के लिए आदेश निकाला... अब देखो वर्तमान सरकार के शासन में अधिकारी शिक्षकों को अपमानित करने वाला आदेश रोज निकल रहे हैं.. जब हाई कोर्ट का निर्देश है कि सभी अधिकारी कर्मचारियों के बच्चे जब सरकारी विद्यालय में पढ़ेंगे तभी शैक्षिक स्तर पर सुधार होता है होगा तो इस आदेश का पालन क्यों नहीं कराया जा रहा है🤔
To kyu bhai tuition se kya apati hai. Jiske bas me hota hai wah ek nhi 4 tuition bache ko karwate hai. Ye sab complain aur kataaksh se acha hai ki aise apne aap ko banao ki tum bhi apne bacche ko bade se bade tuition karwawo
@@hariomgupta3618 देखो निजी विद्यालयों में पढ़ाने वाले लोग हों या शिक्षक से ईर्ष्या रखने वाली कोई भी प्रजाति,मुंह तो मत खुलवाओ वर्ना न मुंह छिपाने को जगह मिलेगी और न ही तर्क में टिकने की। 1 लाख प्रति बच्चा,किताबें स्कूल के मन की लेकर,शिक्षक एकदम best आइंस्टीन टाइप आईक्यू वाले,बस से लेकर एसी तक की सुविधाओं वाले प्राइवेट के बच्चे क्यों क्लास 1 से ही होम ट्यूशन और बाद में 9th के बच्चे मल्टीपल कोचिंग लेते दिखाई देते हैं???? इसका मतलब प्राइवेट वाले शिक्षक मन से पढ़ाते ही नहीं है और न ही वो योग्यता प्राइवेट के शिक्षक में हैं।आज प्राइवेट की जो दशा है वो ऐसे बेबस और अयोग्य शिक्षकों की वजह से है। और जो पेरेंट्स मुंह खोलकर बेसिक के शिक्षक को तराजू पर तौल रहे हैं न,अगर जरा सी बुद्धि लगाई होती और यह प्रश्न अपने प्राइवेट के शिक्षक या मैनेजमेंट से पूछा होता तो आपके बच्चे को कोचिंग लेने की जरूरत न पड़ती। वहां तो मुंह के दही और ग्लिसरोल सब कुछ जम जाता होगा न।इसलिए ज्ञान न दें अगर काउंटर कर दिया न तो 7 पीढ़ी तक कुतर्क ही करते फिरोगे। और ये दशा तुम्हारी तब है जब तुम्हारे प्राइवेट में तुम फिल्टर लगा के एडमिशन करते हो यानि जिसके मम्मी पापाजी ने पहले ही उसे ABCD से लेकर बुनियादी चीज़ें बता रखी होती हैं।हमारे यहां हम 0 से शुरू करते हैं हर बच्चे पर मेहनत करते हुए। शांति से अपना काम करो और शिक्षको के मुद्दे में ज्ञान न दो।अपना देखो और बच्चों पर लाखों खर्च कर के फिर से अगली ट्यूशन में भेजो भाई,3 बजने वाले हैं और ट्यूशन का टाइम भी हो रहा होगा न। Note _ एक चीज और स्पष्ट कर दूं कि हमारे बेसिक से हर साल कई बच्चे विद्याज्ञान परीक्षा,नवोदय विद्यालय में सेलेक्ट होते हैं और वो सिर्फ हमारे द्वारा दी गई स्कूली शिक्षा के दम पर ही,किसी कोचिंग के दम पर नहीं।
@@vivekradhe5917 accha ji… ye kanha se data nikal kar le aye ho ki private se aage log nhi nikle hai.😀😀😀 Tuition lagane k matlb ye nhi hota ki padhai nhi ho rhi hai esliye tuition lagaya hai. Tuition ek guidance ke liye lagaya jata hai ki school ke baad jo ghante bachte hai usme bhi koi ho padhane wala. School ke jagah ye bolte ki maa baap apne bache ko padhate to tuition ki jarurat nhi padti. Kyunki koi bhi baccha tuition school wale time me nhi jata jo ghar wale samay hota hai usme jata hai. Tuition ka rona mat roya kro. Tumhari chamta hai to 10 tuition lagao
Jab tablets diye ja rahe the tab muh mai dahi jama tha kya Jab tab mil gaya to recharge ko baat karane lage soche the maya aur akhilesh ki sarakaar hai jo aam bhi kha lege aur gudali bhi bech lege Ye yogi ko sarakaar hai jo nas nas janati hai mastaro ki
