🙏🙏🙏🙏🙏🌹 सत साहेब जी, जय बोलो बंदी छोड़ जगत गुरू तत्व दर्सी संत श्री रामपाल जी भगवान की जय हो, बंदी छोड़ के चरणों में दास भोजराज जिला नरसिंहपुर का कोटि कोटि दंडवत प्रणाम जी 🌹🙏🙏🙏🙏🙏
Sant Rampal ji Maharaj Avatar is supreme God Kabir Sahib ji Maharaj Avatar is supreme God Kabir Sahib Ji key charno me Dass ka koti koti Dadatm parnaam 🙏🙏🌹🌹
सही बात ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार कृष्ण जी ने बदमाशी और चालाकी से गीता अध्याय 11 का नम्बर 32 मै अपने-आप को काल काहा है फिर भी उसे हमलोग भगवान मान रहे है ये क्या है बदमाशी और चालाकी नही है ।जो चालाक है वो भगवान बनेगा ही । इस बार आप मनु स्मृति का अर्थ बदल दिजिए तब समझेंगे आप भी चालाक। जबाब जरूर दिजिएगा लेकिन अल-बल नही सही जवाब दीजिएगा
@@m.mannatverma2653 मेरा वसुदेव कालातीत है वह काल के अंतर्गत नही आता। काल के अंदर तो कबीर का प्रेतों से भरा नकली सतलोक है वहीं पर सब काल के बंधन में बंधे हुए हैं ।
Sat guru Dev ji Maharaj ji ki jai ho
आज तक गिता का ज्ञान किशी भी धर्म गूरु ने नही बताया ये सत्य ज्ञान संत रामपाल जी महाराज जी ने सत्य और झूट क्या है ये बताया है सत साहेब 🙏🏻
Sat sahab ji
Anmol gyan
Sat Saheb Ji 🙏🙏
सत साहिब जी
🙏🙏🙏🙏🙏🌹 सत साहेब जी, जय बोलो बंदी छोड़ जगत गुरू तत्व दर्सी संत श्री रामपाल जी भगवान की जय हो, बंदी छोड़ के चरणों में दास भोजराज जिला नरसिंहपुर का कोटि कोटि दंडवत प्रणाम जी 🌹🙏🙏🙏🙏🙏
मेरे मालिक दया बनाएं रखना 🤲🤲
Sant Rampal ji Maharaj Avatar is supreme God Kabir Sahib ji Maharaj Avatar is supreme God Kabir Sahib Ji key charno me Dass ka koti koti Dadatm parnaam 🙏🙏🌹🌹
संत रामपाल जी सभी शास्त्रों का ज्ञान रखते हैं और और सभी शास्त्रों को बताते हैं
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जय हो बन्दी छोड़ की 🙏🙏🌹❤❤❤❤❤❤❤❤❤
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सतसाहेव जी,पर्मात्मा आप ऐसा ग्यान देतेहो । भक्तजन सभी सतलोग चलेजाएङगे । आचार्य लोगोकी ब्यापार बन्द होजाएगा । ज्योत निरन्जन काल भुका रहिजाएगा। बन्दि छोड सन्त रामपालजी माहाराजकी जय ।
कबीर, गुरु बड़े हैं गोविन्द से, मन में देख विचार।
हरि सुमरे सो वारि है, गुरु सुमरे होय पार।।
Nice satsang
🙏🌺🙏 Anmol gayane 🙏🌺🙏 Bandi chod Sat guru Rampal ji Bhagwan ki charno me koti koti dandwat charan sparsh 🙏🌺🙏 Sat saheb 🙏🌺🙏
बदमाशी और चालाकी से अनर्थ कर दिया।
सही बात ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार कृष्ण जी ने बदमाशी और चालाकी से गीता अध्याय 11 का नम्बर 32 मै अपने-आप को काल काहा है फिर भी उसे हमलोग भगवान मान रहे है ये क्या है बदमाशी और चालाकी नही है ।जो चालाक है वो भगवान बनेगा ही । इस बार आप मनु स्मृति का अर्थ बदल दिजिए तब समझेंगे आप भी चालाक। जबाब जरूर दिजिएगा लेकिन अल-बल नही सही जवाब दीजिएगा
@@m.mannatverma2653ठीक है कम से कम रामपाल को बदमाश और चालाक मान ही लिया ।
Jbab nhi de paya to gobar me hi matha gusa diya na
Jiska vasudev kud kal he uska kutumbh kese hoga
@@m.mannatverma2653 मेरा वसुदेव कालातीत है वह काल के अंतर्गत नही आता। काल के अंदर तो कबीर का प्रेतों से भरा नकली सतलोक है वहीं पर सब काल के बंधन में बंधे हुए हैं ।