Bin sudh guru bin gyan nhi atma bhi sudh hona chahiy prmatma prbhu ji ka asivad paiy koti koti siri kirisn gosai mhtaj ji ko koti koti prnam krvaiy prbhu ka diya huaa atmav ko prtmav ko sudh gyan se sudh chlaiy samt siriti me karm dani hone ke nate man hi man pujaiy om mamh sivay prbhu ji ko koti koti prnam kraiy karm hi puja hai aysa samjh khar sudh kam kaj kar jaiy ❤❤❤❤❤❤❤
विष्णु लीलाधर हैं - सत् (विष्णु -परम निरपेक्ष चेतना) स्वयं को चित् (शिव - कूटस्थ चेतना ) और आनंद (ब्रम्हा - ब्रम्ह चेतना) में विभाजित करता है, अतः विष्णु और शिव दोनो ही पारब्रम्ह हैं, परन्तु अन्तर इतना ही है कि वह सत् जो ब्रम्ह (ॐ) में निहित होते हुए भी असलंग्न है कूटस्थ कहलाता है और जो ब्रम्ह की परिधि में नही है, परम कहलाता है। सच तो यह है कि सर्वस्व भेदरहित चैतन्य है। सत् ही लीला का जनक है इसलिए पुराणों में विष्णु को लीलाधर का नाम भी मिला है। 2. विष्णु के दो हाथ आगे एवं दो पीछे - अर्थात परम चेतना द्वारा सम्पन्न द्वंदरूपी कार्य (सृष्टि) प्राकट्य (सामने) और अप्राकट्य (पीछे) भी हैं। यानि अपरा एवं परा प्रकृति। 3. विष्णु - अर्थात सर्वव्यापी। 4.विष्णु का नीला वर्ण - अर्थात ब्रम्ह तत्व को धारण करना। इसलिए सनातन धर्म में भगवान का वर्ण नीला या श्यामल दिखाते हैं। नीले, स्याही और बैंगनी रंग की आवृत्तियां इद्रंधनुष में सूक्ष्मतर होती हैं। अतः इनको देवत्व दर्शाने में प्रयोग करते हैं। जीव के भ्रूमध्य में जब नीली ज्योति का दर्शन होने लगता है तो वह सच्चिदानंद के द्वार पर पहुँच जाता है यानि आनंदमय स्वरूप को प्राप्त होता है। 5. विष्णु का हाथ के सहारे नेत्र मूंदे लेटना - अर्थात परमेश्वर की चेतना ही लीला रचती है। वह चेतना कभी सोती नही है अपितु सदैव जागरुक रहती है।. समस्त दृश्रयम् और अदृश्रयम्, परम निराकार चेतना की ही अभिव्यक्ति है, जो हर साकार रुपी सक्षम अणु में व्याप्त है। 6. विष्णु का अनन्त या शेषनाग की कुडंलिनी पर लेटना - अर्थात परमेश्वर की चेतना में निहित माया ही अनन्त लीला है एवं उसके ऊपर ही चेतना का वास है। उस परम निराकार चेतना की सृष्टिकल्प-अभिव्यक्ति के अंत में, शेष रहती है मात्र सुप्तावस्थित मायाशक्ति, जो भावी सृष्टिकल्प के प्रतिपादन हेतु, अभिन्न चेतनारूपी कुंडलित स्थितज शक्ति होती है। 7. शेषनाग का सहस्त्रमुखी फन विष्णु के ऊपर - सृष्टिकल्प के आरम्भ में सहस्त्रमुखी (अनंतरूपी) माया पुनः चैतन्यावस्था में आकर विष्णु का आवरण बन जाती है। 8. विष्णु का वाहन गरुड़ पक्षी - गरुड़ सर्पों (माया के अनन्तरूप) का विनाशक एवं पक्षीराज माना जाता है। परम निराकार चेतना गरुड़ पर विराजमान होती है, अर्थात जो व्यक्ति मायाजनित अज्ञान का नाश कर, उसके ऊपर ऊँची स्थायी उड़ान भरना सीख जाता है, परम चेतना उसपर सवार रहती है। 