Jab tablets diye ja rahe the tab muh mai dahi jama tha kya Jab tab mil gaya to recharge ko baat karane lage soche the maya aur akhilesh ki sarakaar hai jo aam bhi kha lege aur gudali bhi bech lege Ye yogi ko sarakaar hai jo nas nas janati hai mastaro ki
आज स्थिति ये है कि जूनियर विद्यालयों में कुछ को छोड़कर पढ़ाने के लिए टीचर ही नहीं हैं, पूरे जिले और प्रदेश का यही हाल है। अधिकांश स्कूल ( 80% ) में 1 टीचर हैं, 15% स्कूल में 2 टीचर और शिर्क 5% जूनियर स्कूल ऐसे होंगे जहां पर 3 या उससे अधिक टीचर मिलेंगे और उसक ऊपर बहुत से ( 27 प्रकार ) विभागों का काम सौंप दिया गया है कि यदि टीचर घर पर इन 27 प्रकार के कामों को न करके केवल स्कूल में ही करे तो रोज परे दिन बच्चों को कुछ पढ़ा ही नहीं सकता है । ये है टीचर का काम और जो लोग एक शिक्षक पर अंगुली उठाते हैं उनको कुछ भी नहीं पता है कि एक शिक्षक की व्यथा क्या है ।
@@vermasalikram4021 देखो निजी विद्यालयों में पढ़ाने वाले लोग हों या शिक्षक से ईर्ष्या रखने वाली कोई भी प्रजाति,मुंह तो मत खुलवाओ वर्ना न मुंह छिपाने को जगह मिलेगी और न ही तर्क में टिकने की। 1 लाख प्रति बच्चा,किताबें स्कूल के मन की लेकर,शिक्षक एकदम best आइंस्टीन टाइप आईक्यू वाले,बस से लेकर एसी तक की सुविधाओं वाले प्राइवेट के बच्चे क्यों क्लास 1 से ही होम ट्यूशन और बाद में 9th के बच्चे मल्टीपल कोचिंग लेते दिखाई देते हैं???? इसका मतलब प्राइवेट वाले शिक्षक मन से पढ़ाते ही नहीं है और न ही वो योग्यता प्राइवेट के शिक्षक में हैं।आज प्राइवेट की जो दशा है वो ऐसे बेबस और अयोग्य शिक्षकों की वजह से है। और जो पेरेंट्स मुंह खोलकर बेसिक के शिक्षक को तराजू पर तौल रहे हैं न,अगर जरा सी बुद्धि लगाई होती और यह प्रश्न अपने प्राइवेट के शिक्षक या मैनेजमेंट से पूछा होता तो आपके बच्चे को कोचिंग लेने की जरूरत न पड़ती। वहां तो मुंह के दही और ग्लिसरोल सब कुछ जम जाता होगा न।इसलिए ज्ञान न दें अगर काउंटर कर दिया न तो 7 पीढ़ी तक कुतर्क ही करते फिरोगे। और ये दशा तुम्हारी तब है जब तुम्हारे प्राइवेट में तुम फिल्टर लगा के एडमिशन करते हो यानि जिसके मम्मी पापाजी ने पहले ही उसे ABCD से लेकर बुनियादी चीज़ें बता रखी होती हैं।हमारे यहां हम 0 से शुरू करते हैं हर बच्चे पर मेहनत करते हुए। शांति से अपना काम करो और शिक्षको के मुद्दे में ज्ञान न दो।अपना देखो और बच्चों पर लाखों खर्च कर के फिर से अगली ट्यूशन में भेजो भाई,3 बजने वाले हैं और ट्यूशन का टाइम भी हो रहा होगा न। Note _ एक चीज और स्पष्ट कर दूं कि हमारे बेसिक से हर साल कई बच्चे विद्याज्ञान परीक्षा,नवोदय विद्यालय में सेलेक्ट होते हैं और वो सिर्फ हमारे द्वारा दी गई स्कूली शिक्षा के दम पर ही,किसी कोचिंग के दम पर नहीं।
बहुत सुंदर वीडियो सरकार को अपनी नियत पर सुधार करना चाहिए चूंकि एक आदेश उच्च न्यायालय ने किया था कि सरकारी कर्मचारी अपने बच्चों को वही पढ़ायेगा तो इस आदेश को योगी जी लागू नहीं कर पाये साइ हग कर बैठ गये
