বাস্তুযাগের সমস্ত পূজা,হোম সম্পূর্ণ হয়ে যাবার পর, ওই একাশীতি পদ বাস্তুমণ্ডলটি এবং চারপাশের ওই ঘটগুলি কতদিন ওখানে থাকবে? ওই মণ্ডলটি এবং ওই ঘটগুলি ওখান থেকে কতদিন পর তোলা হবে? জানালে উপকৃত হব। 🙏
নুতন ইটএ হলুদ মাখিয়ে পুতুল অঙ্কন করে একটি সুতায় হলুদ মাখিয়ে অর্ঘ্য বানিয়ে বেঁধে বাস্তু বেদীতে রাখতে হয় এবং পূজা আনতে সেটি অগ্নি কোণে পূজা করে স্থাপন করা হয় ।।
गुरु जी मेरे घर में मेरे जन्म से आगे माता दक्षिण काली की पुजा सेवा चित्र पटृ में होता था मेरे पिता और दादा जी के गुरु अलग अलग थे जिनका देहावसान हो गया था। मेरे पिता जी हीं हैं जिन्होंने कुछ पुजा सिखाया है और कुछ में आपके चैनल के माध्यम से सिख रहा हूं। किंतु में शक्ति मंत्र से दिक्षित नहीं हूं ना कोई गुरु हीं मिल पा रहे हैं। आप क्या मुझे दिक्षा अविशेक दिलवा सकते हैं किसी काली कुल शाक्त तांत्रिक गुरु से। नहीं तो कभी अधिकारी नहीं बन सकता माता के पुजा के लिए।😢
Very nice 🙏
বাস্তুযাগের সমস্ত পূজা,হোম সম্পূর্ণ হয়ে যাবার পর, ওই একাশীতি পদ বাস্তুমণ্ডলটি এবং চারপাশের ওই ঘটগুলি কতদিন ওখানে থাকবে?
ওই মণ্ডলটি এবং ওই ঘটগুলি ওখান থেকে কতদিন পর তোলা হবে? জানালে উপকৃত হব। 🙏
৬৪পদ বাস্ত বেদি টি কোন পুস্তক অনুসরণ করে করলেন জানলে ভালো হতো
81 howa uchit bari er jnno
64 howa uchit Mondir er jnno
বাস্তু বেদি হয় একাশীতি পদ আর দেববাস্তু হয় চৌষট্টি পদ ।।
ইস্টক কি ঠাকুর মশাই
ইট
নুতন ইটএ হলুদ মাখিয়ে পুতুল অঙ্কন করে একটি সুতায় হলুদ মাখিয়ে অর্ঘ্য বানিয়ে বেঁধে বাস্তু বেদীতে রাখতে হয় এবং পূজা আনতে সেটি অগ্নি কোণে পূজা করে স্থাপন করা হয় ।।
गुरु जी मेरे घर में मेरे जन्म से आगे माता दक्षिण काली की पुजा सेवा चित्र पटृ में होता था मेरे पिता और दादा जी के गुरु अलग अलग थे जिनका देहावसान हो गया था। मेरे पिता जी हीं हैं जिन्होंने कुछ पुजा सिखाया है और कुछ में आपके चैनल के माध्यम से सिख रहा हूं। किंतु में शक्ति मंत्र से दिक्षित नहीं हूं ना कोई गुरु हीं मिल पा रहे हैं। आप क्या मुझे दिक्षा अविशेक दिलवा सकते हैं किसी काली कुल शाक्त तांत्रिक गुरु से। नहीं तो कभी अधिकारी नहीं बन सकता माता के पुजा के लिए।😢
Aap ka gar kaha .....