न जाने यह खुदा की कैसी खुदाई है खुशी के माहौल में भी जो आँख सबकी भर आई है संभाले संभलते नहीं जज्बात जब हो रही एक बेटी की विदाई है वर्षों से जो थी अपनी, पल भर में हुई वो पराई है लम्हा है वो ऐसा जैसे साँसों की जिस्म से जुदाई है संभाले संभलते नहीं जज्बात जब हो रही एक बेटी की विदाई है. नूर थी जिन आँखों का अब उन्हीं की तनहाई है बाबुल के अंगना से चिड़िया की हो रही रिहाई है संभाले संभलते नहीं जज़्बात जब हो रही एक बेटी कि विदाई है 😢😢
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Got emotional 🥹
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न जाने यह खुदा की कैसी खुदाई है खुशी के माहौल में भी जो आँख सबकी भर आई है संभाले संभलते नहीं जज्बात जब हो रही एक बेटी की विदाई है
वर्षों से जो थी अपनी, पल भर में हुई वो पराई है
लम्हा है वो ऐसा जैसे साँसों की जिस्म से जुदाई है
संभाले संभलते नहीं जज्बात जब हो रही एक बेटी की विदाई है.
नूर थी जिन आँखों का अब उन्हीं की तनहाई है बाबुल के अंगना से चिड़िया की हो रही रिहाई है संभाले संभलते नहीं जज़्बात जब हो रही एक बेटी कि विदाई है 😢😢
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