@@jpsingh5710 देखो निजी विद्यालयों में पढ़ाने वाले लोग हों या शिक्षक से ईर्ष्या रखने वाली कोई भी प्रजाति,मुंह तो मत खुलवाओ वर्ना न मुंह छिपाने को जगह मिलेगी और न ही तर्क में टिकने की। 1 लाख प्रति बच्चा,किताबें स्कूल के मन की लेकर,शिक्षक एकदम best आइंस्टीन टाइप आईक्यू वाले,बस से लेकर एसी तक की सुविधाओं वाले प्राइवेट के बच्चे क्यों क्लास 1 से ही होम ट्यूशन और बाद में 9th के बच्चे मल्टीपल कोचिंग लेते दिखाई देते हैं???? इसका मतलब प्राइवेट वाले शिक्षक मन से पढ़ाते ही नहीं है और न ही वो योग्यता प्राइवेट के शिक्षक में हैं।आज प्राइवेट की जो दशा है वो ऐसे बेबस और अयोग्य शिक्षकों की वजह से है। और जो पेरेंट्स मुंह खोलकर बेसिक के शिक्षक को तराजू पर तौल रहे हैं न,अगर जरा सी बुद्धि लगाई होती और यह प्रश्न अपने प्राइवेट के शिक्षक या मैनेजमेंट से पूछा होता तो आपके बच्चे को कोचिंग लेने की जरूरत न पड़ती। वहां तो मुंह के दही और ग्लिसरोल सब कुछ जम जाता होगा न।इसलिए ज्ञान न दें अगर काउंटर कर दिया न तो 7 पीढ़ी तक कुतर्क ही करते फिरोगे। और ये दशा तुम्हारी तब है जब तुम्हारे प्राइवेट में तुम फिल्टर लगा के एडमिशन करते हो यानि जिसके मम्मी पापाजी ने पहले ही उसे ABCD से लेकर बुनियादी चीज़ें बता रखी होती हैं।हमारे यहां हम 0 से शुरू करते हैं हर बच्चे पर मेहनत करते हुए। शांति से अपना काम करो और शिक्षको के मुद्दे में ज्ञान न दो।अपना देखो और बच्चों पर लाखों खर्च कर के फिर से अगली ट्यूशन में भेजो भाई,3 बजने वाले हैं और ट्यूशन का टाइम भी हो रहा होगा न। Note _ एक चीज और स्पष्ट कर दूं कि हमारे बेसिक से हर साल कई बच्चे विद्याज्ञान परीक्षा,नवोदय विद्यालय में सेलेक्ट होते हैं और वो सिर्फ हमारे द्वारा दी गई स्कूली शिक्षा के दम पर ही,किसी कोचिंग के दम पर नहीं।
Jab tablets diye ja rahe the tab muh mai dahi jama tha kya Jab tab mil gaya to recharge ko baat karane lage soche the maya aur akhilesh ki sarakaar hai jo aam bhi kha lege aur gudali bhi bech lege Ye yogi ko sarakaar hai jo nas nas janati hai mastaro ki
@@Shashwat0422 कौन कहता है विरोध है टेबलेट का 10 साल से जो जो मांग हो रही पूरी नही करेंगे क्या व्यहारिकता मानवता कुछ है कि नही ।केवल आदेश निकाल दो उल्टे पुल्टे और मान लिया जाएगा।पूरी मांग करे राज्य कर्मचारी का दर्जा दें उसी के अनुसार लाभ दें ,उपस्थिति लें ।वैसे भी हर वर्ष 2 से 4 महीने सेल्फी तो जाती ही है।आप लोग बिना कुछ समझे बस अनर्गल आरोप लगा देते हो।ऐसा नही चलेगा।
@@Shashwat0422 टेबलेट का विरोध कौन बता दिया तुमको।विरोध तो टेबलेट के साथ उल्टा पुल्टा आदेश आया है उसका है।जिस दिन आदेश व्यहारिक हो जाएगा तुम अपनी आंखों से देखना ऑनलाइन उपस्थिति भी जाएगी देखते रहो बस।ये विभाग और उसके कर्मचारी के बीच का मामला है उसे सुलझा भी लेंगे और अटेंडेंस भी देंगे।
बहुत शानदार वीडियो बनाई है अध्यापक के सम्मान में आज पूरा समाज केवल हमको मिलने बाली वेतन से इतना अधिक कुढ़ता है की हद हो गई है पूरे समाज को सच्चा आइना दिखाती इस वीडियो बनाने वाले का साधुवाद
शिक्षकों के बच्चे भी अनिवार्य रूप से प्राथमिक विद्यालय में पढने चाहिए और शिक्षकों को चाहिए कि कभी प्राथमिक विद्यालय की दुर्दशा के लिए भी आंदोलन करना चाहिए।
जब हाई कोर्ट का निर्देश है कि सभी अधिकारी कर्मचारियों के बच्चे जब सरकारी विद्यालय में पढ़ेंगे तभी शैक्षिक स्तर पर सुधार होता है होगा तो इस आदेश का पालन क्यों नहीं कराया जा रहा है🤔 क्योंकि शिक्षकों को बहुउद्देशीय कर्मी बना दिया गया
@@jpsingh5710 kuch bhi bol lo lala virodh to biometric attendance ka he ho rha hai. 😄 baki mudde abhi yaad aye jab govt ne bola ki biometric lagayenge, to sab mudde dheere dheere yaad ane lage. Magar main mudda to yhi hai ki biometric nhi denge. 21 st century me log aisi baat kr rhe hai, waah re teacher😄😄😄.