9. विष्णु अर्धनारीश्वर नही हैं - अर्थात परम निरपेक्ष चेतना का अविभाजित सत् एवं अव्यक्त मूर्तरूप। 10. विष्णु के अवतार होना - अर्थात परम निरपेक्ष और निराकार चेतना साकार रूप में अवतरित होती है। वह परमेश्वर दोनों, निराकार और साकार है। 11. विष्णु की पत्नी लक्ष्मी - अर्थात चैतन्यता का “स्थिर भाव” जो सृष्टि का पालनकर्ता है और सृष्टि का यथोचित् “पालना” है। 12. विष्णु का क्षीरसागर के मध्य वैकुंठ में वास करना - परम चेतना से उद्भूत होती है माया और उससे उद्भूत होता है परम ज्योतिर्मय सागर या एैसा समझे कि ज्योतिर्मय सागर ही माया का मूलतः आधार है; प्रकाश ही हर पदार्थ का मूल है।, जिस पर माया प्रकट होती है; और परम एकल चेतना सबके मध्य में, यानि सबकी जनक है। वैकुंठ यानि मन, बुद्धि और अहम् के परे, अचिन्त्य “विषय-विकार रहित” अवस्था। 13. विष्णु के पीछे वाले हाथों में पंचजन्य शंख और सुदर्शन चक्र - अर्थात पंचप्राण,पंचतन्मंत्र एवं पंचमहाभूत और सुदर्शन चक्र अर्थात सृष्टिचक्र का आनंद स्वरूप। विष्णु के आगे वाले हाथों में गदा और कमल - अर्थात शक्ति और नित्यशुद्ध-आत्मा। 14. विष्णु के दो कर्णफूल - द्वंद से ही चेतना की प्रकृति सुशोभित है। 15. विष्णु के गले में बनफूलों की माला और कौस्तुभ - प्रकृति ही चेतना को सुशोभित करती है एवं कौस्तुभ यानि हमारी हर शुद्ध इच्छा परम चेतना के हृदय में वास करती है और उसका पूर्ण होना सुनिश्चित है। 16. विष्णु के सतांन नही - अर्थात चित् और आनंद, सत् से उत्पन्न नही होते हैं, अपितु सत् के विभाज्य स्वरूप हैं।❤️❤️❤️❤️
श्रीराम ऊं नमः शिवाय नमः श्री राधे कृष्णा हरे कृष्णा हरे हरे हरे राम
ओम नमो लक्ष्मी नारयण
भर महाराजा बली की जय ।
छल करने वाला कभी महान नही हो सकता है ।
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Very good thanks love you very much
He nath mere ghar bhi aao putr ke rup me 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Waah kya दर्शन करवाया धन्यवाद❤
Jy ho prbhu
Brahmaandroop Vishwaroop Shree Hari Satya Narayan Narayani Laxmi ❤❤❤❤😂😂😂😂
श्री हरी🇮🇳 हमारा कोटी कोटी कोटी दंडवत प्रणाम मां मां मां 🇮🇳🇮🇳
❤❤❤❤
Dekhrahehai
Jay Shri Krishna Vasudevaya namah Jay Shri Bholenath ji ki 😊😊😊
नारायण नारायण 🙏🙏
King Bali was such that he makes Lord Vishnu to this incarnation
Om namo Narayan 🙏🙏
Jai shree Ram Krishna hari
JAI JAI NARAYAN NARAYAN HARI HARI JAI JAI NARAYAN NARAYAN HAR HAR MAHADEV 🙏🙏🌹🙏🌹🌹🙏🌹🙏🌹🙏🙏🌹🙏🌹🌹🙏🌹🙏🌹
