पश्चिमी राजस्थान सूखा (रेगिस्तान) मैं नहीं है पीने का पानी, संघर्ष भरी मारवाड़ीयों की जिंदगी

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  • เผยแพร่เมื่อ 10 ก.ย. 2024
  • राजस्थान के गांवों में बूंद-बूंद पानी को मोहताज लोग
    बाड़मेर के गांवों में पीने के पानी की भारी किल्ल्त आजादी के 70 साल बाद भी पेयजल के इंतजाम नहीं हर चुनाव में पेयजल के वादे के बाद भी बदइंतजामी चुनाव के बाद नेता गांवों में झांकने तक नहीं आए
    #बाड़मेर
    #जैसलमेर
    #राजस्थानीलाइफस्टाइल
    #राजस्थानीसंस्कृति
    इस गाँव में आज भी ऊंटों पर कुओं से पानी निकालते हैं बहुत संघर्ष करते है यहाँ के लोग !
    पश्चिम राजस्थान के जैसलमेर जिले के रेगिस्तान में बसा यह जोगा गाँव का कुआ है जो जैसलमेर से तनोट जाने वाले रस्ते पर स्थित है जो रनाऊ गाँव से सात किमी पहले मुख्य सड़क से 6 किमी पूर्व की तरफ रेत टीलों के बीच में है वहाँ पर जाने के लिए कोई साधन नहीं है आप पैदल या ऊंटों से जा सकते हैं! यह कुआ जोगो का कुआ नाम से जाना जाता है! यह जैसलमेर से लगभग 100 किमी दूर भारत पाक बोर्डर पर स्थित है!
    #rajasthan #jaisalmer #jaipur #desert #india #indianculture #rajasthanlifestail #gujrat #maharastra #himachal #delhiराजस्थान भारत का एक ऐसा राज्य है जहां है मरुस्थल हार और इस प्रदेश में सूखे रेगिस्तान में ऐसे गांव जहां पानी नहीं है पानी के लिए ऊंट गाड़ी पर पानी की टंकी रख कर उसे भरकर लाना पड़ता है और अपने पशुओं को भी ऐसे ही पिलाते हैं घंटों लाइन में लगना पड़ता है तब मिलता है घूंट घूंट पानी आज भी गांव के सभी ऊंट गाड़ी पानी लाने के लिए गए हुए हैं और जब तक पानी नहीं आएगा तब तक पानी के लिए पशु इंतजार करते रहेंगे गांव के बीचो-बीच बने हुए पानी के टंकी के आसपास बहुत सारे ऊंटों की लाइन लगी हुई है पानी की टंकी और गाड़ी इंतजार कर रहे हैं अपनी बारी का ऐसा दृश्य वर्षों पहले मैंने देखा था या आज इस राजासर भाटियान गांव लूणकरणसर तहसील जिला बीकानेर में देखा है
    When Every Drop Counts (Hindi version):
    A documentary on the legacy of rainwater harvesting
    Barmer falls in one of the driest regions of the world- the Thar Desert in Rajasthan. This region had a rich legacy of rainwater harvesting that gradually eroded with time. This film tells the inspiring story of how the district administration in Barmer revived this tradition under the Mahatama Gandhi National Rural Employment Guarantee Act (MGNREGA) to give livelihood and life-long drin...more
    भारत के गांवों में रहनेवाले करीब 20 करोड़ परिवारों केघरों में नल नहीं है. इन परिवारों की औरतें पैदल चलकर, घंटों लाइन में लगकर पानी इकट्ठा करती हैं. इसी चुनौती से निपटने के लिए मोदी सरकार ने साल 2019 में हर घर में नल से पानी पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन की घोषणा की. इसे साल 2024 तक पूरा किया जाना है. सरकार का दावा है कि अब तक 10 करोड़ घरों में नल लग गए हैं. कितनी कारगर है ये योजना और क्या चुनौतियां हैं इसमें - इसके लिए बीबीसी संवाददाता दिव्या आर्य तीन ऐसे इलाकों में गईं जहां पहले ही पानी की बहुत कमी है. इस श्रृंखला का पहला पड़ाव राजस्थान के थार रेगिस्तान का बाड़मेर ज़िला. देखें इस विशेष रिपोर्ट में कैसे पहुंचाया जाए रेगिस्तान के घरों में पानी.

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