महाराज जी जगतगुरु की उपाधि से विभूषित हैं इतनी बड़ी महान विभूति से अलंकृत होने के पश्चात भी इतने सरल व सहज है कि अपने प्रचारकों के लिए इतनी सहजता से कह देते हैं कि इन्हें भगवत प्राप्ति नहीं हुई है ,विश्व में शायद ही ऐसे कुछ ही महापुरुष हैं जो इतना बड़ा सच जग जाहिर करते हैं वरना तो झुठे बाबाजीयो की कमी नहीं है जय हो महाराज जी की जय हो राधे राधे
दीदी - श्री महाराज जी ने इस प्रवचन के बाद एक आदरणीय दीदी /प्रचारिका को जिनसे मै परिचित हूं को नित्य सिद्ध महापुरुष बताया है जिसका जिक्र श्री महाराज जी ने अपने पत्र में किया है। राधे-राधे
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that. It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
Shri Maharaj Ji is divine. Thank you SMJ for providing us (the fallen souls) with true spiritual knowledge. Please grace me so that I always remember you. Jay Shri radhe
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
श्रीमत्पदवाक्यप्रमाणपारावारीण , वेदमार्गप्रतिष्ठापनाचार्य , निखिलदर्शनसमन्वयाचार्य , सनातनवैदिकधर्मप्रतिष्ठापनसत्संप्रदायपरमाचार्या, भक्तियोगरसावतार , भागवदनन्तश्रीविभूषित जगद्गुरु १००८ स्वामी श्री कृपालु जी महाराज की जय हो
Thank you Bhaiya ji. This is a very important lecture, especially much relevant in the current scenario when we cannot see Maharaji Ji with material eyes.
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that. It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
Powerful lecture. RadheyRadhey. All the Preachers🌹finally send the new comer to ShreeMaharajji🙏🙏🙏 my experience. Any body can not do this.Feeling blessed lucky and grateful.Radhey Radhey. 💝
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that. It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
महाशय आपके वक्तव्य से ( लेखनी) मैं अत्यधिक प्रभावित हुआ हूँ आपके नाम से तो आप स्वयं ब्रह्म जान पड़ते हो मैं इन बातों से तो भ्रमित हो gaya हूँ कृपया मेरा मार्ग निर्देशित करे
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that. It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@@GovindKumar-cg2xm Nicely said ,but a gentle reminder Sir, knowingly or unknowingly all so called angrej ke mandir wale sadhaks are Sri Maharaj Ji's Bhakt And they themselves are openly welcoming Sri Maharaj Ji and Sri Maharaj Ji's Teachings and Ashrams as sole Guru and sole driving power of Inner Bhakti and spirituality. We mayic jeev must not interpret Sri Maharaj Ji's any Leela Or teachings on our scale. Guru mero Kripalu Subhaag Hamaro
God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that. It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that. It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@@GovindKumar-cg2xm जय जय श्री राधे, आप बहुत आहत लगते है, दूसरो के ऊपर बहुत विश्लेषण कर रहें है अशा है आप साधना भी करते होंगे, क्षमा करे आप को दूसरो में दोष दिख रहे हैं, क्या इसका मतलब आप सिद्ध अवस्था मे है, जीसे जो मतलब निकालना हो इस वीडियो से ये उसकी प्रकृति या स्वभाव पर छोड़ दे, शांत रहें और भजन करे, जय जय श्री राधे 📿
Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that. It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that. It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
Shri Maharajji has made it crystal clear here...love and serve Hari Guru only. But, respect and help Pracharaks to spread the teachings of Hari Guru. Not to forget, these pracharaks were handpicked by Jagadguruttam Himself to propagate his philosophies, which they are doing diligently to this day and will continue to do. They are Shri Maharajji's children to, for and about whom Sadgurudev has a right to say anything. However, we as striving sadhaks cannot and mustn't ever disrespect them. For sure that will not please Shri Maharajji
Of course. Shri Maharajji had chosen only them for a certain reason. Because of their selfless seva, so many fortunate souls are able to reach Shri Maharajji. What to say of Shri Maharajji's preachers, but even an atheist who curses God must not be treated disrespectfully. Our Shyamsunder resides within everyone.