जय श्री राम नवमी पूजन
भक्ति देख रहै
भगवान तुम्ही भक्तांसाठी काही पण कामासाठी धावुन येतात धन्य तुमची लिला अगाध जय राधे कृष्ण भगवान कोटी कोटी प्रणाम 🎉
श्री गोसाई जी महाराजकी जय हो
Om Namah Bhagvate Vasudevaye Namah.🙏🏻🌹🌹🌹🙏🏻
Feel spread goodness
जय श्री कृष्णा राधे राधे 👏
जय श्री विष्णु जी
🕉️ 🕉️ 🕉️ Jay shree Radhekrishna ke jai 🙏 🚩 🚩 👏 👏 👏 👏 👏 👏 👏 👏 👏 👏 👏 👏 👏 👏 👏 👏 👏 👏 👏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 jai ho guru aap us pashuu ko sahi salamt kush rakhna hamesh
Very nice
Hare krusna
🙏 Bhole Teri saada hi Jai ho 🙏
B
Starting hi suprub🎉🎉🎉
हरिराम जी
Jai Hind Jai Bharat ❤️
Jai shree ram jai shree krishna jai shree vaman awatar
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
Jay Visnu Bhagwan
जय श्री राधे कृष्णा
🌹 Jay Shri Vishnu bhagwan
Jai Vishnu dev ki🙏🙏🙏🙏
6397873280
🕉🕉🕉🔯hai om narayanam 🙏🙏🙏
8⁸j88888ì8⁸⁸8⁸ì⁸ix⁸ki8kijììix8j8ixxiiixi88xid8i88kìokimìixi8iiiiiiiìiìììiixi8iiixixixxiiiìiiìikoiik
G.chàkraborty
🔱🔱🔱🔱🔱
Jay Jagannath 🕉️🙏
Joy Mata
जय श्री बामन भगवान विष्णुको
HAR HAR MAHADEV 🙏🙏🌹🙏🌹🌹🙏🌹🙏🌹
11
Om Namah Poundrikaksha.....
जय श्री विष्णु नमो नमः🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Nñnnv
🙏🌺🌺🌺🌺 जय श्री कृष्णा🌺🌺🌺🌺🙏
dd dd DD
D
Om nmaha bhagwate vashudevaye nmah 🙏🙏🙏🙏🙏🏵🏵🏵🌹🌹🌹🌹🌷🌷🌷🌷
জয় শ্রী বিষ্ণু
Jai Shree Radhe Radhe
Om Namah Bhagabate Basudevayo Namah.
Jay sree Krishna 👑
👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑
ମାଧବ
Jai shri vaman bhagwan ki 🙏🙏🙏
Jai vishnu guru dev
To
T
@@rammillan7960 s h
@@rammillan7960 song
जय श्री राम जय जय श्री राम श्री कृष्ण
जगत कल्याणकारी ईश्वर को प्रणाम 🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏
Om namah bhagwate vasudevay
Hare krishna
হারে কৃষ্ণ 🙏🙏🙏
ॐ विष्णवे नम:
जय विष्णु भगवान्
facebook.com/100004119067987/posts/1652227084924578/?sfnsn=wiwspwa&extid7iiia=oC3cL30AJimaRF93&d=w&vh=i
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HART RAM
The
Ok
जय श्री राम
জয় শ্রী নারায়ণ ❤
🙏🙏🙏🙏Shri man narayana narayana hari hari🙏🙏🙏🙏
🇮🇳🌷Om krishnay basu deway hàry prmatmne parant klesh nshay gobinday nmo nmha 🌻🌷 Namskar ji jai ho 🌻🌷 Parnam. Ji🌷🌷🌷🌷
Jai siyaraam Jai bagesvr dham srkar ki jay hooo
TERM 2 ONLINE HOJAYE BABA
Jaya vagwan srikrishna
L
