किसी भी परिस्थिति का सामना किया जा सकता है

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  • เผยแพร่เมื่อ 6 ต.ค. 2024
  • किसी भी परिस्थिति का सामना किया जा सकता है #motivation,आज मैं आपको एक ऐसे इंसान से मिलवा रहा हूं इसकी कहानी सुनने के बाद आपको अपनी सारी शिकायतें छोटी लगने लगेंगी निजबुज किक एक दुर्लभ विकार के कारण बिना हाथ और पैरों के पैदा हुए थे उन्होंने कभी अपने जीवन से हार ईश्वर से जो हमें से मांगेगा वह प्राप्त हो जाता है हमेशा औरों की तरह जिंदगी जीने की कोशिश करते रहे इस वीडियो में हम जानेंगे किस प्रकार उन्होंने अपनी आत्म जागरूकता के कारण अपने दोनों पैर और दोनों हाथ न होने की कमजोरी को ताकत बनाया और एक सफल जीवन जी रहे है
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    • किसी भी परिस्थिति का स... / @kdgclasses
    चलने की कोशिश तो करो दिशाएं बहुत हैं रास्ते पर बिखरे कांटों से ना डरो आपके साथ दुआएं बहुत है, 18 वर्ष का राजू जिसके मन में यह विश्वास हमेशा रहता था कि ईश्वर से जो हम मांगेगा वह प्राप्त हो जाता है इसका कारण उसके मम्मी पापा का ईश्वर के प्रति आस्था एवं विश्वास जिसको राजू ने अपने बचपन से ही घर पर सीखा था परंतु उसकी परवरिश बेहद गरीब घर में हुई थी एक बार में किसी मॉल में गया वहां उसने जूते की कीमत पूछिए जिसकी कीमत ₹3000 थी वह घर पर आकर अपने मन में यह विश्वास ईश्वर के प्रति प्रार्थना करने लगा ईश्वर मुझे ऐसे जूते दिलवा दो अब वह सुबह शाम ईश्वर से प्रार्थना करने लगा है भगवान मुझे ₹3000 वाले जूते दिलवा दो एक माह तक लगातार सुबह-शाम उसकी प्रार्थना से जब उसे जूते नहीं मिले तो उसे ईश्वर पर बड़ा गुस्सा आया वह जोर-जोर से कहने लगा कि ईश्वर में कोई शक्ति नहीं होती वह केवल पत्थर के समान ही है ऐसा कहकर उसने मूर्ति को फेंक दिया और वह अपने घर से बाहर निकल गया रास्ते में बरामदे में बैठा हुआ इंसान अखबार पढ़ रहा था और खूब जोर से हंस रहा था राजू को लगा हुआ मेरे ऊपर हंस रहा है परंतु जैसे ही अखबार हटाया उस आदमी के दोनों ही पैर नहीं थे तब उसे अचानक ईश्वर की याद आई और उसके मुंह से निकला अरे इस आदमी के तो दोनों पैर ही नहीं है फिर भी खुशी पूर्वक रह रहा है तब उसे समझ में आया कि मैं ईश्वर को भला बुरा कह रहा हू ईश्वर ने तो मुझे दोनों पैर भी दिए हैं हम सबको ईश्वर के लिए कृतज्ञता और उनका आभार मानना चाहिए हमे हमेशा शिकायत रहती है कि मेरे पास पर्याप्त धन नहीं ,मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं, मेरे पास समय नहीं, मेरे पास अच्छे दोस्त नहीं, मेरा परिवार अच्छा नहीं इत्यादि मैं आपको एक ऐसे इंसान से मिलवा रहा हूं जिसकी कहानी सुनने के बाद आपकी सारी शिकायत छोटी लगने लगेंगे निजवुजिकिक जन्मके साथ हुआ यह एक दुर्लभ विकार था इस विकार के कारण वह बिना हाथ पैर के पैदा हुआ था आज भी निजबुजकिक अपना जीवन बिना हाथ पैरों के जी रहे हैं हाथ पैरों के बिना प्रारंभिक जीवन बिताना उनके लिए काफी मुश्किल था बचपन से उन्होंने काफी शारीरिक चुनौतियों का सामना किया लेकिन उन्होंने इस विकार से हार नहीं मानी और हमेशा औरों की तरह जिंदगी को जीने की कोशिश करते रहे उन्होंने अपने जीवन के बारे में प्रश्न किया और उन्हें उनके जीवन का उद्देश्य का पता चल गया था तब उन्हें एहसास हुआ कि वह अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बना सकते हैं और दूसरों में नई ऊर्जा का संचार करने में मदद कर सकते हैं अपनी आंतरिक क्षमताओं का एहसास के साथ यह संदेश वह दूसरों को देने लगे कि आत्मविश्वास, सकारात्मक मानसिकता के द्वारा हम प्रकृति में किसी भी स्थिति का सामना कर सकते हैं और अपनी जिंदगी को सफल बनाया जा सकता है दूसरों के सामने अपना संजीव उदाहरण प्रस्तुत कर सबको सफलता का संदेश दे रहे हैं वे अपने प्रेरणादायक ऊर्जावान संदेशों के द्वारा दूसरों में प्रेरणा उत्पन्न करने का कार्य कर रहे हैं मेरा मानना है यह कहानी सुनाने के बाद आप अपने जीवन से निराश होना छोड़ देंगे इंसान की जिंदगी में कभी ना कभी कठिनाई तो आती हैं और इंसान इतना कमजोर होता है कि लड़ने से पहले ही हार जाता है लेकिन आज इस कहानी में उनके अटूट विश्वास हम सबको एक प्रेरणा का संदेश दे रहा है कि जीवन में असंभव कुछ भी नहीं जिंदगी द्वारा दी गई हर चीज को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए चाहे वह मुश्किल क्यों ना हो मुश्किलें ही वह सीड़िया है जिन पर चढ़कर जिंदगी में कामयाबी और खुशी मिलती है
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