@@raishaheb4710 बॉयोमेट्रिक और डिजिटल ।पहले अंतर सीख लो ।वैसे आपदा में अवसर जो लोग ढूंढ़ रहे है उनको क्या उनकी सात पुस्तों को अवसर न मिलेगा क्योंकि पढ़ाई में मन लगता नही ।वैसे काका जी ने बात अच्छे से रख दी है।
Thoda sa padh likh lete to thodi tameez aa jati, kya bolna hai aur kya nhi bolna hai. Such to yeh hai kbhi aapne teacher ki ijjat nhi ki to aaj kya kroge...isliye aaj bhikh maang rhe ho aur idhar udhar khakh maar rhe ho..@@raishaheb4710
@@raishaheb4710जिस तरह की तुम्हारे पास जानकारी है तुम्हें 5000 पर भी कोई न रखे, बायोमैट्रिक की तो बात ही नही है वो तो ज़माना ही चला गया, ये डिजिटल अटेंडेंस है जो ऐप पर लगती है और न तो ऐप सही चल रहा और चल भी रहा तो नेटवर्क नहीं,जिस बाढ़ वाले क्षेत्र में dm साहब ट्रैक्टर से दौरा कर रहे हैं क्योंकि गाड़ी और बाइक नही जा सकती वहां मास्टर बाइक से पहुचे वो भी टाइम से, टेबलेट दिया 3 gb ram और 32 gb एक्सटर्नल मेमोरी वाला जिसका जमाना 7 साल पहले चला गया ,ये चलता कम हैंग ज्यादा होता है कभी कभी तो ऑन ही नही होता ,कभी चार्ज नही होता ,चार्ज तब हो जब लाइट आये कई कई दिन लाइट नही आती। तो पहले जानकारी इकट्ठा करो, पढ़ लिख लो थोड़ा।नही तो कोई भी आके चार बात सुना के ही जाएगा।
Jab tablets diye ja rahe the tab muh mai dahi jama tha kya Jab tab mil gaya to recharge ko baat karane lage soche the maya aur akhilesh ki sarakaar hai jo aam bhi kha lege aur gudali bhi bech lege Ye yogi ko sarakaar hai jo nas nas janati hai mastaro ki ❤
सही कहने की बहुत अच्छी कोशिश है आपकी। विद्यालयों मैं शिक्षकों की कमी है उस समस्या की तरफ किसी का ध्यान नहीं है। जो एक दो टीचर है अभी उनका भी सारा समय ऑनलाइन ऑफलाइन सूचनाए देने में जा रहा है।
गुरुजनों का पक्ष रखने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद, मान्यवर
गुरुजनों का पक्ष रखने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद,,मान्यवर
#Uttarpradesh wale kaka aapka bahut bahut dhanyawad
कृपया हमारे इस चैनल को सपोर्ट करें हम समय-समय पर आम जनमानस के हित में वीडियो बनाते रहेंगे
बिल्कुल सही अध्यापकों के साथ यही तो होता आ रहा हैं, वीडियो बनाने वाले को बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
वाह, त्रिपाठी जी शानदार 👏🏻👏🏻
प्राइवेट स्कूल सेलेक्टेड बच्चों को लेते हैं पढ़ाने के लिए, सरकारी स्कूल को रिजेक्टेड बच्चे मिलते है । प्राइवेट स्कूल के टीचर के पास पढ़ाने के अलावा कोई काम नहीं होता है वहीं सरकारी टीचर के पास पढ़ाने के साथ 72 काम होता है ।
किसी प्राइवेट स्कूल में भोजन बनते देखा है क्या ??? एक भण्डारे की व्यवस्था रोज टीचर करता है पूरी जवाबदेही के साथ।
Right
Agreed
हाजिरी का विरोध करने के बजाय पढ़ाने के अतिरिक्त 72 काम फालतू के है। अध्यापक पागल हो जाएगा। हेडमास्टर, इंचार्ज तो पागल हो जाएगा। शिक्षक को केवल पढ़ाई के लिए छोड़ा जाएगा। स्कूल में आनलाइन काम के लिए लिपिक रखा जाए।
आपने वास्तविकता को बहुत अच्छे से चित्रित किया है। बहुत ही सरहनीय
हमारा सरपोर्ट करने के लिए आपका आभार 💐🙏 बहुत बढ़िया❤
आपके जागरूकता भरे सही वीडियो बनाने से समाज आपको धन्यवाद देगा तथा समाज जागरूक होगा।
तर्क पूर्ण अभिव्यक्ति
समाज की आँखे खोलने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
Kaka Ji ko dhanyvad Sahi baat bolane ke liye 👌🙏
बिलकुल सही बात काका अपने बिलकुल सही जवाब दिया।
प्राथमिक विद्यालय की मूल समस्या से बता कर आलोचनात्मक का मुंह बंद कर दिया
"आलोचनात्मक का मुँह" !! ऊ कैसा होता है माटसाब? मुझे भी देखना है।
एक मुख्यमंत्री थे अखिलेश यादव जिन्होंने शिक्षकों को सम्मान करने के लिए सभी अधिकारियों के लिए आदेश निकाला... अब देखो वर्तमान सरकार के शासन में अधिकारी शिक्षकों को अपमानित करने वाला आदेश रोज निकल रहे हैं..
जब हाई कोर्ट का निर्देश है कि सभी अधिकारी कर्मचारियों के बच्चे जब सरकारी विद्यालय में पढ़ेंगे तभी शैक्षिक स्तर पर सुधार होता है होगा तो इस आदेश का पालन क्यों नहीं कराया जा रहा है🤔
अति उत्तम ❤
बहुत सठीक विश्लेषण❤❤
सच्चाई परोसने के लिप बहुत-बहुत धन्यवाद...
Primary school ki jarurat he kya hai?👍👍👍👌👌👌👌👌👌👍👌👌👌👌👌👌👍👍👍👍
धन्यवाद आपका
इतनी गहराई तक हमारी बात समझने के लिए।🙏
काका जी आपके द्वारा बहुत ही सटीक तरह से जबाब दिया है।धन्यवाद।
प्राईवेट स्कूलो से तुलना करने वाले वहीं लोग हैं जो मोटी भारी भरकम फीस चुकाने के बाद अपने बच्चों को तेज बनाने के लिये ट्यूशन भेजते हैं।
To kyu bhai tuition se kya apati hai. Jiske bas me hota hai wah ek nhi 4 tuition bache ko karwate hai. Ye sab complain aur kataaksh se acha hai ki aise apne aap ko banao ki tum bhi apne bacche ko bade se bade tuition karwawo
@@hariomgupta3618 देखो निजी विद्यालयों में पढ़ाने वाले लोग हों या शिक्षक से ईर्ष्या रखने वाली कोई भी प्रजाति,मुंह तो मत खुलवाओ वर्ना न मुंह छिपाने को जगह मिलेगी और न ही तर्क में टिकने की।
1 लाख प्रति बच्चा,किताबें स्कूल के मन की लेकर,शिक्षक एकदम best आइंस्टीन टाइप आईक्यू वाले,बस से लेकर एसी तक की सुविधाओं वाले प्राइवेट के बच्चे क्यों क्लास 1 से ही होम ट्यूशन और बाद में 9th के बच्चे मल्टीपल कोचिंग लेते दिखाई देते हैं????