@@JaankiPrasad Absolutely! I consider myself fortunate that I get the association of Pracharaks like Braj Banchary didiji, Siddheshvari didiji, Maheshvaranand bhaiya time and again. They help keep me on track when it is very easy to get distracted specially in this part of the globe
@@JaankiPrasad इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@@GovindKumar-cg2xm 🙏 मै केवल श्री महाराज जी को ही अपना गुरु मानता हूं, हा मै श्री महाराज जी का ये वीडियो मैंने नहीं देखा था, इसलिए मैंने धन्यवाद दिया,,,,,, 🙏🙏राधे राधे 🙏🙏🙂
सदगुरुदेव महाप्रभु के पावन चरणों में अनंत प्रणाम जय श्री गौरीशंकर जय श्री सीताराम, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, राधे कृष्ण राधे कृष्ण कृष्ण कृष्ण राधे राधे राधे श्याम राधे श्याम श्याम श्याम राधे राधे l
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that. It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
Radhe Radhe हमे अपने अध्यात्मिक उन्नति के लिए किसी Guide की तो अति आवश्यकता है हम जैसे पतीत और घोर ससांरआशक्त जीवों के लिये. विषेष करके जब श्री माहाराज जी पत्यक्ष रूप से हमारे बिच नहीं हैं. यह बात उच्च कोटि के साघको के लिए लागू नहीं हो सकती है. दुसरी बात श्री माहाराज के प्रवचन मे ही सूना है कि हरी एवं गुरु दासो के दास के सेवा करने से जितना खुश होते हैं उतना उनके सेवा करने से नहीं. राधे राधे
Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that. It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that. It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
महाराज जी जगतगुरु की उपाधि से विभूषित हैं इतनी बड़ी महान विभूति से अलंकृत होने के पश्चात भी इतने सरल व सहज है कि अपने प्रचारकों के लिए इतनी सहजता से कह देते हैं कि इन्हें भगवत प्राप्ति नहीं हुई है ,विश्व में शायद ही ऐसे कुछ ही महापुरुष हैं जो इतना बड़ा सच जग जाहिर करते हैं वरना तो झुठे बाबाजीयो की कमी नहीं है
जय हो महाराज जी की जय हो राधे राधे
दीदी - श्री महाराज जी ने इस प्रवचन के बाद एक आदरणीय दीदी /प्रचारिका को जिनसे मै परिचित हूं को नित्य सिद्ध महापुरुष बताया है जिसका जिक्र श्री महाराज जी ने अपने पत्र में किया है। राधे-राधे
@@AjitSingh-yl5wd राधे राधे मुझे पता नहीं था
क्षमा करें ।
@@AjitSingh-yl5wd kon hai vo
@@JKDivineBliss vo patr please dijiye
Radhe Radhe
@@JKDivineBliss
धोखे में हो।
वो पत्र का वास्तविक भावार्थ केवल महाराज जी बताएगें बाकी अपनी बुद्धि से नही समझ सकते।
Jaanki prasad channel is really...a Treat for all sadhaks!!....bhot bhot dhanyavad🙏
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that.
It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
Shri Maharaj Ji is divine. Thank you SMJ for providing us (the fallen souls) with true spiritual knowledge. Please grace me so that I always remember you. Jay Shri radhe
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
श्रीमत्पदवाक्यप्रमाणपारावारीण ,
वेदमार्गप्रतिष्ठापनाचार्य ,
निखिलदर्शनसमन्वयाचार्य ,
सनातनवैदिकधर्मप्रतिष्ठापनसत्संप्रदायपरमाचार्या,
भक्तियोगरसावतार ,
भागवदनन्तश्रीविभूषित
जगद्गुरु १००८ स्वामी श्री कृपालु जी महाराज की जय हो
Radhe Radhe
Radhe Radhe ji
Thanku Shri Guruvar pyaare for every everything...
