क्यों गए हम 16 साल बाद कोटेश्वर महादेव 😱❤️ || Koteshwar
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- เผยแพร่เมื่อ 24 ม.ค. 2025
- उत्तराखंड में तमाम जगहों पर वैसे तो कई प्राचीन शिव मंदिर है, जहां भक्त सावन के महीने या प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव को जल चढ़ाने दूर दूर से पहुंचते है, लेकिन इन सबके साथ ही साथ रुद्रप्रयाग जिले में एक ऐसा शिव मंदिर भी है, जहां सात दिन और सात रात भगवान शंकर की उपासना करने से भक्तों की बुद्धि बृहस्पति के समान तेज हो जाती है. जिला मुख्यालय से 3 किलोमीटर की दूरी पर अलकनंदा नदी के तट पर भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर है, जिसे कोटेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है. मंदिर के महन्त सचिदानंद गिरी मंदिर के महत्व के विषय में बताते है कि जो भी व्यक्ति सात दिन और सात रात भगवान शिव की यहां सच्चे मन से उपासना करता है, उनकी बुद्धि गुरु बृहस्पति के समान तेज हो जाती है और भगवान शिव उनके ज्ञान में बढ़ोतरी करते हैं.उन्होंने आगे कहा कि कोटेश्वर महादेव मंदिर में निसंतान दंपति संतान प्राप्ति की इच्छा को लेकर भी दूर दूर से मंदिर में पहुंचते है. मंदिर के निकट ही कोटेश्वर में चट्टान पर 15-16 फीट लंबी एवं 2-6 फीट ऊंची प्राकृतिक गुफा है, जिसमें कई शिवलिंग विद्यमान है. कोटेश्वर महादेव मंदिर के बारे में यह कहा जाता है कि भगवान शिव ने भस्मासुर से बचने के लिए इस मंदिर के पास मौजूद गुफा में रहकर कुछ समय बिताया था||
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Dadaji ko mera🙏🙏
Nice❤ work
Inta k dm bhi dekh lete 😂