Krishn bhagwan ka bal lila

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  • เผยแพร่เมื่อ 10 ก.ย. 2024
  • श्रीकृष्ण का जन्म और बाल लीलाएँ
    भगवान श्रीकृष्ण का जन्म और उनकी बाल लीलाएँ हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक कहानियाँ हैं। उनकी जन्म कथा से लेकर बाल लीलाओं तक, हर एक घटना में अद्वितीय संदेश और प्रेरणा छिपी हुई है। यहाँ श्रीकृष्ण के जन्म और बाल लीलाओं का वर्णन किया गया है:
    #### श्रीकृष्ण का जन्म
    श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में मथुरा नगरी में हुआ था। उनके माता-पिता वासुदेव और देवकी थे। कंस, जो मथुरा का अत्याचारी राजा और देवकी का भाई था, ने देवकी और वासुदेव को कारागार में डाल रखा था। उसे भविष्यवाणी मिली थी कि देवकी का आठवां पुत्र उसका वध करेगा। कंस ने देवकी के सभी पुत्रों को मार डाला था।
    जब श्रीकृष्ण का जन्म हुआ, तो उनके जन्म के समय जेल के सभी पहरेदार सो गए, और सभी द्वार स्वतः खुल गए। वासुदेव ने नवजात श्रीकृष्ण को एक टोकरी में रखा और यमुना नदी पार कर गोकुल पहुँचे, जहाँ उन्होंने श्रीकृष्ण को नंद बाबा और यशोदा के पास छोड़ दिया। बदले में, वासुदेव ने यशोदा की नवजात पुत्री को लेकर वापस जेल में आ गए। कंस ने उस पुत्री को भी मारने की कोशिश की, लेकिन वह पुत्री आकाश में देवी दुर्गा का रूप धारण कर कंस को चेतावनी देकर अदृश्य हो गईं।
    #### बाल लीलाएँ
    श्रीकृष्ण की बाल लीलाएँ अत्यंत मोहक और शिक्षाप्रद हैं। यहाँ कुछ प्रमुख बाल लीलाओं का वर्णन किया गया है:
    1. **माखन चोरी**:
    श्रीकृष्ण को माखन (मक्खन) बहुत पसंद था। वे अपनी माँ यशोदा और गाँव की अन्य गोपियों के मटकों से माखन चुराकर खाते थे। उनके साथ उनके सखा भी इस माखन चोरी में शामिल होते थे। यह लीला उनकी बाल सुलभ चंचलता और मासूमियत को दर्शाती है।
    2. **कालिया नाग का वध**:
    गोकुल के यमुना नदी में एक विषैला नाग, कालिया, निवास करता था। उसके विष से यमुना का जल प्रदूषित हो गया था। एक दिन खेलते हुए श्रीकृष्ण यमुना में कूद पड़े और कालिया नाग को अपने पैरों के नीचे नृत्य कर पराजित कर दिया। इस लीला ने गोकुलवासियों को नाग के भय से मुक्त किया।
    3. **गोवर्धन पर्वत उठाना**:
    एक बार इंद्रदेव ने गोकुलवासियों पर क्रोधित होकर मूसलधार वर्षा शुरू कर दी। श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया और सभी गोकुलवासियों को उसके नीचे शरण दी। इस घटना ने इंद्रदेव के अहंकार को तोड़ा और गोकुलवासियों की रक्षा की।
    4. **पुतना वध**:
    कंस ने बालक कृष्ण को मारने के लिए पुतना नामक राक्षसी को भेजा। पुतना ने सुंदर महिला का रूप धारण कर कृष्ण को स्तनपान कराने का प्रयास किया, जिसमें विष था। श्रीकृष्ण ने पुतना का वध कर दिया और गोकुलवासियों को उससे मुक्त किया।
    #### संदेश
    श्रीकृष्ण की बाल लीलाएँ यह संदेश देती हैं कि भगवान हर रूप में, चाहे वह बाल रूप ही क्यों न हो, भक्तों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। उनकी लीलाएँ हमें मासूमियत, साहस, और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं। श्रीकृष्ण का जीवन और उनकी लीलाएँ मानवता के लिए एक आदर्श हैं, जो हमें प्रेम, भक्ति और नैतिकता का पाठ पढ़ाती हैं।
    श्रीकृष्ण का जन्म और उनकी बाल लीलाएँ भारतीय संस्कृति और धर्म का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और हर वर्ष जन्माष्टमी के पर्व पर इन्हें विशेष रूप से मनाया जाता है।
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