Radhe Radhe Shri Maharajji 🙏🙏🙏
Guruji this truth is God .Lots of thanks to you.
Thank you Bhaiya ji. This is a very important lecture, especially much relevant in the current scenario when we cannot see Maharaji Ji with material eyes.
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that.
It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
बहुत सुंदर आखें खोल देने वाला सतसंग जय श्री राधे कृष्णा 🌺🌸🌺🌸🌸🌺🌸🙏
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ?
4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
JAI SADGURU SARKAR😊😊😊.. Radhey Radhey 😊 😊😊 😊😊 😊😊 😊
Awesome......Srimad Sadguru Sarkar ki Jai............🤷🏻♂️
Radhey ! Radhey !
मेरे ह्रदय सम्राट भगवान श्री कृपालु क्रष्ण महाराज साहब दण्डवत प्रणाम जय जय🙏🌏📿🚩🌹
Powerful lecture. RadheyRadhey. All the Preachers🌹finally send the new comer to ShreeMaharajji🙏🙏🙏 my experience. Any body can not do this.Feeling blessed lucky and grateful.Radhey Radhey. 💝
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ?
4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@@GovindKumar-cg2xm Buddhi to tum laga rahe ho???
God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that.
It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
श्रीमद् सद्गुरु सरकार की जय
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ?
4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
Bilkul sahi kaha bhaiya. Radhey radhey.
महाशय आपके वक्तव्य से ( लेखनी) मैं अत्यधिक प्रभावित हुआ हूँ आपके नाम से तो आप स्वयं ब्रह्म जान पड़ते हो मैं इन बातों से तो भ्रमित हो gaya हूँ कृपया मेरा मार्ग निर्देशित करे
Maharajji Radhe radhe maharajji miss you
Jai gurudev aapke chrno me koti-koti pranam.
Only Sri Maharaj Ji
Only Sri Maharaj Ji
Only Sri Maharaj Ji
❤❤❤
ParnAam hey divya gyaan ka bhandaar jai jai shri radhe
राधे राधे जय श्री राधे हार्दिक आभार
Radhe Radhe maharaj ji you are great Anirudh Yadav Siddharth Nagar up I have no word for praise of you Radhe Radhe maharaj ji
Radhe Radhe Jai Ho sadguru sarkar ki jai ho 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Thanks for sharing this video
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
Radhey Radhey
Too much valuable video. Invaluable knowledge.🙏
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
He manuse Bhagawan ke antim tatto batane wala pancham mul jagadguru he kripalu jee maharaj radhey radhey gurudev
Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that.
It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
Radhe Radhe
बहुत गहरी अभिव्यक्ति.. सत्संग. जय श्री कृष्ण
Radhey radhey...🙏🙏🙏
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@@GovindKumar-cg2xm Nicely said ,but a gentle reminder Sir, knowingly or unknowingly all so called angrej ke mandir wale sadhaks are Sri Maharaj Ji's Bhakt
And they themselves are openly welcoming Sri Maharaj Ji and Sri Maharaj Ji's Teachings and Ashrams as sole Guru and sole driving power of Inner Bhakti and spirituality.
We mayic jeev must not interpret Sri Maharaj Ji's any Leela Or teachings on our scale.
Guru mero Kripalu Subhaag Hamaro
Mere Guruwar Bhakti Ras Avataar
God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that.
It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
Kirpalu ji ke shri charno me koti koti parnam
Rini Radhey.....
Sashtang Dandwat pronam.....
Shri Guru sharanam. Shri Guru sharanam. Shri Guru sharanam. 🙏🙏🙏💖🌹🌹🌹
Thank you for sharing. Radhe Radhe
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
❤❤❤ radhay radhay Shyama Shyam Ji Jai Guru Dev Kripalu ji Maharaj ji Jai Guru Dev ❤❤❤
Radhey Radhey aadarniya Bhaiya ji...
Haardik Aabhaar...
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that.