विष्णु लीलाधर हैं - सत् (विष्णु -परम निरपेक्ष चेतना) स्वयं को चित् (शिव - कूटस्थ चेतना ) और आनंद (ब्रम्हा - ब्रम्ह चेतना) में विभाजित करता है, अतः विष्णु और शिव दोनो ही पारब्रम्ह हैं, परन्तु अन्तर इतना ही है कि वह सत् जो ब्रम्ह (ॐ) में निहित होते हुए भी असलंग्न है कूटस्थ कहलाता है और जो ब्रम्ह की परिधि में नही है, परम कहलाता है। सच तो यह है कि सर्वस्व भेदरहित चैतन्य है। सत् ही लीला का जनक है इसलिए पुराणों में विष्णु को लीलाधर का नाम भी मिला है।
2. विष्णु के दो हाथ आगे एवं दो पीछे - अर्थात परम चेतना द्वारा सम्पन्न द्वंदरूपी कार्य (सृष्टि) प्राकट्य (सामने) और अप्राकट्य (पीछे) भी हैं। यानि अपरा एवं परा प्रकृति।
3. विष्णु - अर्थात सर्वव्यापी।
4.विष्णु का नीला वर्ण - अर्थात ब्रम्ह तत्व को धारण करना। इसलिए सनातन धर्म में भगवान का वर्ण नीला या श्यामल दिखाते हैं। नीले, स्याही और बैंगनी रंग की आवृत्तियां इद्रंधनुष में सूक्ष्मतर होती हैं। अतः इनको देवत्व दर्शाने में प्रयोग करते हैं। जीव के भ्रूमध्य में जब नीली ज्योति का दर्शन होने लगता है तो वह सच्चिदानंद के द्वार पर पहुँच जाता है यानि आनंदमय स्वरूप को प्राप्त होता है।
5. विष्णु का हाथ के सहारे नेत्र मूंदे लेटना - अर्थात परमेश्वर की चेतना ही लीला रचती है। वह चेतना कभी सोती नही है अपितु सदैव जागरुक रहती है।. समस्त दृश्रयम् और अदृश्रयम्, परम निराकार चेतना की ही अभिव्यक्ति है, जो हर साकार रुपी सक्षम अणु में व्याप्त है।
6. विष्णु का अनन्त या शेषनाग की कुडंलिनी पर लेटना - अर्थात परमेश्वर की चेतना में निहित माया ही अनन्त लीला है एवं उसके ऊपर ही चेतना का वास है। उस परम निराकार चेतना की सृष्टिकल्प-अभिव्यक्ति के अंत में, शेष रहती है मात्र सुप्तावस्थित मायाशक्ति, जो भावी सृष्टिकल्प के प्रतिपादन हेतु, अभिन्न चेतनारूपी
कुंडलित स्थितज शक्ति होती है।
7. शेषनाग का सहस्त्रमुखी फन विष्णु के ऊपर - सृष्टिकल्प के आरम्भ में सहस्त्रमुखी (अनंतरूपी) माया पुनः चैतन्यावस्था में आकर विष्णु का आवरण बन जाती है।
8. विष्णु का वाहन गरुड़ पक्षी - गरुड़ सर्पों (माया के अनन्तरूप) का विनाशक एवं पक्षीराज माना जाता है। परम निराकार चेतना गरुड़ पर विराजमान होती है, अर्थात जो व्यक्ति मायाजनित अज्ञान का नाश कर, उसके ऊपर ऊँची स्थायी उड़ान भरना सीख जाता है, परम चेतना उसपर सवार रहती है।
9. विष्णु अर्धनारीश्वर नही हैं - अर्थात परम निरपेक्ष चेतना का अविभाजित सत् एवं अव्यक्त मूर्तरूप।
10. विष्णु के अवतार होना - अर्थात परम निरपेक्ष और निराकार चेतना साकार रूप में अवतरित होती है। वह परमेश्वर दोनों, निराकार और साकार है।
11. विष्णु की पत्नी लक्ष्मी - अर्थात चैतन्यता का “स्थिर भाव” जो सृष्टि का पालनकर्ता है और सृष्टि का यथोचित् “पालना” है।
