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- เผยแพร่เมื่อ 25 พ.ย. 2024
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मेहेर सागर पाठ कृष्ण प्रणामी
मेहेर सागर
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और सागर जो मेहेर का, सो सोभा अति लेत।
लेहेरें आवे मेहेर सागर, खूबी सुख समेत।।१
हुकम मेहेर के हाथ में, जोस मेहेर के अंग।
इसक आवे मेहेर से, बेसक इलम तिन संग।।२
पूरी मेहेर जित हक की, तित और कहा चाहियत।
हक मेहेर तित होत है, जित असल है निसबत।।३
मेहेर होत अव्वल से, इतहीं होत हुकम।
जलुस साथ सब तिनके, कछू कमी न करत खसम।।४
ए खेल हुआ मेहेर वास्ते, माहें खेलाए सब मेहेर।
जाथें मेहेर जुदी हुई, तब होत सब जेहेर।।५
दोऊ मेहेर देखत खेल में, लोक देखे ऊपर का जहूर।
जाए अन्दर मेहेर कछू नहीं, आखर होत हक से दूर।।६
मेहेर सोई जो बातूनी, जो मेहेर बाहेर और माहिं।
आखर लग तरफ धनीकी, कमी कछु ए आवत नाहिं।।7
मेहेर होत है जिन पर, मेहेर देखत पांचों तत्व।
पिंड ब्रह्मांड सब मेहेर के, मेहेर के बीच बसत।।८
ए दुख रूपी इन जिमीमें, दुख न काहूं देखत।
बात बडी है मेहेर की, जो दुखमें सुख लेवत।।९
सुख में तो सुख दायम, पर स्वाद न आवत ऊपर।
दुख आए सुख आवत, सो मेहेर खोलत नजर।।१०
इन दुख जिमी में बैठके, मेहेरें देखे दुख दूर।
कायम सुख जो हक के, सो मेहेर करत हजूर।।११
मैं देख्या दिल विचार के, इसक हक का जित।
इसक मेहेर से आइया, अव्वल मेहेर है तित।।१२
अपना इलम जिन देत हैं, सो भी मेहेर से बेसक।
मेहेर सब विध ल्यावत, जित हुकम जोस मेहेर हक।।१३
जाको लेत हैं मेहेर में, ताए पेहेले मेहेरें बनावे वजूद।
गुन अंग इंद्री मेहेर की, रूह मेहेर फूकत माहें बूंद।।१४
मेहेर सिंघासन बैठक, और मेहेर चंवर सिर छत्र।
सोहोबत सैन्या मेहेर की, दिल चाहे मेहेर बाजंत्र।।१५
बोली बोलावे मेहेर की, और मेहेरै का चलन।
रात दिन दोऊ मेहेर में, होए मेहेरें मिलावा रूहन।।१६
बंदगी जिकर मेहेर की, ए मेहेर हक हुकम।
रूहें बैठी मेहेर छाया मिने, पिएं मेहेर रस इसक इलम।।१७
जित मेहेर तित सब हैं, मेहेर अव्वल लग आखर।
सोहोबत मेहेर देवहीं, कहूं मेहेर सिफत क्यों कर।।१८
एह जो दरिया मेहेर का, बातून जाहेर देखत।
सब सुख देखत तहां, मेहेर जित बसत।।१९
बीच नाबूद दुनीय के, आई मेहेर हक खिलवत।
तिन से सब कायम हुए, मेहेरै की बरकत।।२०
वरनन करूं क्यों मेहेर की, सिफत ना पोहोंचत।
ए मेहेर हककी बातूनी, नजर माहें बसत।।२१
ए मेहेर करत सब जाहेर, सबका मता तोलत।
जो किन कानों ना सुन्या, सो मेहेर मगज खोलत।।२२
वरनन करूं क्यों मेहेरकी, जो बसत हक के दिल।
जाको दिलमें लेत हैं, तहां आवत न्यामत सब मिल।।२३
वरनन करूं क्यों मेहेर की, जो बसत है माहें हक।
जाको निवाजें मेहेर में, ताए देत आप माफक।।२४