इसका मतलब प्राइवेट वाले शिक्षक मन से पढ़ाते ही नहीं है और न ही वो योग्यता प्राइवेट के शिक्षक में हैं।आज प्राइवेट की जो दशा है वो ऐसे बेबस और अयोग्य शिक्षकों की वजह से है।
और जो पेरेंट्स मुंह खोलकर बेसिक के शिक्षक को तराजू पर तौल रहे हैं न,अगर जरा सी बुद्धि लगाई होती और यह प्रश्न अपने प्राइवेट के शिक्षक या मैनेजमेंट से पूछा होता तो आपके बच्चे को कोचिंग लेने की जरूरत न पड़ती।
वहां तो मुंह के दही और ग्लिसरोल सब कुछ जम जाता होगा न।इसलिए ज्ञान न दें अगर काउंटर कर दिया न तो 7 पीढ़ी तक कुतर्क ही करते फिरोगे।
और ये दशा तुम्हारी तब है जब तुम्हारे प्राइवेट में तुम फिल्टर लगा के एडमिशन करते हो यानि जिसके मम्मी पापाजी ने पहले ही उसे ABCD से लेकर बुनियादी चीज़ें बता रखी होती हैं।हमारे यहां हम 0 से शुरू करते हैं हर बच्चे पर मेहनत करते हुए।
शांति से अपना काम करो और शिक्षको के मुद्दे में ज्ञान न दो।अपना देखो और बच्चों पर लाखों खर्च कर के फिर से अगली ट्यूशन में भेजो भाई,3 बजने वाले हैं और ट्यूशन का टाइम भी हो रहा होगा न।
Note _ एक चीज और स्पष्ट कर दूं कि हमारे बेसिक से हर साल कई बच्चे विद्याज्ञान परीक्षा,नवोदय विद्यालय में सेलेक्ट होते हैं और वो सिर्फ हमारे द्वारा दी गई स्कूली शिक्षा के दम पर ही,किसी कोचिंग के दम पर नहीं।
Private me pdhai hoti to tuition ki jrurt nhi kbhi nhi pdti .jitne bhi log aage nikle h vo sb govt.scl k hi nikle hue h
@@vivekradhe5917 accha ji… ye kanha se data nikal kar le aye ho ki private se aage log nhi nikle hai.😀😀😀
Tuition lagane k matlb ye nhi hota ki padhai nhi ho rhi hai esliye tuition lagaya hai. Tuition ek guidance ke liye lagaya jata hai ki school ke baad jo ghante bachte hai usme bhi koi ho padhane wala.
School ke jagah ye bolte ki maa baap apne bache ko padhate to tuition ki jarurat nhi padti. Kyunki koi bhi baccha tuition school wale time me nhi jata jo ghar wale samay hota hai usme jata hai. Tuition ka rona mat roya kro. Tumhari chamta hai to 10 tuition lagao
Jab tablets diye ja rahe the tab muh mai dahi jama tha kya
Jab tab mil gaya to recharge ko baat karane lage soche the maya aur akhilesh ki sarakaar hai jo aam bhi kha lege aur gudali bhi bech lege
Ye yogi ko sarakaar hai jo nas nas janati hai mastaro ki
बहिष्कार नहीं माँग पूरी हो बस और बहुत सही विश्लेषण के लिए धन्यबाद 🙏
बहुत सही काका🎉🎉
प्रावि के अध्यापक सबके निगाह में खरक रहे हैं काका ।
बहुत अच्छा बीडियो
Jab tablets diye ja rahe the tab muh mai dahi jama tha kya
Jab tab mil gaya to recharge ko baat karane lage soche the maya aur akhilesh ki sarakaar hai jo aam bhi kha lege aur gudali bhi bech lege
Ye yogi ko sarakaar hai jo nas nas janati hai mastaro ki
आज स्थिति ये है कि जूनियर विद्यालयों में कुछ को छोड़कर पढ़ाने के लिए टीचर ही नहीं हैं, पूरे जिले और प्रदेश का यही हाल है।
अधिकांश स्कूल ( 80% ) में 1 टीचर हैं, 15% स्कूल में 2 टीचर और शिर्क 5% जूनियर स्कूल ऐसे होंगे जहां पर 3 या उससे अधिक टीचर मिलेंगे और उसक ऊपर बहुत से ( 27 प्रकार ) विभागों का काम सौंप दिया गया है कि यदि टीचर घर पर इन 27 प्रकार के कामों को न करके केवल स्कूल में ही करे तो रोज परे दिन बच्चों को कुछ पढ़ा ही नहीं सकता है ।
ये है टीचर का काम और जो लोग एक शिक्षक पर अंगुली उठाते हैं उनको कुछ भी नहीं पता है कि एक शिक्षक की व्यथा क्या है ।
@@vermasalikram4021 देखो निजी विद्यालयों में पढ़ाने वाले लोग हों या शिक्षक से ईर्ष्या रखने वाली कोई भी प्रजाति,मुंह तो मत खुलवाओ वर्ना न मुंह छिपाने को जगह मिलेगी और न ही तर्क में टिकने की।
1 लाख प्रति बच्चा,किताबें स्कूल के मन की लेकर,शिक्षक एकदम best आइंस्टीन टाइप आईक्यू वाले,बस से लेकर एसी तक की सुविधाओं वाले प्राइवेट के बच्चे क्यों क्लास 1 से ही होम ट्यूशन और बाद में 9th के बच्चे मल्टीपल कोचिंग लेते दिखाई देते हैं????