It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
Radhe Radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe 🙏🌹🙏
Hare Krishna sant sadgurudeo ke sadar charan kamlo me dandwat pranam
हमारे प्यारे महाराज जु के जुगल चरणों मे प्रणाम 🙏🙏🙏राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे 🙏🙏🙇♀️🙇♀️🙇♀️🙇♀️
Radhe Radhe Gurudev Pyaareee 🙏🙏
Shrimad Sadgurudev Bhgwaan ki jai 🤗🙌🙌🤗
Thanks you for sharing , jai guru dev
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@@GovindKumar-cg2xm जय जय श्री राधे,
आप बहुत आहत लगते है,
दूसरो के ऊपर बहुत विश्लेषण कर रहें है
अशा है आप साधना भी करते होंगे,
क्षमा करे आप को दूसरो में दोष दिख रहे हैं, क्या इसका मतलब आप सिद्ध अवस्था मे है,
जीसे जो मतलब निकालना हो इस वीडियो से ये उसकी प्रकृति या स्वभाव पर छोड़ दे,
शांत रहें और भजन करे,
जय जय श्री राधे 📿
Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that.
It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
Jai Shri Radhe 🌹
Radhe
Thanks a lot.Radhey Radhey.
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that.
It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
Dhanya Dhanya mere satguru Sarkar 🙏🙏🙏
JSHRI RAADHE KRISHN GURUVAR KI JAIHO
Maharaj ji us time jyada tej bolte the ☺️☺️☺️ maja a gya awaj sunke
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
Koti Koti a great word in maharaj jee ❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Maharaj is ultimate and funny too😂
Radhe Radhe
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ?
4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
राधे राधे श्री महाराज जी 🙏
Sri Maharaj ji ke charno me koti koti pranam.
Radhey radhey
सदगुरुदेव भगवान के जुगल चरणों मे प्रणाम 🙏🙏प्रभु 🙏
Shri Maharajji has made it crystal clear here...love and serve Hari Guru only. But, respect and help Pracharaks to spread the teachings of Hari Guru. Not to forget, these pracharaks were handpicked by Jagadguruttam Himself to propagate his philosophies, which they are doing diligently to this day and will continue to do. They are Shri Maharajji's children to, for and about whom Sadgurudev has a right to say anything. However, we as striving sadhaks cannot and mustn't ever disrespect them. For sure that will not please Shri Maharajji
Of course. Shri Maharajji had chosen only them for a certain reason. Because of their selfless seva, so many fortunate souls are able to reach Shri Maharajji. What to say of Shri Maharajji's preachers, but even an atheist who curses God must not be treated disrespectfully. Our Shyamsunder resides within everyone.
@@JaankiPrasad Absolutely! I consider myself fortunate that I get the association of Pracharaks like Braj Banchary didiji, Siddheshvari didiji, Maheshvaranand bhaiya time and again. They help keep me on track when it is very easy to get distracted specially in this part of the globe
@@JaankiPrasad इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
Jayashree radhe radhe 🙏
Radha rani herself is giving the power full and divine speech radhe radhe
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
Jai ho guru ji ki Jai ho Jai ho Jai ho Radhey Radhey
Aap ko bahut bahut dhanyvad ji
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ?
4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@@GovindKumar-cg2xm 🙏 मै केवल श्री महाराज जी को ही अपना गुरु मानता हूं, हा मै श्री महाराज जी का ये वीडियो मैंने नहीं देखा था, इसलिए मैंने धन्यवाद दिया,,,,,, 🙏🙏राधे राधे 🙏🙏🙂
राधे राधे श्री महाराज जी
💕🌷❤️🌸❤️🌷💕
Thank you Maharajji!
सदगुरुदेव महाप्रभु के पावन चरणों में अनंत प्रणाम जय श्री गौरीशंकर जय श्री सीताराम, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, राधे कृष्ण राधे कृष्ण कृष्ण कृष्ण राधे राधे राधे श्याम राधे श्याम श्याम श्याम राधे राधे l
Joy guru.provu koti koti pronam oi sreecharon kamole.kripa shudhu kripa viksha chai.🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Jay shree radhey. ...
