कृष्ण के बगैर राधा अधूरी है। और राधा के बगैर कृष्ण। भाई हमारा धर्म संस्कार और शालीन जीवनी को ही तो मजबूत करेंगे। गुरुदेव आप के हर एक प्रश्नों का जवाब देने के लिए मजबूर नहीं। अपने सनातन संस्कृति को गौरवान्वित करने के लिए जो वातावरण बना रहें हैं बहुत प्रशंसनीय है।
इस श्रीवास्तव को कहां से बैठा दिए प्रभु।ए केवल बातूनी है हकिकत कुछ और ही होगा।ए धर्म विरोधी है, इसको धार्मिक डिबेट में क्या समझ आएगा।ए भावनाओं को सदैव भड़काने का काम करता है।
जब जिस समय काल में जो उदाहरण फिट बैठता हो तो, उस उदाहरण को प्रस्तुत करना ही,प्रचन को सकारात्मक संदेश प्रस्तुत कर सकता है।गुरूदेव बहुत सुंदर 🙏🙏
धार्मिक व्यक्ति समाज को साकाहार के तरफ़ ही लेकर जाएगा,जिस भोजन में शांति हो उग्रता नहीं।
I Like for aniruddhacharya ji Maharaj.
कृष्ण के बगैर राधा अधूरी है। और राधा के बगैर कृष्ण। भाई हमारा धर्म संस्कार और शालीन जीवनी को ही तो मजबूत करेंगे। गुरुदेव आप के हर एक प्रश्नों का जवाब देने के लिए मजबूर नहीं। अपने सनातन संस्कृति को गौरवान्वित करने के लिए जो वातावरण बना रहें हैं बहुत प्रशंसनीय है।
अरे हमारे भारतीय संस्कृति परंपरा में विश्वास रखने वाले हमारे हिन्दुस्तानी मुस्लिम को गले ही नहीं लगाएंगे बल्कि उसके कदमों में क़दम मिलाकर चलेंगे भी।
भागवत में चाणक्य नीति का घुसाना नहीं चाहिए।
इस श्रीवास्तव को कहां से बैठा दिए प्रभु।ए केवल बातूनी है हकिकत कुछ और ही होगा।ए धर्म विरोधी है, इसको धार्मिक डिबेट में क्या समझ आएगा।ए भावनाओं को सदैव भड़काने का काम करता है।
Ye panel main oversmart kyu laye ho