इसका मतलब प्राइवेट वाले शिक्षक मन से पढ़ाते ही नहीं है और न ही वो योग्यता प्राइवेट के शिक्षक में हैं।आज प्राइवेट की जो दशा है वो ऐसे बेबस और अयोग्य शिक्षकों की वजह से है।
और जो पेरेंट्स मुंह खोलकर बेसिक के शिक्षक को तराजू पर तौल रहे हैं न,अगर जरा सी बुद्धि लगाई होती और यह प्रश्न अपने प्राइवेट के शिक्षक या मैनेजमेंट से पूछा होता तो आपके बच्चे को कोचिंग लेने की जरूरत न पड़ती।
वहां तो मुंह के दही और ग्लिसरोल सब कुछ जम जाता होगा न।इसलिए ज्ञान न दें अगर काउंटर कर दिया न तो 7 पीढ़ी तक कुतर्क ही करते फिरोगे।
और ये दशा तुम्हारी तब है जब तुम्हारे प्राइवेट में तुम फिल्टर लगा के एडमिशन करते हो यानि जिसके मम्मी पापाजी ने पहले ही उसे ABCD से लेकर बुनियादी चीज़ें बता रखी होती हैं।हमारे यहां हम 0 से शुरू करते हैं हर बच्चे पर मेहनत करते हुए।
शांति से अपना काम करो और शिक्षको के मुद्दे में ज्ञान न दो।अपना देखो और बच्चों पर लाखों खर्च कर के फिर से अगली ट्यूशन में भेजो भाई,3 बजने वाले हैं और ट्यूशन का टाइम भी हो रहा होगा न।
Note _ एक चीज और स्पष्ट कर दूं कि हमारे बेसिक से हर साल कई बच्चे विद्याज्ञान परीक्षा,नवोदय विद्यालय में सेलेक्ट होते हैं और वो सिर्फ हमारे द्वारा दी गई स्कूली शिक्षा के दम पर ही,किसी कोचिंग के दम पर नहीं।
Agreed
Very nice video thank you kaka
Good video
Shikshàkon ki mange manvane ke liye bhi logon ko bolna chahiye
Shikshàkon ka samarthan karna chahiye
Bahut hi sundar pradrshan 👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻
Great massage
क्या बात है...
बहुत सुंदर जवाब
Thank you bahut sahi
बहुत धन्यबाद ,सच्चाई रखने के लिये
Thanks for your support for teacher
आपका प्यार ही मोटिवेशन है, शिक्षा के क्षेत्र में सुधार होना ही चाहिए।
Achha vedio🎉
बहुत सुंदर वीडियो सरकार को अपनी नियत पर सुधार करना चाहिए चूंकि एक आदेश उच्च न्यायालय ने किया था कि सरकारी कर्मचारी अपने बच्चों को वही पढ़ायेगा तो इस आदेश को योगी जी लागू नहीं कर पाये साइ हग कर बैठ गये
सुंदर प्रस्तुति
यूट्यूब के दस हजारी क्लब में शामिल होने के लिए मेरी ओर से आप को बहुत बहुत बधाई। समसामयिक विषयों को लगातार उठाते रहिए, लोगों का भरपूर समर्थन मिलेगा।
धन्यवाद गुरु देव 🙏🙏
सच्चाई से अवगत कराने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
स्कूल टाइम के बाद भी तैयारी कराया जाता है लेकिन उसको कोई नहीं बताता है
बहुत अच्छा
Last me badiya solution diya
धन्यवाद काका आपने इनको सच्चाई से अवगत करवाया।
काका जी समस्याओं पर ध्यान दिया धन्यवाद।अगर प्राइवेट में दरी बिछवा दो कूलर ac हटवा दो ,कुरसी मेज हटवा दो फिर सब लोग करें तुलना
@@jpsingh5710 देखो निजी विद्यालयों में पढ़ाने वाले लोग हों या शिक्षक से ईर्ष्या रखने वाली कोई भी प्रजाति,मुंह तो मत खुलवाओ वर्ना न मुंह छिपाने को जगह मिलेगी और न ही तर्क में टिकने की।
1 लाख प्रति बच्चा,किताबें स्कूल के मन की लेकर,शिक्षक एकदम best आइंस्टीन टाइप आईक्यू वाले,बस से लेकर एसी तक की सुविधाओं वाले प्राइवेट के बच्चे क्यों क्लास 1 से ही होम ट्यूशन और बाद में 9th के बच्चे मल्टीपल कोचिंग लेते दिखाई देते हैं????