बात बडी है मेहेर की, जित मेहेर तित सब।
निमख ना छोडें नजर से, इन ऊपर कहा कहू अब।।२५
जहां आप तहां नजर, जहां नजर तहां मेहेर।
मेहेर बिना और जो कछू, सो सब लगे जेहेर।।२६
बात बडी है मेहेर की, मेहेर होए ना बिना अंकुर।
अंकुर सोई हक निसबती, माहें बसत तजल्ला नूर।।२७
ज्यों मेहेर त्यों जोस है, ज्यों जोस त्यों हुकम।
मेहेर रेहेत नूर बल लिएं, तहां हक इसक इलम।।२८
मीठा सुख मेहेर सागर, मेहेर में हक आराम।
मेहेर इसक हक अंग है, मेहेर इसक प्रेम काम।।२९
काम बडे इन मेहेर के, ए मेहेर इन हक।
मेहेर होत जिन ऊपर, ताए देत आप माफक।।३०
मेहेरें खेल बनाइया, वास्ते मेहेर मोमन।
मेहेरें मिलावा हुआ, और मेहेर फिरस्तन।।३१
मेहेरें रसूल होए आइया, मेहेरें हक लिए फुरमान।
कुंजी ल्याए मेहेर की, करी मेहेरें हक पेहेचान।।३२
दै मेहेरें कुंजी इमाम को, तीनों महंमद सूरत।
मेहेरें दई हिकमत, करी मेहेरें जाहेर हकीकत।।३३
सो फुरमान मेहेरें खोलिया, करी जाहेर मेहेरें आखरत।
मेहेरे समझे मोमन, करी मेहेरें जाहेर खिलवत।।३४
ए मेहेर मोमिनों पर, एही खासल खास उमत।
दई मेहेरें भिस्त सबन को, सो मेहेर मोमिनों बरकत।।३५
मेहेरें खेल देख्या मोमिनों, मेहेरें आए तलें कदम।
मेहेरें क्यामत करके, मेहेरें हंसके मिले खसम।।३६
मेहेर की बातें तो कहूं, जो मेहेर को होवे पार।
मेहेरें हक न्यामत सब मापी, मेहेरें मेहेर को नाहीं सुमार।।३७
जो मेहेर ठाढी रहे, तो मेहेर मापी जाए।
मेहेर पलमें बढे कोट गुनी, सो क्यों मेहेरें मेहेर मपाए।।३८
मेहेरें दिल अरस किया, दिल मोमिन मेहेर सागर।
हक मेहेर ले बैठे दिलमें, देखो मोमिनों मेहेर कादर।।३९
बात बडी है मेहेर की, हक के दिल का प्यार।
सो जाने दिल हक का, या मेहेर जाने मेहेर को सुमार।।४०
जो एक वचन कहूं मेहेर का, ले मेहेर समझियो सोए।
अपार उमर अपार जुबांए, तो मेहेर को हिसाब न होए।।४१
निपट बडा सागर आठमा, ए मेहेर को नीके जान।
जो मेहेर होए तुझ ऊपर, तो मेहेरकी होए पेहेचान।।४२
सात सागर वरनन किए, सागर आठमा बिना हिसाब।
ए मेहेर को पार न आवहीं, जो कै कोट करूं किताब।।४३
ए मेहेर मोमिन जानहीं, जिन ऊपर है मेहेर।
ताको हक की मेहेर बिना, और देखें सब जेहेर।।४४
महामत कहे ऐ मोमिनो, ए मेहेर बडा सागर।
सो मेहेर हक कदमों तले पीओ अमीरस हक नजर।।४५
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Dham dhani ki jitni meher kahu utni kam hai
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Shree Rajshyama ji Mehar Banaye Rakhana Aap Ke Shree Charno me Mera kotan Koti pram Pranam 🙏🌹🙏🌷🙏🔥🙏🔥🙏🔥🩸🙏🩸🙏🩸🇳🇵
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Jay shri rajshyamaji🙏
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