12. विष्णु का क्षीरसागर के मध्य वैकुंठ में वास करना - परम चेतना से उद्भूत होती है माया और उससे उद्भूत होता है परम ज्योतिर्मय सागर या एैसा समझे कि ज्योतिर्मय सागर ही माया का मूलतः आधार है; प्रकाश ही हर पदार्थ का मूल है।, जिस पर माया प्रकट होती है; और परम एकल चेतना सबके मध्य में, यानि सबकी जनक है। वैकुंठ यानि मन, बुद्धि और अहम् के परे, अचिन्त्य “विषय-विकार रहित” अवस्था।
13. विष्णु के पीछे वाले हाथों में पंचजन्य शंख और सुदर्शन चक्र - अर्थात पंचप्राण,पंचतन्मंत्र एवं पंचमहाभूत और सुदर्शन चक्र अर्थात सृष्टिचक्र का आनंद स्वरूप। विष्णु के आगे वाले हाथों में गदा और कमल - अर्थात शक्ति और नित्यशुद्ध-आत्मा।
14. विष्णु के दो कर्णफूल - द्वंद से ही चेतना की प्रकृति सुशोभित है।
15. विष्णु के गले में बनफूलों की माला और कौस्तुभ - प्रकृति ही चेतना को सुशोभित करती है एवं कौस्तुभ यानि हमारी हर शुद्ध इच्छा परम चेतना के हृदय में वास करती है और उसका पूर्ण होना सुनिश्चित है।
16. विष्णु के सतांन नही - अर्थात चित् और आनंद, सत् से उत्पन्न नही होते हैं, अपितु सत् के विभाज्य स्वरूप हैं।❤️❤️❤️❤️
Jai shree hari 🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺
Om Sai Ram jai baba ki jai ho baba ji 🙏🌹🌹🙏🙏🌹🌹🙏🙏🌹🌹🙏🙏🌹
Jai Sri laxminarayan ji maharaj 🙏
Jay bhagwan Vishnu ji
নমঃ নারায়ণ
Jai shree mahavishnu ji
Nice
Jai shree Vishnu ji
Hey bhagavan mero bhagyama bhagavan r botbiruvama mero atmaidekhi Maya chh I'm namo narayan ishvar
Jayjagrnath
हे पभु ऐक बचौ का दुख उसकी माँ के सिवा कोन जान सकता हे
ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः भगवान विष्णु का भ्रमण अवतार🏹🐚🐚🔱🔯
Hi please
Po
Bhh cry,
Aaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa1aaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa11aaa1aa1a1a11aaaaaaaaaaaaaaaaaa1aaaaaaaaaaataaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa1aaaaaa1aa11aaa111aaaaaaaaaaa1aaaaaaa
@@ramkrishnajatte6846 🕣🕤🕥🕦🕟🕞🕝🕜🕛🕚🕙🕠🕡🕢🕣🕤🕥🕦🕧🕙🕚🕛🕜🕝🕞🕟🕘🕗🕖🕕🕔🕓🕒
om namo bhagwate vasudewaya
Erty9
Raja Bali is Great
Bhagavan vishnu ki jai jai ho
Shiva Narayan ki Jay Ho Jay Shri Ram Jay Jay Ram Deva Deva Ram Kitna paisa utna kam Jay Ho Jay Shri
જય સદ્ ગુરુ
🙏 Jay shree man narayan
Jay sri bamandeb
🕉️🕉️🕉️
Hari krishna
Jai sree bishnu bhagvan
God ki jai ho
Jai vishnu ji
Jay shri radhe radhe Krishna
Ram ram ram ram sita sits sita sita
Ews
Hari Om baman Maharaj ki Jay Ho
Radhe radhe
🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿
☺