इसका मतलब प्राइवेट वाले शिक्षक मन से पढ़ाते ही नहीं है और न ही वो योग्यता प्राइवेट के शिक्षक में हैं।आज प्राइवेट की जो दशा है वो ऐसे बेबस और अयोग्य शिक्षकों की वजह से है।
और जो पेरेंट्स मुंह खोलकर बेसिक के शिक्षक को तराजू पर तौल रहे हैं न,अगर जरा सी बुद्धि लगाई होती और यह प्रश्न अपने प्राइवेट के शिक्षक या मैनेजमेंट से पूछा होता तो आपके बच्चे को कोचिंग लेने की जरूरत न पड़ती।
वहां तो मुंह के दही और ग्लिसरोल सब कुछ जम जाता होगा न।इसलिए ज्ञान न दें अगर काउंटर कर दिया न तो 7 पीढ़ी तक कुतर्क ही करते फिरोगे।
और ये दशा तुम्हारी तब है जब तुम्हारे प्राइवेट में तुम फिल्टर लगा के एडमिशन करते हो यानि जिसके मम्मी पापाजी ने पहले ही उसे ABCD से लेकर बुनियादी चीज़ें बता रखी होती हैं।हमारे यहां हम 0 से शुरू करते हैं हर बच्चे पर मेहनत करते हुए।
शांति से अपना काम करो और शिक्षको के मुद्दे में ज्ञान न दो।अपना देखो और बच्चों पर लाखों खर्च कर के फिर से अगली ट्यूशन में भेजो भाई,3 बजने वाले हैं और ट्यूशन का टाइम भी हो रहा होगा न।
Note _ एक चीज और स्पष्ट कर दूं कि हमारे बेसिक से हर साल कई बच्चे विद्याज्ञान परीक्षा,नवोदय विद्यालय में सेलेक्ट होते हैं और वो सिर्फ हमारे द्वारा दी गई स्कूली शिक्षा के दम पर ही,किसी कोचिंग के दम पर नहीं।
Jab tablets diye ja rahe the tab muh mai dahi jama tha kya
Jab tab mil gaya to recharge ko baat karane lage soche the maya aur akhilesh ki sarakaar hai jo aam bhi kha lege aur gudali bhi bech lege
Ye yogi ko sarakaar hai jo nas nas janati hai mastaro ki
@@Shashwat0422 कौन कहता है विरोध है टेबलेट का 10 साल से जो जो मांग हो रही पूरी नही करेंगे क्या व्यहारिकता मानवता कुछ है कि नही ।केवल आदेश निकाल दो उल्टे पुल्टे और मान लिया जाएगा।पूरी मांग करे राज्य कर्मचारी का दर्जा दें उसी के अनुसार लाभ दें ,उपस्थिति लें ।वैसे भी हर वर्ष 2 से 4 महीने सेल्फी तो जाती ही है।आप लोग बिना कुछ समझे बस अनर्गल आरोप लगा देते हो।ऐसा नही चलेगा।
@@Shashwat0422 टेबलेट का विरोध कौन बता दिया तुमको।विरोध तो टेबलेट के साथ उल्टा पुल्टा आदेश आया है उसका है।जिस दिन आदेश व्यहारिक हो जाएगा तुम अपनी आंखों से देखना ऑनलाइन उपस्थिति भी जाएगी देखते रहो बस।ये विभाग और उसके कर्मचारी के बीच का मामला है उसे सुलझा भी लेंगे और अटेंडेंस भी देंगे।
जिसको आप जवाब दे रहे उनकी सोच ऐसी है जो जवाब देने के लायक भी नहीं और यकीन जानिए ये खुद कोई बेरोजगार होगा😂@@jpsingh5710
Bahut shi
Jabardast zindabad apne girebaan me koi nahi jhankta
Very nice ❤
बहुत शानदार वीडियो बनाई है
अध्यापक के सम्मान में
आज पूरा समाज केवल हमको मिलने बाली वेतन से इतना अधिक कुढ़ता है
की हद हो गई है
पूरे समाज को सच्चा आइना दिखाती इस वीडियो बनाने वाले का साधुवाद
Very good 😊
Very good 👍
Bahut accha explain Kiya aapne
एकदम उचित बिन्दु कहा गया इस वीडियो, जो नहीं पढ़ाता है अपने बच्चों को वही अधिक शिकायत होती है सरकारी स्कूल के शिक्षकों से,
बिल्कुल सही बात कही आप लोगों ने..