श्रीमद् सद्गुरु सरकार की जय🙏🙏🙏🌹🌹🌹❤️❤️❤️
हमारे प्यारे प्यारे श्री महाराज जी की जय।
अलबेली सरकार की जय।
जय जय श्री राधे
जय जय श्री राधे।
Hari bol
Jai Shree sdguru bhgwan ki jay ho guru gowind bhgwan ke charn kamlo me koti koti prnam prbhu radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey
very nice share to all people
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ?
4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
Mare guru dave prabhu app ke shri cherno main shat shat naman 🙏🙏🙏
Jai guru Dev and Jai shri Radhe krishn.
radhey radhey 🙏❤️
Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey
Most powerful speech ever ❤️
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that.
It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
Radhe Radhe mere pyare sadguru sarkarjii❤❤❤🙏
Radhey radhey....hari bol...
Radhey Radhey Smji ⚘🌹🙇♀️🙇♀️🙏🙏🙏🙏🙏
satguru kripalu mahaprabhu ki jaiho
Radhe Radhe 🙌🙌🙌🙌
Shri satguru sarkar ki jai
Radhe Radhe 🙌🙌🙌🙌
Joohi Shrivastav जगतगुर मह।र।ज र।धे र।धे नम
Jai jai Shri pyare pyare Maharaj ji param pujay mere pyare pyare
Maharaj Ji Radhe Radhe 🌹🙏🌹 Ananta pranaam aapki pabitra charano mein 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏......🙏🙏🙏...👌👌👌
Dhnaybad
Jay ho mere Shyama Shyam 🙏🙏💖🌹🌹
Radhe Radhe 🙏🏽
Radhe Radhe
हमे अपने अध्यात्मिक उन्नति के लिए किसी Guide की तो अति आवश्यकता है हम जैसे पतीत और घोर ससांरआशक्त जीवों के लिये.
विषेष करके जब श्री माहाराज जी पत्यक्ष रूप से हमारे बिच नहीं हैं. यह बात उच्च कोटि के साघको के लिए लागू नहीं हो सकती है.
दुसरी बात श्री माहाराज के प्रवचन मे ही सूना है कि हरी एवं गुरु दासो के दास के सेवा करने से जितना खुश होते हैं उतना उनके सेवा करने से नहीं.
राधे राधे
Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that.
It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
Jay jay shree guru var kripaluji mahaprabhu
Radhey Radhey bhiya ji..
Jagadhguru Shree kirepalumaha parbhuki jahey radhey radhey gobindh ...!
Jai guru dev Namo Narayan Hari Om tat sat. Radhe radhe. RAM RAM JI.
श्री राधेश्याम राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Env
Perfect video hai
Thanks a lot
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
Maharaj ji ki jai ho Radhey Radhey 😘😘😘😘🌹🌹🌹❤️❤️❤️😊😊
🙏🙏🙏💙💚❤️Jai ho Shri Maharaj ji ki ❤️💚❤️Shri💙💚❤️ radhe ❤️💙❤️ radhe ❤️💚❤️🙏🙏🙏
radhe radhe
advaiy gyan tatva , paratpar par tatva , Bhagvad Swaroop Shri Maharaj ki Jay ho
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that.
It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
Radhe Krishna ❤❤❤❤❤
Radhe radhe Maharajji
राधे राधे
Radhe Radhe shri Maharaj jii 🙇♀️🙇♀️🌹🌹
Prabhu ji 🙏🙏🙏🙏🙏
श्री महाराज जी के चरणो में बलिहार बलिहार जाता हूं
jai shree radhe krishna sarkar
Radhe Radhe ! Shree Maharajji sabka aankh khol diye .iska koi tulna nahin hein. Aparampar !!
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो।
2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें।
3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी।
इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है।
ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ?
4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है।
आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है।
5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं।
6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
मेरे प्रभु की जय 🙏🙏