बहुत ही सुन्दर बात कही आपने🙏
Apka aabhar apne hame samjha to sahi
शानदार प्रस्तुति।।
बहुत खूब भाई साहब❤❤❤❤
True story . Well said
जो बच्चा प्राथमिक विद्यालय में साल -दो साल पढ़कर तेज हो जाता है ।अभिभावक उसे प्राइवेट विद्यालय पढ़ने भेज देता है।
अधूरे ज्ञान के साथ चर्चा ठीक नही, काका सही कह रहे है
आपने सच्चाई दिखा रहे,हम आनलाइन हाजिरी खिलाफ नहीं पर सरकार हमारी भी तो सुने।
Bahut badhiya kaka in murkho ko achchha samajhaya😅
Wah kaka wah gajab ka darsan
एकदम सही ❤
Bahut bahut dhanyawad 🙏
❤❤
बहुत खूब 👌👌
समाज को आइना दिखाने के लिए धन्यवाद
Shandar prastuti 🎉
सराहनीय कार्य
very good brother
Jio kaka lot of thanks
शिक्षकों के बच्चे भी अनिवार्य रूप से प्राथमिक विद्यालय में पढने चाहिए और शिक्षकों को चाहिए कि कभी प्राथमिक विद्यालय की दुर्दशा के लिए भी आंदोलन करना चाहिए।
जब हाई कोर्ट का निर्देश है कि सभी अधिकारी कर्मचारियों के बच्चे जब सरकारी विद्यालय में पढ़ेंगे तभी शैक्षिक स्तर पर सुधार होता है होगा तो इस आदेश का पालन क्यों नहीं कराया जा रहा है🤔 क्योंकि शिक्षकों को बहुउद्देशीय कर्मी बना दिया गया
@@rasmalairajbhog6039
कम से कम गुरु जी लोगों के अंदर इतनी नैतिकता तो होनी ही चाहिए कि वे स्वयं ही अपने बच्चों को प्राथमिक विद्यालय में भेजे।
Basic Teachers ka paksha dikhane hetu dhanyawad.
बहुत ही तार्किक तरीके से पक्ष प्रस्तुत किया है
Gajab truth
Bahut sundar kaha hai kaka ne.
Nice❤
Good
Wah kaka ji
Lekhpal ko sahi sahi jawab diya
Thanku you kaka
अटेंडेंस का विरोध नही किया जा रहा।केवल मात्र विभाग से मांगे हैं पूरी हो जाएगी तो अटेंडस मुस्कुराते हुए।
@@jpsingh5710 kuch bhi bol lo lala virodh to biometric attendance ka he ho rha hai. 😄 baki mudde abhi yaad aye jab govt ne bola ki biometric lagayenge, to sab mudde dheere dheere yaad ane lage. Magar main mudda to yhi hai ki biometric nhi denge. 21 st century me log aisi baat kr rhe hai, waah re teacher😄😄😄.
@@raishaheb4710 बॉयोमेट्रिक और डिजिटल ।पहले अंतर सीख लो ।वैसे आपदा में अवसर जो लोग ढूंढ़ रहे है उनको क्या उनकी सात पुस्तों को अवसर न मिलेगा क्योंकि पढ़ाई में मन लगता नही ।वैसे काका जी ने बात अच्छे से रख दी है।
Thoda sa padh likh lete to thodi tameez aa jati, kya bolna hai aur kya nhi bolna hai.
Such to yeh hai kbhi aapne teacher ki ijjat nhi ki to aaj kya kroge...isliye aaj bhikh maang rhe ho aur idhar udhar khakh maar rhe ho..@@raishaheb4710
@@raishaheb4710जिस तरह की तुम्हारे पास जानकारी है तुम्हें 5000 पर भी कोई न रखे, बायोमैट्रिक की तो बात ही नही है वो तो ज़माना ही चला गया, ये डिजिटल अटेंडेंस है जो ऐप पर लगती है और न तो ऐप सही चल रहा और चल भी रहा तो नेटवर्क नहीं,जिस बाढ़ वाले क्षेत्र में dm साहब ट्रैक्टर से दौरा कर रहे हैं क्योंकि गाड़ी और बाइक नही जा सकती वहां मास्टर बाइक से पहुचे वो भी टाइम से, टेबलेट दिया 3 gb ram और 32 gb एक्सटर्नल मेमोरी वाला जिसका जमाना 7 साल पहले चला गया ,ये चलता कम हैंग ज्यादा होता है कभी कभी तो ऑन ही नही होता ,कभी चार्ज नही होता ,चार्ज तब हो जब लाइट आये कई कई दिन लाइट नही आती।
तो पहले जानकारी इकट्ठा करो, पढ़ लिख लो थोड़ा।नही तो कोई भी आके चार बात सुना के ही जाएगा।
Jab tablets diye ja rahe the tab muh mai dahi jama tha kya
Jab tab mil gaya to recharge ko baat karane lage soche the maya aur akhilesh ki sarakaar hai jo aam bhi kha lege aur gudali bhi bech lege
Ye yogi ko sarakaar hai jo nas nas janati hai mastaro ki ❤
जय हो
बहुत सुंदर
Thanks kaka❤
Welcome 😊
Thank you kaka
Welcome 😊
रेलवे भी अपनी सम्पत्ति है जेब काटने के लिए नहीं है
Sahi parstuti
Ekadam Sahi baat kahi hai
Badnam kr diye gye h school... Ab bachche b bhagte h...
Nice
Bharat ki pahli mahila adhyapika Jyoti Bai fule jinhone bahut Sangharsh kiya tha
एक यथार्थ विश्लेषण
गज्जब पूरी हकीकत बयां कर डाली
जो जितना गलत होता है वह उतना ही अध्यापक को बुरा बनाता है ।एक जाहिल भी भरपूर टीका टिप्पणी करता है ।
100%
वाह वाह वाह,पूरी तरह हकीकत को बयां कर रहा है आपका ये वीडियो
लेखपाल साहब घुस के लिए नहीं बेतन के लिए आमे हो
धन्यवाद